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"आदमी को ढाई गज़ ज़मीन काफ़ी है" शब्द से संबंधित परिणाम

जोरू

स्त्री, औरत, बीवी, पत्नी

जोरू- ख़सम

मियाँ-बीवी, विवाहित जोड़ा

जोरू-जाता

पत्नी और बच्चे, जोरू और बच्चे, आल-ओ-औलाद, परिवार

जोरू का मुरीद

रुक: जोरू का मज़दूर

जोरू का बंदा

रुक: जोरू का मज़दूर

जोरू पास की

पत्नि वही है जो पति के साथ हो

जोरू का ग़ुलाम

जोरू का मज़दूर

जोरू चिकनी मियाँ मज़दूर

देखने में कंगाल और वास्तव में समृद्ध

जोरू का मज़दूर

बीवी की आज्ञा मानने वाला, आज्ञाकारी

जोरू का झिड़का

वो आदमी जिसको उसकी जोरू हर बात में झिड़क दे और उसकी बात न माने, जोरू का ग़ुलाम

जोरू ज़ोर की नहीं किसी और की

जोरू उसी शख़्स के अपने वश में रहती है जिसकी कमर में बल होता है

जोरू का दखेला बेच कर तंदूरी रोटी खाई है

जो व्यक्ति ग़रीब हो कर अपने-आप को अमीर होने का दिखावा करे उसके संबंध में कहते हैं

जोरू-ख़सम की लड़ाई क्या

पति-पत्नि की लड़ाई साधारण सी बात है

जोरू न जाता, अल्लाह मियाँ से नाता

वह व्यक्ति जिस ने शादी न की हो, वह जिस के आगे पीछे कोई न हो, कोई भी नहीं अकेला है

जोरू को अम्माँ कहने लगना

गंभीर दर्द और संकट से पीड़ित हो जाना

जोरू का मरना और जूती का टूटना बराबर है

जैसे जूता टूटने पर कोई अफ़सोस नहीं होता, वैसे ही पत्नी के मर जाने पर भी कोई अफ़सोस नहीं होता, कुछ लोग पत्नी की क़ीमत नहीं समझते

जोरू-ख़सम की लड़ाई दूध की सी मलाई

पति-पत्नि की अन-बन भी मज़ा देती है

जोरू का मरना और कुहनी की चोट का लगना बराबर है

(लफ़ज़न) बीवी के मरने से भी तकलीफ़ होती है इसी तरह कहनी की चोट बहुत तकलीफ़ देती है, सख़्त तकलीफ़ जो देर पा ना हो। इस की निसबत बोलते हैं

जोरू टटोले फेट और माँ टटोले पेट

जोरूओं को मुहब्बत चार पैसों की होती है और माँ को प्राकृतिक मामता होती है, माँ को बेटे की ख़ुराक आदि का ख़्याल रहता है और बीवी को रुपए-पैसे का, जोरू का प्यार स्वार्थ से होती है और माँ की निस्वार्थ

जोरू का मरना घर का ख़राबा है

पत्नी के मरने से घर उजड़ जाता है

जोरू टटोले गठ्ड़ी और माँ टटोले 'अँतड़ी

जोरूओं को मुहब्बत चार पैसों की होती है और माँ को प्राकृतिक मामता होती है, माँ को बेटे की ख़ुराक आदि का ख़याल रहता है और बीवी को रुपए-पैसे का, जोरू का प्यार स्वार्थ से होती है और माँ की निस्वार्थ

जोरू करना

शादी करना, विवाह करना, ब्याह करना, किसी औरत को बीवी बनाना, किसी महिला को पत्ननी बनाना

जोरू का भाई

साला, ख़ुसर पूरा

जोरू कर लेना

किसी स्त्री से विवाह कर लेना, पत्नी बना लेन

ज़ो'रूर

एक प्रकार का बैर, आलू बुख़ारे की एक क़िस्म, जंगली सेब

एक जोरू की जोरू एक जोरू का ख़सम, एक जोरू का सीस फूल एक जोरू की पश्म

कुछ पति पत्नियों पर हावी होते हैं और कुछ पत्नियाँ पतियों पर, पत्नीव्रता अर्थात स्त्रीजित व्यक्ति का सम्मान नहीं होता

चिकनी-जोरू

A slippery wife, an unfaithful wife

मुफ़्लिस की जोरू सदा नंगी

ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है, ग़रीब के पास कुछ नहीं होता

नखटू की जोरू सदा नंगी

۔مثل۔ کاہل اور سست مفلس کی نسبت بولتے ہیں۔

सिपाही की जोरू हमेशा राँड

सिपाही अपनी पत्नी के पास बहुत कम रहता है

ग़रीब की जोरू सब की भाबी, ज़बर्दस्त की जोरू सब की दादी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

साथ जोरू ख़सम का

असली संगत पति-पत्नी का ही होता है

चमार की जोरू और टूटी जूनी

गंदी बात, अनुचित बात

बुड़बक की जोरू, सब की भौजाई

मूर्ख की 'औरत से सब छोड़-छाड़ करते हैं

काले कव्वे की जोरू

जब कोयल बोलती है तो बच्चे इस वाक्यांश को ज़ोर से बोलते हैं

मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी

ग़रीब की चीज़ को हर कोई हथियाने की कोशिश करता है, ग़रीब की चीज़ पर हर कोई दावा करना शुरू कर देता है

ग़रीब की जोरू 'उम्दा ख़ानम नाम

ग़रीबी में नाम से इज़्ज़त नहीं बढ़ती, औक़ात से ज़्यादा मिज़ाज रखना

अंधे की जोरू का ख़ुदा रखवाला

मूर्ख का माल जिसका जी चाहता है खाता है

संपत की जोरू, बिपत का यार

सफलता में पत्नी और मुसीबत में मित्र साथ देता है

निबल की जोरू सब की सलहज

मुफ़लिस की कोई इज़्ज़त नहीं करता

मन मौजी, जोरू को कहें भौजी

मूर्ख व्यक्ति बिना अवसर बात करता है

कौड़ी गाँठ की, जोरू साथ की

रुपया और पत्नी अपने पास हो तो अपनी होती है

रिज़ाली की जोरू को सदा तलाक़

तुच्छ की दोस्ती पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए, कमीना और घटिया व्यक्ति अपने वचन का कुछ मूल्य नहीं रखता

पैसा गाँठ का, जोरू साथ की

पैसा और पत्नी जो अपने पास हो अपने होते हैं

अबरा की जोरू सब की भावज

निर्धन की हर वस्तु को हर कोई बिना किसी संकोच के प्रयोग करता है

गूँगी जोरू भली, गूँगा नारियल न भला

गूँगी पत्नी अच्छी है परंतु वो हुक़्क़ा नहीं अच्छा जिस में से गुड़गुड़ की आवाज़ न निकले, अर्थात किसी काम का नहीं

घर की जोरू की चौकसी कहाँ तक

अपने ही घर में रहने वाले व्यक्ति की रखवाली करना बहुत कठिन है, घर के चोर की रखवाली बहुत कठिन है

बिपत संगाती हैं तीन, जोरू बेटा आप

मुसीबत में वही लोग साथ देते हैं जिन से बहुत अधिक क़रीबी संबंध हों

एक जोरू सारे कुंबा को बस है

एक स्त्री पूरे परिवार के लिए काफी है अथवा एक होशियार औरत पूरे घर को संभाल सकती है

दो ख़स्म की जोरू चौसर की गोट

जिस महिला का संबंध दो पुरुषों से हो वह चौसर की गोटी की तरह मरी जाती है

साझा जोरू ख़सम का ही भला

ख़ावंद बीवी की शराकत ही बेहतर है, किसी और कर शिरकत अच्छी नहीं होती

बच्चे की माँ बूढ़े की जोरू सलामत रहे

जिस तरह माँ की मौत के बाद बच्चा माँ जैसी मम्ता वंचित हो जाता है उसी तरह बीवी की मौत से बूढ़ा आदमी बेसहारा हो जाता है

दो जोरू का ख़स्म चौसर का पाँसा

दो पत्नियों का पति चौसर के पाँसे की तरह हमेशा तकलीफ़ में होता है (जैसे कि चौसर का पाँसा बार-बार पटका जाता है)

बूढ़े ख़सम की जोरू गले का ढोलना

बुढ़ापे में शादी करने का नतीजा ज़न मुरीदी होता है

जिस की जोरू अंदर, उस का नसीबा सिकंदर

रुक : जिस की बढ़िया महल के अंदर इस का नसीबा बड़ा सिकन्दर

कान प्यारे तो बालियाँ, जोरू प्यारी तो सालियाँ

जो बात पसंद होती है उससे संबंधित सारी बातें भी अच्छी लगती हैं

रंडी किस की जोरू , भड़वा किस का साला

ख़राब औरत या मर्द किसी के हो कर नहीं रहते

तुम भी कहोगी कि मुझे कोई जोरू करे

उस व्यक्ति के संबंधित कहते हैं जो अपने को बहुत बुद्धिमान समझे और जिसे अपनी बुद्धिमत्ता का घमंड हो

ताली बिन कैसा ताला, जोरू बिन कैसा साला

अनुचित बात अच्छी नहीं होती

न जोरू न जाता, अल्लाह मियाँ से नाता

जो मुजर्रिद हो, इस शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जिस के आल-ओ-औलाद ना हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आदमी को ढाई गज़ ज़मीन काफ़ी है के अर्थदेखिए

आदमी को ढाई गज़ ज़मीन काफ़ी है

aadmii ko Dhaa.ii gaz zamiin kaafii haiآدمی کو ڈھائی گز زمین کافی ہے

अथवा : आदमी को दो गज़ ज़मीन काफ़ी है

कहावत

आदमी को ढाई गज़ ज़मीन काफ़ी है के हिंदी अर्थ

  • बहुत बड़ा भवन बनाने या लम्बी-चौड़ी ज़मीन प्राप्त करने का प्रयास करना व्यर्थ है, महल या घर बनाना या भूमि खरीदना व्यर्थ है
  • एक आदमी को समाधि के लिए थोड़ी सी जमीन पर्याप्त है
  • मरने पर आदमी को क़ब्र में दफ़ना दिया जाता है, कोई चीज़ उसके साथ नहीं जाती
  • संतुष्ट होने के प्रोत्साहन के लिए कहा जाता है

آدمی کو ڈھائی گز زمین کافی ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بہت بڑی عمارتیں بنانے یا وسیع اراضی حاصل کرنے کی کوشش بے فائدہ ہے، محل یا مکان بنانا یا اراضی خریدنا فضول ہے
  • آدمی کو قبر کے لئے تھوڑی سی زمین کافی ہے
  • مرنے پر آدمی کو قبر میں دفنا دیا جاتا ہے کوئی چیز اس کے ساتھ نہیں جاتی
  • قناعت کی ترغیب کے لئے کہا جاتا ہے

Urdu meaning of aadmii ko Dhaa.ii gaz zamiin kaafii hai

  • Roman
  • Urdu

  • bahut ba.Dii imaarte.n banaane ya vasiia araazii haasil karne kii koshish befaa.idaa hai, mahl ya makaan banaanaa ya araazii Khariidnaa fuzuul hai
  • aadamii ko qabr ke li.e tho.Dii sii zamiin kaafii hai
  • marne par aadamii ko qabr me.n dafnaa diyaa jaataa hai ko.ii chiiz is ke nahii.n jaatii
  • qanaaat kii tarGiib ke li.e kahaa jaataa hai

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जोरू

स्त्री, औरत, बीवी, पत्नी

जोरू- ख़सम

मियाँ-बीवी, विवाहित जोड़ा

जोरू-जाता

पत्नी और बच्चे, जोरू और बच्चे, आल-ओ-औलाद, परिवार

जोरू का मुरीद

रुक: जोरू का मज़दूर

जोरू का बंदा

रुक: जोरू का मज़दूर

जोरू पास की

पत्नि वही है जो पति के साथ हो

जोरू का ग़ुलाम

जोरू का मज़दूर

जोरू चिकनी मियाँ मज़दूर

देखने में कंगाल और वास्तव में समृद्ध

जोरू का मज़दूर

बीवी की आज्ञा मानने वाला, आज्ञाकारी

जोरू का झिड़का

वो आदमी जिसको उसकी जोरू हर बात में झिड़क दे और उसकी बात न माने, जोरू का ग़ुलाम

जोरू ज़ोर की नहीं किसी और की

जोरू उसी शख़्स के अपने वश में रहती है जिसकी कमर में बल होता है

जोरू का दखेला बेच कर तंदूरी रोटी खाई है

जो व्यक्ति ग़रीब हो कर अपने-आप को अमीर होने का दिखावा करे उसके संबंध में कहते हैं

जोरू-ख़सम की लड़ाई क्या

पति-पत्नि की लड़ाई साधारण सी बात है

जोरू न जाता, अल्लाह मियाँ से नाता

वह व्यक्ति जिस ने शादी न की हो, वह जिस के आगे पीछे कोई न हो, कोई भी नहीं अकेला है

जोरू को अम्माँ कहने लगना

गंभीर दर्द और संकट से पीड़ित हो जाना

जोरू का मरना और जूती का टूटना बराबर है

जैसे जूता टूटने पर कोई अफ़सोस नहीं होता, वैसे ही पत्नी के मर जाने पर भी कोई अफ़सोस नहीं होता, कुछ लोग पत्नी की क़ीमत नहीं समझते

जोरू-ख़सम की लड़ाई दूध की सी मलाई

पति-पत्नि की अन-बन भी मज़ा देती है

जोरू का मरना और कुहनी की चोट का लगना बराबर है

(लफ़ज़न) बीवी के मरने से भी तकलीफ़ होती है इसी तरह कहनी की चोट बहुत तकलीफ़ देती है, सख़्त तकलीफ़ जो देर पा ना हो। इस की निसबत बोलते हैं

जोरू टटोले फेट और माँ टटोले पेट

जोरूओं को मुहब्बत चार पैसों की होती है और माँ को प्राकृतिक मामता होती है, माँ को बेटे की ख़ुराक आदि का ख़्याल रहता है और बीवी को रुपए-पैसे का, जोरू का प्यार स्वार्थ से होती है और माँ की निस्वार्थ

जोरू का मरना घर का ख़राबा है

पत्नी के मरने से घर उजड़ जाता है

जोरू टटोले गठ्ड़ी और माँ टटोले 'अँतड़ी

जोरूओं को मुहब्बत चार पैसों की होती है और माँ को प्राकृतिक मामता होती है, माँ को बेटे की ख़ुराक आदि का ख़याल रहता है और बीवी को रुपए-पैसे का, जोरू का प्यार स्वार्थ से होती है और माँ की निस्वार्थ

जोरू करना

शादी करना, विवाह करना, ब्याह करना, किसी औरत को बीवी बनाना, किसी महिला को पत्ननी बनाना

जोरू का भाई

साला, ख़ुसर पूरा

जोरू कर लेना

किसी स्त्री से विवाह कर लेना, पत्नी बना लेन

ज़ो'रूर

एक प्रकार का बैर, आलू बुख़ारे की एक क़िस्म, जंगली सेब

एक जोरू की जोरू एक जोरू का ख़सम, एक जोरू का सीस फूल एक जोरू की पश्म

कुछ पति पत्नियों पर हावी होते हैं और कुछ पत्नियाँ पतियों पर, पत्नीव्रता अर्थात स्त्रीजित व्यक्ति का सम्मान नहीं होता

चिकनी-जोरू

A slippery wife, an unfaithful wife

मुफ़्लिस की जोरू सदा नंगी

ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है, ग़रीब के पास कुछ नहीं होता

नखटू की जोरू सदा नंगी

۔مثل۔ کاہل اور سست مفلس کی نسبت بولتے ہیں۔

सिपाही की जोरू हमेशा राँड

सिपाही अपनी पत्नी के पास बहुत कम रहता है

ग़रीब की जोरू सब की भाबी, ज़बर्दस्त की जोरू सब की दादी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

साथ जोरू ख़सम का

असली संगत पति-पत्नी का ही होता है

चमार की जोरू और टूटी जूनी

गंदी बात, अनुचित बात

बुड़बक की जोरू, सब की भौजाई

मूर्ख की 'औरत से सब छोड़-छाड़ करते हैं

काले कव्वे की जोरू

जब कोयल बोलती है तो बच्चे इस वाक्यांश को ज़ोर से बोलते हैं

मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी

ग़रीब की चीज़ को हर कोई हथियाने की कोशिश करता है, ग़रीब की चीज़ पर हर कोई दावा करना शुरू कर देता है

ग़रीब की जोरू 'उम्दा ख़ानम नाम

ग़रीबी में नाम से इज़्ज़त नहीं बढ़ती, औक़ात से ज़्यादा मिज़ाज रखना

अंधे की जोरू का ख़ुदा रखवाला

मूर्ख का माल जिसका जी चाहता है खाता है

संपत की जोरू, बिपत का यार

सफलता में पत्नी और मुसीबत में मित्र साथ देता है

निबल की जोरू सब की सलहज

मुफ़लिस की कोई इज़्ज़त नहीं करता

मन मौजी, जोरू को कहें भौजी

मूर्ख व्यक्ति बिना अवसर बात करता है

कौड़ी गाँठ की, जोरू साथ की

रुपया और पत्नी अपने पास हो तो अपनी होती है

रिज़ाली की जोरू को सदा तलाक़

तुच्छ की दोस्ती पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए, कमीना और घटिया व्यक्ति अपने वचन का कुछ मूल्य नहीं रखता

पैसा गाँठ का, जोरू साथ की

पैसा और पत्नी जो अपने पास हो अपने होते हैं

अबरा की जोरू सब की भावज

निर्धन की हर वस्तु को हर कोई बिना किसी संकोच के प्रयोग करता है

गूँगी जोरू भली, गूँगा नारियल न भला

गूँगी पत्नी अच्छी है परंतु वो हुक़्क़ा नहीं अच्छा जिस में से गुड़गुड़ की आवाज़ न निकले, अर्थात किसी काम का नहीं

घर की जोरू की चौकसी कहाँ तक

अपने ही घर में रहने वाले व्यक्ति की रखवाली करना बहुत कठिन है, घर के चोर की रखवाली बहुत कठिन है

बिपत संगाती हैं तीन, जोरू बेटा आप

मुसीबत में वही लोग साथ देते हैं जिन से बहुत अधिक क़रीबी संबंध हों

एक जोरू सारे कुंबा को बस है

एक स्त्री पूरे परिवार के लिए काफी है अथवा एक होशियार औरत पूरे घर को संभाल सकती है

दो ख़स्म की जोरू चौसर की गोट

जिस महिला का संबंध दो पुरुषों से हो वह चौसर की गोटी की तरह मरी जाती है

साझा जोरू ख़सम का ही भला

ख़ावंद बीवी की शराकत ही बेहतर है, किसी और कर शिरकत अच्छी नहीं होती

बच्चे की माँ बूढ़े की जोरू सलामत रहे

जिस तरह माँ की मौत के बाद बच्चा माँ जैसी मम्ता वंचित हो जाता है उसी तरह बीवी की मौत से बूढ़ा आदमी बेसहारा हो जाता है

दो जोरू का ख़स्म चौसर का पाँसा

दो पत्नियों का पति चौसर के पाँसे की तरह हमेशा तकलीफ़ में होता है (जैसे कि चौसर का पाँसा बार-बार पटका जाता है)

बूढ़े ख़सम की जोरू गले का ढोलना

बुढ़ापे में शादी करने का नतीजा ज़न मुरीदी होता है

जिस की जोरू अंदर, उस का नसीबा सिकंदर

रुक : जिस की बढ़िया महल के अंदर इस का नसीबा बड़ा सिकन्दर

कान प्यारे तो बालियाँ, जोरू प्यारी तो सालियाँ

जो बात पसंद होती है उससे संबंधित सारी बातें भी अच्छी लगती हैं

रंडी किस की जोरू , भड़वा किस का साला

ख़राब औरत या मर्द किसी के हो कर नहीं रहते

तुम भी कहोगी कि मुझे कोई जोरू करे

उस व्यक्ति के संबंधित कहते हैं जो अपने को बहुत बुद्धिमान समझे और जिसे अपनी बुद्धिमत्ता का घमंड हो

ताली बिन कैसा ताला, जोरू बिन कैसा साला

अनुचित बात अच्छी नहीं होती

न जोरू न जाता, अल्लाह मियाँ से नाता

जो मुजर्रिद हो, इस शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जिस के आल-ओ-औलाद ना हो

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