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ब-दिन

in the day

बे-दीन

नास्तिक, नेचरी, विधम, धर्मरहित

बे-दानिश

बेइल्म, विद्याहीन, बुद्धिहीन, मूर्ख

बे-दानिशी

विद्या का अभाव, बुद्धि हीनता

बे-दाना

जिसके अंदर बीज न हो, एक प्रकार का बेदाना अमरूद, एक प्रकार का अनार

बे-दीनी

नास्तिकता, नेचरीयत, धर्महीनता, ला मज़हबी

दिन-ब-दिन

हर रोज़, हर दिन, प्रतिदिन, धीरे-धीरे, शनैः-शनैः, रफ़्ता-रफ़्ता, आहिस्ता-आहिस्ता

बा'द-ए-नमाज़

पूजा के बाद, नमाज़ के बगद

बा'द-ए-नफ़रत

घृणा के बाद, नफ़रत के बाद

बू देना

निशान या संकेत से प्रकट करना, सुगंध से बना निशान बताना; सुगंध या ख़ुशबू फैलाना

घड़ी की बे हयाई सारे दिन का अद्धार

थोड़ी सी बेमुरव्वती बहुत से नुक़्सान से बचाती है

वाए बर जान-ए-सुख़न गर ब सुख़न-दाँ न रसद

(फ़ारसी मिसरा बतौर कहावत उर्दू में मुस्तामल) कलाम अगर कलाम के पहचानने वाले तक ना पहुंचे तो इस के हाल पर अफ़सोस है

'ईसा ब-दीन-ए-ख़ुद, मूसा ब-दीन-ए-ख़ुद

हर कोई अपने धर्म को अच्छा समझता है, हर एक का अपना तरीक़ा, शैली या धर्म होता है

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आधार

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

एक घड़ी की बे-हयाई, सारे दिन का उधार

एक बार की मनाही अर्थात इन्कार बहुत सी हानि से बचाती है

दो घड़ी के बे-हयाई सारे दिन का उधार

थोड़ी देर की बे मरो्वती और बेग़ैरती से एक अर्सा तक के लिए आराम हो जाता है

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आराम

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

देख पराई चोपड़ी गिर पड़ बे-ईमान, एक घड़ी की बे-हयाई दिन भर का आराम

लालची व्यक्ति के प्रति कहते हैं कि दूसरे का माल हथियाने का प्रयास करता है, अपमान की परवाह नहीं करता

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज़ख़्म-ए-हयात के अर्थदेखिए

ज़ख़्म-ए-हयात

zaKHm-e-hayaatزَخْمِ حَیات

वज़्न : 22121

ज़ख़्म-ए-हयात के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • एक प्रकार की बूटी जो खेतों में और पानी के किनारे पर प्रचूर मात्रा में उगती है उसके पत्ते चोट आदित पर बांधने से उसको भर देते हैं

शे'र

English meaning of zaKHm-e-hayaat

Persian, Arabic - Noun, Feminine

  • Wound, sore, scar, cut, gash of life

زَخْمِ حَیات کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - اسم، مؤنث

  • ایک قسم کی بوٹی جو کھیتوں میں اور پانی کے کنارے پر کثرت سے اُگتی ہے اس کے پتّے زخم پر بان٘دھنے سے اس کو مندمل کر دیتے ہیں، لاط، Bryophyllam

Urdu meaning of zaKHm-e-hayaat

  • Roman
  • Urdu

  • ek kism kii buuTii jo kheto.n me.n aur paanii ke kinaare par kasrat se ugtii hai is ke patte zaKham par baandhne se is ko mundmil kar dete hain, laat, Bryophyllam

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नास्तिक, नेचरी, विधम, धर्मरहित

बे-दानिश

बेइल्म, विद्याहीन, बुद्धिहीन, मूर्ख

बे-दानिशी

विद्या का अभाव, बुद्धि हीनता

बे-दाना

जिसके अंदर बीज न हो, एक प्रकार का बेदाना अमरूद, एक प्रकार का अनार

बे-दीनी

नास्तिकता, नेचरीयत, धर्महीनता, ला मज़हबी

दिन-ब-दिन

हर रोज़, हर दिन, प्रतिदिन, धीरे-धीरे, शनैः-शनैः, रफ़्ता-रफ़्ता, आहिस्ता-आहिस्ता

बा'द-ए-नमाज़

पूजा के बाद, नमाज़ के बगद

बा'द-ए-नफ़रत

घृणा के बाद, नफ़रत के बाद

बू देना

निशान या संकेत से प्रकट करना, सुगंध से बना निशान बताना; सुगंध या ख़ुशबू फैलाना

घड़ी की बे हयाई सारे दिन का अद्धार

थोड़ी सी बेमुरव्वती बहुत से नुक़्सान से बचाती है

वाए बर जान-ए-सुख़न गर ब सुख़न-दाँ न रसद

(फ़ारसी मिसरा बतौर कहावत उर्दू में मुस्तामल) कलाम अगर कलाम के पहचानने वाले तक ना पहुंचे तो इस के हाल पर अफ़सोस है

'ईसा ब-दीन-ए-ख़ुद, मूसा ब-दीन-ए-ख़ुद

हर कोई अपने धर्म को अच्छा समझता है, हर एक का अपना तरीक़ा, शैली या धर्म होता है

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आधार

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

एक घड़ी की बे-हयाई, सारे दिन का उधार

एक बार की मनाही अर्थात इन्कार बहुत सी हानि से बचाती है

दो घड़ी के बे-हयाई सारे दिन का उधार

थोड़ी देर की बे मरो्वती और बेग़ैरती से एक अर्सा तक के लिए आराम हो जाता है

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आराम

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

देख पराई चोपड़ी गिर पड़ बे-ईमान, एक घड़ी की बे-हयाई दिन भर का आराम

लालची व्यक्ति के प्रति कहते हैं कि दूसरे का माल हथियाने का प्रयास करता है, अपमान की परवाह नहीं करता

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

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