खोजे गए परिणाम
"پھول" शब्द से संबंधित परिणाम
फूला
पक्षियों को होनेवाला एक प्रकार का रोग
फूलना
कली का संपुट इस प्रकार खुलना कि उसकी पंखड़ियाँ चारों ओर से पूरे फूल का रूप धारण कर लें।
फूलों
फूल का बहु. बहुत सारे पुष्प, बहुत सारे फूल
फूल-कटारा
कटार की एक प्रकार जिसके दस्ता पर फूल की शक्ल बनी होती है
फूल हँसना
रुक : फूल का हंसना, फूल खुलना
फूल-फ़ातिहा
मुसलमानों में किसी के मरने के दिन से तीसरा दिन (इस दिन मृतक के संबंधी गरीबों को रोटियाँ बाँटते और कुछ पाठ करते हैं), (मृतक का) तीजा
फूल पान होना
۱. बहुत नाज़ुक बदन होना, धान पान होना
फूल-सा-चेहरा
ख़ूबसूरत चेहरा, गुलाबी चेहरा, नाज़ुक चेहरा
फूल का हँसना
۔(फ़ारसी ख़ंदा-ए-गुल का तर्जुमा) फूलने से मुराद होती है।
फूल-भाँग
हिमालय में होने वाली एक प्रकार की भाँग
फूल-ढोंग
एक प्रकार की मछली जो भारत और पाकिस्तान में हर जगह उपलब्ध है
फूल महेसर चढ़ना
पसंद ख़ातिर होना, मक़बूल होना
फूल सूँग के रहना
(तंज़न, ओ) बहुत कम खाना, सिर्फ़ फूल की ख़ुशबू पर रहना, ज़रा सा खा कर ज़िंदगी बसर करना
फूल-मंडनी
(हिंदू) फूलों का त्योहार, खेल, खेल जिसमें सब कुछ फूलों से बनाया जाता है
फूल फुला कर कुप्पा हो जाना
बहुत फूल जाना, बहुत मोटा होजाना, (मजाज़न) बहुत मग़रूर हो जाना
फूल पान से नाज़ुक होना
बहुत नाज़ुक होना, नाज़ुक शरीर होना
फूल न पान , कहने को हाँ
निरी बातों से काम नहीं चलता ख़र्च भी करना चाहिए
फूल-सा
चमकीले रंग का, फूल जैसे चेहरे की तरह, सुंदर, बहुत नाजुक
फूल-फूल करके चंगेर भर्ती है
थोड़ा थोड़ा बहुत हो जाता है
फूल टहनी ही में ठीक रहता है
हर चीज़ अपनी असली जगह में ही ठीक मालूम होती है
फूल न सही , राँझी सही
बहुत नुक़्सान गवारा ना किया ख़ैर थोड़ा सा गवारा कर लिया
फूल बाग़ ही में ख़ूब खिलता है
रुक : फूल अपने ही बाग़ अलख
फूल अपने ही बाग़ में ख़ुब खिलता है
प्रसन्नता और प्रसन्न हृदय अपने ही समलैंगिकों से ख़ूब है
फूलों के हार
फूलों को गूंध कर बनाई हुई लड़ी का हार
फूल की छड़ी न लगाना
कभी ना मारना, कभी कुछ सज़ा ना देना, (मजाज़न) नाज़-ओ-नअम से पालना
फूल की छड़ी न मारना
कभी ना मारना, कभी कुछ सज़ा ना देना, (मजाज़न) नाज़-ओ-नअम से पालना
फूल की छड़ी न खाना
ज़रा भी सज़ा या तकलीफ़ न उठाना, लाड-ओ-प्यार में पालन पोषण होना, नाज़ में परवरिश पाना
फूल वही जो महेसर चढ़े
किसी चीज़ की मेराज ये कि वो पसंद ख़ातिर ख़ास-ओ-आम हो , चीज़ वही अच्छी जो काम आए, चीज़ वही अच्छी जिसे अच्छे लोग पसंद करें
फूल न पान देबी हाँ हाँ
निरी बातों से काम नहीं चलता, कुछ ख़र्च भी करना चाहिए