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जाते-जाते

प्रस्थान के समय

जाते

go, move

जाते रहना

गुम हो जाना, खोया जाना, ग़ायब हो जाना

औसान जाते रहना

be stunned or taken aback, stand aghast, lose presence of mind, become rattled or very disconcerted, lose calm, be alarmed, be greatly perturbed or worried

होश जाते रहना

रुक : होश उड़ जाना

आप से जाते रहना

अपने होश खो बैठना, आपे से बाहर हो जाना

आते भले न जाते

आना जाना बराबर है, न आने से फ़ायदा न जाने से

कान फटे जाते हैं

۔شور و؎غل کی کثرت یا طول طویل باتوں کو سننے سے کانوں کو صدمہ پہنچنے کی جگہ ۔ ؎

क्यों मरे जाते हो

۔ کیوں گھبرائے جاتے ہو۔ جلدی کیا ہے۔ ؎

कान उड़े जाते हैं

۔شور و؎غل کی کثرت یا طول طویل باتوں کو سننے سے کانوں کو صدمہ پہنچنے کی جگہ ۔ ؎

राह जाते

راستہ چلتے وقت، مسافرت کے وقت.

अगले आहल भी जाते रहे

लाभ की आशा में उल्टा हानि उठाया, पहली बनाई सूरत अभी बिगड़ गई

होश-ओ-हवास जाते रहना

होश-ओ-हवास ठिकाने न रहना, हवास बाक़ी न रहना, अक़्ल जाती रहना

घुटने पेट को जाते हैं

हर आदमी अपनों की हिमायत, तरफ़-दारी करता है

बाक़ी हवास भी जाते रहना

कुछ तो पहले ही घबराया हुआ होना कुछ दूसरे की नाराज़गी की कारण से बिलकुल होश न रहना

'अक़्ल-ओ-होश जाते रहना

होश ठिकाने पर न रहना, समझ और होश लुप्त हो जाना

चोर जाते रहे कि अंधियारी

बुरे स्वभाव वाला अवसर पाते ही बुरे काम करता ही है, जगत के नियम नहीं बदलते

सिखाए पूत दरबार नहीं जाते

सिर्फ़ दूसरों के कहने से हिम्मत या हौसला पैदा नहीं होता

सिखाए पूत दकन नहीं जाते

सिर्फ़ दूसरों के कहने से हिम्मत या हौसला पैदा नहीं होता

कान के पर्दे फूटे जाते हैं

۔شور غل سے سماعت میں فرق آنا کی جگہ۔ ؎

हवास जाते रहना

be stunned or taken aback, lose presence of mind

मर मर न जाते तो भर घर होते

मृत्यु ने ख़ानदान को बर्बाद कर दिया वर्ना घर भरा होता

हगासे लड़के के नथने पहचाने जाते हैं

सूरत से पतली हालत या बुज़दिली ज़ाहिर हो जाती है

थूक में पकोड़े नहीं तले जाते

मुफ़्त काम नहीं हो सकता

आते का नाम सहजा , जाते का नाम मुक्ता

ना आने की प्रसन्नता और ना जाने का दु:ख, ना आते को रोकना ना जाते को पकड़ना

आसमान ज़मीन क्यों नहीं फट जाते

किसी बहुत गहरे दु:ख अथवा बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

दुनिया जाते देखना

जी में समाना, ख़्याल आना

ऊँघते को सो जाते कुछ देर नहीं

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

ज़बान से बेटा बेटी पराए हो जाते हैं

मानव को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बातों से व्यक्ति संतान को भी अपना विरोधी बना लेता है इसलिये ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से क्या बात निकलती है

हाए हाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाते

महिज़ हाय हाय करने से या निरी ख़ुशामद से काम नहीं चलता

भागे थोड़ी जाते हैं

निश्चिंत रहें, यह खो नहीं जाएगा, खो जाने का कोई ख़तरा नहीं है

हिरन धूप से काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

आते-जाते

आना-जाना, संयोगवश, अनौपचारिक रूप से

बैठे बैठे कुँवें ख़ाली हो जाते हैं

बेकारी में सारी जमा पूँजी समाप्त हो जाती है

पूत के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

signs of future character are visible in childhood, coming events cast their shadow

बे बुलाए ख़दा के घर भी नहीं जाते

ایسے موقع پر مستعمل جب یہ کہنا مقصود ہو کہ بے طلب کوئی کسی کے پاس نہیں جاتا.

बड़े कड़ाही में तले जाते हैं

बड़े लोगों को अधिक विपदाओं का सामना करना पड़ता है

क्या दिन जाते देखे

कोई बहुत समय के बाद आए तो कहते हैं

आता न छोड़िये , जाते का ग़म न कीजिये

आए तो सब आने दो जाए तो कोई चिंता नहीं

आसमान ज़मीन क्यों नहीं शक़ हो जाते

किस बहुत गहरे दु:ख या बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

कच्चे बाँस जिधर झुकाओ झुक जाते हैं

बच्चों को शुरू में जैसी शिक्षा दी जाती है वे वैसे ही अच्छे या बुरे बन जाते हैं क्योंकि उनकी बुद्धि कोमल होती है, बड़े होने पर सिखाने का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता

सख़ी सूम साल भर में बराबर हो जाते हैं

फ़ी्याज़ और दरिया दिल आदमी का बख़शिश-ओ-सख़ावत के ज़रीये और बख़ील आदमी का बेजा सिर्फ़ के बाइस साल भर में हिसाब बराबर हो जाता है, फ़ी्याज़ आदमी का माल सही जगह सिर्फ़ होता है और बख़ील का ग़लत जगह

सोना चाँदी आग ही में परखे जाते हैं

इंसान के औसाफ़-ओ-ख़ूओबयां आफ़त मुसीबत में ज़ाहिर होती हैं

पूछते पूछते दिल्ली पहुँच जाते हैं

जुस्तजू से मक़सद हासिल होता है

साल भर में सख़ी शूम बराबर हो जाते हैं

सखी जलद, शिवम देर से ख़र्च करता है, आख़िर में दोनों का ख़र्च बराबर हो जाता है या निकलता है

हाथ पाँव राँगा राँगा हुए जाते हैं

۔ہاتھ پاؤںشل ہوکر سرد ہوجانا کی جگہ۔(فقرہ) طبیعت اکتائی ہوئی ہاتھ پاؤں رانگا رانگا ہوئے جاتے ہیں۔

हिरन धूप में काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

दिन जाते देर नहीं लगती

समय बहुत जल्द बीत जाता है, युग बहुत जल्द पलट जाता है

नाई नाई बाल कितने, जजमान जी आगे आए जाते हैं

जो बात स्वंय पेश आने वाली है उस का बयान बेकार है

बरस भर में सख़ी और सूम बराबर हो जाते हैं

कंजूसी करने से कोई लाभ नहीं होता, अंत में दानवीर और कंजूस का हिसाब बराबर बराबर हो जाता है

पेट के वास्ते परदेस जाते हैं

रोज़ी रोटी के लिए लोग सफ़र करते हैं

दिन अछे होते हैं तो कंकर जवाहर बन जाते हैं

जब भाग्य अच्छा होता है तो अच्छे काम अपने आप हो जाते हैं

लड़के के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

۔ مثل ہونہار لڑکے کے متعلق بولتے ہیں۔ ۳۔معاملے کا انجام ابتدا ہی سے معلوم ہوجاتا ہے۔

लड़के के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

होनहार लड़के के मुताल्लिक़ बोलते हैं , मुआमले का अंजाम इबतिदा ही से मालूम होजाता है

गुल की तरह खिले जाते हैं

बहुत ख़ुश हैं

पूत के पाँव पालने में ही पहचाने जाते हैं

(किसी किये) बुराई भलाई शुरू ही में आसार से दरयाफ़त करली जाती है, नेक बुख़ती बदबख़ती का हाल बचपन या आग़ाज़ ही में हरकात-ओ-सकनात से खुल जाता है

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

मुंडा जोगी और पिसी दवा पहचाने नहीं जाते

सर मुंडे हुए जोगी के रंग-रूप से प्रतीत नहीं होता कि उस का बातिन अर्थात भीतर कैसा है जैसे कि पिसी हुई दवा को देख कर पता नहीं चलता कि क्या चीज़ है

पूत कपूत पंगोड़ों में ही पहचाने जाते हैं

बच्चे में शुरू से अच्छे या बुरे होने के आसार पाए जाते हैं

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में रफ़्ता-रफ़्ता के अर्थदेखिए

रफ़्ता-रफ़्ता

rafta-raftaرَفْتَہ رَفْتَہ

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 2222

रफ़्ता-रफ़्ता के हिंदी अर्थ

विशेषण

शे'र

English meaning of rafta-rafta

Adjective

  • by degrees, gradually, slowly, in the course of time, step by step, in due course

رَفْتَہ رَفْتَہ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • آہستہ آہستہ، بتدریج، ہوتے ہوتے

Urdu meaning of rafta-rafta

  • Roman
  • Urdu

  • aahista aahista, batadriij, hote hote

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जाते-जाते

प्रस्थान के समय

जाते

go, move

जाते रहना

गुम हो जाना, खोया जाना, ग़ायब हो जाना

औसान जाते रहना

be stunned or taken aback, stand aghast, lose presence of mind, become rattled or very disconcerted, lose calm, be alarmed, be greatly perturbed or worried

होश जाते रहना

रुक : होश उड़ जाना

आप से जाते रहना

अपने होश खो बैठना, आपे से बाहर हो जाना

आते भले न जाते

आना जाना बराबर है, न आने से फ़ायदा न जाने से

कान फटे जाते हैं

۔شور و؎غل کی کثرت یا طول طویل باتوں کو سننے سے کانوں کو صدمہ پہنچنے کی جگہ ۔ ؎

क्यों मरे जाते हो

۔ کیوں گھبرائے جاتے ہو۔ جلدی کیا ہے۔ ؎

कान उड़े जाते हैं

۔شور و؎غل کی کثرت یا طول طویل باتوں کو سننے سے کانوں کو صدمہ پہنچنے کی جگہ ۔ ؎

राह जाते

راستہ چلتے وقت، مسافرت کے وقت.

अगले आहल भी जाते रहे

लाभ की आशा में उल्टा हानि उठाया, पहली बनाई सूरत अभी बिगड़ गई

होश-ओ-हवास जाते रहना

होश-ओ-हवास ठिकाने न रहना, हवास बाक़ी न रहना, अक़्ल जाती रहना

घुटने पेट को जाते हैं

हर आदमी अपनों की हिमायत, तरफ़-दारी करता है

बाक़ी हवास भी जाते रहना

कुछ तो पहले ही घबराया हुआ होना कुछ दूसरे की नाराज़गी की कारण से बिलकुल होश न रहना

'अक़्ल-ओ-होश जाते रहना

होश ठिकाने पर न रहना, समझ और होश लुप्त हो जाना

चोर जाते रहे कि अंधियारी

बुरे स्वभाव वाला अवसर पाते ही बुरे काम करता ही है, जगत के नियम नहीं बदलते

सिखाए पूत दरबार नहीं जाते

सिर्फ़ दूसरों के कहने से हिम्मत या हौसला पैदा नहीं होता

सिखाए पूत दकन नहीं जाते

सिर्फ़ दूसरों के कहने से हिम्मत या हौसला पैदा नहीं होता

कान के पर्दे फूटे जाते हैं

۔شور غل سے سماعت میں فرق آنا کی جگہ۔ ؎

हवास जाते रहना

be stunned or taken aback, lose presence of mind

मर मर न जाते तो भर घर होते

मृत्यु ने ख़ानदान को बर्बाद कर दिया वर्ना घर भरा होता

हगासे लड़के के नथने पहचाने जाते हैं

सूरत से पतली हालत या बुज़दिली ज़ाहिर हो जाती है

थूक में पकोड़े नहीं तले जाते

मुफ़्त काम नहीं हो सकता

आते का नाम सहजा , जाते का नाम मुक्ता

ना आने की प्रसन्नता और ना जाने का दु:ख, ना आते को रोकना ना जाते को पकड़ना

आसमान ज़मीन क्यों नहीं फट जाते

किसी बहुत गहरे दु:ख अथवा बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

दुनिया जाते देखना

जी में समाना, ख़्याल आना

ऊँघते को सो जाते कुछ देर नहीं

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

ज़बान से बेटा बेटी पराए हो जाते हैं

मानव को ज़बान का बड़ा पास रखना चाहिए, बातों से व्यक्ति संतान को भी अपना विरोधी बना लेता है इसलिये ख़्याल रखना चाहिए कि ज़बान से क्या बात निकलती है

हाए हाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाते

महिज़ हाय हाय करने से या निरी ख़ुशामद से काम नहीं चलता

भागे थोड़ी जाते हैं

निश्चिंत रहें, यह खो नहीं जाएगा, खो जाने का कोई ख़तरा नहीं है

हिरन धूप से काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

आते-जाते

आना-जाना, संयोगवश, अनौपचारिक रूप से

बैठे बैठे कुँवें ख़ाली हो जाते हैं

बेकारी में सारी जमा पूँजी समाप्त हो जाती है

पूत के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

signs of future character are visible in childhood, coming events cast their shadow

बे बुलाए ख़दा के घर भी नहीं जाते

ایسے موقع پر مستعمل جب یہ کہنا مقصود ہو کہ بے طلب کوئی کسی کے پاس نہیں جاتا.

बड़े कड़ाही में तले जाते हैं

बड़े लोगों को अधिक विपदाओं का सामना करना पड़ता है

क्या दिन जाते देखे

कोई बहुत समय के बाद आए तो कहते हैं

आता न छोड़िये , जाते का ग़म न कीजिये

आए तो सब आने दो जाए तो कोई चिंता नहीं

आसमान ज़मीन क्यों नहीं शक़ हो जाते

किस बहुत गहरे दु:ख या बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

कच्चे बाँस जिधर झुकाओ झुक जाते हैं

बच्चों को शुरू में जैसी शिक्षा दी जाती है वे वैसे ही अच्छे या बुरे बन जाते हैं क्योंकि उनकी बुद्धि कोमल होती है, बड़े होने पर सिखाने का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता

सख़ी सूम साल भर में बराबर हो जाते हैं

फ़ी्याज़ और दरिया दिल आदमी का बख़शिश-ओ-सख़ावत के ज़रीये और बख़ील आदमी का बेजा सिर्फ़ के बाइस साल भर में हिसाब बराबर हो जाता है, फ़ी्याज़ आदमी का माल सही जगह सिर्फ़ होता है और बख़ील का ग़लत जगह

सोना चाँदी आग ही में परखे जाते हैं

इंसान के औसाफ़-ओ-ख़ूओबयां आफ़त मुसीबत में ज़ाहिर होती हैं

पूछते पूछते दिल्ली पहुँच जाते हैं

जुस्तजू से मक़सद हासिल होता है

साल भर में सख़ी शूम बराबर हो जाते हैं

सखी जलद, शिवम देर से ख़र्च करता है, आख़िर में दोनों का ख़र्च बराबर हो जाता है या निकलता है

हाथ पाँव राँगा राँगा हुए जाते हैं

۔ہاتھ پاؤںشل ہوکر سرد ہوجانا کی جگہ۔(فقرہ) طبیعت اکتائی ہوئی ہاتھ پاؤں رانگا رانگا ہوئے جاتے ہیں۔

हिरन धूप में काले हुए जाते हैं

ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है

दिन जाते देर नहीं लगती

समय बहुत जल्द बीत जाता है, युग बहुत जल्द पलट जाता है

नाई नाई बाल कितने, जजमान जी आगे आए जाते हैं

जो बात स्वंय पेश आने वाली है उस का बयान बेकार है

बरस भर में सख़ी और सूम बराबर हो जाते हैं

कंजूसी करने से कोई लाभ नहीं होता, अंत में दानवीर और कंजूस का हिसाब बराबर बराबर हो जाता है

पेट के वास्ते परदेस जाते हैं

रोज़ी रोटी के लिए लोग सफ़र करते हैं

दिन अछे होते हैं तो कंकर जवाहर बन जाते हैं

जब भाग्य अच्छा होता है तो अच्छे काम अपने आप हो जाते हैं

लड़के के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

۔ مثل ہونہار لڑکے کے متعلق بولتے ہیں۔ ۳۔معاملے کا انجام ابتدا ہی سے معلوم ہوجاتا ہے۔

लड़के के पाँव पालने में पहचाने जाते हैं

होनहार लड़के के मुताल्लिक़ बोलते हैं , मुआमले का अंजाम इबतिदा ही से मालूम होजाता है

गुल की तरह खिले जाते हैं

बहुत ख़ुश हैं

पूत के पाँव पालने में ही पहचाने जाते हैं

(किसी किये) बुराई भलाई शुरू ही में आसार से दरयाफ़त करली जाती है, नेक बुख़ती बदबख़ती का हाल बचपन या आग़ाज़ ही में हरकात-ओ-सकनात से खुल जाता है

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

मुंडा जोगी और पिसी दवा पहचाने नहीं जाते

सर मुंडे हुए जोगी के रंग-रूप से प्रतीत नहीं होता कि उस का बातिन अर्थात भीतर कैसा है जैसे कि पिसी हुई दवा को देख कर पता नहीं चलता कि क्या चीज़ है

पूत कपूत पंगोड़ों में ही पहचाने जाते हैं

बच्चे में शुरू से अच्छे या बुरे होने के आसार पाए जाते हैं

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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