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'आरज़ी

अस्थायी, क्षणिक, अस्थिर, थोड़ी देर का

'आरज़ी-क़त'ई

(क़ानून) निश्चित रूप से आपत्ति जताने वाला, यक़ीनी तौर पर विरोध करने वाला

'आर्ज़ी हुकूमत

अल्पकालीन सरकार, चंद रोज़ा हुकूमत ,(लाक्षणिक) वो सरकार जो कुछ वक़्त के लिए बनायी जाये

तजनीस-ए-'आरज़ी

دو لفظوں کی بلحاظ حروف یکسانیت مگر بلحاظ معنی اختلاف .

मिज़ाज-ए-'आरज़ी

(طب) وہ غیر طبعی مزاج جو بعد کو عارض و لاحق ہو

सुकून-ए-'आरज़ी

थोड़े दिनों का इत्मीनान, अस्थायी संतोष ।।

दुनिया 'आरज़ी ठिकाना है

दुनिया बेसबात है, ज़िंदगी को दवाम हासिल नहीं

दुनिया 'आरज़ी ठिकाना है

दुनिया बेसबात है, ज़िंदगी को दवाम हासिल नहीं

raze

ढाना

रज़ा

ख़ुशी, किसी काम या बात की ओर होने वाली प्रवृत्ति या रुचि

रज़ी

पसंदीदा, मन पसंद, ख़ुश करने वाला

रज़ाई

रंगीन अब्रे और अस्तर के बीच में रूई भरा और गोट लगा ओढ़ने का एक कपड़ा, रूई भरी दुलाई, लिहाफ़, लिबादा, सोड़, गुदड़ी

'अर्ज़ा

बलि देना अथवा भेंट देना

रज़ी'

दूध पीता (बच्चा)

'अर्ज़ी

लिखित प्रार्थनापत्र, प्रार्थनापत्र, आवेदन या निवेदन-पत्र जो लिखित रूप में दिया जाए

रेज़ा

कण, दाना, ज़र्रा, संख्या

रेज़ा

टुकड़ा, पारचा, पुर्ज़ा

रोज़ा तुड़वाना

किसी का उपवास रद्द करना

रोज़े छुड़ाने गए नमाज़ गले पड़ी

जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं

गए नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

۔مثل۔ ایک آفت سے بچنے کی تدبیر کی دوسری آفت اُس سے زیادہ سر پڑی۔ اُلٹے لینے کے دینے پڑگئے۔

रोज़े बख़्शवाने गए नमाज़ गले पड़ी

जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं

नमाज़ बख़्शवाने गए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की, दूसरा इस से मुश्किल ज़िम्मे आ पड़े तो कहते हैं

नमाज़ बख़्शवाने आए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की, दूसरा इस से मुश्किल ज़िम्मे आ पड़े तो कहते हैं

मुँह धोवे, रोज़े खोवे

रिंदों, बे नमाज़ों का मक़ूला है

गए थे रोज़े छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी

रुक : गए थे नमाज़ बख़॒श॒वाने रोज़े गले पड़ गए, एक काम से जान छुड़ाते छुड़ाते एक और काम मिल जाये तो कहते हैं

रोज़ा छुड़ाने गए थे नमाज़ गले पड़ी

जब एक संकट से बचने के प्रयास में दूसरी संकट खड़ी हो जाती है तो उस समय कहते हैं

क़ाज़ी ब दो गवाह राज़ी

शरी'अत के हिसाब से दो गवाहों से मुक़द्दमे का फ़ैसला हो जाता है

नमाज़ें बख़्शवाते उल्टे रोज़े गले पड़ी

रुक : नमाज़ छुड़ाने गए थे अलख

'अर्ज़ी दाग़ देना

दरख़ास्त और आवेदन पेश कर देना, लिखित आवेदन करना, मुलाज़मत और नौकरी का उम्मीदवार होना

रोज़ा रोज़ रोज़ , बंदा चंद रोज़

रोज़ा तो हमेशा रहेगा लेकिन बंदा चंद रोज़ का मेहमान है बाअज़ लोग जब रोज़ा रखना नहीं चाहते तो कहते हैं

गए थे नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

while trying to avoid a difficult task one is burdened with yet another one

मिल गई तो रोज़ी वर्ना रोज़ा

अगर मज़दूरी या काम से पारिश्रमिक मिल गया तो गुज़ारा हो जाएगा वर्ना भूखा रहना पड़ेगा

नमाज़ को गए रोज़ा गले पड़ा

एक चिंता, एक काम तो पहले ही सामने था अब दूसरा भी सामने आ गया

रोज़े को गए नमाज़ गले पड़ी

रुक : रोज़े छुराने गए नमाज़ गले पड़ी

नमाज़ छुड़ाने गए थे रोज़े गले पड़ गए

एक काम से पीछा छुड़ाना चाहा दूसरे का भार सर पर आ गया

नमाज़ बख्शवाने गए थे , रोज़े गले पड़ गए

bid to seek redress brought further burden

तन्हा पेश क़ाज़ी रवी राज़ी शवी

تنہائی میں قاضی کے سامنے جو چاہو سو بیان دیدو اور جس طرح چاہو اسے مطمئن کردو ، ایسے موقع پر بولتے ہیں جب معاملہ یک طرفہ پیش ہو اور فریق ثانی کو جواب دبی یا صفائی کا موقع نہ ہو

गए थे नमाज़ बख़्शवाने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

शश-'ईद के रोज़े

छः रोज़े जो ईद के बाद से लगातार तीन दिन तक रखे जाते हैं, कहते हैं इन छः रोज़ों का पुण्य साल भर के रोज़ों के बराबर होता है

रोज़ी पकड़ना

आजीविक प्राप्त करना, रोज़गार पाना

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

नमाज़ मु'आफ़ कराने गए , उल्टे रोज़े गले पड़े

रुक : नमाज़ छुड़ाने गए थे रोज़े गले पड़े

मैं राज़ी , मेरा ख़ुदा राज़ी

۔ میں خوش میرا خدا خوش۔ ؎

रोज़ा चढ़ता

(लखनऊ) रुक : रोज़ा उछलना

रोज़ा ताेड़ना

कुछ ऐसा करना जो उपवास को अमान्य करता है, उपवास को अमान्य करता है, ऐसा काम करना जिस से रोज़ा टूट जाए, रोज़ा फ़ासिद करना

बंदा आई रोज़ी गया बंदा गई रोज़ी

آدمیوں کی کمی بیشی کے ساتھ رزق کی بھی کمی بیشی ہوتی رہتی

दिन में सोवे, रोज़ी खोवे

जो दिन को काम न करे उस का जीवन कठिनता में रहता है

मुलाक़ात-ए-चंद रोज़ा

दो चार रोज़ की मुलाक़ात, अस्थिर दोस्ती, अस्थायी या गै़र-स्थायी मेल मिलाप

पेश क़ाज़ी रवी राज़ी आई

کسی ایک مثال سے ثبوت فراہم پہنْچانے کے موقع پر بولتے ہیں .

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े हो गए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

गए थे नमाज़ मु'आफ़ कराने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

कड़े-रोज़े

सख़्त रोज़े, वह रोज़े जिन में दिन बड़ा हो और मौसम गर्म हो

मैं राज़ी और मेरा ख़ुदा राज़ी

रुक : में ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश, किसी बात पर मुकम्मल रज़ा ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

दरिया में 'अरीज़ा देना

(عو) حضرت فاطمہ ، خواجہ خضر ، پریوں یا امامِ مہدی کے نام کی عرضی لکھ کر اس میں اللہ سے کوئی مُراد مانگنے کے لیے دریا میں بہا دینا.

दिमाग़ी-'आरिज़ा

رک : دماغی بیماری، دماغ کی خرابی.

नमाज़ को चले उल्टा रोज़े गले पड़े

रुक : नमाज़ छुड़ाने गए थे रोज़े गले पड़े

रोज़ी नहीं तो रोज़ा

रोज़गार की तदबीर ना निकली तो फ़ाक़ा, मुआमला आर या पार होने या किसी हतमी नतीजा के लिए ती्यार होने के मौक़ा पर मुस्तामल

हम राज़ी हमारा ख़ुदा राज़ी

रुक : हम ख़ुश हमारा ख़ुदा ख़ुश

'आरिज़ा

रोग, बीमारी, व्याधि, आमय, व्पसन, लत

दीद-बाज़ी रब राज़ी

रिया कार बनावटी सूफीयों का नारा जिस की आड़ में अपनी ताक झान, नज़रबाज़ी का जवाज़ पैदा करते हैं, ताक झान और नज़रबाज़ी को रुहानी गज़ा क़रार देना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़िल्क़त के अर्थदेखिए

ख़िल्क़त

KHilqatخِلْقَت

स्रोत: अरबी

वज़्न : 22

शब्द व्युत्पत्ति: ख़-ल-क़

ख़िल्क़त के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • जन्म, उत्पत्ति
  • प्रकृति, स्वभाव
  • मख़लूक़ अर्थात मनुष्य या ईश्वर की सृष्टि
  • मनुष्य जाति, मनुष्य, लोग
  • लोगों का जमावड़ा, लोगों की बड़ी संख्या

शे'र

English meaning of KHilqat

خِلْقَت کے اردو معانی

Roman

اسم، مؤنث

  • پیدائش، آفرینش، جنم
  • فطرت، سرشت، جبلت
  • مخلوق
  • نوع انسان، بنی آدم، لوگ
  • لوگوں کا ہجوم، لوگوں کی بڑی تعداد

Urdu meaning of KHilqat

Roman

  • paidaa.ish, aafriinash, janm
  • fitrat, sarishat, jiblat
  • maKhluuq
  • nau insaan, banii aadam, log
  • logo.n ka hujuum, logo.n kii ba.Dii taadaad

ख़िल्क़त के अंत्यानुप्रास शब्द

ख़िल्क़त से संबंधित रोचक जानकारी

خلقت بمعنی ’’بنی آدم، مخلوق، ہجوم، عوام‘‘، یہ لفظ دہلی میں اول مفتوح سے بولا جاتاہے۔ ’’آصفیہ‘‘ اور شان الحق حقی نے اور کوئی تلفظ درج ہی نہیں کیا ہے۔ پلیٹس نے صرف اول مکسور لکھا ہے، جو اس لفظ کا رائج تلفظ ہے (دہلی کے باہر)۔ ’’نور‘‘ نے ’’مخلوق‘‘ کے معنی میں بفتح اول لکھا ہے، اور’’دنیا، آفرینش، بنی آدم‘‘ کے معنی میں اول مکسور لکھا ہے۔ یہ باریک فرق کتابی زیادہ ہے، حقیقی کم۔ دہلی کے باہر ہر جگہ یہ لفظ اول مکسور سے سنا گیا ہے۔ اول مفتوح کے تلفظ کو دہلی کا علاقائی تلفظ کہنا چاہئے۔

ماخذ: لغات روز مرہ    
مصنف: شمس الرحمن فاروقی

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'आरज़ी

अस्थायी, क्षणिक, अस्थिर, थोड़ी देर का

'आरज़ी-क़त'ई

(क़ानून) निश्चित रूप से आपत्ति जताने वाला, यक़ीनी तौर पर विरोध करने वाला

'आर्ज़ी हुकूमत

अल्पकालीन सरकार, चंद रोज़ा हुकूमत ,(लाक्षणिक) वो सरकार जो कुछ वक़्त के लिए बनायी जाये

तजनीस-ए-'आरज़ी

دو لفظوں کی بلحاظ حروف یکسانیت مگر بلحاظ معنی اختلاف .

मिज़ाज-ए-'आरज़ी

(طب) وہ غیر طبعی مزاج جو بعد کو عارض و لاحق ہو

सुकून-ए-'आरज़ी

थोड़े दिनों का इत्मीनान, अस्थायी संतोष ।।

दुनिया 'आरज़ी ठिकाना है

दुनिया बेसबात है, ज़िंदगी को दवाम हासिल नहीं

दुनिया 'आरज़ी ठिकाना है

दुनिया बेसबात है, ज़िंदगी को दवाम हासिल नहीं

raze

ढाना

रज़ा

ख़ुशी, किसी काम या बात की ओर होने वाली प्रवृत्ति या रुचि

रज़ी

पसंदीदा, मन पसंद, ख़ुश करने वाला

रज़ाई

रंगीन अब्रे और अस्तर के बीच में रूई भरा और गोट लगा ओढ़ने का एक कपड़ा, रूई भरी दुलाई, लिहाफ़, लिबादा, सोड़, गुदड़ी

'अर्ज़ा

बलि देना अथवा भेंट देना

रज़ी'

दूध पीता (बच्चा)

'अर्ज़ी

लिखित प्रार्थनापत्र, प्रार्थनापत्र, आवेदन या निवेदन-पत्र जो लिखित रूप में दिया जाए

रेज़ा

कण, दाना, ज़र्रा, संख्या

रेज़ा

टुकड़ा, पारचा, पुर्ज़ा

रोज़ा तुड़वाना

किसी का उपवास रद्द करना

रोज़े छुड़ाने गए नमाज़ गले पड़ी

जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं

गए नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

۔مثل۔ ایک آفت سے بچنے کی تدبیر کی دوسری آفت اُس سے زیادہ سر پڑی۔ اُلٹے لینے کے دینے پڑگئے۔

रोज़े बख़्शवाने गए नमाज़ गले पड़ी

जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं

नमाज़ बख़्शवाने गए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की, दूसरा इस से मुश्किल ज़िम्मे आ पड़े तो कहते हैं

नमाज़ बख़्शवाने आए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की, दूसरा इस से मुश्किल ज़िम्मे आ पड़े तो कहते हैं

मुँह धोवे, रोज़े खोवे

रिंदों, बे नमाज़ों का मक़ूला है

गए थे रोज़े छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी

रुक : गए थे नमाज़ बख़॒श॒वाने रोज़े गले पड़ गए, एक काम से जान छुड़ाते छुड़ाते एक और काम मिल जाये तो कहते हैं

रोज़ा छुड़ाने गए थे नमाज़ गले पड़ी

जब एक संकट से बचने के प्रयास में दूसरी संकट खड़ी हो जाती है तो उस समय कहते हैं

क़ाज़ी ब दो गवाह राज़ी

शरी'अत के हिसाब से दो गवाहों से मुक़द्दमे का फ़ैसला हो जाता है

नमाज़ें बख़्शवाते उल्टे रोज़े गले पड़ी

रुक : नमाज़ छुड़ाने गए थे अलख

'अर्ज़ी दाग़ देना

दरख़ास्त और आवेदन पेश कर देना, लिखित आवेदन करना, मुलाज़मत और नौकरी का उम्मीदवार होना

रोज़ा रोज़ रोज़ , बंदा चंद रोज़

रोज़ा तो हमेशा रहेगा लेकिन बंदा चंद रोज़ का मेहमान है बाअज़ लोग जब रोज़ा रखना नहीं चाहते तो कहते हैं

गए थे नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

while trying to avoid a difficult task one is burdened with yet another one

मिल गई तो रोज़ी वर्ना रोज़ा

अगर मज़दूरी या काम से पारिश्रमिक मिल गया तो गुज़ारा हो जाएगा वर्ना भूखा रहना पड़ेगा

नमाज़ को गए रोज़ा गले पड़ा

एक चिंता, एक काम तो पहले ही सामने था अब दूसरा भी सामने आ गया

रोज़े को गए नमाज़ गले पड़ी

रुक : रोज़े छुराने गए नमाज़ गले पड़ी

नमाज़ छुड़ाने गए थे रोज़े गले पड़ गए

एक काम से पीछा छुड़ाना चाहा दूसरे का भार सर पर आ गया

नमाज़ बख्शवाने गए थे , रोज़े गले पड़ गए

bid to seek redress brought further burden

तन्हा पेश क़ाज़ी रवी राज़ी शवी

تنہائی میں قاضی کے سامنے جو چاہو سو بیان دیدو اور جس طرح چاہو اسے مطمئن کردو ، ایسے موقع پر بولتے ہیں جب معاملہ یک طرفہ پیش ہو اور فریق ثانی کو جواب دبی یا صفائی کا موقع نہ ہو

गए थे नमाज़ बख़्शवाने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

शश-'ईद के रोज़े

छः रोज़े जो ईद के बाद से लगातार तीन दिन तक रखे जाते हैं, कहते हैं इन छः रोज़ों का पुण्य साल भर के रोज़ों के बराबर होता है

रोज़ी पकड़ना

आजीविक प्राप्त करना, रोज़गार पाना

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

नमाज़ मु'आफ़ कराने गए , उल्टे रोज़े गले पड़े

रुक : नमाज़ छुड़ाने गए थे रोज़े गले पड़े

मैं राज़ी , मेरा ख़ुदा राज़ी

۔ میں خوش میرا خدا خوش۔ ؎

रोज़ा चढ़ता

(लखनऊ) रुक : रोज़ा उछलना

रोज़ा ताेड़ना

कुछ ऐसा करना जो उपवास को अमान्य करता है, उपवास को अमान्य करता है, ऐसा काम करना जिस से रोज़ा टूट जाए, रोज़ा फ़ासिद करना

बंदा आई रोज़ी गया बंदा गई रोज़ी

آدمیوں کی کمی بیشی کے ساتھ رزق کی بھی کمی بیشی ہوتی رہتی

दिन में सोवे, रोज़ी खोवे

जो दिन को काम न करे उस का जीवन कठिनता में रहता है

मुलाक़ात-ए-चंद रोज़ा

दो चार रोज़ की मुलाक़ात, अस्थिर दोस्ती, अस्थायी या गै़र-स्थायी मेल मिलाप

पेश क़ाज़ी रवी राज़ी आई

کسی ایک مثال سے ثبوت فراہم پہنْچانے کے موقع پر بولتے ہیں .

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े हो गए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

गए थे नमाज़ मु'आफ़ कराने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

कड़े-रोज़े

सख़्त रोज़े, वह रोज़े जिन में दिन बड़ा हो और मौसम गर्म हो

मैं राज़ी और मेरा ख़ुदा राज़ी

रुक : में ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश, किसी बात पर मुकम्मल रज़ा ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

दरिया में 'अरीज़ा देना

(عو) حضرت فاطمہ ، خواجہ خضر ، پریوں یا امامِ مہدی کے نام کی عرضی لکھ کر اس میں اللہ سے کوئی مُراد مانگنے کے لیے دریا میں بہا دینا.

दिमाग़ी-'आरिज़ा

رک : دماغی بیماری، دماغ کی خرابی.

नमाज़ को चले उल्टा रोज़े गले पड़े

रुक : नमाज़ छुड़ाने गए थे रोज़े गले पड़े

रोज़ी नहीं तो रोज़ा

रोज़गार की तदबीर ना निकली तो फ़ाक़ा, मुआमला आर या पार होने या किसी हतमी नतीजा के लिए ती्यार होने के मौक़ा पर मुस्तामल

हम राज़ी हमारा ख़ुदा राज़ी

रुक : हम ख़ुश हमारा ख़ुदा ख़ुश

'आरिज़ा

रोग, बीमारी, व्याधि, आमय, व्पसन, लत

दीद-बाज़ी रब राज़ी

रिया कार बनावटी सूफीयों का नारा जिस की आड़ में अपनी ताक झान, नज़रबाज़ी का जवाज़ पैदा करते हैं, ताक झान और नज़रबाज़ी को रुहानी गज़ा क़रार देना

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