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ज़ीस्त के दिन भरना

ज़िंदगी के दिन पूओरे करना, तकलीफ़ और रंज में ज़िंदगी बसर करना

ज़िंदगी के दिन भरना

ख़ुशी या ना ख़ुशी के साथ ज़िंदगी के दिन गुज़ारना, ज़िंदगी के दिन पूरे करना

'उम्र के दिन भरना

ज़िंदगी गुज़ारना, बुरी भली तरह ज़िंदगी बताना

मुसीबत के दिन भरना

दुख और तकलीफ़ या कठिनाई के दिन बिताना, कष्ट में समय बिताना, कष्ट सहना, तकलीफ़ उठाना

मुसीबत से दिन भरना

मसीबत के दिन काटना, कठिन के दिन गुज़ारना

उमंगों के दिन

जवानी के दिन, आशाओं और इच्छाओं के दिन

रंग के दिन

सब दिन चंगा 'ईद के दिन नंगा

जब कोई वक़्त के मुनासिब और इस के मुताबक़ काम नहीं करता तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

सब दिन चंगा तेहवार के दिन नंगा

जब कोई वक़्त के मुनासिब और इस के मुताबक़ काम नहीं करता तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा, आज नहीं, तो फिर देखा जाएगा, हम बदला लेकर रहेंगे

जोखों भरना जीना सब के साथ

दुनिया के झगड़े बखेड़े किसी को नहीं छोड़ते

एक दिन के तीन सौ साठ दिन

बदला लेने के लिए बहुत समय है

बरस के बरस दिन

सालाना त्योहार या जश्न के अवसर पर

मुरादों के दिन

इच्छा के दिन, ख़्वाहिशों के दिन, जवानी के दिन, अय्याम-ए-जवानी, शबाब का ज़माना, बहार के दिन

मेंह बूँदी के दिन

बारिश का ज़माना, बरसात के दिन

ये दिन सब के लिये है

मरना सब को है, ये दिन लाज़िमी है , रुक : ये दिन सब को धरा है

सौ दिन चोर के एक दिन साध का

झूटे का झूट, मकअर् की मक्कारी और चोर की चोरी एक ना एक दिन पकरी जाती है

सब दिन ख़ुदा के हैं

जब सौभाग्य और दुर्भाग्य को किसी विशेष दिन से निर्धारित करते हैं तब कहते हैं

सख़्त-मुसीबत के दिन होना

ज़िंदगी के दिन काटना

ज़िन्दगी बसर करना, जीना, अपनी ज़िन्दगी के दिन गुज़ारना

सौ दिन सुनार के, तो एक दिन लोहार का

रुक : सौ सुनार की एक लुहार की

अंधे के हिसाब दिन-रात बराबर

मूर्ख भले-बुरे में अंतर नहीं कर सकता, मंद-बुद्धि को अच्छे-बुरे के अंतर का ज्ञान नहीं होता

सौ दिन चोर के एक दिन शाह का

झूटे का झूट, मकअर् की मक्कारी और चोर की चोरी एक ना एक दिन पकरी जाती है

ज़िंदगी के दिन गिनती के होना

ज़िंदगी के चंद दिन बाक़ी रहना

'उम्र के दिन काटना

ये दिन सब के वास्ते है

۔मरना सब को ज़रूर है

ज़िंदगी के दिन गिनना

मौत का मुंतज़र होना मरने का इंतिज़ार करना, मौत के क़रीब होना

केंचुली भरना

ज़िंदगी के दिन गुज़ारना

ज़िंदगी के दिन काटना, ज़िन्दगी बसर करना, जीना, अपने जीवन के दिन गुज़ारना

ज़िंदगी के दिन तैर करना

गुज़ारना, बसर करना, रहना, ज़िंदगी के दिन काटना

ज़िंदगी के दिन पूरे करना

रंज और तकलीफ़ में जीवन बिताना, अवांछित ज़िंदगी गुज़ारना, बिना दिलचस्पी के दिन गुज़ारना, इच्छा अनुसार जीवन न गुज़ार पाना

धन के पंद्रह मगर पचीस, चिल्ले के दिन हैं चालीस

धन इस बुरज का नाम है जिस को क़ौस कहते हैं और मगर कोई हिदी बोलते हैं, जब आफ़ताब इन बुर्जों में आता है तो हिंद में मौसिम-ए-सर्मा होता है पस कोई काम वक़्त मसना पर ना होसके तो ये फ़िक़रा बोलते हैं

जवानी की रातें मुर्दों के दिन

अह्द जवानी (जिसे ऐश-ओ-इशरत का ज़माना समझा जाता है

ज़िंदगी के दिन भारी होना

ज़िंदगी का कष्टदायक होना, दुख दर्द से भरी ज़िंदगी होना

जब च्यूँटी के मरने के दिन क़रीब आते हैं तो उस के पर निकलते हैं

आदमी ख़ुद अपनी मुसीबत को दावत देता है, ऐसा काम करने के मौक़ा पर बोलते हैं जिस का अंजाम ख़राबी हो

क़त्ब के दिन

दिल्ली में क़ुतुब साहिब के मेले के दिन

'उम्र के दिन पूरे होना

'उम्र के दिन पूरे करना

सौ दिन चोर के ऐक दिन साह का

झूटे का झूट, मकअर् की मक्कारी और चोर की चोरी एक ना एक दिन पकरी जाती है

सौ दिन चोर के तो एक दिन कोतवाल का

चोर एक न एक दिन अवश्य पकड़ा जाता है

कमबख़्ती के दिन

नुहूसत के दिन

दर-आमद बर-आमद के दिन

हल्वा खाने के दिन हैं

दाँत टूट चुके ही, बुढ़ापा आगया है बहुत बूढ़े आदमी की निसबत कहते हैं

पक्के पान के दिन टिकेंगे

बूढ़े आदमी की ज़िंदगी चंद दिन की होती है

चार दिन में तकले के से बल निकल जाना

बहुत जल्द अक़ल ठिकाने आजाना, थोड़े अर्सा में दिमाग़ दरुस्त हो जाना

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरे हैं

तंगदस्ती या परेशांहाली हमेशा नहीं रहती

शबाब के दिन

शामत के दिन

किस दिन के लिए उठा रखा है

कब के लिए मुल्तवी किया है, कुर्ते क्यों नहीं

मा'मूल के दिन

मुसीबत के दिन काट्ना

मुसीबत के दिन गुज़ारना, तकलीफ़ का ज़माना बसर करना, अय्याम ग़म-ओ-अंदोह को बसर करना (जामा अललग़ात)

माता सीत्ला के दिन

वह दिन या (समय) जब चेचक का प्रकोप हो

मुसीबत के दिन टालना

۔मुसीबत का ज़माना झेलना।जिस बेहयाई से पेट पालता हूँ मुसीबत के दिन टालता हूँ ऐसा जीना मरने से बदतर है

कभी घूरे के दिन भी फिरते हैं

ज़माना बदलता रहता है, कभी ग़रीबों और कमज़ोरों का ज़माना भी बदल जाता है, उन के भी अच्छे दिन आ जाते हैं, ग़रीब और कमज़ोर हमेशा ग़रीब कमज़ोर नहीं रहते, बारह बरस में घूरे के भी दिन फिर जाते हैं

समा करे न क्या करे समैं समैं की बात, किसी समय के दिन बड़े किसी समय की रात

हर मौसम अपना उचित काम करता है, मनुष्य कुछ नहीं कर सकता, कभी दिन बड़ा होता है कभी रात अर्थात हालात के आगे मनुष्य लाचार है

कशिश के दिन निकलना

मुसीबत के दिन जाना, आराम का ज़माना आना

चार दिन के वास्ते

थोड़े दिनों के लिए

जो साधू के माने बात रहे आनंद वो दिन रात

जो नेक आदमीयों की नसीहत माने वो हमेशा आराम से रहेगा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज़ीस्त के दिन भरना के अर्थदेखिए

ज़ीस्त के दिन भरना

ziist ke din bharnaaزِیسْت کے دِن بَھرْنا

मुहावरा

ज़ीस्त के दिन भरना के हिंदी अर्थ

  • ज़िंदगी के दिन पूओरे करना, तकलीफ़ और रंज में ज़िंदगी बसर करना
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English meaning of ziist ke din bharnaa

  • to approach the hour of death

زِیسْت کے دِن بَھرْنا کے اردو معانی

  • زندگی کے دِن پُورے کرنا، تکلیف اور رن٘ج میں زندگی بسر کرنا

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