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जान-पहचान

दो या अधिक व्यक्तियों का आपसी परिचय या मेलमिलाप, परस्पर मैत्री, पहचानना, परिचय (केवल व्यक्तियों के संबंध में प्रयुक्त)

जान पहचान वाला

friend, familiar, an acquaintance

जान पहचान का

friend, familiar, an acquaintance

जान न पहचान दिल-ओ-जान क़ुर्बान

अंजान से मोहब्बत करते समय यह कहते हैं

जान न पहचान, बड़ी ख़ाला सलाम

किसी से ख़्वाह-मख़्वाह सहमति एवं एकचित्तता जताना या संबंध ज़ाहिर करना

जान न पहचान ना-ख़्वाँदा मेहमान

रुक : जान ना पहचान बड़ी ख़ाला सलाम

जान न पहचान बड़ी ख़ाला सलाम

यह कहावत वहां बोलते हैं जहां कोई अनजान आदमी बहुत तपाक और उत्साह दिखाए, अनुचित गुण दिखाने वाले और चालाक के संबंध मे बोलते हैं जो बेकार की दोस्ती जता कर अपना मतलब निकालते हैं

जान मारे बानिया, पहचान मारे चोर

बनिया दूसरों को लूटता है और चोर अपने जानने वाले को

जान न पहचान ख़ाला सलाम

(अवामी) जब कोई किसी अपरिचित के साथ बहुत उत्साह से मिलता है या चतुराई से अपनी मित्रता दिखा कर अपना मतलब निकालना चाहते हैं तो कहते हैं

जान ही की पहचान है

मुहब्बत जब तक रहती है जब तक जान सलामत है , जिसे जानते हैं उसे ही पहचान सकते हैं ग़ैर या अजनबी आदमी को क्या पहचानें

जाना-पहचाना

जिसके बारे में जानकारी हो, जिससे भली-भांती परिचय हो, जाना-पहचाना, जाना-बूझा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में महकमा-ए-फ़ौज के अर्थदेखिए

महकमा-ए-फ़ौज

mahkama-e-faujمحکمۂ فوج

स्रोत: अरबी

वज़्न : 211221

महकमा-ए-फ़ौज के हिंदी अर्थ

पुल्लिंग

  • सैन्य-विभाग

English meaning of mahkama-e-fauj

Masculine

  • department of military

Urdu meaning of mahkama-e-fauj

  • Roman
  • Urdu

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जान-पहचान

दो या अधिक व्यक्तियों का आपसी परिचय या मेलमिलाप, परस्पर मैत्री, पहचानना, परिचय (केवल व्यक्तियों के संबंध में प्रयुक्त)

जान पहचान वाला

friend, familiar, an acquaintance

जान पहचान का

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जान न पहचान दिल-ओ-जान क़ुर्बान

अंजान से मोहब्बत करते समय यह कहते हैं

जान न पहचान, बड़ी ख़ाला सलाम

किसी से ख़्वाह-मख़्वाह सहमति एवं एकचित्तता जताना या संबंध ज़ाहिर करना

जान न पहचान ना-ख़्वाँदा मेहमान

रुक : जान ना पहचान बड़ी ख़ाला सलाम

जान न पहचान बड़ी ख़ाला सलाम

यह कहावत वहां बोलते हैं जहां कोई अनजान आदमी बहुत तपाक और उत्साह दिखाए, अनुचित गुण दिखाने वाले और चालाक के संबंध मे बोलते हैं जो बेकार की दोस्ती जता कर अपना मतलब निकालते हैं

जान मारे बानिया, पहचान मारे चोर

बनिया दूसरों को लूटता है और चोर अपने जानने वाले को

जान न पहचान ख़ाला सलाम

(अवामी) जब कोई किसी अपरिचित के साथ बहुत उत्साह से मिलता है या चतुराई से अपनी मित्रता दिखा कर अपना मतलब निकालना चाहते हैं तो कहते हैं

जान ही की पहचान है

मुहब्बत जब तक रहती है जब तक जान सलामत है , जिसे जानते हैं उसे ही पहचान सकते हैं ग़ैर या अजनबी आदमी को क्या पहचानें

जाना-पहचाना

जिसके बारे में जानकारी हो, जिससे भली-भांती परिचय हो, जाना-पहचाना, जाना-बूझा

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