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पहुँच

किसी स्थान तक अपने को ले जाने की क्रिया या शक्ति

पहुँचा

हाथ का वह भाग जो हथेली से जुड़ा रहता है، कलाई, गट्टा, मणिबंध

पहुँचना

(वस्तु अथवा व्यक्ति का) एक विदु से चलकर अथवा और किसी प्रकार दूसरे विन्दु पर (बीच का ऐसा स्थान जहा तसवीर बहुत ऊचा किसी स्थान तक अवकाश पार करके) उपस्थित, प्रस्तुत या प्राप्त होना। जैसे-(क) रेलगाड़ी का दिल्ली पहुँचना। (ख) घड़ी की छोटी सूई का १२ पर पहुँचना। (ग) आदमी का घर या स्वर्ग पहुँचना।

पहुँचाना

किसी चीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना। जैसे-(क) उनके यहाँ मिठाई (या पत्र) पहुँचा दो। (ख) यह ताँगा हमें स्टेशन तक पहुँचायेगा।

पहुँच से बाहर

beyond access, beyond comprehension, beyond reach

पहुँच से दूर

beyond access, beyond comprehension, beyond reach

पहुँचानहार

پہن٘چانے والا .

पहुँचा हुआ

संत, धर्मात्मा, चुना हुआ, तजरबाकार, कामिल, परिपूर्ण

पहुँचा लचकना

कोमलता के कारण हाथ का भार न सहना, कलाई के जोड़ का हिलना

पहुँचा पकड़ना

(पहलवानी) एक प्रकार का शक्ति परिक्षण जिसमें एक आदमी दूसरे की कलाई दोनों हाथों से बलपुर्क पकड़ता है और दूसरा छुड़ाता है यदि वह छुड़ाले तो जीत जाता है वर्ना हार जाता है, कलाई को पकड़ में लेना

पहुँचा देते ही हाथ पकड़ना

किसी के रियायती व्यवहार का अनुचित लाभ उठाना

नौबत पहुँच जाना

۲۔ बारी आना, किसी अमर के वक़ूअ का वक़्त आना , मौक़ा मिलना

मे'राज को पहुँच जाना

बहुत ऊँचा दर्जा हो जाना, बहुत उन्नती पर होना

गोद में पहुँच जाना

अत्यधिक धोखा हो जाना, किसी का पोषित बन जाना, दरबारी बन जाना

धुर दरगाहों पहुँच गया

जहां जाना था जा पहुंचा, जो करना था वो करलिया

हवा तक न पहुँच सकना

बिलकुल पहुँच न हो सकना

हफ़्त आसमान पर पहुँच जाना

इंतिहाई बुलंदीयों पर पहुंच जाना, उरूज पर होना

दिमाग़ आसमान पर पहुँच जाना

मग़रूर हो जाना, ख़ुद पसंद हो जाना, बिगड़ जाना

धार में पहुँच कर डूब जाना

बहुत कर के पस्त हिम्मत हो जाना (हिंदुस्तानी मुहावरा)

पूछते पूछते दिल्ली पहुँच जाते हैं

जुस्तजू से मक़सद हासिल होता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सारे धड़ की सूई निकालने को कोई नहीं , आँख की सूई निकालने को सब कोई के अर्थदेखिए

सारे धड़ की सूई निकालने को कोई नहीं , आँख की सूई निकालने को सब कोई

saare dha.D kii suu.ii nikaalne ko ko.ii nahii.n , aa.nkh kii suu.ii nikaalne ko sab ko.iiسارے دَھڑ کی سُوئی نِکالنے کو کوئی نَہِیں ، آنْکھ کی سُوئی نِکالنے کو سَب کوئی

कहावत

सारे धड़ की सूई निकालने को कोई नहीं , आँख की सूई निकालने को सब कोई के हिंदी अर्थ

  • थोड़ा सा काम कर के ज़्यादा सुलह हासिल करना सब चाहते हैं, मगर मेहनत करने से जी चुराते हैं

سارے دَھڑ کی سُوئی نِکالنے کو کوئی نَہِیں ، آنْکھ کی سُوئی نِکالنے کو سَب کوئی کے اردو معانی

Roman

  • تھوڑا سا کام کر کے زیادہ صِلہ حاصل کرنا سب چاہتے ہیں ، مگر محنت کرنے سے جی چُراتے ہیں

Urdu meaning of saare dha.D kii suu.ii nikaalne ko ko.ii nahii.n , aa.nkh kii suu.ii nikaalne ko sab ko.ii

Roman

  • tho.Daa saa kaam kar ke zyaadaa sulah haasil karnaa sab chaahte hai.n, magar mehnat karne se jii churaate hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

पहुँच

किसी स्थान तक अपने को ले जाने की क्रिया या शक्ति

पहुँचा

हाथ का वह भाग जो हथेली से जुड़ा रहता है، कलाई, गट्टा, मणिबंध

पहुँचना

(वस्तु अथवा व्यक्ति का) एक विदु से चलकर अथवा और किसी प्रकार दूसरे विन्दु पर (बीच का ऐसा स्थान जहा तसवीर बहुत ऊचा किसी स्थान तक अवकाश पार करके) उपस्थित, प्रस्तुत या प्राप्त होना। जैसे-(क) रेलगाड़ी का दिल्ली पहुँचना। (ख) घड़ी की छोटी सूई का १२ पर पहुँचना। (ग) आदमी का घर या स्वर्ग पहुँचना।

पहुँचाना

किसी चीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना। जैसे-(क) उनके यहाँ मिठाई (या पत्र) पहुँचा दो। (ख) यह ताँगा हमें स्टेशन तक पहुँचायेगा।

पहुँच से बाहर

beyond access, beyond comprehension, beyond reach

पहुँच से दूर

beyond access, beyond comprehension, beyond reach

पहुँचानहार

پہن٘چانے والا .

पहुँचा हुआ

संत, धर्मात्मा, चुना हुआ, तजरबाकार, कामिल, परिपूर्ण

पहुँचा लचकना

कोमलता के कारण हाथ का भार न सहना, कलाई के जोड़ का हिलना

पहुँचा पकड़ना

(पहलवानी) एक प्रकार का शक्ति परिक्षण जिसमें एक आदमी दूसरे की कलाई दोनों हाथों से बलपुर्क पकड़ता है और दूसरा छुड़ाता है यदि वह छुड़ाले तो जीत जाता है वर्ना हार जाता है, कलाई को पकड़ में लेना

पहुँचा देते ही हाथ पकड़ना

किसी के रियायती व्यवहार का अनुचित लाभ उठाना

नौबत पहुँच जाना

۲۔ बारी आना, किसी अमर के वक़ूअ का वक़्त आना , मौक़ा मिलना

मे'राज को पहुँच जाना

बहुत ऊँचा दर्जा हो जाना, बहुत उन्नती पर होना

गोद में पहुँच जाना

अत्यधिक धोखा हो जाना, किसी का पोषित बन जाना, दरबारी बन जाना

धुर दरगाहों पहुँच गया

जहां जाना था जा पहुंचा, जो करना था वो करलिया

हवा तक न पहुँच सकना

बिलकुल पहुँच न हो सकना

हफ़्त आसमान पर पहुँच जाना

इंतिहाई बुलंदीयों पर पहुंच जाना, उरूज पर होना

दिमाग़ आसमान पर पहुँच जाना

मग़रूर हो जाना, ख़ुद पसंद हो जाना, बिगड़ जाना

धार में पहुँच कर डूब जाना

बहुत कर के पस्त हिम्मत हो जाना (हिंदुस्तानी मुहावरा)

पूछते पूछते दिल्ली पहुँच जाते हैं

जुस्तजू से मक़सद हासिल होता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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सारे धड़ की सूई निकालने को कोई नहीं , आँख की सूई निकालने को सब कोई

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