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लगता है

ऐसा मालूम होता है, महसूस होता है

लगता हुआ

مِلتا جُلتا، مشابہ، مناسب، چسپاں

क्या लगता है

۔۱۔ क्या ख़र्च होता है। नुक़्सान होता है। (इबनुलवक़्त) कोई किसी को मार डाले तो मेरा क्या लगता है। २।कुछ ताज्जुब नहीं।

बनिया जब उठाता है तो झाड़ू देने लगता है

लालची व्यक्ति के संबंधित प्रयुक्त

सब्र की डाल में मेवा लगता है

सब्र या धैर्य का परिणाम अच्छा होता है

फूल टहनी में ही अच्छा लगता है

हर वस्तु अपने वास्तविक स्थान में ही ठीक प्रतीत होती है अर्थात हर वस्तु अपने स्थान पर ही शोभा देती है

फूल टहनी ही में अच्छा लगता है

हर वस्तु अपने वास्तविक स्थान में ही ठीक प्रतीत होती है अर्थात हर वस्तु अपने स्थान पर ही शोभा देती है

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

जी कहीं लगता नहीं जब दिल कहीं लग जाए है

जब इंसान को (किसी से) प्यार हो जाए तो किसी काम में मन नहीं लगता

जब अपनी उतार ली तो दूसरे की उतारते की लगता है

बेहया दूसरे को ज़लील करने से नहीं हिचकिचाता

जी कहीं लगता नहीं जब जी कहीं लग जाए है

जब इंसान को (किसी से) प्यार हो जाए तो किसी काम में मन नहीं लगता

लगती हुई बात

चुभती हुई बात, पते की बात

होते ही न मुवा जो कफ़न थोड़ा लगता

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

होते ही न मरा जो कफ़न थोड़ा लगना

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

कूएँ की मिट्टी कूएँ ही को लगता

आमदनी और ख़र्च का बराबर होना

ज़र हज़ार ज़ेब लगाता है बे-ज़र बिगड़ा नज़र आता है

रुपया से सब कुछ हो जाता है दरिद्र या कंगाल किसी काम का नहीं

सच्ची बात कड़वी लगती है

यदि किसी की त्रुटि का वर्णन करो तो वो क्रोधित हो जाता है

सच बात कड़वी लगती है

यदि किसी की त्रुटि का वर्णन करो तो वो क्रोधित हो जाता है

क़ब्र की मिट्टी क़ब्र ही को लगती है

जब किसी वस्तु से अलग होने वाला भाग उस वस्तु से जुड़ दिया जाए तो कहते हैं

जवानी और उस पर शराब दूनी आग लगती है

जवानी में शराब पीना सख़्त ग़ज़ब ढाता है

मल्लाह का लँगोटा ही भीगता है

ग़रीब की अधिक हानि नहीं होती

गोबर की साँझी भी फरिया ओढ़े अच्छी लगती है

कुरूप भी शृंगार की वजह से सुंदर लगती है, सज्जा बड़ी चीज़ है

कौन सा दरख़्त है जिसे हवा नहीं लगती

ऐब और तकलीफ़ से कोई ख़ाली नहीं

सोंटे को सोना लगाता है

बुरी शक्ल वाले को अच्छा कपड़ा पहनाने के अवसर पर बोलते हैं

दिल तो लगते ही लगेगा

दिल धीरे-धीरे आदी हो जाएगा, स्वभाव धीरे-धीरे अभ्यस्त हो जाएगा

कौन सा दरख़्त है जिस को हवा नहीं लगती

ऐब और तकलीफ़ से कोई ख़ाली नहीं

लगी में और लगती है

जहाँ एक बार चोट लगी हो दोबारा लगती है, मुसीबत पर मुसीबत आती है

गधी भी जवानी में भली लगती है

युवावस्था में कुरूप व्यक्ति भी सुंदर लगता है

गोबर की साँझी भी पहरी-ओढ़ी अच्छी लगती है

कुरूप भी शृंगार की वजह से सुंदर लगती है, सज्जा बड़ी चीज़ है

हल्दी लगती है न फिटकरी

मेहनत नहीं करनी पड़ती, कोशिश नहीं करनी पड़ती

नया धोबी गठरी में भी साबुन लगाता है

दिखावे के लिए ज़्यादा मेहनत करने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

कुत्ते को हड्डी भली लगती है

जिसे जो चीज़ पसंद हो, उसे वही अच्छी लगती है

भागते भूत की लँगोटी ही सही

जाती हुई वस्तु में से जितना भी मिल जाये अधिक है

भागते भूत की लँगोटी ही बहुत है

जाती हुई चीज़ में से जितना जुज़ु मिल जाये ग़नीमत है

कुँवें की मिट्टी कुँवें को लगती है

۔مثل۔ جس قدر آمد ہوتی ہے اسی قدر خرچ بھی ہوتاہے۔ جہاں کی کمائی ہوتی ہے وہی صرف ہوتی ہے۔ ؎

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में थूक-है के अर्थदेखिए

थूक-है

thuuk-haiتُھوک ہے

वज़्न : 212

वाक्य

मूल शब्द: थूक

थूक-है के हिंदी अर्थ

  • ۔लानत है। तुफ़ है। फटे से मुनह
  • लानत है, तफ़ है

English meaning of thuuk-hai

  • shame on it

تُھوک ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • لعنت ہے ، تف ہے .
  • ۔لعنت ہے۔ تُف ہے۔ پھِٹّے سے مُنھ۔

Urdu meaning of thuuk-hai

  • Roman
  • Urdu

  • laanat hai, taf hai
  • ۔laanat hai। tuf hai। phaTe se munah

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लगता है

ऐसा मालूम होता है, महसूस होता है

लगता हुआ

مِلتا جُلتا، مشابہ، مناسب، چسپاں

क्या लगता है

۔۱۔ क्या ख़र्च होता है। नुक़्सान होता है। (इबनुलवक़्त) कोई किसी को मार डाले तो मेरा क्या लगता है। २।कुछ ताज्जुब नहीं।

बनिया जब उठाता है तो झाड़ू देने लगता है

लालची व्यक्ति के संबंधित प्रयुक्त

सब्र की डाल में मेवा लगता है

सब्र या धैर्य का परिणाम अच्छा होता है

फूल टहनी में ही अच्छा लगता है

हर वस्तु अपने वास्तविक स्थान में ही ठीक प्रतीत होती है अर्थात हर वस्तु अपने स्थान पर ही शोभा देती है

फूल टहनी ही में अच्छा लगता है

हर वस्तु अपने वास्तविक स्थान में ही ठीक प्रतीत होती है अर्थात हर वस्तु अपने स्थान पर ही शोभा देती है

मुफ़्त का माल किस को बुरा लगता है

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे कोई नहीं छोड़ता

जी कहीं लगता नहीं जब दिल कहीं लग जाए है

जब इंसान को (किसी से) प्यार हो जाए तो किसी काम में मन नहीं लगता

जब अपनी उतार ली तो दूसरे की उतारते की लगता है

बेहया दूसरे को ज़लील करने से नहीं हिचकिचाता

जी कहीं लगता नहीं जब जी कहीं लग जाए है

जब इंसान को (किसी से) प्यार हो जाए तो किसी काम में मन नहीं लगता

लगती हुई बात

चुभती हुई बात, पते की बात

होते ही न मुवा जो कफ़न थोड़ा लगता

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

होते ही न मरा जो कफ़न थोड़ा लगना

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

कूएँ की मिट्टी कूएँ ही को लगता

आमदनी और ख़र्च का बराबर होना

ज़र हज़ार ज़ेब लगाता है बे-ज़र बिगड़ा नज़र आता है

रुपया से सब कुछ हो जाता है दरिद्र या कंगाल किसी काम का नहीं

सच्ची बात कड़वी लगती है

यदि किसी की त्रुटि का वर्णन करो तो वो क्रोधित हो जाता है

सच बात कड़वी लगती है

यदि किसी की त्रुटि का वर्णन करो तो वो क्रोधित हो जाता है

क़ब्र की मिट्टी क़ब्र ही को लगती है

जब किसी वस्तु से अलग होने वाला भाग उस वस्तु से जुड़ दिया जाए तो कहते हैं

जवानी और उस पर शराब दूनी आग लगती है

जवानी में शराब पीना सख़्त ग़ज़ब ढाता है

मल्लाह का लँगोटा ही भीगता है

ग़रीब की अधिक हानि नहीं होती

गोबर की साँझी भी फरिया ओढ़े अच्छी लगती है

कुरूप भी शृंगार की वजह से सुंदर लगती है, सज्जा बड़ी चीज़ है

कौन सा दरख़्त है जिसे हवा नहीं लगती

ऐब और तकलीफ़ से कोई ख़ाली नहीं

सोंटे को सोना लगाता है

बुरी शक्ल वाले को अच्छा कपड़ा पहनाने के अवसर पर बोलते हैं

दिल तो लगते ही लगेगा

दिल धीरे-धीरे आदी हो जाएगा, स्वभाव धीरे-धीरे अभ्यस्त हो जाएगा

कौन सा दरख़्त है जिस को हवा नहीं लगती

ऐब और तकलीफ़ से कोई ख़ाली नहीं

लगी में और लगती है

जहाँ एक बार चोट लगी हो दोबारा लगती है, मुसीबत पर मुसीबत आती है

गधी भी जवानी में भली लगती है

युवावस्था में कुरूप व्यक्ति भी सुंदर लगता है

गोबर की साँझी भी पहरी-ओढ़ी अच्छी लगती है

कुरूप भी शृंगार की वजह से सुंदर लगती है, सज्जा बड़ी चीज़ है

हल्दी लगती है न फिटकरी

मेहनत नहीं करनी पड़ती, कोशिश नहीं करनी पड़ती

नया धोबी गठरी में भी साबुन लगाता है

दिखावे के लिए ज़्यादा मेहनत करने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

कुत्ते को हड्डी भली लगती है

जिसे जो चीज़ पसंद हो, उसे वही अच्छी लगती है

भागते भूत की लँगोटी ही सही

जाती हुई वस्तु में से जितना भी मिल जाये अधिक है

भागते भूत की लँगोटी ही बहुत है

जाती हुई चीज़ में से जितना जुज़ु मिल जाये ग़नीमत है

कुँवें की मिट्टी कुँवें को लगती है

۔مثل۔ جس قدر آمد ہوتی ہے اسی قدر خرچ بھی ہوتاہے۔ جہاں کی کمائی ہوتی ہے وہی صرف ہوتی ہے۔ ؎

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