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जान-पहचान

दो या अधिक व्यक्तियों का आपसी परिचय या मेलमिलाप, परस्पर मैत्री, पहचानना, परिचय (केवल व्यक्तियों के संबंध में प्रयुक्त)

जान न पहचान ख़ाला सलाम

(अवामी) जब कोई किसी अपरिचित के साथ बहुत उत्साह से मिलता है या चतुराई से अपनी मित्रता दिखा कर अपना मतलब निकालना चाहते हैं तो कहते हैं

जान ही की पहचान है

मुहब्बत जब तक रहती है जब तक जान सलामत है , जिसे जानते हैं उसे ही पहचान सकते हैं ग़ैर या अजनबी आदमी को क्या पहचानें

जान न पहचान दिल-ओ-जान क़ुर्बान

अंजान से मोहब्बत करते समय यह कहते हैं

जान न पहचान ना-ख़्वाँदा मेहमान

रुक : जान ना पहचान बड़ी ख़ाला सलाम

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच के अर्थदेखिए

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

saa.ii.n saa.ii.n jiibh par aur kibr kapaT man biich, voh na Daale jaa.e.nge paka.D narak me.n khii.nchسائِیں سائِیں جِیبھ پَر اور کبر کپٹ من بیچ، وہ نہ ڈالے جائیں گے پکڑ نرک میں کھینچ

कहावत

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच के हिंदी अर्थ

  • जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

سائِیں سائِیں جِیبھ پَر اور کبر کپٹ من بیچ، وہ نہ ڈالے جائیں گے پکڑ نرک میں کھینچ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جن کی زبان پر خُدا کا نام ہے اور اُن کے دل میں غرور اور دھوکا کپٹ اور بغض ہے ان کو انجام کار دوزخ ہی ملے گا

Urdu meaning of saa.ii.n saa.ii.n jiibh par aur kibr kapaT man biich, voh na Daale jaa.e.nge paka.D narak me.n khii.nch

  • Roman
  • Urdu

  • jin kii zabaan par Khudaa ka naam hai aur un ke dil me.n Garuur aur dhoka kapaT aur buGaz hai in ko anjaam kaar dozaKh hii milegaa

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जान-पहचान

दो या अधिक व्यक्तियों का आपसी परिचय या मेलमिलाप, परस्पर मैत्री, पहचानना, परिचय (केवल व्यक्तियों के संबंध में प्रयुक्त)

जान न पहचान ख़ाला सलाम

(अवामी) जब कोई किसी अपरिचित के साथ बहुत उत्साह से मिलता है या चतुराई से अपनी मित्रता दिखा कर अपना मतलब निकालना चाहते हैं तो कहते हैं

जान ही की पहचान है

मुहब्बत जब तक रहती है जब तक जान सलामत है , जिसे जानते हैं उसे ही पहचान सकते हैं ग़ैर या अजनबी आदमी को क्या पहचानें

जान न पहचान दिल-ओ-जान क़ुर्बान

अंजान से मोहब्बत करते समय यह कहते हैं

जान न पहचान ना-ख़्वाँदा मेहमान

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