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भले

भली भाँति। अच्छी तरह। पूर्ण रूप से। उदा०-एहि बिधि भलेहिं सो रोग नसाहीं।-तुलसी।। पद-भले को उद्दिष्ट लाभ या हित के विचार से, अच्छा ही हुआ। जैसे-भले को मैं कुछ बोला ही नहीं, नहीं तो झगड़ा हो जाता। भले ही ऐसा हुआ करे। इसकी चिंता नहीं। इससे कोई हानि नहीं। जैसे-भले ही वह वहीं रहें। अव्य० खूब। वाह। ' काकु ' से नहीं का सूचक। जैसे-तुम कल शाम को आनेवाले थे, भले आये।

भले ही

हालाँकि, भली बात है कि

भले को

लाभ के लिए, बेहतरी के लिए

भले आदमी हो

(व्यंग्यात्मक) बहुत बुरे व्यक्ति हो

भले की

फ़ायदे की, भलाई की, बेहतरी के लिए

भले दिन

अच्छे दिन, उदय का ज़माना, ख़ुशहाली के दिन

भले मानस की सब तरह ख़राबी है

नेक इंसान को हर तरह शख़्स दबाता और बुरा भला कहता है, शरीफ़ आदमी को हर हालत में दिक्कतें पेश आती हैं

भले-बुरे

अच्छे-बुरे, नेक और बुरे, हर तरह के ओग, खराब (आदमी), बदमाश, ठाग

भले का ज़माना ही नहीं

शरीफ़ व्यक्ति के लिए आज-कल हर तरह मुसीबत और परेशानी है

भले माँस की सब तरह से ख़राबी है

The good and pure all ills endure.

भले आए

बहुत इंतिज़ार के बाद आए, (तंज़न) ख़ूब आए, बड़ी देर में आए, अच्छी राह दिखाई

भले के लिए

बेहतरी के वास्ते, अच्छाई की उद्देश्य के लिए, फ़ायदे के लिए

भले की दुनिया नहीं

अच्छाई का ज़माना नहीं, इस ज़माने में किसी से भलाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि लोग नेकी का बदला बुराई से देते हैं

भले आदमी

नेक, शरीफ़, विनम्र और संसकारी व्यक्ति

भले-मानस

सज्जन व्यक्ति, भला व्यक्ति, नेक आदमी

भले बुरे में चार उँगल का अंतर हैं

नेकी और बदी में बहुत कम फ़र्क़ होता है, भले और बुरे में फ़र्क़ ज़ाहिर है

भले की भलाई और बुरे की जँवाई

अच्छे व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए और बुरे व्यक्ति के साथ बुरा व्यवहार किया जाना चाहिए, अच्छे आदमी से अच्छा सुलूक करना चाहिए और बुरे के साथ बुरा

भले बाबा बंद पड़ी गोबर छोड़ कशीदे पड़ी

एक के बाद दूसरी मुश्किल में पड़ना, एक मुसीबत से बच्ची तो दूसरी में पड़ी

भले मियाँ इल्यास आप गए सो गए खोया आस पास

दूसरे के किए वजह से मुश्किल में पड़ना , आप भी ख़राब हुए औरों को भी ख़राब किया जब किसी के सबब से और पर सदमा आता है तो कहते हैं

भले के पास बेठे चबाए नागर पान , बुरे के पास बेठे कटाए नाक और कान

भले लोगों की सोहबत मुफ़ीद और बुरुँ की नुक़्सान का बाइस होती है

आते भले न जाते

आना जाना बराबर है, न आने से फ़ायदा न जाने से

काका काहू के न भले

चचा को कोई पसंद नहीं करता, क्योंकि वह संपत्ति में हिस्सा बटाता है

भूका भले मानस से डरे

भूके शरीफ़ से बहुत डरना चाहिए

मर्द मानुस घर ही भले

महिलाओं की संतुष्टि एक पुरुष के घर में रहने में है, मर्दों को ज़्यादा वक़्त घर ही में रहना चाहिए

आप भी बड़े भले मानस हैं

रुक : आप बहुत दूर हैं

आप भी कितने भले आदमी हैं

बड़े दुष्ट हो

कर भला हो भला, अंत भले का भला

भलाई करने वाला लाभ में रहता है, भलाई का अंत शुभ होता है

साधू जन रम्ते भले वाक न लागे को

साधूओ कि हमेशा फिरते रहना चाहिए ताकि इस पर किसी किस्म का इलज़ाम ना आए

एक से दो भले

अकेले से दुकीला होना बहर हाल बेहतर है, किसी के साथ रहना अकेला रहने से अच्छा है (अधिकतर सफ़र की हालत में), तन्हाई अच्छी नहीं होती

दिन भले आना

अच्छा ज़माना आना, खुशियों के दिन आना

वो तो बड़े ही भले मानुस हैं

वह बहुत नटखट हैं अर्थात बहुत भले हैं

भूका भले मानस और पेट भरे गँवार से न बोले

ये दोनों उन हालतों में बेबाक और मग़लूब-उल-ग़ज़ब होते हैं

मंगे सो जले , नहीं मंगे सो भले

مانگنے والے کو نہ ملنے کی صورت میں جلنا اور کڑھنا پڑتا ہے لیکن جسے مانگنے کی عادت نہ ہو وہ عافیت میں رہتا ہے ۔

दो से तीन भले

जितने अधिक लोग होंगे, उतना अधिक काम होगा

दो से भले तीन

the more persons the better (said to stress the company)

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

हरामी मूत भले का पूत

अच्छे की बुरी संतान

ख़ुद भले अपना घर भला

किसी अलग-थलग व्यक्ति के बारे में कहा जाती है

लूट के मूसल भी भले

मुफ़्त का मिला हुआ ग़नीमत है, मुफ़्त की छोटी चीज़ भी अच्छी है

आप भले अपना घर भला

अपना घर स्वर्ग है, लोगों से मेल जोल रखने की निंदा और अलग थलग जीवन बसर करने की प्रशंसा के अवसर पर प्रयुक्त

भजन और भोजन एकांत में भले

दुआ और खाना अकेले में अच्छे होते हैं

चल बुरे भले को चिड़ा आएँ

बदी पर आए तो फिर क्या जिस को चाहा ऐब लगा दिया

सब से भले भीक के रोट

फ़क़ीरों का क़ौल है कि जो चीज़ मांगे से मुफ़त मिल जाये सब से बेहतर है क्योंकि मेहनत नहीं करनी पड़ती

लूट के तर फल भी भले

मुफ़्त का माल बुरा भी अच्छा होता है, मुफ़्त की अदना चीज़ भी अच्छी है

आसकती गिरा कुँवें में कहे यहीं भले

(व्यंग के रूप में) सुस्त और आलसी आदमी को निंदित करने के अवसर पर प्रयुक्त

बुरे की बुराई में न भले की भलाई में

सब से आज़ाद

सब से भले मूसल चंद , करें न खेती भरे न डंड

चोर और क़ज़्ज़ाक़ सब से अच्छे, ना कोई काम करते हैं ना महसूल देते हैं , तंज़न मुस्तामल

जब दिन आए भले तब लड्डू मारे चले

जब क़िस्मत खुले तो अच्छी से अच्छी चीज़ मिल जाती है

धान बे चारे भले , जो कूटा खाया चले

धान आसानी से पक जाते हैं

दिन भले आवेंगे तो घर पूछ्ते चले आएँगे

जब क़िस्मत अच्छी होती है तो नेक काम ख़ुदबख़ुद बिन जाते हैं, क़िस्मत पर शह कर रहना

दिन भले ही न हो जाएँ या फिर भी न जाएँ

अगर काम हो जाये तो नसीबा ही ना जाग जाये

सत्तू मन भत्तू जब घोले जब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

सत्तू मन भत्तू जब घोले तब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

सत्तू मन भत्तू जब गलबा तब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में काका काहू के न भले के अर्थदेखिए

काका काहू के न भले

kaakaa kaahuu ke na bhaleکاکا کاہُو کے نہ بَھلے

अथवा : काका काहू के न भये

कहावत

काका काहू के न भले के हिंदी अर्थ

  • चचा को कोई पसंद नहीं करता, क्योंकि वह संपत्ति में हिस्सा बटाता है
  • जब उम्र में कोई बड़ा अपने को धोखा दे, तब व्यंग्य में कहते हैं

کاکا کاہُو کے نہ بَھلے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • چچا کو کوئی پسند نہیں کرتا، کیونکہ وہ جائیداد میں حصہ بٹاتا ہے
  • جب عمر میں کوئی بڑا اپنے کو دھوکہ دے تب طنزاََ کہتے ہیں

Urdu meaning of kaakaa kaahuu ke na bhale

  • Roman
  • Urdu

  • chachaa ko ko.ii pasand nahii.n kartaa, kyonki vo jaayadaad me.n hissaa baTaataa hai
  • jab umr me.n ko.ii ba.Daa apne ko dhoka de tab tanazzaa kahte hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

भले

भली भाँति। अच्छी तरह। पूर्ण रूप से। उदा०-एहि बिधि भलेहिं सो रोग नसाहीं।-तुलसी।। पद-भले को उद्दिष्ट लाभ या हित के विचार से, अच्छा ही हुआ। जैसे-भले को मैं कुछ बोला ही नहीं, नहीं तो झगड़ा हो जाता। भले ही ऐसा हुआ करे। इसकी चिंता नहीं। इससे कोई हानि नहीं। जैसे-भले ही वह वहीं रहें। अव्य० खूब। वाह। ' काकु ' से नहीं का सूचक। जैसे-तुम कल शाम को आनेवाले थे, भले आये।

भले ही

हालाँकि, भली बात है कि

भले को

लाभ के लिए, बेहतरी के लिए

भले आदमी हो

(व्यंग्यात्मक) बहुत बुरे व्यक्ति हो

भले की

फ़ायदे की, भलाई की, बेहतरी के लिए

भले दिन

अच्छे दिन, उदय का ज़माना, ख़ुशहाली के दिन

भले मानस की सब तरह ख़राबी है

नेक इंसान को हर तरह शख़्स दबाता और बुरा भला कहता है, शरीफ़ आदमी को हर हालत में दिक्कतें पेश आती हैं

भले-बुरे

अच्छे-बुरे, नेक और बुरे, हर तरह के ओग, खराब (आदमी), बदमाश, ठाग

भले का ज़माना ही नहीं

शरीफ़ व्यक्ति के लिए आज-कल हर तरह मुसीबत और परेशानी है

भले माँस की सब तरह से ख़राबी है

The good and pure all ills endure.

भले आए

बहुत इंतिज़ार के बाद आए, (तंज़न) ख़ूब आए, बड़ी देर में आए, अच्छी राह दिखाई

भले के लिए

बेहतरी के वास्ते, अच्छाई की उद्देश्य के लिए, फ़ायदे के लिए

भले की दुनिया नहीं

अच्छाई का ज़माना नहीं, इस ज़माने में किसी से भलाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि लोग नेकी का बदला बुराई से देते हैं

भले आदमी

नेक, शरीफ़, विनम्र और संसकारी व्यक्ति

भले-मानस

सज्जन व्यक्ति, भला व्यक्ति, नेक आदमी

भले बुरे में चार उँगल का अंतर हैं

नेकी और बदी में बहुत कम फ़र्क़ होता है, भले और बुरे में फ़र्क़ ज़ाहिर है

भले की भलाई और बुरे की जँवाई

अच्छे व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए और बुरे व्यक्ति के साथ बुरा व्यवहार किया जाना चाहिए, अच्छे आदमी से अच्छा सुलूक करना चाहिए और बुरे के साथ बुरा

भले बाबा बंद पड़ी गोबर छोड़ कशीदे पड़ी

एक के बाद दूसरी मुश्किल में पड़ना, एक मुसीबत से बच्ची तो दूसरी में पड़ी

भले मियाँ इल्यास आप गए सो गए खोया आस पास

दूसरे के किए वजह से मुश्किल में पड़ना , आप भी ख़राब हुए औरों को भी ख़राब किया जब किसी के सबब से और पर सदमा आता है तो कहते हैं

भले के पास बेठे चबाए नागर पान , बुरे के पास बेठे कटाए नाक और कान

भले लोगों की सोहबत मुफ़ीद और बुरुँ की नुक़्सान का बाइस होती है

आते भले न जाते

आना जाना बराबर है, न आने से फ़ायदा न जाने से

काका काहू के न भले

चचा को कोई पसंद नहीं करता, क्योंकि वह संपत्ति में हिस्सा बटाता है

भूका भले मानस से डरे

भूके शरीफ़ से बहुत डरना चाहिए

मर्द मानुस घर ही भले

महिलाओं की संतुष्टि एक पुरुष के घर में रहने में है, मर्दों को ज़्यादा वक़्त घर ही में रहना चाहिए

आप भी बड़े भले मानस हैं

रुक : आप बहुत दूर हैं

आप भी कितने भले आदमी हैं

बड़े दुष्ट हो

कर भला हो भला, अंत भले का भला

भलाई करने वाला लाभ में रहता है, भलाई का अंत शुभ होता है

साधू जन रम्ते भले वाक न लागे को

साधूओ कि हमेशा फिरते रहना चाहिए ताकि इस पर किसी किस्म का इलज़ाम ना आए

एक से दो भले

अकेले से दुकीला होना बहर हाल बेहतर है, किसी के साथ रहना अकेला रहने से अच्छा है (अधिकतर सफ़र की हालत में), तन्हाई अच्छी नहीं होती

दिन भले आना

अच्छा ज़माना आना, खुशियों के दिन आना

वो तो बड़े ही भले मानुस हैं

वह बहुत नटखट हैं अर्थात बहुत भले हैं

भूका भले मानस और पेट भरे गँवार से न बोले

ये दोनों उन हालतों में बेबाक और मग़लूब-उल-ग़ज़ब होते हैं

मंगे सो जले , नहीं मंगे सो भले

مانگنے والے کو نہ ملنے کی صورت میں جلنا اور کڑھنا پڑتا ہے لیکن جسے مانگنے کی عادت نہ ہو وہ عافیت میں رہتا ہے ۔

दो से तीन भले

जितने अधिक लोग होंगे, उतना अधिक काम होगा

दो से भले तीन

the more persons the better (said to stress the company)

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

हरामी मूत भले का पूत

अच्छे की बुरी संतान

ख़ुद भले अपना घर भला

किसी अलग-थलग व्यक्ति के बारे में कहा जाती है

लूट के मूसल भी भले

मुफ़्त का मिला हुआ ग़नीमत है, मुफ़्त की छोटी चीज़ भी अच्छी है

आप भले अपना घर भला

अपना घर स्वर्ग है, लोगों से मेल जोल रखने की निंदा और अलग थलग जीवन बसर करने की प्रशंसा के अवसर पर प्रयुक्त

भजन और भोजन एकांत में भले

दुआ और खाना अकेले में अच्छे होते हैं

चल बुरे भले को चिड़ा आएँ

बदी पर आए तो फिर क्या जिस को चाहा ऐब लगा दिया

सब से भले भीक के रोट

फ़क़ीरों का क़ौल है कि जो चीज़ मांगे से मुफ़त मिल जाये सब से बेहतर है क्योंकि मेहनत नहीं करनी पड़ती

लूट के तर फल भी भले

मुफ़्त का माल बुरा भी अच्छा होता है, मुफ़्त की अदना चीज़ भी अच्छी है

आसकती गिरा कुँवें में कहे यहीं भले

(व्यंग के रूप में) सुस्त और आलसी आदमी को निंदित करने के अवसर पर प्रयुक्त

बुरे की बुराई में न भले की भलाई में

सब से आज़ाद

सब से भले मूसल चंद , करें न खेती भरे न डंड

चोर और क़ज़्ज़ाक़ सब से अच्छे, ना कोई काम करते हैं ना महसूल देते हैं , तंज़न मुस्तामल

जब दिन आए भले तब लड्डू मारे चले

जब क़िस्मत खुले तो अच्छी से अच्छी चीज़ मिल जाती है

धान बे चारे भले , जो कूटा खाया चले

धान आसानी से पक जाते हैं

दिन भले आवेंगे तो घर पूछ्ते चले आएँगे

जब क़िस्मत अच्छी होती है तो नेक काम ख़ुदबख़ुद बिन जाते हैं, क़िस्मत पर शह कर रहना

दिन भले ही न हो जाएँ या फिर भी न जाएँ

अगर काम हो जाये तो नसीबा ही ना जाग जाये

सत्तू मन भत्तू जब घोले जब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

सत्तू मन भत्तू जब घोले तब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

सत्तू मन भत्तू जब गलबा तब खाए धान बिचारे भले कोटे खाए चले

जब कोई चालाक किसे-ए-कम समझ को अपनी लफ़्फ़ाज़ी और चर्बज़बानी से फांस कर फ़ायदा उठाता है या बेवक़ूफ़ बनाता है तो कहते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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