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संत
साधु, संन्यासी, विरक्त या त्यागी पुरुष, परम धार्मिक और साधु व्यक्ति, ईश्वरभक्त
संतोल
ایک طرح کی ورزش جس میں دو من سے دس من تک کا وزن صرف گردن یا سِینے سے کھین٘چا جاتا ہے ، سنتولہ لکڑی کا ایک مضبوط تختہ ہے جس کی لمبائی تقریباً چار یا پانچ فٹ اور وسعت غالباً ایک فٹ ہوتی ہے اس تختے کے درمیان یا سِرے پر ایک مضبوط رسّی یا زنجیر کے دونوں سِرے باندھ دیے جاتے ہیں. اس لکڑی کے تختے پر دوچار وزنی پہلوانوں کو بٹھا کر رسّی یا زنجیر کے دائرہ کی مدد سے سِینے یا گردن کے ذریعہ کھین٘چا جاتا ہے.
संतन
سُنت کی جمع ، سنتوں ، نیک ، پارسا.
संतोष
तृप्ति का भाव, सब्र, संतुष्टि, आनंद, हर्ष, धैर्य
संतोक
संतोष, सब्र, इत्मीनान, ख़ुशी
संतना
منانے ، صلح کرنے کا فعل ، صلح ، مصالحت ؛ معذرت ؛ نرمی .
संतोला
چکّی کے پاٹ کی شکل کا ایک پتّھر جس کا وزن پچیس تیس سیر یا حسبِ ضرورت وزنی ہوتا ہے جو کلائی اور ہاتھ کی قوّت کے معیار کی آزمائش کے لیے پہلوانوں سے اُٹھوایا جاتا ہے.
संतापी
संताप देने वाला, संतप्त करने या संताप देने वाला, दुखी, मुसीबत ज़दा, आफ़त का मारा, प्रतीकात्मक: पापी
संताल
एक जाति जो आर्या नस्ल से नहीं और बंगाल के क्षेत्र में आबाद है
संताप
अग्नि, धूप आदि का बहुत तीव्र ताप, आँच, दुख, कष्ट, मुसीबत, तकलीफ़, दुख, ग़म, परेशानी, तीव्र ताप; जलन; ज्वर; बुख़ार, शरीर में किसी कारण से होने वाली बहुत अधिक जलन
संतान
पुराणानुसार एक प्रकार के गणपति का नाम, संतति देने वाले कृष्ण, वासुदेव कृष्ण जिनकी पूजा संतान प्राप्ति के लिये की जाती है
संतूर
(संगीत) एक आकर्षक ईरानी वाद्ययंत्र जो कड़े उपकरणों के साथ लोकप्रिय है
संतूर
(संगीत) एक आकर्षक ईरानी वाद्ययंत्र जो कड़े उपकरणों के साथ लोकप्रिय है
संतूक
خوشبودار تیل جو روغنِ چن٘بیلی اور عرقِ گُلاب وغیرہ سے بنایا جاتا ہے.
संतोखी
साबिर, इतमीनान से, सब्र करने वाला
संतरना
धोका देना, छल करना, फ़रेब देना
संतरी
किसी स्थान पर पहरा देनेवाला सिपाही। पहरेदार, द्वारपाल, प्रहरी, सिपाही, चौकीदार, पासबान, दौवारिक
संत-भाषा
संतों की बोली या ज़बान, पंडितों के क़ौल
संतालीस
(गणित) सैंतालीस, सात और चालीस का जोड़
संत आदमी है
सीधा साधा है, बड़ा नेक है, शरीफ़ है
संतान-दान
(ہندو) اولاد کی بخشش کرنے والا.
संतान-वाद
(हिंदू धर्म) कुटुंब या संतान से संबंधित तौर-तरीक़े
संता पहनाना
हारने वाले व्यक्ति को खेल का मौक़ा देना
संतोख कड़वा पर फल मीठा होता है
सब्र गो तल्ख़ होता है उसका फल मीठा होता है
हल्के संत होना
۲۔ शर्मिंदा होना , ज़लील होना
दया बिन संत क़साई
यदि हृदय में करूणा नहीं तो संत भी क़साई के समान है
जब आया देही का अंत, जैसे गधा वैसे संत
जब मृत्यु आए तो सब बराबर हैं
सदा दिवाली संत के जो घर गेहूँ होय
नेक आदमी हमेशा लोगों को खिलाता पिलाता है यदि हर समय ख़र्च के लिए उसके पास कुछ हो