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मूर्ख

जिसमें ठीक ढंग से तथा विचारपूर्वक कोई काम करने अथवा कोई बात समझने-सोचने की योग्यता या शक्ति न हो, बुद्धि के अभाव में जो ऊट-पटाँग काम करता या बातें सोचता हो, मूढ़, नासमझ, बेवक़ूफ़, नादान, अपढ़,लैठ, जाहिल, कमअक़्ल

मूरख

जिसमें ठीक ढंग से तथा विचारपूर्वक कोई काम करने अथवा कोई बात समझने-सोचने की योग्यता या शक्ति न हो, बुद्धि के अभाव में जो ऊट-पटाँग काम करता या बातें सोचता हो, मूढ़, नासमझ, बेवक़ूफ़, नादान, अपढ़,लैठ, जाहिल, कमअक़्ल

मूरख के बखान सहावे

नादान को नसीहत सुनने की आदत होजाती है

मूरख के हाथ कमान, बूढ़ा बचे न जवान

नादान मगर ज़ी मक़दूर शख़्स बगै़र सोचे समझे काम करता है

मूरख-लो

बेवक़ूफ़ी, मूर्खता, अज्ञानता, असावधानी, असतर्कता

मूर्ख-पन

मूर्खता, अहमक़-पन, बेवक़ूफ़ी, गधापन

मूरख-पना

folly, stupidity, ignorance

मूरख के समझाए ज्ञान गाँठ जाए

बेवक़ूफ़ को समझाने से इलम-ए-सनाए होता है

मूरख को समझाना सरस बीज बलि जाए, ज्यूँ पत्थर के मारने चोखो तीर नसाए

मूर्ख को समझाने से अपनी मत मारी जाती है जिस तरह पत्थर पर तीर चलाने से उल्टा तीर ही खुन्डा होता है

मूरख को समझाना सरस बेच चली जाए, ज्यूँ पत्थर के मारे चोखो तीर नसाए

मूर्ख को समझाने से अपनी मत मारी जाती है जिस तरह पत्थर पर तीर चलाने से उल्टा तीर ही खुन्डा होता है

मूरख-समझाओ

کم عقل اور نادانوں کو سمجھانا ۔

मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

मूरख-समझावनी

نادانوں کو سمجھانا ؛ مراد : قمچی ، بید ، لاٹھی جس سے ڈرایا دھمکایا جائے

मूर्खपा-पन

मूर्खता, बेवकूफी

मूर्खता

बेवक़ूफ़ी, मूर्खता, अज्ञानता

मूर्खपा-ताई

मूर्खता, बेवकूफी

मूरख की सारी रैन चतुर की एक घड़ी

बेवक़ूफ़ पूरी रात में वह काम पूरा नहीं करता, जो समझदार क्षण में ही पूरा कर देता है

मूरख की सारी रैन चातुर की एक घड़ी

बेवक़ूफ़ पूरी रात में वह काम पूरा नहीं करता, जो समझदार क्षण में ही पूरा कर देता है

मूरख को मत सौंप तू चतुराई का काम, गधा बिकत मिलते नहीं बध घोड़े के दाम

मूर्ख को बुद्धि का काम नहीं सौंपना चाहिए, गधे का मूल्य बड़े घोड़े के बराबर नहीं मिलता

महा-मूर्ख

बड़ा अहमक़, बड़ा बेवक़ूफ़

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

मन-मूरख

मासूम दिल, नादान या भोला दिल, पागल दिल

चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

ग्यान गुनी वो मूरख मारे, वो जीते जो पहले मारे

जो पहले काम निकाल ले या कर गुज़रे वही होशयार है, अक़लमंद आदमी बेवक़ूफ़ को मार लेता है, जो पहले हमला करे वो जीत जाता है

जिस का काम उसी को छाजे और करे तो मूरख बाजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

मन में मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

चातुर की चिबिल्ली भली मूरख की नार से

बुद्धिमान की लौंडी होना मूर्ख की पत्नी होने से उत्तम है

चातुर की चेरी भली मूरख की नार से

बुद्धिमान की लौंडी होना मूर्ख की पत्नी होने से उत्तम है

चातुर को चौ गुनी, मूरख को सौ गुनी

चतुर थोड़ा लाभ उठाते हैं और मूर्ख बहुत, चतुर को थोड़ी बात पर्याप्त है और मूर्ख को बहुत

उसी रूख पर है चढ़ा उसी की जड़ कटवाय, वो मूरख तो एक दिन गिर दब कर मर जाय

जिस वस्तु पर मनुष्य का गुज़ारा हो यदि उसी को बर्बाद करे तो हानि उठाएगा

निपूते का घर सूना, मूरख का हरदा सूना, दालदरी का सब कुछ सूना

बेऔलाद का घर ख़ाली, बेवक़ूफ़ का दिल ख़ाली और बदक़िस्मत का सब कुछ ख़ाली होता है

चंपा के दस फूल चंबेली की एक कली, मूरख की सारी रात चातुर की एक घड़ी

थोड़ी अच्छी चीज़ मामूली बहुत सी चीज़ से बेहतर होती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पेट है या ख़्वाजा ख़िज़र की ज़ंबील के अर्थदेखिए

पेट है या ख़्वाजा ख़िज़र की ज़ंबील

peT hai yaa KHvaaja KHizar kii zambiilپیٹ ہَے یا خواجَہ خِضَر کی زَنْبِیل

कहावत

पेट है या ख़्वाजा ख़िज़र की ज़ंबील के हिंदी अर्थ

  • (जिस के पेट में इल्ला बिल्ला उतरती चली जाये और कभी खाने से मुंह ना मोड़े ऐसे आदमी के पेट को ख़्वाजा ख़िज़र की ज़ंबील कहते हैं, हज़रत ख़िज़र अलैहि अस्सलाम के बारे में मशहूर है कि इन के पास एक ज़ंबील थी जिस में हर चीज़ समा जाती थी बाअज़ दफ़ा उम्र अय्यार की ज़ंबील भी कहते हैं

پیٹ ہَے یا خواجَہ خِضَر کی زَنْبِیل کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (جس کے پیٹ میں الا بلا اترتی چلی جائے اور کبھی کھانے سے من٘ھ نہ موڑے ایسے آدمی کے پیٹ کو خواجہ خضر کی زن٘بیل کہتے ہیں ، حضرت خضر علیہ السلام کے بارے میں مشہور ہے کہ ان کے پاس ایک زن٘بیل تھی جس میں ہر چیز سما جاتی تھی بعض دفعہ عمر عیار کی زن٘بیل بھی کہتے ہیں)

Urdu meaning of peT hai yaa KHvaaja KHizar kii zambiil

  • Roman
  • Urdu

  • (jis ke peT me.n illaa billaa utartii chalii jaaye aur kabhii khaane se munh na mo.De a.ise aadamii ke peT ko Khvaajaa Khizar kii zambiil kahte hai.n, hazrat Khizar alaihi assalaam ke baare me.n mashhuur hai ki in ke paas ek zambiil thii jis me.n har chiiz samaa jaatii thii baaaz dafaa umr ayyaar kii zambiil bhii kahte hai.n

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मूर्ख

जिसमें ठीक ढंग से तथा विचारपूर्वक कोई काम करने अथवा कोई बात समझने-सोचने की योग्यता या शक्ति न हो, बुद्धि के अभाव में जो ऊट-पटाँग काम करता या बातें सोचता हो, मूढ़, नासमझ, बेवक़ूफ़, नादान, अपढ़,लैठ, जाहिल, कमअक़्ल

मूरख

जिसमें ठीक ढंग से तथा विचारपूर्वक कोई काम करने अथवा कोई बात समझने-सोचने की योग्यता या शक्ति न हो, बुद्धि के अभाव में जो ऊट-पटाँग काम करता या बातें सोचता हो, मूढ़, नासमझ, बेवक़ूफ़, नादान, अपढ़,लैठ, जाहिल, कमअक़्ल

मूरख के बखान सहावे

नादान को नसीहत सुनने की आदत होजाती है

मूरख के हाथ कमान, बूढ़ा बचे न जवान

नादान मगर ज़ी मक़दूर शख़्स बगै़र सोचे समझे काम करता है

मूरख-लो

बेवक़ूफ़ी, मूर्खता, अज्ञानता, असावधानी, असतर्कता

मूर्ख-पन

मूर्खता, अहमक़-पन, बेवक़ूफ़ी, गधापन

मूरख-पना

folly, stupidity, ignorance

मूरख के समझाए ज्ञान गाँठ जाए

बेवक़ूफ़ को समझाने से इलम-ए-सनाए होता है

मूरख को समझाना सरस बीज बलि जाए, ज्यूँ पत्थर के मारने चोखो तीर नसाए

मूर्ख को समझाने से अपनी मत मारी जाती है जिस तरह पत्थर पर तीर चलाने से उल्टा तीर ही खुन्डा होता है

मूरख को समझाना सरस बेच चली जाए, ज्यूँ पत्थर के मारे चोखो तीर नसाए

मूर्ख को समझाने से अपनी मत मारी जाती है जिस तरह पत्थर पर तीर चलाने से उल्टा तीर ही खुन्डा होता है

मूरख-समझाओ

کم عقل اور نادانوں کو سمجھانا ۔

मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

मूरख-समझावनी

نادانوں کو سمجھانا ؛ مراد : قمچی ، بید ، لاٹھی جس سے ڈرایا دھمکایا جائے

मूर्खपा-पन

मूर्खता, बेवकूफी

मूर्खता

बेवक़ूफ़ी, मूर्खता, अज्ञानता

मूर्खपा-ताई

मूर्खता, बेवकूफी

मूरख की सारी रैन चतुर की एक घड़ी

बेवक़ूफ़ पूरी रात में वह काम पूरा नहीं करता, जो समझदार क्षण में ही पूरा कर देता है

मूरख की सारी रैन चातुर की एक घड़ी

बेवक़ूफ़ पूरी रात में वह काम पूरा नहीं करता, जो समझदार क्षण में ही पूरा कर देता है

मूरख को मत सौंप तू चतुराई का काम, गधा बिकत मिलते नहीं बध घोड़े के दाम

मूर्ख को बुद्धि का काम नहीं सौंपना चाहिए, गधे का मूल्य बड़े घोड़े के बराबर नहीं मिलता

महा-मूर्ख

बड़ा अहमक़, बड़ा बेवक़ूफ़

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

मन-मूरख

मासूम दिल, नादान या भोला दिल, पागल दिल

चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

ग्यान गुनी वो मूरख मारे, वो जीते जो पहले मारे

जो पहले काम निकाल ले या कर गुज़रे वही होशयार है, अक़लमंद आदमी बेवक़ूफ़ को मार लेता है, जो पहले हमला करे वो जीत जाता है

जिस का काम उसी को छाजे और करे तो मूरख बाजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

मन में मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

चातुर की चिबिल्ली भली मूरख की नार से

बुद्धिमान की लौंडी होना मूर्ख की पत्नी होने से उत्तम है

चातुर की चेरी भली मूरख की नार से

बुद्धिमान की लौंडी होना मूर्ख की पत्नी होने से उत्तम है

चातुर को चौ गुनी, मूरख को सौ गुनी

चतुर थोड़ा लाभ उठाते हैं और मूर्ख बहुत, चतुर को थोड़ी बात पर्याप्त है और मूर्ख को बहुत

उसी रूख पर है चढ़ा उसी की जड़ कटवाय, वो मूरख तो एक दिन गिर दब कर मर जाय

जिस वस्तु पर मनुष्य का गुज़ारा हो यदि उसी को बर्बाद करे तो हानि उठाएगा

निपूते का घर सूना, मूरख का हरदा सूना, दालदरी का सब कुछ सूना

बेऔलाद का घर ख़ाली, बेवक़ूफ़ का दिल ख़ाली और बदक़िस्मत का सब कुछ ख़ाली होता है

चंपा के दस फूल चंबेली की एक कली, मूरख की सारी रात चातुर की एक घड़ी

थोड़ी अच्छी चीज़ मामूली बहुत सी चीज़ से बेहतर होती है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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