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दो या अधिक व्यक्तियों का आपसी परिचय या मेलमिलाप, परस्पर मैत्री, पहचानना, परिचय (केवल व्यक्तियों के संबंध में प्रयुक्त)

जान न पहचान ख़ाला सलाम

(अवामी) जब कोई किसी अपरिचित के साथ बहुत उत्साह से मिलता है या चतुराई से अपनी मित्रता दिखा कर अपना मतलब निकालना चाहते हैं तो कहते हैं

जान ही की पहचान है

मुहब्बत जब तक रहती है जब तक जान सलामत है , जिसे जानते हैं उसे ही पहचान सकते हैं ग़ैर या अजनबी आदमी को क्या पहचानें

जान न पहचान दिल-ओ-जान क़ुर्बान

अंजान से मोहब्बत करते समय यह कहते हैं

जान न पहचान ना-ख़्वाँदा मेहमान

रुक : जान ना पहचान बड़ी ख़ाला सलाम

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय के अर्थदेखिए

तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय

tulsii aah Gariib kii hari se sahii na jaay, marii khaal kii phuu.nk se lohaa bhasam ho jaayتلسی آہ غریب کی ہری سے سہی نہ جائے، مری کھال کی پھونک سے لوہا بھسم ہو جائے

कहावत

तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय के हिंदी अर्थ

  • ईश्वर ग़रीब की आह को सहन नहीं कर सकता, मरी हुई खाल अर्थात धौंकनी की हवा लोहे को जला देती है

    विशेष मरी खाल से अभिप्राय लुहार की धौंकनी से है।

تلسی آہ غریب کی ہری سے سہی نہ جائے، مری کھال کی پھونک سے لوہا بھسم ہو جائے کے اردو معانی

Roman

  • خدا غریب کی آہ کو برداشت نہیں کر سکتا، مری ہوئی کھال یعنی دھونکی کی ہوا لوہے کو جلا دیتی ہے

Urdu meaning of tulsii aah Gariib kii hari se sahii na jaay, marii khaal kii phuu.nk se lohaa bhasam ho jaay

Roman

  • Khudaa Gariib kii aah ko bardaasht nahii.n kar saktaa, marii hu.ii khaal yaanii dho nikkii kii hu.a lohe ko jilaa detii hai

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जान-पहचान

दो या अधिक व्यक्तियों का आपसी परिचय या मेलमिलाप, परस्पर मैत्री, पहचानना, परिचय (केवल व्यक्तियों के संबंध में प्रयुक्त)

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मुहब्बत जब तक रहती है जब तक जान सलामत है , जिसे जानते हैं उसे ही पहचान सकते हैं ग़ैर या अजनबी आदमी को क्या पहचानें

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