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ख़ुदा तो देखता है

अल्लाह से कुछ पोशीदा नहीं

मोर नाचता है जब अपने पाँव देखता है तो रो देता है

सारी उमनगीं, हौसले, ख़ुशीयां, लज़्ज़तें, नेअमतें, औसाफ़ ज़रा से ऐब के बाइस तकलीफ़-ओ-तकद्दुर बिन जाते हैं, ऐब ज़रा सा भी ुबरा

मेरा ख़ुदा देखता है

किसी लांछन से छुटकारे के लिए सौगंध खाने के अवसर पर कहते हैं

ख़ुदा तो है

۔ख़ुदा तू मददगार है।

ख़ुदा है तो क्या ग़म है

ख़ुदा भरोसा हो तो मुश्किल आसान हो जाती है

नामर्दी तो ख़ुदा ने दी है

प्रयास तो कर, कोशिश तो कर

फ़त्ह तो ख़ुदा के हाथ है पर मार मार तो किए जाओ

प्रयास किए जाओ ईश्वर सफलता देगा

ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

तीन गुनाह तो ख़ुदा भी बख़्श्ता है

जब किसी से माफ़ी और क्षमा मांगनी हो तो कहते हैं

ख़ुदा देना है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा किसी को नवाज़ना चाहे तो इस के ज़राए और सामान पैदा कर देता है, ख़ुदा की देन अस्बाब ज़ाहिरी पर मौक़ूफ़ नहीं, ख़ुदा का फ़ज़ल बेहिसाब है

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

जब ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा बे वसीला रिज़्क पहुंचाता है,ऐसी नेअमत मिल जाना जिस के आसार वसाइल ज़ाहिर ना हूँ

ख़ुदा को देखा नहीं तो 'अक़्ल से पहचाना है

हर जगह ग़लत नहीं होता, बुद्धि से बहुत कुछ बातें समझ में आ जाती हैं

जब ख़ुदा देने पर आता है तो ये नहीं पूछता कि तू कौन है

ईश्वर की कृपा नीच और उच्च पर समान होती है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

जब ख़ुदा देने पर आता है तो यह नहीं पूछ्ता कि तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

मार किए जाओ फ़तह-ओ-शिकस्त तो ख़ुदा के हाथ में है

कोशिश करनी चाहिए परिणाम चाहे कुछ हो

बिल्ली भी मारती है चूहा तो पेट के लिए, बिल्ली ख़ुदा वास्ते चूहा नहीं मारती

ईश्वर के नाम पर कोई बुरा काम नहीं करता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़ुदा तो देखता है के अर्थदेखिए

ख़ुदा तो देखता है

KHudaa to dekhtaa haiخُدا تو دیکْھتا ہے

वाक्य

ख़ुदा तो देखता है के हिंदी अर्थ

  • अल्लाह से कुछ पोशीदा नहीं

خُدا تو دیکْھتا ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اللہ سے کچھ پوشیدہ نہیں.

Urdu meaning of KHudaa to dekhtaa hai

  • Roman
  • Urdu

  • allaah se kuchh poshiida nahii.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

ख़ुदा तो देखता है

अल्लाह से कुछ पोशीदा नहीं

मोर नाचता है जब अपने पाँव देखता है तो रो देता है

सारी उमनगीं, हौसले, ख़ुशीयां, लज़्ज़तें, नेअमतें, औसाफ़ ज़रा से ऐब के बाइस तकलीफ़-ओ-तकद्दुर बिन जाते हैं, ऐब ज़रा सा भी ुबरा

मेरा ख़ुदा देखता है

किसी लांछन से छुटकारे के लिए सौगंध खाने के अवसर पर कहते हैं

ख़ुदा तो है

۔ख़ुदा तू मददगार है।

ख़ुदा है तो क्या ग़म है

ख़ुदा भरोसा हो तो मुश्किल आसान हो जाती है

नामर्दी तो ख़ुदा ने दी है

प्रयास तो कर, कोशिश तो कर

फ़त्ह तो ख़ुदा के हाथ है पर मार मार तो किए जाओ

प्रयास किए जाओ ईश्वर सफलता देगा

ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

तीन गुनाह तो ख़ुदा भी बख़्श्ता है

जब किसी से माफ़ी और क्षमा मांगनी हो तो कहते हैं

ख़ुदा देना है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा किसी को नवाज़ना चाहे तो इस के ज़राए और सामान पैदा कर देता है, ख़ुदा की देन अस्बाब ज़ाहिरी पर मौक़ूफ़ नहीं, ख़ुदा का फ़ज़ल बेहिसाब है

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

जब ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा बे वसीला रिज़्क पहुंचाता है,ऐसी नेअमत मिल जाना जिस के आसार वसाइल ज़ाहिर ना हूँ

ख़ुदा को देखा नहीं तो 'अक़्ल से पहचाना है

हर जगह ग़लत नहीं होता, बुद्धि से बहुत कुछ बातें समझ में आ जाती हैं

जब ख़ुदा देने पर आता है तो ये नहीं पूछता कि तू कौन है

ईश्वर की कृपा नीच और उच्च पर समान होती है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

जब ख़ुदा देने पर आता है तो यह नहीं पूछ्ता कि तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

मार किए जाओ फ़तह-ओ-शिकस्त तो ख़ुदा के हाथ में है

कोशिश करनी चाहिए परिणाम चाहे कुछ हो

बिल्ली भी मारती है चूहा तो पेट के लिए, बिल्ली ख़ुदा वास्ते चूहा नहीं मारती

ईश्वर के नाम पर कोई बुरा काम नहीं करता

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