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'आशिक़

प्रेमी, अनुरागी, व्यसनी, बहुत पसंद करने वाला, दिल से क़दर करने वाला, क़द्रदान

'आशिक़े

कलमा-ए-तहसीन-ओ-आफ़रीन , (बाज़ारी) शाबाश, आफ़रीन, मर्हबा, क्या कहना है

'आशिक़ा

इश्क़ करने या चाहने वाली

'आशिक़ी

प्रेम, स्नेह, अनुराग, चाहत, इश्क़ होना, मुहब्बत, फ़रेफ़्तगी, आशिक़ होने की क्रिया या भाव, प्रेमासक्ति

'आशिक़ाँ

इश्क़ करने वाले, आशिक़ लोग

'आशिक़-तन

प्रेमी स्वभाव वाला, रसिक, रंगीला, विनोद-रसिक

'आशिक़-बाज़

रंगीन स्वभाव का प्रेमी

'आशिक़-ज़ार

पीड़ित या दुखी प्रेमी, परेशान आशिक़, इश्क़ में ख़स्ता-हाल

'आशिक़-हाल

वह जिसकी स्थिति प्रेमियों जैसी हो, दीवाना, फटी स्थिति का व्यक्ति

'आशिक़-नवाज़

आशिक़ को नवाज़ने वाला, आशिक़ का दिल लुभाने वाला, 'आशिक़ की जानिब आकर्षण होने वाला

'आशिक़ होना

फ़िदा होना, मुहब्बत में मुबतला होना, इश्क़ करना

'आशिक़-मिज़ाज

जिसके स्वभाव में प्रेम अधिक हो, और जो हर सुंदर व्यक्ति से प्रेम करने के लिए तत्पर रहता हो, जिसके मन-मिज़ाज में आशिक़ी भरी हो, प्रेमी स्वभाव वाला, रसिक, आशिक़ जैसा मिज़ाज रखने वाला

'आशिक़-मनिश

प्रेमी जैसा, जिसके रंग-ढंग प्रेमियों जैसे हों

'आशिक़-मिज़ाजी

सौंदर्य का पुजारी

'आशिक़-मा'शूक़

'आशिक़ाना

प्रेमपूर्ण, रूमानी, प्रेम भाव से भरा हुआ

'आशिक़-ओ-मा'शूक़

प्रेमी और प्रेमिका, वो दो लोग जो एक दूसरे से प्रेम करते हैं

'आशिक़-ए-बादा

'आशिक़ अंधा होता है

प्रेमी प्रेमिका के सिवा कुछ नहीं सोचता वह अपनी धुन में रहता है

'आशिक़-ए-सादिक़

सच्चा आशिक़, सच्ची मुहब्बत करने वाला, सच्चा प्रेमी

'आशिक़-ए-मौला

ख़ुदा का आशिक़, भगवान का प्रेमी

'आशिक़-ए-बीमार

बीमार प्रेमी

'आशिक़-ए-शैदाई

पीड़ित प्रेमी, बिगड़े हुए प्रेमी, प्रेम रोग का मारा, प्रेम और इश्क़ में बरबाद व्यक्ति

'आशिक़-ए-ना-मुराद

असफल प्रेमी

'आशिक़ का काम तिनके चुनना

आशिक़ और प्रेमी दीवानगी और पागलपन के काम करता है, आशिक़ दीवाना होता है, प्रेमी दीवानों की तरह फिरता है

'आशिक़ को ख़ुदा ज़र दे, नहीं कर दे ज़मीन के पर्दे

प्रेमी को धनी होना चाहिए नहीं तो मर जाना अच्छा है

'आशिक़-ए-बे-चारा

'आशिक़-ए-नाम-ओ-नंग

आत्मसम्मान और स्वाभिमान वाला

'आशिक़-ए-चाह-ए-ज़क़न

'आशिक़ की आबरू है गाली और मार खाना

प्यार में गालियाँ और मार खाना सम्मान की बात समझी जाती है, प्यार की विशेषता अभिव्यक्त करते समय कहते हैं

'आशिक़िय्यत

प्रेम होना, प्रेम

'आशिक़ी-पेशा

'आशिक़ान-ए-ज़ार

पीड़ित या दुखी प्रेमी, परेशान आशिक़, प्रेम में परेशान प्रेमी लोग

'आशिक़ी-मा'शूक़ी

'आशिक़ाँ रा मज़हब-ओ-मिल्लत जुदा अस्त

'आशिक़ी करना

इशक़ करना, मुहब्बत में मुबतला होना, चाहना

'आशिक़ुश-शजर

एक बेल जो पेड़ों पर लिपट जाती है

'आशिक़ी ख़ाला जी का घर नहीं

यह काम कुछ सरल नहीं है, कोई मेहनत का काम करना सरल नहीं है, प्रेम बहुत कठिन है

'आशिक़ी न कीजिए तो क्या घास खोदिये

जिस ने प्रेम नहीं किया वह घसियारे के समान है

'आशिक़ी का शेवा

'आशिक़ी अगर न कीजिए तो क्या घाँस खोदिए

रुक : आशिक़ी ना कीजीए तो क्या घान खो दिए

'आशिक़ी का दम भरना

'आशिक़ी और ख़ाला जी का घर

सोने में सुगंध, खाला यानी मौसी के घर जाने में किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं, किसी भी लड़की से वहाँ खुलकर प्रेम किया जा सकता है

'आशिक़ी और मामूँ जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

'आशिक़ी और ख़ाला जी का डर

प्यार करने वाले, प्यार में फँसना

आशिक़-ए-बदनाम

कुख्यात प्रेमी

आश्-ए-ख़लील

मसूर की पतली दाल जो पैग़म्बर इब्राहीम हर रोज़ अपने अतिथियों को खिलाया करते थे

नाकाम-'आशिक़

दिल-ए-'आशिक़

प्रेमी का दिल

ज़र्रा-ए-आशिक़

हाल-ए-'आशिक़

आशिक़ कि हालत

तन-ए-'आशिक़

पेश-ए-'आशिक़

प्रेमी के आगे

पामाली-ए-'आशिक़

बिस्तर-ए-'आशिक़

प्रेमी का बिस्तर, प्रियतम का बिस्तर

बिसात-ए-'आशिक़

इस्लाम-ए-'आशिक़

इंसाफ़-ए-'आशिक़

प्रेमी का न्याय

नाम का 'आशिक़ होना

नाम से प्यार करना, हद से प्यार करना, बहुत प्यार करना

नगीन-'आशिक़-ओ-मा'शूक़

अँगूठी में नगीना जड़ने के ख़ाने में एक के स्थान पर दो जड़े हुए नगीने, इकट्ठा नगों की जोड़ी

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चित के अर्थदेखिए

चित

chitچِت

स्रोत: संस्कृत

वज़्न : 2

टैग्ज़: पहलवानी

चित के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • अंतःकरण की चार वृत्तियों में से एक जो अंतरिद्रिय के रूप में मानी गई है और जिसके द्वारा धारण, भाबना आदि की क्रियाएँ सम्पन्न होती है। जी। दिल। मुहा०-चित्त उचटना = किसी काम, बात या स्थान से जी विरक्त होना या हटना। दिल को भला न लगना। चित्त करना = जी चाहना। इच्छा होना। जैसे-उनसे मिलने को मेरा चित्त नहीं करता। चित्त चढ़ना = दे० “ चित्त पर चढ़ना '। चित्त चिहुँटना-प्रेमासक्त होने के कारण मन में कष्टदायक स्मृति होना। उदा०-नहिं अन्हाय नहि जाय घर चित चिहुँठयो तकि तीर। बिहारी। चित्त चुराना = मन को मोहित करना। चित्त देना ध्यान देना। मन लगाना। उदा० चित्त दै सुनो हमारी बात।-सूर। चित्त घरना = (क) किसी बात पर ध्यान देना। मन लगाना। (ख) कोई बात या विचार मन में लाना। उदा०-हमारे प्रभु औगुन चित न धरौ-सूर। चित्त पर चढ़ना = (क) मन में बसने के कारण बार-बार ध्यान में आना। (ख) स्मृत्ति जाग्रत होना। याद आन, या पड़ना। चित्त बॅटना = एक बात या विषय ओर ध्यान रहने की दशा में कुछ समय के लिए दूसरी ओर ध्यान जाना जो बाधा के रूप में हो जाता है। चित्त में जमना, धंसना या बैठना = अच्छी तरह हृदयंगम होना। दृढ़ निश्चय के रूप में मन में बैठना। चित्त में होना या चित्त होना = इच्छा होना। जी चाहना। चित्त लगना = किसी काम या बात में मन की वृत्ति लगना। ध्यान लगना। जैसे-चित्त लगाकर काम किया करो। चित्त से उतरना = (क) व्यान में न रहना। भूल जाना। जैसे-वह बात हमारे चित्त मे उतर गई थी। (ख) पहले की तरह आदरणीय या प्रिय न रह जाना। जैसे-अब तो वह हमारे चित्त से उतर गया है। चित्त से न टलना ध्यान में बराबर बना रहना। न भूलना।
  • नृत्य में, शृंगारिक प्रसंगों में अनुराग, प्रसन्नता आदि प्रकट करने वाली चितवन या दृष्टि। + वि० चित।
  • दिल
  • -प्रसादन-पुं० [प० त०] योग में चित्त का एक संस्कार जो करुणा, मैत्री, हर्ष आदि के उपयुक्त्त व्यवहार द्वारा होता है

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • चेतना। जान।
  • चिंतन।
  • चिंता।
  • सोची, विचारी या अनुभूत की हुई कोई बात। विचार। अनुभूति।

विशेषण

  • (व्यक्ति) जिसे कोई चिंता न हो। फलतः निश्चित या बेफिक्र
  • चुनकर इकट्ठा किया हआ। ढेर के रूप में लगाया हुआ।
  • जिसका चितन न हो सके।
  • ढका हुआ। आच्छादित। वि० [सं० चित्र] इस प्रकार जमीन पर लंबा पड़ा हुआ कि पीठ या CA पीछे की ओर के सब अंग जमीन से लगे हों और छाती, पेट, मुंह आदि ऊपर हों। पीठ के बल सीधा पड़ा हआ। ' औंधा ' या ' पट ' का विपर्याय। विशेष-प्राचीन काल में चित्र प्रायः कपड़ों पर बनाये जाते थे। इसी लिए उन्हें चित्र-पट कहते थे। जिस ओर चित्र बना रहता था उस ओर का भाग चित्र कहलाता था, और उसके विपरीत नीचेवाला भाग पट (कपड़ा) कहलाता था। इसी चित्र-पट में के चित्र और पट शब्द से विशेषण रूप में ' चित ' और ' पट ' शब्द बने हैं। मुहा०-(किसी को) चित करना = कुश्ती में पछाड़कर जमीन पर सीधा पटकना जो हराने का सूचक होता है। चित होना = बेसुध होकर या और किसी प्रकार सीधे पड़ जाना। जैसे-इतनी भाँग में तो तुम चित हो जाओगे। पद-चारों खाने (या शाने) चित = (क) हाथ-पैर फैलाये बिलकुल पीठ के बल पड़ा हुआ। (ख) लाक्षणिक रूप में, पूरी तरह से परास्त या हारा हुआ। क्रि० वि०पीठ के बल। जैसे-चित गिरना या लेटना। पुं० [हिं० चितवन] चितवन। दृष्टि। नजर। पुं० = चित्र।
  • पीठ के बल सीधा पड़ा हुआ; जिसका मुँह-पेट ऊपर की ओर हो।

शे'र

English meaning of chit

Noun, Feminine

Adjective

چِت کے اردو معانی

اسم، مذکر

  • پشت کے بل پڑا ہوا ، اس طرح لیٹا ہوا کہ رخ اوپر ہو ؛ پٹ کا اُلٹ .
  • دل ، من ، نیت ، خیال ، دھیان ، ضمیر
  • داغ ، دھبا ؛ عیب ، رک : چِت پِت
  • سمجھ ، عقل ، دماغ ، دانائی ، شعور : ادراک
  • افقی طور پر پڑا ہوا
  • ذہن ، حافظہ ، یادداشت
  • (کُشتی) پچھڑا ہوا ، شکست خوردہ

اسم، مؤنث

  • نظر ، نگاہ ، جتون

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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