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"आम मछली का क्या साथ न होगा" शब्द से संबंधित परिणाम

सदा

हमेशा, नित्य, सदैव

सदाँ

सदैव, हमेशा

सदाना

رک : سدانت.

सदा-बहार

सदा हरा-भरा रहने वाला

सदा-सुहाग

संतों का एक संप्रदाय जिसके सदस्य सुहागनों के समान रंगीन वस्त्र और चूड़ियाँं पहनते हैं और मिस्सी लगाते हैं

सदा-सुहागन

a benediction for a married woman, "may your husband live forever!",a cult of fakirs who dress and talk like women, a faithful and beloved wife, lucky wife whose husband is always with her, a kind of sparrow, Trogon dilectus

सदाना

(जानवरों के लिए) सिखाना, शिक्षित करना, मानूस करना

सदाद

گُفتار و کردار میں راستی و دُرستی ، ہدایت ، سلامت روی.

सदा जोबन नहीं रहता

सुंदरता हमेशा नहीं रहती

सदा नाम अल्लाह का रहता है

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

सदानत

کعبہ شریف یا بُتخانہ کی خِدمت، دربانی

सदामत

बहुत पुराना, पुराना, प्राचीन

सदाचारी

अच्छे आचरणवाला व्यक्ति, अच्छे चाल-चलन का आदमी, सद्वृत्तिशील, धर्मात्मा, पुण्यात्मा, आला किरदार वाला, पार्सा

सदा-काल

हमेशा, हमेशा हमेशा के लिए

सदाचार

उक्त का भाव (मॉरैलिटी) धर्म, नीति आदि की दृष्टि से किया जाने वाला अच्छा और शुभ आचरण, अच्छा चाल-चलन, शिष्ट और शुभ आचरण, भलमनसाहत, उत्तम और सात्विक व्यवहार, सद्वृत्ति

सदावर्त

हमेशा अन्न बांटने का व्रत, नित्य दीन-दुखियों तथा भूखों को भोजन देना, नित्य दिया जाने वाला दान

सदा-फल

वो पेड़ जिसमें हर साल फल आएं, जिसमें हमेशा फल रहें, (नारीयल, गूलर, बैल, कटहल आदि को कहते हैं) तथा इन पेड़ों के फल को भी

सदागुर्म

एक पेड़ जो चने के पेड़ के बराबर होता है, पत्ते बारीक और लंबे होते हैं, जब तक पत्ते ताज़ा होते हैं तो बीच का हिस्सा सफ़ेद होता है और सूख कर सभी पत्तों का रंग सफ़ेद हो जाता है, फूल सफ़ेद और काँटेदार होता है, स्वाद इसका कड़वा होता है

सदाबरत

नित्य भूखों और दीनो को भोजन बाँटने की क्रिया या नियम, रोज़े की खैरात, वह अन्न या भोजन जो नियम से नित्य गरीबों को बाँटा जाय, नित्य होने वाला दान, लंगर

सदा-रंग

हर हाल में, हर वक़्त, हर समय

सदा-रोगी

one who is always sick

सदा दिन एक से नहीं रहते

समय हमेशा बदलता रहता है, कभी आराम है कभी तकलीफ़

सदाबरता

नित्य भूखों और दीनो को भोजन बाँटने की क्रिया या नियम, रोज़ की ख़ैरात, वह अन्न या भोजन जो नियम से नित्य ग़रीबों को बाँटा जाए, नित्य होने वाला दान, लंगर

सदा-सुखी

ever happy

सदा मियाँ घोड़े ही तो रखते थे

जब कोई व्यक्ति अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और अपनी बड़ाई बयान करता है तो व्यंगात्मक तौर पर कहते हैं

सदा फूली फूली चुनी है

हमेशा से भाग्यशाली है

सदा एक रुख़ नाव नहीं चलती

हमेशा एक हाल नहीं रहता

सदा न फूली केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन फिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

सदा न फूली केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन थिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

सदा नाव काग़ज़ की चलती नहीं

धोखा-धड़ी का काम बहुत दिनों नहीं चलता

सदा किसी की नहीं रही

हमेशा किसी का समय अनुकूल नहीं रहा

सदा न तोराई केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन थिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

सदा दिवाली संत के जो घर गेहूँ होय

नेक आदमी हमेशा लोगों को खिलाता पिलाता है यदि हर समय ख़र्च के लिए उसके पास कुछ हो

सदा का रोगी

सदा का बीमार, वह जो हमेशा बीमार रहे, रोग ग्रस्त

सदा-सर-सब्ज़

ہمیشہ ہرا بھرا رہنے والا ، سدا بہار.

सदा 'ईद नहीं जो हल्वा खाए

हर रोज़ ईद नीस्त कि हलवा ख़ुर्द किसे का तर्जुमा, हर रोज़ नेअमत नहीं मिलती

सदा मियाँ घोड़े ही तो ख़रीदा किए

जब कोई शख़्स अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और ताली की लेता है तो अज़राह-ए-तंज़ कहते हैं शेखी ख़ोरे पर तंज़ है

सदा मियाँ घोड़े ही तो ख़रीदा करते हैं

जब कोई शख़्स अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और ताली की लेता है तो अज़राह-ए-तंज़ कहते हैं शेखी ख़ोरे पर तंज़ है

सदा नाम साईं का

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

सदा न काहो की रही गल पीतम के बाँह, ढलते ढलते ढल गई तरवर की सी छाँह

किसी की बाँहें ख़ावंद के गले में हमेशा नहीं रहतीं, दरख़्त की छाओं की तरह हटती जाती हैं, मुहब्बत हमेशा एक तरह नहीं रहती शुरू में ज़्यादा होती है फिर कम होजाती है

सदा न काहो की रही गल पीतम के बाँह, ढलते ढलते ढल गई सरवर की सी छाँह

किसी की बाँहें ख़ावंद के गले में हमेशा नहीं रहतीं, दरख़्त की छाओं की तरह हटती जाती हैं, मुहब्बत हमेशा एक तरह नहीं रहती शुरू में ज़्यादा होती है फिर कम होजाती है

सदार्थ-बृत

(کاشت کاری) بادشاہ کی طرف سے عطا کی ہوئی مشروط الخدمت موروثی جاگیر.

सदा दुखी और बख़्तावर नाम

नामौज़ूं नाम, नाम किस्मत के बरअक्स

सदा की पदनी उरदों दोश

कमी अपने आप में और लांछन दूसरों पर

सदा दुखी और बख़्त-आवर नाम

नामौज़ूं नाम, नाम किस्मत के बरअक्स

सदा के दुखिया, नाम चंगे ख़ान

अनुचित नाम

सदा के उजड़े , नाम बस्ती राम

नामौज़ूं नाम, नाम अच्छा हालात ख़राब

सदा के दानी , मूसल के नौ टके

बख़ील के मुताल्लिक़ तंज़ से कहते हैं कि मामूली चीज़ पर बहुत ख़र्च करता है

सदा 'ऐश दौराँ दिखाता नहीं गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं

मौक़ा मिलने पर फ़ायदा उठाना चाहिए क्योंकि मौक़ा निकल जाए तो फिर हाथ नहीं आता

म'आश सदा-बरत

वो नक़दी या धन जो इस उद्देश्य से भुगतान की जाए कि इससे ग़रीबों एवं यात्रियों को भोज वितरित हो

निहंग लाडला सदा सुखी

बेपर्वा बहुत ख़ुश रहते हैं

कुवारी को सदा बसंत है

आज़ाद और अकेला के लिए हर वक़्त ख़ुशी है, आज़ाद को हर समय ऐश है कुछ फ़िक्र नहीं होता

'आली हिम्मत सदा मुफ़्लिस

दानी और ख़र्चीले व्यक्ति के पास कुछ नहीं रहता

आलसी-सदा-रोगी

आलसी व्यक्ति सदैव रोगी दिखाई पड़ता है

दाता सदा दलिद्दरी

सखी हमेशा मुफ़लिस रहता है

आप स्वार्थी सदा दुखी पर स्वार्थी सदा सुखी

स्वार्थ में हानि है और स्वार्थरहित होन में आराम है

कुँवारी को सदा बसंत

आज़ाद और मुजर्रद के लिए हरवक़त ख़ुशी का मौक़ा है, मुराद ये है कि ग़ैर शादीशुदा औरत को वो दुख नहीं होते जो शादी के बाद सहने होते हैं

मुंडी गाय सदा कलोर

जिस गाय के सींग ना हूँ वो बछिया मालूम होती है नीज़ सन से उतरी हुई वो औरत जो जवान बने

बन के जाए सदा बन में नहीं रहते

यह व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो विकास करके समृद्ध और धनवान बन जाए

मुफ़्लिस की जोरू सदा नंगी

ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है, ग़रीब के पास कुछ नहीं होता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आम मछली का क्या साथ न होगा के अर्थदेखिए

आम मछली का क्या साथ न होगा

aam machhlii kaa kyaa saath na hogaaآم مَچھلی کا کیا ساتھ نَہ ہوگا

कहावत

आम मछली का क्या साथ न होगा के हिंदी अर्थ

  • जब कोई किसी को परेशान कर चल देता है या छुप रहता है तो परेशानी उठाने वाला कहता है कि 'आम मछली का क्या साथ न होगा' या'नी फिर कभी मुलाक़ात तो होगी उस वक़्त समझ लूँगा
  • अगर आज हम को हानि पहुँचा दिया है तो कभी हम को भी अपना बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

    विशेष चूँकि मछली पकाने में आम की खटाई दी जाती है इस वजह से आम मछली का साथ कहा गया

آم مَچھلی کا کیا ساتھ نَہ ہوگا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جب کوئی کسی کو زک دے کر چل دیتا ہے یا چھپ رہتا ہے تو زک اٹھانے والا کہتا ہے کہ ’آم مچھلی کا کیا ساتھ نہ ہوگا ‘ یعنی پھر کبھی ملاقات تو ہوگی اس وقت سمجھ لوں گا
  • اگر آج ہم کو نقصان پہنچا دیا ہے تو کبھی ہم کو بھی اپنا بدلہ لینے کا موقع مل ہی جائے گا

    مثال چونکہ مچھلی پکانے میں آم کی کھٹائی دی جاتی ہے اس وجہ سے آم مچھلی کا ساتھ کہا گیا

Urdu meaning of aam machhlii kaa kyaa saath na hogaa

  • Roman
  • Urdu

  • jab ko.ii kisii ko zak de kar chal detaa hai ya chhup rahtaa hai to zak uThaane vaala kahta hai ki 'aam machhlii ka kyaa saath na hogaa ' yaanii phir kabhii mulaaqaat to hogii us vaqt samajh luungaa
  • agar aaj ham ko nuqsaan pahunchaa diyaa hai to kabhii ham ko bhii apnaa badla lene ka mauqaa mil hii jaa.egaa

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सदा

हमेशा, नित्य, सदैव

सदाँ

सदैव, हमेशा

सदाना

رک : سدانت.

सदा-बहार

सदा हरा-भरा रहने वाला

सदा-सुहाग

संतों का एक संप्रदाय जिसके सदस्य सुहागनों के समान रंगीन वस्त्र और चूड़ियाँं पहनते हैं और मिस्सी लगाते हैं

सदा-सुहागन

a benediction for a married woman, "may your husband live forever!",a cult of fakirs who dress and talk like women, a faithful and beloved wife, lucky wife whose husband is always with her, a kind of sparrow, Trogon dilectus

सदाना

(जानवरों के लिए) सिखाना, शिक्षित करना, मानूस करना

सदाद

گُفتار و کردار میں راستی و دُرستی ، ہدایت ، سلامت روی.

सदा जोबन नहीं रहता

सुंदरता हमेशा नहीं रहती

सदा नाम अल्लाह का रहता है

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

सदानत

کعبہ شریف یا بُتخانہ کی خِدمت، دربانی

सदामत

बहुत पुराना, पुराना, प्राचीन

सदाचारी

अच्छे आचरणवाला व्यक्ति, अच्छे चाल-चलन का आदमी, सद्वृत्तिशील, धर्मात्मा, पुण्यात्मा, आला किरदार वाला, पार्सा

सदा-काल

हमेशा, हमेशा हमेशा के लिए

सदाचार

उक्त का भाव (मॉरैलिटी) धर्म, नीति आदि की दृष्टि से किया जाने वाला अच्छा और शुभ आचरण, अच्छा चाल-चलन, शिष्ट और शुभ आचरण, भलमनसाहत, उत्तम और सात्विक व्यवहार, सद्वृत्ति

सदावर्त

हमेशा अन्न बांटने का व्रत, नित्य दीन-दुखियों तथा भूखों को भोजन देना, नित्य दिया जाने वाला दान

सदा-फल

वो पेड़ जिसमें हर साल फल आएं, जिसमें हमेशा फल रहें, (नारीयल, गूलर, बैल, कटहल आदि को कहते हैं) तथा इन पेड़ों के फल को भी

सदागुर्म

एक पेड़ जो चने के पेड़ के बराबर होता है, पत्ते बारीक और लंबे होते हैं, जब तक पत्ते ताज़ा होते हैं तो बीच का हिस्सा सफ़ेद होता है और सूख कर सभी पत्तों का रंग सफ़ेद हो जाता है, फूल सफ़ेद और काँटेदार होता है, स्वाद इसका कड़वा होता है

सदाबरत

नित्य भूखों और दीनो को भोजन बाँटने की क्रिया या नियम, रोज़े की खैरात, वह अन्न या भोजन जो नियम से नित्य गरीबों को बाँटा जाय, नित्य होने वाला दान, लंगर

सदा-रंग

हर हाल में, हर वक़्त, हर समय

सदा-रोगी

one who is always sick

सदा दिन एक से नहीं रहते

समय हमेशा बदलता रहता है, कभी आराम है कभी तकलीफ़

सदाबरता

नित्य भूखों और दीनो को भोजन बाँटने की क्रिया या नियम, रोज़ की ख़ैरात, वह अन्न या भोजन जो नियम से नित्य ग़रीबों को बाँटा जाए, नित्य होने वाला दान, लंगर

सदा-सुखी

ever happy

सदा मियाँ घोड़े ही तो रखते थे

जब कोई व्यक्ति अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और अपनी बड़ाई बयान करता है तो व्यंगात्मक तौर पर कहते हैं

सदा फूली फूली चुनी है

हमेशा से भाग्यशाली है

सदा एक रुख़ नाव नहीं चलती

हमेशा एक हाल नहीं रहता

सदा न फूली केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन फिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

सदा न फूली केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन थिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

सदा नाव काग़ज़ की चलती नहीं

धोखा-धड़ी का काम बहुत दिनों नहीं चलता

सदा किसी की नहीं रही

हमेशा किसी का समय अनुकूल नहीं रहा

सदा न तोराई केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन थिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

सदा दिवाली संत के जो घर गेहूँ होय

नेक आदमी हमेशा लोगों को खिलाता पिलाता है यदि हर समय ख़र्च के लिए उसके पास कुछ हो

सदा का रोगी

सदा का बीमार, वह जो हमेशा बीमार रहे, रोग ग्रस्त

सदा-सर-सब्ज़

ہمیشہ ہرا بھرا رہنے والا ، سدا بہار.

सदा 'ईद नहीं जो हल्वा खाए

हर रोज़ ईद नीस्त कि हलवा ख़ुर्द किसे का तर्जुमा, हर रोज़ नेअमत नहीं मिलती

सदा मियाँ घोड़े ही तो ख़रीदा किए

जब कोई शख़्स अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और ताली की लेता है तो अज़राह-ए-तंज़ कहते हैं शेखी ख़ोरे पर तंज़ है

सदा मियाँ घोड़े ही तो ख़रीदा करते हैं

जब कोई शख़्स अपनी बिसात से बाहर क़दम रखता है और ताली की लेता है तो अज़राह-ए-तंज़ कहते हैं शेखी ख़ोरे पर तंज़ है

सदा नाम साईं का

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

सदा न काहो की रही गल पीतम के बाँह, ढलते ढलते ढल गई तरवर की सी छाँह

किसी की बाँहें ख़ावंद के गले में हमेशा नहीं रहतीं, दरख़्त की छाओं की तरह हटती जाती हैं, मुहब्बत हमेशा एक तरह नहीं रहती शुरू में ज़्यादा होती है फिर कम होजाती है

सदा न काहो की रही गल पीतम के बाँह, ढलते ढलते ढल गई सरवर की सी छाँह

किसी की बाँहें ख़ावंद के गले में हमेशा नहीं रहतीं, दरख़्त की छाओं की तरह हटती जाती हैं, मुहब्बत हमेशा एक तरह नहीं रहती शुरू में ज़्यादा होती है फिर कम होजाती है

सदार्थ-बृत

(کاشت کاری) بادشاہ کی طرف سے عطا کی ہوئی مشروط الخدمت موروثی جاگیر.

सदा दुखी और बख़्तावर नाम

नामौज़ूं नाम, नाम किस्मत के बरअक्स

सदा की पदनी उरदों दोश

कमी अपने आप में और लांछन दूसरों पर

सदा दुखी और बख़्त-आवर नाम

नामौज़ूं नाम, नाम किस्मत के बरअक्स

सदा के दुखिया, नाम चंगे ख़ान

अनुचित नाम

सदा के उजड़े , नाम बस्ती राम

नामौज़ूं नाम, नाम अच्छा हालात ख़राब

सदा के दानी , मूसल के नौ टके

बख़ील के मुताल्लिक़ तंज़ से कहते हैं कि मामूली चीज़ पर बहुत ख़र्च करता है

सदा 'ऐश दौराँ दिखाता नहीं गया वक़्त फिर हाथ आता नहीं

मौक़ा मिलने पर फ़ायदा उठाना चाहिए क्योंकि मौक़ा निकल जाए तो फिर हाथ नहीं आता

म'आश सदा-बरत

वो नक़दी या धन जो इस उद्देश्य से भुगतान की जाए कि इससे ग़रीबों एवं यात्रियों को भोज वितरित हो

निहंग लाडला सदा सुखी

बेपर्वा बहुत ख़ुश रहते हैं

कुवारी को सदा बसंत है

आज़ाद और अकेला के लिए हर वक़्त ख़ुशी है, आज़ाद को हर समय ऐश है कुछ फ़िक्र नहीं होता

'आली हिम्मत सदा मुफ़्लिस

दानी और ख़र्चीले व्यक्ति के पास कुछ नहीं रहता

आलसी-सदा-रोगी

आलसी व्यक्ति सदैव रोगी दिखाई पड़ता है

दाता सदा दलिद्दरी

सखी हमेशा मुफ़लिस रहता है

आप स्वार्थी सदा दुखी पर स्वार्थी सदा सुखी

स्वार्थ में हानि है और स्वार्थरहित होन में आराम है

कुँवारी को सदा बसंत

आज़ाद और मुजर्रद के लिए हरवक़त ख़ुशी का मौक़ा है, मुराद ये है कि ग़ैर शादीशुदा औरत को वो दुख नहीं होते जो शादी के बाद सहने होते हैं

मुंडी गाय सदा कलोर

जिस गाय के सींग ना हूँ वो बछिया मालूम होती है नीज़ सन से उतरी हुई वो औरत जो जवान बने

बन के जाए सदा बन में नहीं रहते

यह व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो विकास करके समृद्ध और धनवान बन जाए

मुफ़्लिस की जोरू सदा नंगी

ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है, ग़रीब के पास कुछ नहीं होता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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