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दाढ़ी
मनुष्यों में पुरुष जाति के लोगों की ठोढ़ी पर उगनेवाले बाल
दाढ़ी-दार
वह व्यक्ति जिसके दाढ़ी हो, दाढ़ी वाला
दाढ़ी जार
वह व्यक्ति जिसकी दाढ़ी जलाई गई हो, एक प्रकार की अशिष्ट गाली
दाढ़ी रखना
दाढ़ी कतरवाने या मुँडवाना छोड़ देना, दाढ़ी छोड़ देना
दाढ़ी बनाना
चेहरे से बालों का साफ़ करना
दाढ़ी रंगना
अपनी बेहतरी चाहना , अपने को ख़ूबसूरत बनाना
दाढ़ी नोचना
दाढ़ी के बाल उखाड़ना, अपमानित करना
दाढ़ी छोड़ना
दाढ़ी लंबी करना, दाढ़ी बढ़ाना
दाढ़ी मूँडना
दाढ़ी साफ़ करना , हजामत बनाना
दाढ़ी खसोटना
दाढ़ी के बाल उखाड़ना, अपमानित करना
दाढ़ी पेट में होना
पेट में दाढ़ी होना , कम सुनी में अक़लमंद होना
दाढ़ी पटख़ारना
दाढ़ी साफ़ करना, दाढ़ी के बालों को हाथ से झटकना
दाढ़ी मुँडवाना
ठोड़ी एवं चेहरे के बाल साफ़ कराना
दाढ़ी फटकारना
दाढ़ी साफ़ करना, दाढ़ी के बालों को हाथ से झटकना
दाढ़ी धूप में सफ़ेद करना
बाल धूप में सफ़ैद करना, बूढ़े होने के बावजूद अनुभवहीन रहना
दाढ़ी की आड़ में शिकार खेलना
पर्दे के पीछे कोई बुरा काम करना; छुपकर कोई बुराई करना
दाढ़ी का बाल एक एक हो गया
घनी-दाढ़ी
وہ داڑھی جس کے بال برابر ایک دوسرے سے ملے ہوئے نکلے ہوں (چھدری کی ضد) .
नीची-दाढ़ी
ڈاڑھی جو نیچے تک آتی ہو ، لمبی داڑھی ۔
कोसा-दाढ़ी
بہت چھدری ڈاڑھی، وہ ڈاڑھی جو صرف ٹھوڑی پر ہو.
रसूली-दाढ़ी
रसूल शाही फ़क़ीरों के तरह की दाढ़ी जिसमें सिर्फ़ ठोढ़ी के नीचे बाल होते हैं
शर'ई-दाढ़ी
ایسی داڑھی جو شریعت کے مطابق ہو یعنی اس کی لمبائی کم از کم ایک مٹھی ہو، مٹھی بھر لمبی ڈاڑھی.
मौलवियाना-दाढ़ी
مولویوں جیسی وضع قطع کی داڑھی ، مولویوں کے انداز کی داڑھی ؛ مراد : لمبی داڑھی ۔
लहसनिया-दाढ़ी
جگہ جگہ سے مڑی ہوئی داڑھی.
कतरवाँ-दाढ़ी
काटी हुई दाढ़ी, कतरी हुई दाढ़ी, छोटी दाढ़ी
मुक़त्ता' दाढ़ी
धर्म सिद्धांत के अनुसार तराशी हुई लंबी दाढ़ी, भरोसेमंद हज़रात की सी दाढ़ी
बर्गद की दाढ़ी
लंबे लंबे रेशों के गुफे जो बरगद के पेड़ में लटके रहते हैं और बढ़ते बढ़ते ज़मीन तक पहुँच कर जड़ पकड़ लेते और नया तना वन जाते हैं (यह इतने मज़बूत होते हैं कि आदमी इन में लटक कर झूलता रहे तब भी नहीं टूटते)
ख़स-ख़सी-दाढ़ी
چھدری چھدری، الگ الگ، تِنکوں کی شکل کی داڑھی.
हारे बाबा दाढ़ी हाथ
हार और बेबसी को स्वीकार करते हुए कहते हैं कि हम हार गए और तुम जीत गए (आमतौर पर उस समय दाढ़ी को छूते हैं)
अपनी दाढ़ी सब बुझाते हैं
अपनी मूर्खता को सब छुपाते हैं
असल कहे सो दाढ़ी जार
सच्ची बात कहे वह अपना अपमान स्वयं कराए
रूठे बाबा दाढ़ी हाथ
क्रोध में आदमी अपना ही नुक़सान करता है
असल कहे सो दाढ़ी जाड़
सच्ची बात कहे वह अपना अपमान स्वयं कराए
खरी कहया दाढ़ी जाड़
सत्य कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते, सत्य बोलने वाले को सामान्यतया पसंद नहीं किया जाता, सत्य बात कहे वह अपमान कराए, जो सच कहे वही बुरा
थूक दाढ़ी फिट्टे मुँह
लानत है, नफ़रीन है, तुम्हारे मन पर लानत करता हूँ
धूप में दाढ़ी सफ़ेद करना
बुढ़ापे तक सादा लौह होना. ना तजुर्बा कार रहना
धूप में दाढ़ी सपेद करना
बुढ़ापे तक सादा लौह होना. ना तजुर्बा कार रहना
गोदी में बैठ के दाढ़ी नोचे
बहुत असभ्य या कृतघ्न है, जिस से फ़ायदा उठाता है उसी का अपमान करता है या उसी को नुक़सान पहुँचाता है
क़ाज़ी की दाढ़ी तबरुक में गई
जब कोई अच्छी शैय देखते देखते या मुफ़्त में ख़राब हो जाती है तो ये मक़ूला कहते हैं
तेरी गोद में बैठूँ और तेरी दाढ़ी नोचूँ
अपने सहायक एवं आश्रयदाता को ही क्षति पहुँचाना
तुम्हारी गोद में बैठूँ और दाढ़ी नोचूँ
जिस से फ़ायदा उठाएं उसी की जड़ें खोदीं (ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स किसी से फ़ायदे उठिए या मुहब्बत जताए और इसी के नुक़्सान के दरपे रहे)
मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई
झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं
अहमद की दाढ़ी बड़ी या महमूद की
इस मौके़ पर मुस्तामल जहां ये मक़सद हो कि बेफ़ाइदा बेहस-ओ-तकरार से किया हासिल, काम से काम है हुज्जत क्या ग़रज़
रंग-रेज़ होते तो अपनी दाढ़ी रंगते
यदि किसी बात के योग्य होते तो तरक़्क़ी करते
मियाँ की दाढ़ी वाह वाह में गई
झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं
घटा की 'अक़्ल और दाढ़ी बढ़ा की
जूं जूं दाढ़ी बढ़ती गई अक़ल कम होती गई यानी उम्र बढ़ने के साथ अक़ल और समझ में इज़ाफ़ा नहीं हुआ
मुल्ला की दाढ़ी तबर्रुक में गई
किसी चीज़ के नष्ट होने या व्यर्थ और अनुपयोगी ख़र्च के समय पर कहते हैं
जैसे मियाँ काठ , वैसी सन की दाढ़ी
(तंज़न) अहमक़ के मुताल्लिक़ कहते हैं
करे दाढ़ी वाला पकड़ा जाए मूछों वाला
अपराध कोई करे और दंड किसी और को मिले तो कहते हैं
जुलाहे का ग़ुस्सा दाढ़ी पे उतरना
ग़रीब और बेबस का ग़ुस्सा अपने ऊपर या अपने से कमज़ोरों पर उतरता है
सर के बदले सर गया, दाढ़ी गई अलेट
एक नुक़्सान उठा चुके अब एक और हुआ
जितनी मियाँ की लम्बी दाढ़ी, उतना गाँव गुलज़ार
भूमिपतियों का मानना है कि जितनी मालिक की दाढ़ी लंबी होगी उतना ही उत्पादन अधिक होता है, जितनी आर्थिक अवस्था होती है उतना ही ख़र्च होता है