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'औरत

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

'औरत-जिंस

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

'औरत-पन

زنانہ پن ، زنانہ خاصیت ، عورتوں کی خصوصیت یا خاصیّت ۔

'औरतों

औरत, नारी, पत्नी, परिचारिका, प्रेमिका, महिला, स्त्री, वह हर चीज़ जिसे देखने से लज्जा आये, स्त्री के गुप्तांग

'औरत-परस्त

औरतों को पसंद करने वाला, औरत की पूजा करने वाला, (संकेतात्मक) अय्याश, व्यभिचारी

'औरत-ज़ात

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

'औरत-मार

महिलाओं को प्रभावित करना, आकर्षक व्यक्तित्व का होना, आसानी से महिलाओं को आकर्षित करना

'औरत-मानी

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

'औरत-ए-मदख़ूला

वह औरत जिससे संभोग की गई हो, संभोग की हुई औरत

'औरत की ज़ात

महिला, नारी, स्त्री, जोरू, पत्नी, भार्या, औरत, विशेषज्ञता के रूप में शब्द ज़ात को शामिल कर लिया जाता है

'औरत की हुकूमत

petticoat government

'औरत की 'अक़्ल गुद्दी पीछे

स्त्री मूर्ख होती है

'औरत की मत गुद्दी पीछे

स्त्री मूर्ख होती है

'औरत की नाक न होती तो गू खाती

औरत आधी अक़्ल होती है

'औरत पर हाथ उठाना अच्छा नहीं

स्त्री को नहीं मारना चाहिए

'औरत पर हाथ उठाना बुज़दिली है

स्त्री को नहीं मारना चाहिए

'औरत आप से, नहीं तो सगे बाप से

औरत की पवित्रता उसकी ख़ुद की प्रकृति से होती है, किसी की धमकी या सलाह पर आधारित नहीं होती

'औरत मोम की होती है

औरत को जिस माहौल में चाहो ढाला जा सकता है, जिस तरह चाहो मोड़ लो

'औरत की ज़ात बे-वफ़ा होती है

औरत से वफ़ा नहीं होती, अगर उसे अवसर मिले तो वो बदचलन हो जाती है

'औरत रहे तो आप से नहीं तो सगे बाप से

स्त्री किसी के वश में नहीं रह सकती, अगर दुश्चरित्र हो जाए तो बाप की भी परवाह नहीं करती

'औरत पर जहाँ हाथ फेरा वो फैली

'औरत को मर्द का हाथ लगे तो वह बहुत जल्द बढ़ती है

'औरत की मत मान

औरत का कहा नहीं मानना चाहिए, अगर कोई महिला सलाह दे तो उसे स्वीकार करना चाहिए

'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

'औरत का ख़सम मर्द, मर्द का ख़सम रोज़गार

जिस प्रकार महिला को पति की आवश्यकता होती है उसी प्रकार आदमी को कमाने की आवश्यकता है

'औरत और ककड़ी की बेल जल्दी बढ़े

खीरे की बेल की तरह औरत भी जल्द जवान हो जाती है

'औरत_का_जिस्म

महिला की योनि

'औरत मर्द का जोड़ा है

स्त्री और पुरुष को एकस्थ रहना पड़ता है, स्त्री और पुरुष मिल कर ही पूरे होते हैं

'औरतों की 'आदत में होना

माहवारी से होना

'औरत और घोड़ा रान तले का

महिला और घोड़ा जब तक नियंत्रण में हैं अपने हैं बाद का विश्वास नहीं

'औरत होना

कुँवारा-पन बाक़ी न रहना, मर्द से सेक्स कर लेना

'औरत करना

किसी औरत को पत्नी बनाना या किसी औरत के साथ यौन संबंध रखना, शादी करना

'औरत का राज

महिलाराज, औरत की हुकूमत, औरतों के ग़ालिब होने का ज़माना

'औरताना

औरत की तरह (मर्दाना की विलोम)

'औरत कने जाना

मैथुन करना, सेक्स करना

'औरत का राज है

जब कोई आदमी अपनी पत्नी के हाथ में हो

ग़ैर-'औरत

अजनबी औरत, जो अपनी न हो, जिससे रिश्ता न हो

सत्र-ए-'औरत

किसी पुरुष या महिला के शरीर का वह भाग जिसके खोलने से शर्म आए या जिस का खुला रखना शरीयत के अनुसार सही नहीं हो, शरीर के वह भाग जो छिपे हुए हो

मुत'अल्लिक़ा-'औरत

صاحب ِمعاملہ عورت ، جس کا کام یا امر سے تعلق ہو ۔

मशरिक़ी-'औरत

पूर्व से या उससे संबंधित औरत, पूर्वी संस्कृति को मानने वाली औरत

बाज़ारी-'औरत

वेश्या, रंडी, धंधा करने वाली, तवाएफ़, कसबी

औरत

महिला, स्त्री, औरत

मनकूहा-औरत

निकाह करके किसी की पत्नी बनने वाली कन्या

पराई-'औरत

دوسرے کی بیوی.

लड़ाका-औरत

termagant

तख़्लीक़-ए-औरत

महिला की रचना

मकशूफ़-उल-औरत

جس کا ستر کھلا ہو ، جو بغیر لباس کے ہو ، جس کی شرم گاہ نظر آتی ہو ، چھم ننگا ، برہنہ ۔

शर्म की 'औरत

शर्मीली, लज्जाशील औरत, सती और साधवी औरत

मर्द-मार-'औरत

bold and stout (woman)

तन कसरत में मन 'औरत में

कसरत करने वालों का ध्यान सामान्यतः स्त्रियों की ओर रहता है

मर्द का हाथ फिरा और 'औरत उभरी

मर्द का हाथ लगने से औरत के चूची बढ़ने शुरू होते हैं

मर्द 'औरत राज़ी तो क्या करे क़ाज़ी

रुक : मियां बीवी राज़ी (अलख) जो ज़्यादा मुस्तामल है

भिड़ की लात क्या 'औरत की बात क्या

भिड़ की लात कमज़ोर होती है हाथ में पकड़ो टूट जाती है, इसी तरह औरत की बात कमज़ोर होती है

भेड़ की लात क्या, 'औरत की बात क्या

रुक : भीड़ की लात घुटनों तक

बेस्वा 'औरत और उगलती तलवार ख़स्म को मार खाती है

बदचलन औरत और मियान से उगलती हुई तलवार से जहां तक हो सके परहज़ करना चाहिए नहीं तो मार रखेगी

मुर्ग़ी की अज़ान और 'औरत की गवाही का ए'तिबार नहीं

मुर्ग़ी का अज़ान देना प्रकृति के ख़िलाफ़ है और महिला की गवाही मान्य नहीं है

मर्द का नहाना , 'औरत का खाना बराबर है

दोनों इन कामों में जल्दी करते हैं यानी मर्द नहाता जलद है और औरत खाती जलद है

ज़ुलैख़ा पढ़ी पर ये न जाना 'औरत है या मर्द

किसी बात या घटनाक्रम को प्रारंभ से अंत तक सुनना या पढ़ना किन्तु इस पर बिल्कुल ध्यान न देना

सारी रात कहानी सुनी सुब्ह को पूछे ज़ुलैख़ा 'औरत थी या मर्द

उस व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो ध्यान से बात न सुने और फिर उसका मतलब ग़लत समझे

सारी रामायण पढ़ गए लेकिन मा'लूम नहीं कि सीता 'औरत थी या मर्द

रुक : सारी ज़ुलेख़ा सुन ली और ना मालूम हुआ कि ज़ुलेख़ा औरत थी या मर्द

जिस में चमक नहीं वो हीरा नहीं , जिस में दमक नहीं वो 'औरत नहीं

बगै़र अच्छी खासियतों के कोई चीज़ अपने नाम से पुकारे जाने के काबिल नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बदीही के अर्थदेखिए

बदीही

badiihiiبَدِیہی

स्रोत: अरबी

वज़्न : 122

टैग्ज़: तर्क

शब्द व्युत्पत्ति: ब-द-ह

बदीही के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • स्पष्ट, साफ़
  • (तर्कशास्त्र) वह कल्पना या छोटे-बड़े साक्ष्य जिसे प्रमाण की आवश्यक्ता न हो, जिसके लिए प्रमाण की आवश्यकता न हो

क्रिया-विशेषण

English meaning of badiihii

Adjective

بَدِیہی کے اردو معانی

Roman

صفت

  • جس کے سمجھنے یا سمجھانے میں غور و فکر نہ کرنا پڑے، صریح، کھلا ہوا، یقینی، جو فطری یا قدرتی طور پر معلوم ہو
  • (منطق) وہ تصور یا تصدیق یا صغریٰ و کبریٰ جس میں غور و فکر کی ضرورت نہ ہو، نظری کا نقیض

فعل متعلق

  • کھلم کھلا، صراحۃً

Urdu meaning of badiihii

Roman

  • jis ke samajhne ya samjhaane me.n Gaur-o-fikr na karnaa pa.De, sariyaa, khulaa hu.a, yaqiinii, jo fitrii ya qudratii taur par maaluum ho
  • (mantiq) vo tasavvur ya tasdiiq ya suGraa-o-kubra jis me.n Gaur-o-fikr kii zaruurat na ho, nazarii ka naqiiz
  • khullam khullaa, saraahan

बदीही के पर्यायवाची शब्द

बदीही के विलोम शब्द

बदीही के यौगिक शब्द

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'औरत

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

'औरत-जिंस

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

'औरत-पन

زنانہ پن ، زنانہ خاصیت ، عورتوں کی خصوصیت یا خاصیّت ۔

'औरतों

औरत, नारी, पत्नी, परिचारिका, प्रेमिका, महिला, स्त्री, वह हर चीज़ जिसे देखने से लज्जा आये, स्त्री के गुप्तांग

'औरत-परस्त

औरतों को पसंद करने वाला, औरत की पूजा करने वाला, (संकेतात्मक) अय्याश, व्यभिचारी

'औरत-ज़ात

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

'औरत-मार

महिलाओं को प्रभावित करना, आकर्षक व्यक्तित्व का होना, आसानी से महिलाओं को आकर्षित करना

'औरत-मानी

जाया, भार्या, पत्नी, जोरू

'औरत-ए-मदख़ूला

वह औरत जिससे संभोग की गई हो, संभोग की हुई औरत

'औरत की ज़ात

महिला, नारी, स्त्री, जोरू, पत्नी, भार्या, औरत, विशेषज्ञता के रूप में शब्द ज़ात को शामिल कर लिया जाता है

'औरत की हुकूमत

petticoat government

'औरत की 'अक़्ल गुद्दी पीछे

स्त्री मूर्ख होती है

'औरत की मत गुद्दी पीछे

स्त्री मूर्ख होती है

'औरत की नाक न होती तो गू खाती

औरत आधी अक़्ल होती है

'औरत पर हाथ उठाना अच्छा नहीं

स्त्री को नहीं मारना चाहिए

'औरत पर हाथ उठाना बुज़दिली है

स्त्री को नहीं मारना चाहिए

'औरत आप से, नहीं तो सगे बाप से

औरत की पवित्रता उसकी ख़ुद की प्रकृति से होती है, किसी की धमकी या सलाह पर आधारित नहीं होती

'औरत मोम की होती है

औरत को जिस माहौल में चाहो ढाला जा सकता है, जिस तरह चाहो मोड़ लो

'औरत की ज़ात बे-वफ़ा होती है

औरत से वफ़ा नहीं होती, अगर उसे अवसर मिले तो वो बदचलन हो जाती है

'औरत रहे तो आप से नहीं तो सगे बाप से

स्त्री किसी के वश में नहीं रह सकती, अगर दुश्चरित्र हो जाए तो बाप की भी परवाह नहीं करती

'औरत पर जहाँ हाथ फेरा वो फैली

'औरत को मर्द का हाथ लगे तो वह बहुत जल्द बढ़ती है

'औरत की मत मान

औरत का कहा नहीं मानना चाहिए, अगर कोई महिला सलाह दे तो उसे स्वीकार करना चाहिए

'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

'औरत का ख़सम मर्द, मर्द का ख़सम रोज़गार

जिस प्रकार महिला को पति की आवश्यकता होती है उसी प्रकार आदमी को कमाने की आवश्यकता है

'औरत और ककड़ी की बेल जल्दी बढ़े

खीरे की बेल की तरह औरत भी जल्द जवान हो जाती है

'औरत_का_जिस्म

महिला की योनि

'औरत मर्द का जोड़ा है

स्त्री और पुरुष को एकस्थ रहना पड़ता है, स्त्री और पुरुष मिल कर ही पूरे होते हैं

'औरतों की 'आदत में होना

माहवारी से होना

'औरत और घोड़ा रान तले का

महिला और घोड़ा जब तक नियंत्रण में हैं अपने हैं बाद का विश्वास नहीं

'औरत होना

कुँवारा-पन बाक़ी न रहना, मर्द से सेक्स कर लेना

'औरत करना

किसी औरत को पत्नी बनाना या किसी औरत के साथ यौन संबंध रखना, शादी करना

'औरत का राज

महिलाराज, औरत की हुकूमत, औरतों के ग़ालिब होने का ज़माना

'औरताना

औरत की तरह (मर्दाना की विलोम)

'औरत कने जाना

मैथुन करना, सेक्स करना

'औरत का राज है

जब कोई आदमी अपनी पत्नी के हाथ में हो

ग़ैर-'औरत

अजनबी औरत, जो अपनी न हो, जिससे रिश्ता न हो

सत्र-ए-'औरत

किसी पुरुष या महिला के शरीर का वह भाग जिसके खोलने से शर्म आए या जिस का खुला रखना शरीयत के अनुसार सही नहीं हो, शरीर के वह भाग जो छिपे हुए हो

मुत'अल्लिक़ा-'औरत

صاحب ِمعاملہ عورت ، جس کا کام یا امر سے تعلق ہو ۔

मशरिक़ी-'औरत

पूर्व से या उससे संबंधित औरत, पूर्वी संस्कृति को मानने वाली औरत

बाज़ारी-'औरत

वेश्या, रंडी, धंधा करने वाली, तवाएफ़, कसबी

औरत

महिला, स्त्री, औरत

मनकूहा-औरत

निकाह करके किसी की पत्नी बनने वाली कन्या

पराई-'औरत

دوسرے کی بیوی.

लड़ाका-औरत

termagant

तख़्लीक़-ए-औरत

महिला की रचना

मकशूफ़-उल-औरत

جس کا ستر کھلا ہو ، جو بغیر لباس کے ہو ، جس کی شرم گاہ نظر آتی ہو ، چھم ننگا ، برہنہ ۔

शर्म की 'औरत

शर्मीली, लज्जाशील औरत, सती और साधवी औरत

मर्द-मार-'औरत

bold and stout (woman)

तन कसरत में मन 'औरत में

कसरत करने वालों का ध्यान सामान्यतः स्त्रियों की ओर रहता है

मर्द का हाथ फिरा और 'औरत उभरी

मर्द का हाथ लगने से औरत के चूची बढ़ने शुरू होते हैं

मर्द 'औरत राज़ी तो क्या करे क़ाज़ी

रुक : मियां बीवी राज़ी (अलख) जो ज़्यादा मुस्तामल है

भिड़ की लात क्या 'औरत की बात क्या

भिड़ की लात कमज़ोर होती है हाथ में पकड़ो टूट जाती है, इसी तरह औरत की बात कमज़ोर होती है

भेड़ की लात क्या, 'औरत की बात क्या

रुक : भीड़ की लात घुटनों तक

बेस्वा 'औरत और उगलती तलवार ख़स्म को मार खाती है

बदचलन औरत और मियान से उगलती हुई तलवार से जहां तक हो सके परहज़ करना चाहिए नहीं तो मार रखेगी

मुर्ग़ी की अज़ान और 'औरत की गवाही का ए'तिबार नहीं

मुर्ग़ी का अज़ान देना प्रकृति के ख़िलाफ़ है और महिला की गवाही मान्य नहीं है

मर्द का नहाना , 'औरत का खाना बराबर है

दोनों इन कामों में जल्दी करते हैं यानी मर्द नहाता जलद है और औरत खाती जलद है

ज़ुलैख़ा पढ़ी पर ये न जाना 'औरत है या मर्द

किसी बात या घटनाक्रम को प्रारंभ से अंत तक सुनना या पढ़ना किन्तु इस पर बिल्कुल ध्यान न देना

सारी रात कहानी सुनी सुब्ह को पूछे ज़ुलैख़ा 'औरत थी या मर्द

उस व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो ध्यान से बात न सुने और फिर उसका मतलब ग़लत समझे

सारी रामायण पढ़ गए लेकिन मा'लूम नहीं कि सीता 'औरत थी या मर्द

रुक : सारी ज़ुलेख़ा सुन ली और ना मालूम हुआ कि ज़ुलेख़ा औरत थी या मर्द

जिस में चमक नहीं वो हीरा नहीं , जिस में दमक नहीं वो 'औरत नहीं

बगै़र अच्छी खासियतों के कोई चीज़ अपने नाम से पुकारे जाने के काबिल नहीं

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