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आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
मज़दूर
शारीरिक श्रम के द्वारा जीविका कमाने वाला कोई व्यक्ति, जैसे: इमारत बनाने, कल-कारख़ानों में काम करने वाला, श्रमिक, कर्मकार, भृतक, मजूर
दूध-शरीक बहन
ऐसी बालिका जो किसी ऐसी स्त्री का दूध पीकर पली हो जिसका दूध पीकर और कोई बालिका या बालक भी पला हो, धाय संतान, दूधबहिन, दूधबहन
"साहित्य" टैग से संबंधित शब्द
"साहित्य" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
अदब बराए-अदब
यह विचार कि साहित्य का उद्देश्य शब्द में शाब्दिक और आध्यात्मिक रूप से गुणों का निर्माण करना है और इसके बजाय साहित्य का अपना उद्देश्य है, जो मन की चेतना को विकसित करता है।
अदब बराए-ज़िंदगी
यह विचार कि साहित्य का उद्देश्य जीवन को प्रतिबिंबित करना और जीवन के सभी क्षेत्रों की सामाजिक आवश्यकताओं पर चर्चा करना है
'अलामती-अफ़्साना
जिस कहानी के पात्र, घटनाएँ और स्थान आदि दोहरे अर्थ वाले होते हैं, अर्थात् वह कहानी अर्थ के दो स्तरों पर सार्थक और सुसंगत कहानी कहलाने में सक्षम होती है, एक स्तर पर अर्थ स्पष्ट होता है, जिसे पाठक समझ सकता है, और दूसरा वह जो संकेतों की व्याख्या और व्याख्या से अस्तित्व में आता है, और यह अर्थ का वह स्तर है जिसका उद्देश्य होता है
इर्तिजाल
बिना सोचे तुरंत ही किसी विषय पर बोलने लगना, बिना सोचे तुरंत ही कविता करना किसी काम को तुरन्त ही कर देना, आशुभाषण, आशुकविता, आशुरचना
ग़लत-उल-'आम
वह ग़लती जो विद्वज्जन करें और वह शुद्ध मान ली जाए, वह ग़लत शब्द या वाक्यांश आदि जो ग़लत होने के बावजूद विद्वानों और आधिकारिक भाषाविदों के बीच चलन में हो
छप्पा
(अदब-ओ-शेअर) एक सिनफ़ सुख़न यानी छः मिसरों का बंद जो मुख़्तलिफ़ अंदाज़ में लिखा जाता है, कल मिसरे मुक़फ़्फ़ा या हर मिसरा का क़ाफ़िया अलग या दो मिसरे बाहम मुक़फ़्फ़ा और रदीफ़ भी इस्तिमाल कर लेते हैं
ज़िला'-जुगत
घुमावदार बात जिसमें परोक्ष बात कही गई हो, वह वाक्य या लेख जिसमें विशेषण के रुप में ऐसे शब्द लाऐ जाऐं जो विषय से जो प्रत्यक्ष रुप से संबन्ध रखते हों
तक़्लीब-ए-ख़ंदा-आवर
साहित्य के किसी टुकड़े की शाब्दिक प्रतिलिपि या परिवर्तन जो केवल हास्य पैदा करने के लिए हो,
ना'त-ख़्वाँ
जो पैगंबर मुहम्मद की प्रशंसा में गाकर कविता पढ़ता है, मीलाद के जलसों में ना'त के शेर पढ़नेवाला
परी
कथा-कहानियों में वर्णित वह कल्पित रूपवती स्त्री जो अपने परों की सहायता से आकाश में उड़ती है; अप्सरा; हूर
बुख़्त-ए-नुस्सर
बाबुल के १२ वें खानदान का नरेश (१,२०० ई० पू०) , बाबुल के १९ वे खानदान का दूसरा नरेश जो ६०४ ई० पू० में गद्दी पर बैठा, बड़े दबदबे का शासक था, बाबुल को बहुत उन्नत किया
बहज़ाद
शाह इस्माइल सफ़वी के शासनकाल के दौरान एक प्रसिद्ध ईरानी चित्रकार थे। पीर सईद अहमद तबरीज़ी के छात्र इस मशहूर चित्रकार का नाम और काम साहित्य में रूपक के रूप में उपयोग किया जाता है
मजमू'आ मुरत्तब करना
(साहित्य) कविता का संग्रह या संपूर्ण रचनाओं को एकत्रित करके व्यवस्थित करना जिससे कि प्रकाशित किया जा सके
मुसज्जा'
वह बात जो क़ाफ़ियों में हो, सानुप्रास, मुक़फ्फ़ा, एक शब्दालंकार जिसमें शेर के चार टुकड़े करके, तीन टुकड़े सानुप्रास कर दिये जाते हैं, जैसे: "जब वह जमाल-ए-दिल-फ़रोज़, सूरत-ए-मेह-ए-नीम-रोज़, आप ही हो नज़ारा सोज़, पर्दे में मुँह छुपाए क्यों”–ग़ालिब, इसमें फ़रोज़, रोज़ और सोज़ के काफ़िए हैं
मोहमलियात
(अदब) मज़ाह पैदा करने का एक तरीक़ा, अदबी तहरीर का एक अंदाज़ जिस में ग़ैर मंतक़ी या बेसर-ओ-पा बातों के ज़रीये मिज़ाहिया तंज़ पैदा किया जाता है अंग्रेज़ी अदब में इस की मिसाल Limerick है
वहदत-ए-'अमल
(साहित्य) किसी ड्रामे या साहित्यिक रचना में प्लॉट का पूरा और एक होना और उसमें किसी प्रत्यक्ष घटना का शामिल न होना, ड्रामे में एक घटना को पूरी तरह एक ही भाव (हर्ष और ख़ुशी) के साथ प्रस्तुत करना
वहदत-ए-तअस्सुर
(अदब) वो वहदत जो किसी अदब पारे में क़ारी या नाज़िर के ज़हन पर सिर्फ़ एक तास्सुर छोड़े ताकि इस में शिद्दत और गहराई हो, किसी अदबी तख़लीक़ का क़लब-ओ-ज़हन पर यकसाँ असर (नीज़ रुक : वहदत, मानी नंबर ३ )
वहदत-ए-सलासा
(अदब) अरस्तू के नज़रिया-ए-फ़न के मुताबिक़ ड्रामे के पर तास्सुर होने के लिए तीन वहदतें ज़रूरी हैं, वहदत इअमल, वहदत इज़मां, वहदत मकां
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