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साई

कार्य आदि के सम्पादन के लिए बातचीत पक्की होने पर दिया जानेवाला पेशगी धन। बयाना।

सौ

निनानवे के बाद की संख्या, दस का दस गुणा, शत

से

के द्वारा

सा

(تصوف) ’ ثا ‘ ثواب دارین یا وہ ازلی لطف و احسان جو حق سبحانہ تعالی کی طرف سے ہو

सो

फिर, तब, तो

से

alphabet 'se' in Urdu, denoting 'S', the eleventh letter of the Urdu alphabet

से

تب سے عاشق ہیں ہم اے طفل پری وش تیرے جب سے مکتب میں تو کہتا تھا الف بے تے ثے

सा

एक संबंध-सूचक अव्यय जिसका प्रयोग कहीं क्रिया विशेषण की तरह और कहीं विशेषण की तरह नीचे लिखे आशय या भाव सूचित करने के लिए होता है-१. तुल्य, बराबर, सदृश या समान। जैसे-कमल सी आँखें, फूल सा शरीर।

so

सु

कुछ शब्दों के पहले जुड़कर उत्तम, अच्छा (सुकार्य), सुंदर (सुनयना), सहज (सुकर), शुभ (सुदिन), उचित (सुकर्म), भली प्रकार (सुसंबद्ध), अधिक (सुशिक्षित) आदि अर्थ देने वाला एक प्रत्यय।

सू

बद अर्थात बुरे होने की अवस्था या भाव, ख़राबी, बुराई, दुष्टता, बिगाड़, स्वभाव का बदलना या ख़राबी

सू

दिशा، ओर, तरफ़, जिहत

सा'

नीची ज़मीन, २ सेर १४ छटाँक और ४ तोले का वज्न।

साईं

Allah, The Supreme Being, God, Lord, Guru, religious mendicant

सेई

ब्योपारी: अनाज नापने का काठ का एक गहरा बरतन, २३४ तोले या क़रीब तीन सैर वज़न नापने का पैमाना जो डिब्बे की शक्ल का लकड़ी या किसी धात का बना लिया जाता था, तोला

स'ई

दौड़ धूप, प्रयत्न, पराक्रम, कोशिश

सा'अ

दे. ‘साअत', घड़ी।।

साई देना

pay earnest money

सईं

رک : سائیس .

सही

सही, उचित, ठीक

सहा

एक बहुत छोटा तारा जो सा तषिः मंडल के तीन तारों में से बीच का है।

सही

सीधा, स्वीकार्य, बर्दाश्त करना

सहाई

मदद करने वाला, पुशत पनाह, साथ देने वाला, सहयोग, सहायता, हाथ बटाना, उपकार, भरोसा, आश्रय, आसरा,

साई बजाना

(बाज़ारी) तवाइफ़ का साई लेने के बाद मुक़र्ररा वक़्त पर गाने बजाने के लिए पहुंच

साईदा

पिसा हुआ, चूर्णित।

सा'ई

प्रयत्नशील, दौड़-धूप करने वाला, कोशिश करने वाला

साऊ

رک : ساہ ، ساہو.

साईसी

साईस का काम, भाव या पद, घोड़े की ख़िदमत का पेशा

साए

दे. 'सा'।

साईदगी

abrasion

साईफ़न

رک : سائِفن.

साईदनी

पीसने के लायक़ ।।

साई-बधाई

जोड़ तोड़, झूठे तसल्ली दिलासे

शय

वस्तु, पदार्थ, द्रव्य, चीज़

शा

शहंशाह या बादशाह का संक्षिप्त

शव

लाश, मृत शरीर, प्राणरहित देह, मुर्दा

साईं जिए

(दुआइया कलिमा) सुहाग सलामत रहे

साईं-काट

ख़राब, बेकार

'आसा

रुक: हाथ में पकड़ने की लकड़ी, छड़ी, लाठी

'आसी

बहुत ही बूढ़ा, वृद्धतम

साईं-साईं

गोलीयों या तीर के चलने की आवाज़

साईं-साहिब

औरत पति को कहती है

'आसी

पापी, अपराधी, दोषी, पातकी, पापाचारी, मुजरिम गुनाहगार

साईं के सो खेल

ईश्वर सर्वज्ञ है वह जो चाहे सो करे

साईं बरकत है

भिखारी को दान न देने के मौक़े पर कहते हैं

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं से सच्चा और बंदे से सत भाव

इंसान को हर हाल में पाकबाज़ रहना चाहीए

साईं फिर माँगो

रुक : सावें बरकत है

साईं के खेल हैं

कुदरत के करिश्मे हैं

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

साईसी-'इल्म दरिया है

किसी भी विद्या में महारत प्राप्त करना आसान नहीं है, हर एक विद्या एवं ज्ञान असाधारण गहराई एवं विस्तार रखता है जबकि साईसी विद्या को प्रायः बहुत साधारण और निम्न समझा जाता है, उसपर भी पूर्ण महारत रखना बहुत कठिन है

साईं तेरी याद में जस तन कीता ख़ाक, सोना उस के रू-बरू है चूल्हे की ख़ाक

जो ईश्वर में लीन हो गया हो उस की नज़र में संसार का धन और दौलत धूल के समान है

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

साईं राज बुलंद राज, पूत राज दूत राज

स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है

साईं को साँच प्यारा, झूटे का मालिक न्यारा

ख़ुदा सचै आदमी को पसंद करता है झूओटे का मालिक कोई और है

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

साईं रूठे हम छूटे

ईश्वर नाराज़ तो जग नाराज़

साईं तेरे कारने जन तज दिया जहान, ठेठ किया बैकुंठ में उस ने जहाँ मकान

जिस ने ईश्वर के लिए सब कुछ छोड़ दिया उस की छूट हो गई और स्वर्ग उस का ठिकाना है

साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर

ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज़र-ए-बंदगी के अर्थदेखिए

ज़र-ए-बंदगी

zar-e-bandagiiزَر بَنْدگی

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 12212

ज़र-ए-बंदगी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • सोने की पूजा, दौलत की पूजा, दौलत की ग़ुलामी

शे'र

English meaning of zar-e-bandagii

Noun, Feminine

  • the worship of wealth, the slave of wealth

زَر بَنْدگی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • زر پرستی، دولت کی پوجا، دولت کی غلامی

Urdu meaning of zar-e-bandagii

  • Roman
  • Urdu

  • zar parastii, daulat kii puujaa, daulat kii gulaamii

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कार्य आदि के सम्पादन के लिए बातचीत पक्की होने पर दिया जानेवाला पेशगी धन। बयाना।

सौ

निनानवे के बाद की संख्या, दस का दस गुणा, शत

से

के द्वारा

सा

(تصوف) ’ ثا ‘ ثواب دارین یا وہ ازلی لطف و احسان جو حق سبحانہ تعالی کی طرف سے ہو

सो

फिर, तब, तो

से

alphabet 'se' in Urdu, denoting 'S', the eleventh letter of the Urdu alphabet

से

تب سے عاشق ہیں ہم اے طفل پری وش تیرے جب سے مکتب میں تو کہتا تھا الف بے تے ثے

सा

एक संबंध-सूचक अव्यय जिसका प्रयोग कहीं क्रिया विशेषण की तरह और कहीं विशेषण की तरह नीचे लिखे आशय या भाव सूचित करने के लिए होता है-१. तुल्य, बराबर, सदृश या समान। जैसे-कमल सी आँखें, फूल सा शरीर।

so

सु

कुछ शब्दों के पहले जुड़कर उत्तम, अच्छा (सुकार्य), सुंदर (सुनयना), सहज (सुकर), शुभ (सुदिन), उचित (सुकर्म), भली प्रकार (सुसंबद्ध), अधिक (सुशिक्षित) आदि अर्थ देने वाला एक प्रत्यय।

सू

बद अर्थात बुरे होने की अवस्था या भाव, ख़राबी, बुराई, दुष्टता, बिगाड़, स्वभाव का बदलना या ख़राबी

सू

दिशा، ओर, तरफ़, जिहत

सा'

नीची ज़मीन, २ सेर १४ छटाँक और ४ तोले का वज्न।

साईं

Allah, The Supreme Being, God, Lord, Guru, religious mendicant

सेई

ब्योपारी: अनाज नापने का काठ का एक गहरा बरतन, २३४ तोले या क़रीब तीन सैर वज़न नापने का पैमाना जो डिब्बे की शक्ल का लकड़ी या किसी धात का बना लिया जाता था, तोला

स'ई

दौड़ धूप, प्रयत्न, पराक्रम, कोशिश

सा'अ

दे. ‘साअत', घड़ी।।

साई देना

pay earnest money

सईं

رک : سائیس .

सही

सही, उचित, ठीक

सहा

एक बहुत छोटा तारा जो सा तषिः मंडल के तीन तारों में से बीच का है।

सही

सीधा, स्वीकार्य, बर्दाश्त करना

सहाई

मदद करने वाला, पुशत पनाह, साथ देने वाला, सहयोग, सहायता, हाथ बटाना, उपकार, भरोसा, आश्रय, आसरा,

साई बजाना

(बाज़ारी) तवाइफ़ का साई लेने के बाद मुक़र्ररा वक़्त पर गाने बजाने के लिए पहुंच

साईदा

पिसा हुआ, चूर्णित।

सा'ई

प्रयत्नशील, दौड़-धूप करने वाला, कोशिश करने वाला

साऊ

رک : ساہ ، ساہو.

साईसी

साईस का काम, भाव या पद, घोड़े की ख़िदमत का पेशा

साए

दे. 'सा'।

साईदगी

abrasion

साईफ़न

رک : سائِفن.

साईदनी

पीसने के लायक़ ।।

साई-बधाई

जोड़ तोड़, झूठे तसल्ली दिलासे

शय

वस्तु, पदार्थ, द्रव्य, चीज़

शा

शहंशाह या बादशाह का संक्षिप्त

शव

लाश, मृत शरीर, प्राणरहित देह, मुर्दा

साईं जिए

(दुआइया कलिमा) सुहाग सलामत रहे

साईं-काट

ख़राब, बेकार

'आसा

रुक: हाथ में पकड़ने की लकड़ी, छड़ी, लाठी

'आसी

बहुत ही बूढ़ा, वृद्धतम

साईं-साईं

गोलीयों या तीर के चलने की आवाज़

साईं-साहिब

औरत पति को कहती है

'आसी

पापी, अपराधी, दोषी, पातकी, पापाचारी, मुजरिम गुनाहगार

साईं के सो खेल

ईश्वर सर्वज्ञ है वह जो चाहे सो करे

साईं बरकत है

भिखारी को दान न देने के मौक़े पर कहते हैं

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं से सच्चा और बंदे से सत भाव

इंसान को हर हाल में पाकबाज़ रहना चाहीए

साईं फिर माँगो

रुक : सावें बरकत है

साईं के खेल हैं

कुदरत के करिश्मे हैं

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

साईसी-'इल्म दरिया है

किसी भी विद्या में महारत प्राप्त करना आसान नहीं है, हर एक विद्या एवं ज्ञान असाधारण गहराई एवं विस्तार रखता है जबकि साईसी विद्या को प्रायः बहुत साधारण और निम्न समझा जाता है, उसपर भी पूर्ण महारत रखना बहुत कठिन है

साईं तेरी याद में जस तन कीता ख़ाक, सोना उस के रू-बरू है चूल्हे की ख़ाक

जो ईश्वर में लीन हो गया हो उस की नज़र में संसार का धन और दौलत धूल के समान है

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

साईं राज बुलंद राज, पूत राज दूत राज

स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है

साईं को साँच प्यारा, झूटे का मालिक न्यारा

ख़ुदा सचै आदमी को पसंद करता है झूओटे का मालिक कोई और है

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

साईं रूठे हम छूटे

ईश्वर नाराज़ तो जग नाराज़

साईं तेरे कारने जन तज दिया जहान, ठेठ किया बैकुंठ में उस ने जहाँ मकान

जिस ने ईश्वर के लिए सब कुछ छोड़ दिया उस की छूट हो गई और स्वर्ग उस का ठिकाना है

साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर

ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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