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खेती

कृषि, फ़सल, अनाज, किसानी, खेत को जोतने-बोने तथा फसल उपजाने की कला तथा काम, खेत में बोई हुई फसल, पैदावार

खेती-जोग

arable, fit for cultivation

खेती-हार

cultivator

खेती-हर

a cultivator, a husbandman.

खेती-बाड़ी

खेत में अनाज बोने का कार्य, कृषि, किसानी, काश्तकारी

खेती-कियारी

رک : کھیتی باڑی .

खेती राज रजाए, खेती भीक मँगाए

जब पैदावार बहुत हो तो किसान मज़े उड़ाता है, जब फ़सल ना हो तो भीक मांगता है

खेती ख़सम सेती

खेती में ख़ुद मालिक को काम करना चाहिए, दूसरों पर छोड़ देने से कोई फ़ायदा नहीं होता, काम मालिक की तवज्जोह और उस की दिलचस्पी ही से अच्छी तरह होता है

खेती बाड़ी हरी भरी

(दुआ) आल-ओ-औलाद की ख़ुशीयां नसीब हूँ

खेती-बाड़ी करना

किसानी करना, जुताई करना, खेती करना, बुवाई करना, जोतने का काम करना

खेती करे न बनजे जाए, बिद्दिया के बल बैठा खाए

शिक्षा सबसे अच्छा है

खेती, पाती, बीनती और घोड़े का तंग, अपने हाथ सँवारिये चाहे लाखों हों संग

यदि तुम काम अच्छा चाहते हो तो उसे स्वयं करो

खेती हरी होना

be prosperous and happy, field to flourish

खेती रखे बाड़ को, बाड़ रखे खेती को

एक दूसरे की हिफ़ाज़त करते हैं

खेती करना

کاشت کرنا، زراعت کرنا (رک) کھیتی باڑی کرنا

खेती कटना

(कृषि) फ़सल कटना, अनाज प्राप्त होना

खेती लगाना

खेती बोना, काश्तकारी करना, फ़सल बोना

खेती फलना

कामयाबी होना

खेती कर के हम मरे, बहोरे के कोठे भरे

किसान की मेहनत की कमाई साहूकार के घर जाती है

कीमियाई-खेती

Chemiculture.

खड़ी-खेती

(کاشت کاری) کھڑا کھیت ، کھڑی کاشت ، کھڑی فصل.

पकी-खेती

तैय्यार फ़सल, प्रतीकात्मक: कोई भी मामला जो पूरा होने के करीब है

अगेती-खेती

early crop

हरी-खेती

कच्ची खेती, खेती जो अभी तक पकी न हो, हरी खेती

पाला-मारी-खेती

وہ کھیتی جو خشک اور سرد ہوا کے لگنے سے مرجھاگئی ہو اور پھلنے کی امید نہ ہو.

घर की खेती

निजी खेती बाड़ी, खुद की संपत्ति या खेती, अपना माल, ज़ाती खेती बाड़ी, ज़मीन के मालिक की अपनी बोई हुई खेती

सूखी खेती हरी होना

मुराद पूरी होना, मतलब बर आना, मायूसी दूर होना

करो खेती और भरो डंड

खेती करो और लगान दो

बिगानी खेती पर झींगर नाचे

पराए माल पर फ़ख़र करने या शेखी बघारने या बेजा तसर्रुफ़ करने के मौक़ा पर मस्तमाल

जैसी खेती वैसा फल

काम या क्रिया के अनुसार परिणाम निकलता है, जैसी नीयत हो वैसा ही बदला मिलता है, अमल के मुताबिक़ नतीजा निकलता है

आगिल खेती आगे-आगे पिछली भाग जावे

وقت پر بوئی فصل اچھی ہوتی ہے، پچھیتری خراب ہو جاتی ہے

पछुवा चले खेती पके

पछुवा हवा गर्म होती है इस लिए खेती जल्द पकती है

कबित भाट की खेती जाट की

हर शख़्स अपना ख़ानदानी पेशा या काम ही अच्छी तरह कर सकता है

हुस्न की खेती सदा हरी नहीं रहती

सुंदरता और जवानी हमेशा नहीं रहती

गाँव में घर न जंगल में खेती

कुछ पास नहीं है, बहुत निर्धनता है, निर्धन है

हार में हार न घर में खेती

नुक़्सान ही नुक़्सान है

जंगल में खेती नहीं, बस्ती में नहीं घर

कहीं कुछ न होना, अत्यंत निर्धन है

उत्तम खेती मद्धम ब्योपार निखद चाकरी भीक नदार

the best occupation is agriculture, trade is the second best, service is bad and beggary the worst

उत्तम खेती मद्धम बान निखद चाकरी भीक नदान

सब से ऊंचा पेशा काशतकारी है इस के बाद व्यपार और नौकरी और भीक सब से आख़िर में

उत्तम खेती मद्धम बनज निखद चाकरी भीक नदान

the best occupation is agriculture, trade is the second best, service is bad and beggary the worst

उत्तम खेती मद्धम ब्योपार निखद चाकरी भीक नदान

the best occupation is agriculture, trade is the second best, service is bad and beggary the worst

उत्तम खेती मद्धम बनज निखद चाकरी भीक नदार

the best occupation is agriculture, trade is the second best, service is bad and beggary the worst

उत्तम खेती मद्धम बान निखद चाकरी भीक नदार

सब से ऊंचा पेशा काशतकारी है इस के बाद व्यपार और नौकरी और भीक सब से आख़िर में

भाँडों संग खेती की, गा बजा के अपनी की

ऐसे लोगों के साथ किसी काम में साझी होना जो निकम्मे हूँ बहुत हानिकारक है, वो काम भी नहीं करते और सब कुछ खा-पी जाते हैं

कर्म हीन खेती करे , बैल मरें या सूखा पड़े

अगर बदक़िस्मत आदमी खेती करता है तो बैल मर जाते हैं या ख़ुशकसाली हो जाती है, यानी बदक़िस्मत को हर काम में नुक़्सान होता है

हरी खेती ग्याभन गाय मुँह पड़े तब जानी जाए

खेती और गाभिन गाय से जब कुछ हासिल हो जाये तब फ़ायदा समझना चाहिए, उन से जब तक कुछ हासिल ना हो जाये तब तक फ़ायदा शुमार ना करना चाहिए

साझे की खेती कधा न खावे

साझे के काम में एक रोज़ झगड़ा ज़रूर होता है

टूम बिना बैर है , ऐसी बिन पानी के खेती जैसी

बगै़र गहने के औरत ऐसी जैसी खेती बला पानी

हरी खेती गाभन गाए तब ही जाने कि मुँह में आए

रुक : हरी खेती गया भिन्न गाय मुँह पड़े तब अलख

भाँडों के साथ खेती किया गा बजा सब उन्हीं ने लिया

ऐसे लोगों के साथ किसी काम में साझी होना जो निकम्मे हूँ सख़्त नुक़्सानदेह है वो काम भी नहीं करते और सब कुछ खा पी जाते हैं

सर का बाल घर की खेती है

जब चाहा बढ़ लिया जब चाहा काट दिया

सब से भले मूसल चंद , करें न खेती भरे न डंड

चोर और क़ज़्ज़ाक़ सब से अच्छे, ना कोई काम करते हैं ना महसूल देते हैं , तंज़न मुस्तामल

सब से भला गोपी चंद न करे खेती न भरे डंड

आज़ाद आदमी अच्छा न कोई काम करे न नुक़्सान उठाए

कर खेती परदेस को जाए, ताको जनम अकारत जाए

अगर कृषक परदेस को चला जाए तो आयु बर्बाद करता है

अनकर खेती अनकर गाय, वो पापी जो मारन जाय

पराया खेत, पराई गाय, वह मूर्ख है जो निकालने जाए

सब से भला किसान, खेती करे और घर रहे

दूसरे व्यवसाय वाले मारे मारे फिरते हैं, किसान अपने घर रहता है इस लिए सबसे अच्छा होता है

गीत सोहे भाट ने और खेती सोहे जाट ने

कविता भाट को शोभा देती है और खेती जाट को

त्रिया पुरुख बिन है दुखी जैसे अन्न बिन देह, जले बले है जेवड़ा जों खेती बिन मेंह

बिना पति के स्त्री इस तरह दुख एवं पीड़ा में रहती है जैसे शरीर बिना अनाज के और इस तरह जलती है जैसे खेती बिना बारिश के

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में उत्तम खेती मद्धम बान निखद चाकरी भीक नदान के अर्थदेखिए

उत्तम खेती मद्धम बान निखद चाकरी भीक नदान

uttam khetii maddham baan nikhad chaakrii bhiik nadaanاُتَّم کھیتی مَدَّھم بان نِکَھد چاکْری بِھیک نَدان

कहावत

उत्तम खेती मद्धम बान निखद चाकरी भीक नदान के हिंदी अर्थ

  • सब से ऊंचा पेशा काशतकारी है इस के बाद व्यपार और नौकरी और भीक सब से आख़िर में

اُتَّم کھیتی مَدَّھم بان نِکَھد چاکْری بِھیک نَدان کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • سب سے اونچا پیشہ کاشت کاری ہے اس کے بعد بیوپار اور نوکری اور بھیک سب سے آخر میں ۔

Urdu meaning of uttam khetii maddham baan nikhad chaakrii bhiik nadaan

  • Roman
  • Urdu

  • sab se u.unchaa peshaa kaashatkaarii hai is ke baad vypaar aur naukarii aur bhiik sab se aaKhir me.n

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खेती

कृषि, फ़सल, अनाज, किसानी, खेत को जोतने-बोने तथा फसल उपजाने की कला तथा काम, खेत में बोई हुई फसल, पैदावार

खेती-जोग

arable, fit for cultivation

खेती-हार

cultivator

खेती-हर

a cultivator, a husbandman.

खेती-बाड़ी

खेत में अनाज बोने का कार्य, कृषि, किसानी, काश्तकारी

खेती-कियारी

رک : کھیتی باڑی .

खेती राज रजाए, खेती भीक मँगाए

जब पैदावार बहुत हो तो किसान मज़े उड़ाता है, जब फ़सल ना हो तो भीक मांगता है

खेती ख़सम सेती

खेती में ख़ुद मालिक को काम करना चाहिए, दूसरों पर छोड़ देने से कोई फ़ायदा नहीं होता, काम मालिक की तवज्जोह और उस की दिलचस्पी ही से अच्छी तरह होता है

खेती बाड़ी हरी भरी

(दुआ) आल-ओ-औलाद की ख़ुशीयां नसीब हूँ

खेती-बाड़ी करना

किसानी करना, जुताई करना, खेती करना, बुवाई करना, जोतने का काम करना

खेती करे न बनजे जाए, बिद्दिया के बल बैठा खाए

शिक्षा सबसे अच्छा है

खेती, पाती, बीनती और घोड़े का तंग, अपने हाथ सँवारिये चाहे लाखों हों संग

यदि तुम काम अच्छा चाहते हो तो उसे स्वयं करो

खेती हरी होना

be prosperous and happy, field to flourish

खेती रखे बाड़ को, बाड़ रखे खेती को

एक दूसरे की हिफ़ाज़त करते हैं

खेती करना

کاشت کرنا، زراعت کرنا (رک) کھیتی باڑی کرنا

खेती कटना

(कृषि) फ़सल कटना, अनाज प्राप्त होना

खेती लगाना

खेती बोना, काश्तकारी करना, फ़सल बोना

खेती फलना

कामयाबी होना

खेती कर के हम मरे, बहोरे के कोठे भरे

किसान की मेहनत की कमाई साहूकार के घर जाती है

कीमियाई-खेती

Chemiculture.

खड़ी-खेती

(کاشت کاری) کھڑا کھیت ، کھڑی کاشت ، کھڑی فصل.

पकी-खेती

तैय्यार फ़सल, प्रतीकात्मक: कोई भी मामला जो पूरा होने के करीब है

अगेती-खेती

early crop

हरी-खेती

कच्ची खेती, खेती जो अभी तक पकी न हो, हरी खेती

पाला-मारी-खेती

وہ کھیتی جو خشک اور سرد ہوا کے لگنے سے مرجھاگئی ہو اور پھلنے کی امید نہ ہو.

घर की खेती

निजी खेती बाड़ी, खुद की संपत्ति या खेती, अपना माल, ज़ाती खेती बाड़ी, ज़मीन के मालिक की अपनी बोई हुई खेती

सूखी खेती हरी होना

मुराद पूरी होना, मतलब बर आना, मायूसी दूर होना

करो खेती और भरो डंड

खेती करो और लगान दो

बिगानी खेती पर झींगर नाचे

पराए माल पर फ़ख़र करने या शेखी बघारने या बेजा तसर्रुफ़ करने के मौक़ा पर मस्तमाल

जैसी खेती वैसा फल

काम या क्रिया के अनुसार परिणाम निकलता है, जैसी नीयत हो वैसा ही बदला मिलता है, अमल के मुताबिक़ नतीजा निकलता है

आगिल खेती आगे-आगे पिछली भाग जावे

وقت پر بوئی فصل اچھی ہوتی ہے، پچھیتری خراب ہو جاتی ہے

पछुवा चले खेती पके

पछुवा हवा गर्म होती है इस लिए खेती जल्द पकती है

कबित भाट की खेती जाट की

हर शख़्स अपना ख़ानदानी पेशा या काम ही अच्छी तरह कर सकता है

हुस्न की खेती सदा हरी नहीं रहती

सुंदरता और जवानी हमेशा नहीं रहती

गाँव में घर न जंगल में खेती

कुछ पास नहीं है, बहुत निर्धनता है, निर्धन है

हार में हार न घर में खेती

नुक़्सान ही नुक़्सान है

जंगल में खेती नहीं, बस्ती में नहीं घर

कहीं कुछ न होना, अत्यंत निर्धन है

उत्तम खेती मद्धम ब्योपार निखद चाकरी भीक नदार

the best occupation is agriculture, trade is the second best, service is bad and beggary the worst

उत्तम खेती मद्धम बान निखद चाकरी भीक नदान

सब से ऊंचा पेशा काशतकारी है इस के बाद व्यपार और नौकरी और भीक सब से आख़िर में

उत्तम खेती मद्धम बनज निखद चाकरी भीक नदान

the best occupation is agriculture, trade is the second best, service is bad and beggary the worst

उत्तम खेती मद्धम ब्योपार निखद चाकरी भीक नदान

the best occupation is agriculture, trade is the second best, service is bad and beggary the worst

उत्तम खेती मद्धम बनज निखद चाकरी भीक नदार

the best occupation is agriculture, trade is the second best, service is bad and beggary the worst

उत्तम खेती मद्धम बान निखद चाकरी भीक नदार

सब से ऊंचा पेशा काशतकारी है इस के बाद व्यपार और नौकरी और भीक सब से आख़िर में

भाँडों संग खेती की, गा बजा के अपनी की

ऐसे लोगों के साथ किसी काम में साझी होना जो निकम्मे हूँ बहुत हानिकारक है, वो काम भी नहीं करते और सब कुछ खा-पी जाते हैं

कर्म हीन खेती करे , बैल मरें या सूखा पड़े

अगर बदक़िस्मत आदमी खेती करता है तो बैल मर जाते हैं या ख़ुशकसाली हो जाती है, यानी बदक़िस्मत को हर काम में नुक़्सान होता है

हरी खेती ग्याभन गाय मुँह पड़े तब जानी जाए

खेती और गाभिन गाय से जब कुछ हासिल हो जाये तब फ़ायदा समझना चाहिए, उन से जब तक कुछ हासिल ना हो जाये तब तक फ़ायदा शुमार ना करना चाहिए

साझे की खेती कधा न खावे

साझे के काम में एक रोज़ झगड़ा ज़रूर होता है

टूम बिना बैर है , ऐसी बिन पानी के खेती जैसी

बगै़र गहने के औरत ऐसी जैसी खेती बला पानी

हरी खेती गाभन गाए तब ही जाने कि मुँह में आए

रुक : हरी खेती गया भिन्न गाय मुँह पड़े तब अलख

भाँडों के साथ खेती किया गा बजा सब उन्हीं ने लिया

ऐसे लोगों के साथ किसी काम में साझी होना जो निकम्मे हूँ सख़्त नुक़्सानदेह है वो काम भी नहीं करते और सब कुछ खा पी जाते हैं

सर का बाल घर की खेती है

जब चाहा बढ़ लिया जब चाहा काट दिया

सब से भले मूसल चंद , करें न खेती भरे न डंड

चोर और क़ज़्ज़ाक़ सब से अच्छे, ना कोई काम करते हैं ना महसूल देते हैं , तंज़न मुस्तामल

सब से भला गोपी चंद न करे खेती न भरे डंड

आज़ाद आदमी अच्छा न कोई काम करे न नुक़्सान उठाए

कर खेती परदेस को जाए, ताको जनम अकारत जाए

अगर कृषक परदेस को चला जाए तो आयु बर्बाद करता है

अनकर खेती अनकर गाय, वो पापी जो मारन जाय

पराया खेत, पराई गाय, वह मूर्ख है जो निकालने जाए

सब से भला किसान, खेती करे और घर रहे

दूसरे व्यवसाय वाले मारे मारे फिरते हैं, किसान अपने घर रहता है इस लिए सबसे अच्छा होता है

गीत सोहे भाट ने और खेती सोहे जाट ने

कविता भाट को शोभा देती है और खेती जाट को

त्रिया पुरुख बिन है दुखी जैसे अन्न बिन देह, जले बले है जेवड़ा जों खेती बिन मेंह

बिना पति के स्त्री इस तरह दुख एवं पीड़ा में रहती है जैसे शरीर बिना अनाज के और इस तरह जलती है जैसे खेती बिना बारिश के

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