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लिबास ही नहीं जाता

(दिल्ली) मनाए नहीं मनता सँभाले नहीं सँभलना किसी तरह क़ाबू में नहीं आना

लिया ही नहीं जाता

किसी तरह क़ाबू में नहीं आता, किसी तरह धोके या धमकी में नहीं आता

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे नहीं जाता, तब तक ही जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

भात छोड़ा जाता है साथ नहीं छोड़ा जाता

शिष्ट लोग हानि सहन कर लेते हैं लेकिन मर्यादा नहीं छोड़ते

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔

हाए हाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाते

महिज़ हाय हाय करने से या निरी ख़ुशामद से काम नहीं चलता

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

धोबी से जीते नहीं गधे के कान मरोड़त हो

रुक : धोबी से जीत ना पाए अलख

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का घाव नहीं भरता

wound of words is worse than that of a sword

'आदत धोए धाए से जाती है 'इल्लत नहीं जाती

रुक: आदत छूटे धोए-धाए आदि

कहते ही ज़बान नहीं पकड़ी जाती

۔بولنے والا جو چاہے کہے اُس کو کوئی نہیں روک سکتا۔ (ایامیٰ) مولوی صاحب کی نیت کے بارے میں تو جو چاہے کلام کرے کہتے کی زبان نہیں پکڑی جاتی۔

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

वक़्त नहीं रहता, बात रह जाती है

विपत्ति का समय बीत जाता है किंतु व्यक्तियों के व्यवहार याद रह जाते हैं

वक़्त नहीं रहता बात रह जाती है

मौक़ा निकल जाता है और गिला-शिकवा रह जाती है, काम निकल जाता है मगर जो मुसीबत के वक़्त मदद न करे उस की बेवफ़ाई और साथ न देना याद रहता है

आसमान ज़मीन क्यों नहीं शक़ हो जाते

किस बहुत गहरे दु:ख या बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

आसमान ज़मीन शक़्क़ क्यूँ नहीं हो जाते

किसी कठोर आघात, निर्लज्जता और पाप पर कहा जाता है

गधा मक्के से फिर आवे वो हाजी नहीं हो जाता

ये कहावत शेख़ सादी के इस शेअर का तर्जुमा है : ख़र ईसा अगर ये मक्का रौद जो बयाबद हनूज़ ख़र बाशद

तलवार का घाव भर जाता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है , बात का नहीं भरता

ना सज़ा बात दिल में खटकती रहती है और ज़ख़म ख़ुशक हो जाता है

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

कूए के पास प्यासा आता है कुवा नहीं जाता

ग़रज़मंद को चाहिए कि जहां ग़रज़ निकले वहां जाये, बेग़र्ज़ को क्या पेड़ पड़ी है

तदबीर से क़िस्मत की बुराई नहीं जाती , बिगड़ी हुई तक़दीर बनाई नहीं जाती

अगर क़िस्मत बरी हो तो इंसान लाख तदबीर करे कुछ नहीं होता

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

मुँह मोतियों से भरा जा सकता है , सो मुँह ख़ाक से भी नहीं भरे जाते

थोड़ा सा ख़र्च मज़ा यक्का नहीं बहुत सा कहाँ से आए

कोख की आँच नहीं सही जाती, पेट की आँच सही जाती है

भूका रहा जा सकता है किंतु मामता नहीं छोड़ी जा सकती

पोस्ती की आँच ऊपर ही ऊपर नहीं जाती

ग़रीब की आह बे-असर नहीं होती, पीड़ित की प्रार्थना ख़ाली नहीं जाएगी

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में खारा के अर्थदेखिए

खारा

khaaraaکھارا

स्रोत: संस्कृत

वज़्न : 22

खारा के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • अधिक नमक वाला; जिसमें क्षार या खार का अंश हो; क्षारयुक्त; नमकीन
  • {ला-अ.} अप्रिय या अरुचिकर।

समान ध्वनि के मिलते-जुलते शब्द

ख़ारा (خارا)

एक प्रकार का रेशमी कपड़ा, लहरदार रेशम

English meaning of khaaraa

Noun, Masculine

Adjective

  • saltish, brackish, saline

کھارا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر

  • ہندوؤں کی ایک رسم جس میں دولھا کو نہلا کر کپڑے بدلوائے جاتے ہیں.
  • ا. جال جس میں گھاس ، خربوزے وغیرہ رکھتے ہیں.
  • وہ جگہ جہاں بہت ندّی نالے ہوں ، کھار (۲) ، کھالا.
  • نمکین ، شور.
  • تلخ ، ناگوار.
  • سرکنڈوں یا سرے کی تِیلیوں کا بنا ہوا ٹوکرا.
  • (گِلّہ بانی) گھسیارے کا جال یا ٹوکرا جس میں وہ گھان٘س اِکھٹّی کرکے منڈی میں لاتا ہے.
  • ۔(ھ) صفت۔ ۱۔(عم) نمکین۔ ۲۔مذکر۔ رسّی کا جال جس میں گھاس کنڈے اور خرپزے رکھتے ہیں۔ ۳۔ایک رسم ہے جس میں نوشہ کے کپڑے بدلوائے جاتے ہیں۔

Urdu meaning of khaaraa

  • Roman
  • Urdu

  • hinduu.o.n kii ek rasm jis me.n duulhaa ko nahlaa kar kap.De badalvaa.e jaate hai.n
  • e. jaal jis me.n ghaas, Kharbuuze vaGaira rakhte hai.n
  • vo jagah jahaa.n bahut nadii naale huu.n, Khaar (२), Khaalaa
  • namkiin, shor
  • talKh, naagavaar
  • sarkanDo.n ya sire kii tiiliyo.n ka banaa hu.a Tokraa
  • (gala baanii) ghasiyaare ka jaal ya Tokraa jis me.n vo ghaans e-e-khaTTii karke manDii me.n laataa hai
  • ۔(ha) sifat। १।(am) namkiin। २।muzakkar। rassii ka jaal jis me.n ghaas kanDe aur Khar puzya rakhte hain। ३।ek rasm hai jis me.n nausha ke kap.De badalvaa.e jaate hai.n

खारा के पर्यायवाची शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

लिबास ही नहीं जाता

(दिल्ली) मनाए नहीं मनता सँभाले नहीं सँभलना किसी तरह क़ाबू में नहीं आना

लिया ही नहीं जाता

किसी तरह क़ाबू में नहीं आता, किसी तरह धोके या धमकी में नहीं आता

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे नहीं जाता, तब तक ही जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

भात छोड़ा जाता है साथ नहीं छोड़ा जाता

शिष्ट लोग हानि सहन कर लेते हैं लेकिन मर्यादा नहीं छोड़ते

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔

हाए हाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाते

महिज़ हाय हाय करने से या निरी ख़ुशामद से काम नहीं चलता

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

धोबी से जीते नहीं गधे के कान मरोड़त हो

रुक : धोबी से जीत ना पाए अलख

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का घाव नहीं भरता

wound of words is worse than that of a sword

'आदत धोए धाए से जाती है 'इल्लत नहीं जाती

रुक: आदत छूटे धोए-धाए आदि

कहते ही ज़बान नहीं पकड़ी जाती

۔بولنے والا جو چاہے کہے اُس کو کوئی نہیں روک سکتا۔ (ایامیٰ) مولوی صاحب کی نیت کے بارے میں تو جو چاہے کلام کرے کہتے کی زبان نہیں پکڑی جاتی۔

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

वक़्त नहीं रहता, बात रह जाती है

विपत्ति का समय बीत जाता है किंतु व्यक्तियों के व्यवहार याद रह जाते हैं

वक़्त नहीं रहता बात रह जाती है

मौक़ा निकल जाता है और गिला-शिकवा रह जाती है, काम निकल जाता है मगर जो मुसीबत के वक़्त मदद न करे उस की बेवफ़ाई और साथ न देना याद रहता है

आसमान ज़मीन क्यों नहीं शक़ हो जाते

किस बहुत गहरे दु:ख या बहुत बड़ा पाप हो जाने के अवसर पर बोलते हैं कि धरती-आकाश फट क्यों नहीं जाते अर्थ यह होता है कि प्रलय क्यों नहीं आ जाता (इस लिए कि यह समस्याएँ प्रलय के दिन प्रकट होंगी)

आसमान ज़मीन शक़्क़ क्यूँ नहीं हो जाते

किसी कठोर आघात, निर्लज्जता और पाप पर कहा जाता है

गधा मक्के से फिर आवे वो हाजी नहीं हो जाता

ये कहावत शेख़ सादी के इस शेअर का तर्जुमा है : ख़र ईसा अगर ये मक्का रौद जो बयाबद हनूज़ ख़र बाशद

तलवार का घाव भर जाता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है , बात का नहीं भरता

ना सज़ा बात दिल में खटकती रहती है और ज़ख़म ख़ुशक हो जाता है

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

कूए के पास प्यासा आता है कुवा नहीं जाता

ग़रज़मंद को चाहिए कि जहां ग़रज़ निकले वहां जाये, बेग़र्ज़ को क्या पेड़ पड़ी है

तदबीर से क़िस्मत की बुराई नहीं जाती , बिगड़ी हुई तक़दीर बनाई नहीं जाती

अगर क़िस्मत बरी हो तो इंसान लाख तदबीर करे कुछ नहीं होता

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

मुँह मोतियों से भरा जा सकता है , सो मुँह ख़ाक से भी नहीं भरे जाते

थोड़ा सा ख़र्च मज़ा यक्का नहीं बहुत सा कहाँ से आए

कोख की आँच नहीं सही जाती, पेट की आँच सही जाती है

भूका रहा जा सकता है किंतु मामता नहीं छोड़ी जा सकती

पोस्ती की आँच ऊपर ही ऊपर नहीं जाती

ग़रीब की आह बे-असर नहीं होती, पीड़ित की प्रार्थना ख़ाली नहीं जाएगी

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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