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कहते

'कहना' का बहु. तथा लघु

कहते हैं

कथा है, लोगों ने इस तरह बयान किया है, कहा जाता है

कहते ही

कहते-सुनते

शनैः-शनैः, धीरे-धीरे, आहिस्ता-आहिस्ता

कहते-कहते ज़बान दबा जाना

किसी बात को कहते कहते रह जाना या छिपा जाना, बातें करते करते किसी बात को टाल जाना, कोई बात कहते कहते रुक जाना

कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती

किसी को कुछ कहने से रोका नहीं जा सकता, किसी की ज़बान को बंद नहीं किया जा सकता, कहने वाले को कोई नहीं रोक सकता

कहते सुनते न बनी

कुछ जवाब न बन पड़ा; (वाक्य) स्थिति देखते ही ऐसा क़दम उठा लिया कि कुछ कहते सुनते न बनी

कहते के साथ ही

कहते सुनाते न बनी

कहते ही ज़बान नहीं पकड़ी जाती

कहते बन न पड़ना

कुछ कह न सकना, कुछ जवाब न दे पाना

किसे कहते हैं

क्या वक़ात रखता है, बेवुक़त है, क्या चीज़ है (बतौर इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी मुस्तामल

इसे कहते हैं

अस्सी कहते हैं

यह ठीक है, ऐसा होना चाहिए, ऐसा हो तो प्रशंसा योग्य है

बात कहते में

बात कहते कहते, बात के बीच में

दूसरी बात दूसरे कहते हैं

हम तो सच बोलते हैं ग़लत बात और लोग कहते हैं, कमी दूसरे लोग निकालते हैं

कानों की सुनी कहते हैं आँखों की देखी कहते नहीं

सुनी सुनाई पर यक़ीन कर लेने और सुनी सुनाई बात को आगे बढ़ाने के अवसर पर बोलते हैं

उसे क्या कहते हैं

अस्सी क्या कहते हैं

अनोखी बात है (आश्चर्य प्रकट करने के अवसर पर प्रयुक्त)

क्यों हम न कहते थे

चालीस सेरी बात कहते हैं

उनकी बात सम्मान योग्य होती है, अच्छी जची तुली बात कहते हैं

आग कहते मुँह नहीं जलता

बरी चीज़ का नाम लेने से बुराई का असर होता है, बगै़र गुनाह किए फ़क़त ज़बानी कहने से आदमी मुजरिम नहीं होता(फ़ारसी : फे़अल कुफ्र नबाशिद), उर्दू में मुस्तामल

इस को क्या कहते हैं

अनोखी बात है (आश्चर्य प्रकट करने के अवसर पर प्रयुक्त)

जो कहते हैं वो करते नहीं

अपना वादा पूरा नहीं करते, अपने वचन पर टिकते नहीं, अपनी ज़बान पर क़ायम नहीं रहते

काने को मुँह पर काना नहीं कहते

बात कहते

तुरंत, फ़ौरन देखते देखते, ज़रा देर में, पल भर में

भाँड डूबता है लोग कहते हैं गाता है

पराई मुसीबत को खेल समझते हैं, ग़ैर की बर्बादी को दिल लगी जानते हैं

होती आई है कि अच्छों को बुरा कहते हैं

हमेशा से अच्छों को बुरा कहा जाता है

न कहते थे

हम तो कहते थे, हम ने तो समझाया था, हम ने तो पहले ही कह दिया था, किसी की हिदायत या नसीहत पर अमल ना करने से नुक़्सान होजाने पर हिदायत करने वाला कहता है

पीठ पीछे बादशाह को भी बुरा कहते हैं

चुग़ली में कोई बुरा कहे तो उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए

मर्द जो मुँह से कहते हैं वही बात करते हैं

शरीफ़ आदमी अपनी बात से नहीं फिरते हैं

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

वो बात कहते हो कि गधे को भी हँसी आए

नादानी की बात, सरासर नादानी की बात कहना, बहुत बेवक़ूफ़ी की बात करते हो

मुँह देखी सब कहते हैं, ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता

सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई शख़्स बे समझे बूझे कोई नामुनासिब काम करे और फिर इस से दस्तबरदार हो जाये तो इस पर गुनाह साबित नहीं होता

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

बात के कहते

तुरंत, फ़ौरन देखते देखते, ज़रा देर में, पल भर में

हम न कहते थे

जो कुछ हम ने कहा था वही हुआ

मारते के हाथ पकड़े जाते हैं कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

मुँहफट की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

भड़वे को भी मुँह पर भड़वा नहीं कहते

बुरे को भी उसके मुँह पर बुरा नहीं कहते

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कहते-सुनते के अर्थदेखिए

कहते-सुनते

kahte-sunteکَہْتے سُنتے

स्रोत: हिंदी

वज़्न : 2222

मूल शब्द: कहते

कहते-सुनते के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • शनैः-शनैः, धीरे-धीरे, आहिस्ता-आहिस्ता

विशेषण

  • सुनी-सुनाई बात पर विश्वास रखने वाले, बिना प्रमाण के बात मान लेने वाले

English meaning of kahte-sunte

Adverb

  • gradually

کَہْتے سُنتے کے اردو معانی

فعل متعلق

  • شدہ شدہ، آہستہ آہستہ، رفتہ رفتہ

صفت

  • سنی سنائی بات پر یقین رکھنے والے، بغیر تصدیق کے بات مان لینے والے

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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