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घाव

गहरा ज़ख्म, घाव, कट

घाव-घप

गुप्त रूप से या चुपचाप दूसरों का माल उड़ाने, खाने या हजम करनेवाला।

घाव पड़ना

घाव लगना, ज़ख़म होना

घाव आना

घाव सीना

ज़ख़म को टाँके लगाना

घाव खाना

घाव करना

घाव डालना

घाव भरना

घाव का अच्छा होकर बराबर होना, घाव का भर जाना

घाव पर घाव खाना

ज़ख़म पर ज़ख़म सहना , दुख पर दुख उठाना

घाव ताज़ा होना

ज़ख़म या सदमा बरक़रार होना, ज़ख़म हरा होना, गुज़श्ता सदमे या हादिसे का असर ऊद कराना

घाव पर लोन छिड़कना

घाव पर नमक छिड़कना, दर्द पर दर्द देना, दुःखी को और दुःखी देना

घाव में नोन मिर्च लगाना

घाव में नोन-मिर्च लगाना

घाव घप करना

घाव पर नमक छिनकना

रुक : घाव पर लोन छिड़कना

घावाँ चढ़ना

ज़ख़्म आना, घाव लगना

घाँव-घाँव

गेहवाँ

ग़ावी

बड़ी समुद्री नावों पर का पाल

ग़ाविर

ग़ावीन

बंदर-घाव

वह घाव जो बढ़ता चला जाता है अच्छा नहीं होता, जब बंदर का ज़ख़्म अच्छा होने के क़रीब होता है तो वह उसे फिर छिल डालता है

ताव-घाव

तलवार का घाव

तलवार का ज़ख़्म, तलवार के वार का घाव, निशान

बंदर का घाव

बंदर का घाव

दिल में घाव पड़ना

दिल मजरूह होना

तकले का घाव

दिल में घाव करना

तकलीफ़ पहुंचाना

दिल में घाव होना

तकलीफ़ में होना, तबीयत मुकद्दर होना

आया न घाव वैद मँगाओ

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का घाव नहीं भरता

माँ रोवे तलवार के घाव से , बाप रोवे तीर के घाव से

नालायक़ और बदचलन औलाद के मुताल्लिक़ कहते हैं

लूट बिनोलों की घाव गधय्या का

नफ़ा थोड़ा नुक़्सान बहुत

घवड़त

लकड़ी जो छत के नीचे खड़ा करें

मोज़े का घाव रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

मोज़ा का घाव बीवी जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख, अपनी तकलीफ़ को इंसान ख़ुद अच्छी तरह समझता है

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मोज़े का घाव बीवी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मूतने का घाव मियाँ जाने या पाँव

हर शख़्स छपी जगह से ख़ुद ही वाक़िफ़ हो सकता है, पोशीदा हाल या राज़ दूसरे क्या जानें

घव्वा

लासा या कपड़ा जो कंपे में बाँधा जाता है (पक्षियों को पकड़ने के लिए उपयुक्त)

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

गहवारे का ता'वीज़

(मृतसंस्कार प्रबंध) औरतों की क़ब्र का तावीज़ जिसके ऊपर मध्य में तकिये जैसी शक्ल बना देते हैं जिससे पता चलता है कि यह किसी औरत की क़ब्र है, इसे पालने का तावीज़ कहते हैं

दिल का घाव रानी जाने या राव

दिल्ली रंज-ओ-ग़म की इसी को ख़बर होती है जो इस में मुबतला होता है, जिस पर मुसीबत पड़ती है उसको वही ख़ूब समझता है

मूस का घाव बीवी रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

भीतर का घाव, रानी जाने या राव

घर के मु'आमलात को पति पत्नी ही जानते हैं

ग़वादी

ग्रादिव का बहु., प्रातःकाल के बादल।

तुम और चले घाव में मिर्चें लगाने

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

बिनौले की लूट में बरछी का घाव

थोड़े से लाभ में बहुत अधिक तकलीफ़

ग़वाशी

पर्दे, आड़े, वस्त्र, लिबास

ग़व्वासी-जहाज़

ग़व्वास-जहाज़

गूझे का घाव रानी जाने या राव

घर की तकलीफों को घर वाले ही जानते हैं

ग़व्वासी

ग़ोताखोरी, गोता मारने का का काम, समुद्र में पैठ कर मोती निकालने का काम, मोती निकालने के लिए दरिया में डुबकी लगाना

मूस का घाव रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मुशा'इरा के अर्थदेखिए

मुशा'इरा

mushaa'iraمُشاعِرَہ

स्रोत: अरबी

वज़्न : 1112

शब्द व्युत्पत्ति: श-अ-र

मुशा'इरा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • उर्दू-फ़ारसी आदि के शायरों का वह सम्मेलन जिसमें वे अपनी गजलें आदि पढ़कर सुनाते हैं
  • कवि सम्मेलन, कवि गोष्ठी, शाएरों की सभा, वह सम्मेलन जिसमें शायर अपनी शेर या ग़ज़ल आदि कहते हैं
  • बहुत-से कवियों का एक जगह बैठकर परस्पर कविता सुनाना, बहुत-से आदिमियों के संमुख कविता सुनाना

English meaning of mushaa'ira

Noun, Masculine

  • an assembly where poets recite their poetry

Roman

مُشاعِرَہ کے اردو معانی

اسم، مذکر

  • ایک دو سرے کو شعر سنانا، شعرا کا جمع ہو کر شعر خوانی کرنا؛ باہم شعر پڑھنا؛ مجلس شعر خوانی

Urdu meaning of mushaa'ira

  • ek duusre ko shear sunaanaa, shoaraa ka jamaa ho kar shear Khavaanii karnaa; baaham shear pa.Dhnaa; majlise sher Khavaanii

मुशा'इरा के यौगिक शब्द

मुशा'इरा से संबंधित रोचक जानकारी

مشاعرہ عربی میں لفظ ’’شعر‘‘ کو باب مفاعلہ میں لے جاتے ہیں اور’’مُشاعَرہ‘‘ (اول مضموم، چہارم مفتوح) حاصل کرتے ہیں۔ لیکن وہاں اس کے معنی ہیں، ’’مقابلے کی غرض سے باہم شعرپڑھنا یا کہنا‘‘۔یعنی اس میں کسی باقاعدہ طور پر ترتیب دی ہوئی محفل شعر خوانی اور سامعین کی موجودگی کا کوئی تصور نہیں۔ اردو میں اول مضموم اور چہارم مکسور (مُشاعِرہ) بمعنی ’’شعر سنانے کی محفل، جس میں سامعین بھی ہوں اور کئی شعرا شعر سنائیں‘‘ عام طور پر مستعمل ہے اور اسی کو صحیح سمجھنا چاہئے۔ بعض لوگ میم اور عین پر زبر بولتے تھے۔ اب یہ تلفظ رائج نہیں، ’’مشاعرہ‘‘ (اول مضموم، چہارم مکسور)بروزن ’’مقابلہ‘‘ ہی صحیح ہے۔

ماخذ: لغات روز مرہ    
مصنف: شمس الرحمن فاروقی

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घाव

गहरा ज़ख्म, घाव, कट

घाव-घप

गुप्त रूप से या चुपचाप दूसरों का माल उड़ाने, खाने या हजम करनेवाला।

घाव पड़ना

घाव लगना, ज़ख़म होना

घाव आना

घाव सीना

ज़ख़म को टाँके लगाना

घाव खाना

घाव करना

घाव डालना

घाव भरना

घाव का अच्छा होकर बराबर होना, घाव का भर जाना

घाव पर घाव खाना

ज़ख़म पर ज़ख़म सहना , दुख पर दुख उठाना

घाव ताज़ा होना

ज़ख़म या सदमा बरक़रार होना, ज़ख़म हरा होना, गुज़श्ता सदमे या हादिसे का असर ऊद कराना

घाव पर लोन छिड़कना

घाव पर नमक छिड़कना, दर्द पर दर्द देना, दुःखी को और दुःखी देना

घाव में नोन मिर्च लगाना

घाव में नोन-मिर्च लगाना

घाव घप करना

घाव पर नमक छिनकना

रुक : घाव पर लोन छिड़कना

घावाँ चढ़ना

ज़ख़्म आना, घाव लगना

घाँव-घाँव

गेहवाँ

ग़ावी

बड़ी समुद्री नावों पर का पाल

ग़ाविर

ग़ावीन

बंदर-घाव

वह घाव जो बढ़ता चला जाता है अच्छा नहीं होता, जब बंदर का ज़ख़्म अच्छा होने के क़रीब होता है तो वह उसे फिर छिल डालता है

ताव-घाव

तलवार का घाव

तलवार का ज़ख़्म, तलवार के वार का घाव, निशान

बंदर का घाव

बंदर का घाव

दिल में घाव पड़ना

दिल मजरूह होना

तकले का घाव

दिल में घाव करना

तकलीफ़ पहुंचाना

दिल में घाव होना

तकलीफ़ में होना, तबीयत मुकद्दर होना

आया न घाव वैद मँगाओ

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का घाव नहीं भरता

माँ रोवे तलवार के घाव से , बाप रोवे तीर के घाव से

नालायक़ और बदचलन औलाद के मुताल्लिक़ कहते हैं

लूट बिनोलों की घाव गधय्या का

नफ़ा थोड़ा नुक़्सान बहुत

घवड़त

लकड़ी जो छत के नीचे खड़ा करें

मोज़े का घाव रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

मोज़ा का घाव बीवी जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख, अपनी तकलीफ़ को इंसान ख़ुद अच्छी तरह समझता है

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मोज़े का घाव बीवी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मूतने का घाव मियाँ जाने या पाँव

हर शख़्स छपी जगह से ख़ुद ही वाक़िफ़ हो सकता है, पोशीदा हाल या राज़ दूसरे क्या जानें

घव्वा

लासा या कपड़ा जो कंपे में बाँधा जाता है (पक्षियों को पकड़ने के लिए उपयुक्त)

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

गहवारे का ता'वीज़

(मृतसंस्कार प्रबंध) औरतों की क़ब्र का तावीज़ जिसके ऊपर मध्य में तकिये जैसी शक्ल बना देते हैं जिससे पता चलता है कि यह किसी औरत की क़ब्र है, इसे पालने का तावीज़ कहते हैं

दिल का घाव रानी जाने या राव

दिल्ली रंज-ओ-ग़म की इसी को ख़बर होती है जो इस में मुबतला होता है, जिस पर मुसीबत पड़ती है उसको वही ख़ूब समझता है

मूस का घाव बीवी रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

भीतर का घाव, रानी जाने या राव

घर के मु'आमलात को पति पत्नी ही जानते हैं

ग़वादी

ग्रादिव का बहु., प्रातःकाल के बादल।

तुम और चले घाव में मिर्चें लगाने

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

बिनौले की लूट में बरछी का घाव

थोड़े से लाभ में बहुत अधिक तकलीफ़

ग़वाशी

पर्दे, आड़े, वस्त्र, लिबास

ग़व्वासी-जहाज़

ग़व्वास-जहाज़

गूझे का घाव रानी जाने या राव

घर की तकलीफों को घर वाले ही जानते हैं

ग़व्वासी

ग़ोताखोरी, गोता मारने का का काम, समुद्र में पैठ कर मोती निकालने का काम, मोती निकालने के लिए दरिया में डुबकी लगाना

मूस का घाव रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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