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ना'त
प्रशंसा, स्तुति, हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति
ना'त-गो
सिर्फ़ नाअतिया शायरी करने वाला, ऐसा कवी जो हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति लिखता हो
ना'त-पाक
प्रशंसा, स्तुति, हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति
ना'त-गोई
हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति का लेखन
ना'त होना
मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति करना या लिखना
ना'त कहना
मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति करना या लिखना
ना'त करना
मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति करना
ना'त-रसूल
प्रशंसा, स्तुति, हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति
ना'त-नवीस
सिर्फ़ नाअतिया शायरी करने वाला, ऐसा कवी जो हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति लिखता हो
ना'त-निगार
सिर्फ़ नाअतिया शायरी करने वाला, ऐसा कवी जो हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति लिखता हो
ना'त-ख़्वाँ
जो पैगंबर मुहम्मद की प्रशंसा में गाकर कविता पढ़ता है, मीलाद के जलसों में ना'त के शेर पढ़नेवाला
ना'त-अश'आर
وہ اشعار جن میں حضور صلی اﷲ علیہ وآلہٰ وسلم کی مدح و تعریف بیان کی جائے ، آپ صلی اﷲ علیہ وآلہٰ وسلم کے اوصاف و شمائل کا ذکر ہو یا آپ صلی اﷲ علیہ وآلہٰ وسلم سے منسوب چیز سے عقیدت و محبت کا اظہار ہو
ना'त-ए-अहमद
प्रशंसा, स्तुति, हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति
ना'त पढ़ना
मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति करना
ना'त-निगारी
हज़रत मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति का लेखन
ना'त-ख़्वानी
मुहम्मद साहब की छंदोबद्ध स्तुति करना
ना'तें
praise of Prophet Mohammad
ना'त-ए-शह-ए-कौनैन
رک : نعت رسول صلی اللہ علیہ و آلہٰ وسلم
ना'त-ए-सरवर-ए-अंबिया
رک : نعت رسول صلی اللہ علیہ و آلہٰ وسلم ۔
ना'त-ए-शह-ए-अंबिया
رک : نعت رسول صلی اللہ علیہ وآلہٰ وسلم ۔
ना'तिया
नाअत से मंसूब या मुताल्लिक़, नाअत का, जिस में तारीफ़-प्रशंसा हो विशेष रूप से पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की
ना'तिया-ग़ज़ल
ऐसी ग़ज़ल जिस में पैग़ंबर मोहम्मद की प्रसंशा की गई हो
ना'तिया-शे'र
वह कविता जिसमें पैग़ंबर मोहम्मद की प्रसंशा की गई हो
ना'तिया-नज़्म
منظوم کلام جو آنحضرت صلی اﷲ علیہ وآلہٰ وسلم کی مدح و ثنا میں ہو ، نعت منظوم ۔
ना'तें पढ़ना
लिहिन से नाअतें पढ़ना, नाअत ख़वानी करना
ना'तिया-कलाम
موزوں کلام جس میں حضور اکرم صلی اﷲ علیہ وآلہٰ وسلم کی تعریف و توصیف بیان کی گئی ہو ۔ نعتیہ شاعری -
ना'तिया-क़सीदा
हुज़ूर की शान में तारीफ़ी शेर नज़्म की सूरत क़सीदा या क़सीदा नात
ना'तिया-शा'इरी
पैगंबर मोहम्मद की प्रशंसा में कविता
ना'तिया-मुशा'अरा
वह मुशायरा जिसमें हर शायर केवल वह शेर पढ़े जिसमें पैग़ंबर मोहम्मद साहब की प्रशंसा की गई हो