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इमरोज़

आज, अद्य, आज का दिन

इमरोज़ा

आज का, आज के युग का

इमरोज़-ओ-फ़र्दा

आज और कल, बहुत जल्द, इन दिनों में से एक

इमरोज़-फ़र्दा

टाल मटोल, बहानेबाज़ी

फ़िक्र-ए-इमरोज़

आज की चिंता, हाल की फ़िक्र

'इशरत-ए-इमरोज़

वह सुख जो आज प्राप्त हो, अर्थात् सांसारिक सुख ।

कार-ए-इमरोज़ ब-फ़र्दा मगुज़ार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आज का काम कल पर ना छोड़, काम को बरवक़्त अंजाम देने के लिए बतौर ताकीद-ओ-हिदायत बोला जाता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में शाम-ए-ग़ुर्बत के अर्थदेखिए

शाम-ए-ग़ुर्बत

shaam-e-Gurbatشامِ غُرْبَت

वज़्न : 2222

टैग्ज़: संकेतात्मक

शाम-ए-ग़ुर्बत के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • परदेस की शाम, वो रात जो प्रदेश में गुजारनी पड़े, प्रतीकात्मक: कठिन समय, मुसीबत की शाम, असहाय होना

शे'र

English meaning of shaam-e-Gurbat

Persian, Arabic - Noun, Feminine

  • the evening that passed in travel, the evening that passed in exile, metaphorically: hard time, the trouble time

شامِ غُرْبَت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - اسم، مؤنث

  • مسافرت كی شام، وہ شام جو وطن سے دوری كے عالم میں آئے كنایۃً: مصیبت كا عالم، بے كسی كی شام

Urdu meaning of shaam-e-Gurbat

  • Roman
  • Urdu

  • musaafirat kii shaam, vo shaam jo vatan se duurii ke aalam me.n aa.e kanaa.enah musiibat ka aalam, be kasii kii shaam

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इमरोज़

आज, अद्य, आज का दिन

इमरोज़ा

आज का, आज के युग का

इमरोज़-ओ-फ़र्दा

आज और कल, बहुत जल्द, इन दिनों में से एक

इमरोज़-फ़र्दा

टाल मटोल, बहानेबाज़ी

फ़िक्र-ए-इमरोज़

आज की चिंता, हाल की फ़िक्र

'इशरत-ए-इमरोज़

वह सुख जो आज प्राप्त हो, अर्थात् सांसारिक सुख ।

कार-ए-इमरोज़ ब-फ़र्दा मगुज़ार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आज का काम कल पर ना छोड़, काम को बरवक़्त अंजाम देने के लिए बतौर ताकीद-ओ-हिदायत बोला जाता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

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