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साझी

साझेदार, शरीक, हिस्सादार

साझी बनना

साझी होना

शरीक होना, मिल जाना

साझी साझी मिल गए झूटे पड़े बसीठ

फ़रीक़ैन आपस में एक हो गए दरमयान में आने वालों को ख़िफ़्फ़त उठानी पड़ी

साझी करना

शरीक करना

साझी-दार

साझी, भागीदार, हिस्सादार

साँझी

दसहरे के समय मंदिरों में गोबर की बनाई हुई मूर्तियां (जो मूर्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं)

सूझा

आँखों वाला, जिसको नज़र आता हो, हिदायत याफ़ता, समझदार

सुझाओ

विचार, सुझाव

साझे

मुश्तरका, साझा (रुक) की मुग़ी्यरा हालत (तरह कैब में मुस्तामल)

साझा

उक्त प्रकार के समझौते के फलस्वरूप उत्पन्न होनेवाली स्थिति

साँझा

साझा, योगदान, हिस्सादारी, हिस्सा, भाग

संझा

(हिंदू) शाम का समय, वह स्थान जहाँ सूर्य अस्त होता है, पश्चिम, सूर्यास्त का समय, शाम, संध्या, सायंकाल

शाज़ ही

साझे के चने, दुखती आँख चाहने पड़ें

साझेदारी या शराकत का काम हर हालत में करना पड़ता है, शराकत का नुकसान फ़रीक़ैन को उठाना ही पड़ता है

साझा लड़ना

ढब होना, तदबीर हाथ आना

साझा लड़ाना

साझा करना, हिस्सेदार बनना, हिस्सा बटाना

आधे का साझी बराबर की चोट

साझी या हिस्सेदार का हक़ बराबर होता है

सूझे नहीं बटवार चाँद की राम राम

कम सूओझने में बारीक बेनी का घमंड, अपनी अहलीयत से ज़्यादा दावे करना

साझे की खेती कधा न खावे

साझे के काम में एक रोज़ झगड़ा ज़रूर होता है

साझा देना

हिस्सा देना

सुझाओ देना

तजवीज़ करना, ख़्याल ज़ाहिर करना

साझे के चने, आँखें दुखते में भी खाने पड़ें

साझेदारी या शराकत का काम हर हालत में करना पड़ता है, शराकत का नुकसान फ़रीक़ैन को उठाना ही पड़ता है

साझा छूटना

रुक : साझा टूओट् जाना

सूझे नहीं बटवार चाँद से राम राम

कम सूओझने में बारीक बेनी का घमंड, अपनी अहलीयत से ज़्यादा दावे करना

सूझे नहीं और ग़ुलेल का शौक़

जिसके विचार अपनी हैसियत से बढ़ कर हों उसके संबंध में कहते हैं, शौक़ या दावा उस बात का जिसकी सामर्थ्य नहीं

साझा छूट जाना

रुक : साझा टूओट् जाना

सूझाई देना

सुझाई देना

साझे की माँ गंगा न पावे

हिंदू धर्म में बेटे के ज़िम्मेदारी है कि माता-पिता की क्रिया-कर्म करें लेकिन जहाँ बहुत बेटे हों वह एक दूसरे की तरफ़ देखते रहते हैं और माँ क्रिया-कर्म से रो जाती है यह कि भागेदारी में नुक़्सान रहता है

साझे में

साझे की नाओ गंगा न पावे

रुक : साझे की हंडिया चौराहे में फूटे

साझे की हाँडी

साझे का व्यापार, हिस्सेदारी

सूझा जाना

नज़र आना, दिखाई पड़ना

साझा करना

सम्मिलित करना, शामिल करना, कारोबार में साझेदारी करना

साझा लगाना

शिरकत करना, हिस्सा हिस्सा बुटाना

साझा मिलाना

रुक : साझा लगाना

साझे का काम

साझे का घर

संयुक्त परिवार, ऐसा घर जहाँ पूरा ख़ानदान रहता हो

साझा टूट जाना

शराकत ना रहना, हिस्सादारी ख़त्म हो जाना

साझे से

संझा बत्ती करना

हिंदू: शाम का चिराग़ जलाना, दिया-बत्ती करना

साझे की हंडिया

साझे का व्यापार, हिस्सेदारी

साझे का काम बुरा

भागीदारी के कार्य में विवाद होता है, भागीदारी का परिणाम बुरा होता है

साझे का काम उतारे चाम

भागीदारी के कार्य में दर्द होता है, शिरकत के काम में तकलीफ़ होती है

साझा होना

जज़ा होना, शराकत होना

सँझा फूलना

आकाश पर किरणों का फैलना, शाम के समय लाली का स्पष्ट होना

साझा भला न बाप का और ताऊ भला न ताप का

शिरकत किसी की भी अच्छी नहीं होती , (शिरकत की मुज़म्मत है) ख़ाह बाप ही हो, इसी तरह बुख़ार की हिद्दत अच्छी नहीं होती

साझे की सूई साँग में चले

हिस्सा दारों में सहमति नहीं होती, साझेदारों की चीज़ बुरी तरह इस्तेमाल होती है

साझा जोरू ख़सम का ही भला

ख़ावंद बीवी की शराकत ही बेहतर है, किसी और कर शिरकत अच्छी नहीं होती

साझे की हंडियाँ चौराहे पर फूटती है

साझे का व्यापार सफल नहीं होता, साझे के काम में हमेशा झगड़ा होता है

साझे की होली सब से भली

जब ज़्यादा लोग मिलते हैं, तो होली अच्छी तरह से मनाई जाती है, त्योहार या ख़ुशी का आनंद केवल संयोग और एकता से आता है

गोबर की साँझी भी फरिया ओढ़े अच्छी लगती है

कुरूप भी शृंगार की वजह से सुंदर लगती है, सज्जा बड़ी चीज़ है

गोबर की साँझी

गोबर की छोटी सी मूर्ती जो हिंदू लड़कियाँ भादों के महीने में बनाती हैं

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

पेट में पड़े तो 'इबादत सूझे

पेट भरा हो तो प्रमात्मा का ध्यान आता है भूके से पूजा नहीं होती

भूक लगी भड़वे को तंदूर की सूझी

विचार कर लो, ग़ौर कर लो, समझ लो

पेट में पड़ी जब दूर की सूझी , भूक लगी तंदूर की सूझी

बेफ़िकरी अजब शैय है यानी बेफ़िकरी में बड़े बड़े ख़्यालात पैदा होते हैं

आत्मा में पड़े तो परमात्मा की सूझे

पेट भरा होने पर ही कोई काम सूझता है, पेट के भर जाने पर सांत्वना और सुख मिलता है

चाट लगी तो हल्वाई की दूकान की सूझी

किसी को मिठाई का चस्का बड़ जाये तो कहते हैं , किसी ग़रज़ से किसी के पास जाना या रुजू करना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में शामिल-ए-हाल के अर्थदेखिए

शामिल-ए-हाल

shaamil-e-haalشامِلِ حال

वज़्न : 21221

शामिल-ए-हाल के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • (परिवार के लोग) जो एक साथ मिलकर रहते हों।
  • जो दुःख, सुख आदि अवस्थाओं में साथ रहे। साथी। शरीक।
  • सम्मिलित, शामिल, मिल कर, साथ में, साझे में, हर हालत और अवस्था में साथ

शे'र

English meaning of shaamil-e-haal

Noun, Masculine

  • associated with present circumstances, comprising the circumstances of the case
  • jointly, together, involved
  • a sympathizer, consoler

شامِلِ حال کے اردو معانی

اسم، مذکر

  • ہر امر اور ہر حالت میں ساتھ
  • مل كر، باہم، ساجھے میں، شراكت میں

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