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मेवा

رک : میوہ ۔

मेवा

आज-कल विशिष्ट रूप से किशमिश, बादाम, अखरोट आदि सुखाए हुए बढ़िया फल।

मेवा-लब

(संकेतात्मक) प्रिय के होंठ, माशूक़ के होंठ

मेवाती

मेवात का रहनेवाला

मेवा-ख़ोर

मेवा खानेवाला, फलाहारी।

मेवा-ख़ुश्क

सूखा मेवा, बादाम, चिलगोज़े, किशमिश, छुवारे, अखरोट इत्यादि

मेवा-फ़रोश

फल और मेवे बेचनेवाला दूकानदार, मेवा बेचनेवाला, फल विक्रेता

मेवाड़ी

मेवाड़ में रहने या होनेवाला। पुं० मेवाड़ का निवासी। स्त्री० मेवाड़ की बोली।

मेवा-जात

खाने का फल, किशमिश, बादाम, अख़रोट आदि सुखाए हुए बढ़िया फल

मेवा-चीं

میوہ چننے والا ۔

मेवा-दार

वह पेड़ जिसमें मेवा लगा हो, फलदार, फला हुआ, फलित

मेवाड़

आधुनिक राजस्थान का एक प्रसिद्ध भूभाग जो मध्य काल में एक स्वतंत्र राज्य था, महाराणा प्रताप यहीं का राजा था, राजपूताना की एक रियासत का नाम है, राजपूताना की एक मशहूर रियासत का नाम जिस की राजधानी उदयपुर है

मेवा-ख़ोरी

मेवा खाने का अमल, अर्थात: एक तरह का जेब ख़र्च, ऊपर का ख़र्च, पानदान का ख़र्च

मेवा-चीनी

मेवा चुनने की प्रक्रिया, मेवा तोड़ने का कार्य

मेवा-पुलाव

वह पुलाव जिसमें कई प्रकार के सूखे मेवे डाले जाएँ

मेवासा

= मवास (दुर्ग)

मेवा-नारस

वह फल जो अभी तैयार न हुआ हो, वह फल जो पका न हो

मेवात

राजपूताने और सिंध के बीच के प्रदेश का पुराना नाम, यहाँ मेव नाम की जाती का निवास था, जो हिंदू थे

मेवा-शीरीं

میٹھا پھل یا میوہ عام طور سے مراد میوہ خشک ، چھوارے ، کھوپرا ، چرونچی ، اخروٹ ، کاجو وغیرہ ۔

मेवा-फ़रोशी

फल बेचने का पेशा, फल बेचने का कार्य

मेवा-ए-जन्नत

स्वर्ग का मेवा, जन्नत का फल

मेवा छीलना

फल का छिलका उतारना

मेवा पुल जाना

मेवे का गर्मी पा कर मुलायम हो जाना, स्वादहीन होना, स्वाद खराब हो जाना

मेवा पलना

फल पक जाना, मेवा पकना, मेवा खाने के लायक़ हो जाना

मेवाड़-केसरी

महाराणा प्रताप

मे'वा-ए-ममनू'आ

वह फल जो हज़रत आदम को जन्नत में खाने से मना किया गया था

ख़ुश्क-मेवा

Dry fruit

पुर-मेवा

फा. वि. मेवों से लदी हुई डाली, मेवों से भरा हुआ पात्र।।

हफ़्त-मेवा

सात प्रकार के मेवे (१) किशमिश (२) इंजीर (३) शफ़्तालू (४) ख़ुरमा (५) आलू बुख़ारा (६) सेब या ख़ूबानी (७) अंगूर

फ़स्ली-मेवा

किसी ख़ास मौसम का फल, रुत का फल, फल जो किसी ख़ास मौसम में पैदा हो

ख़ुश्क-मेवा-जात

Dry fruits.

बिहिश्त का मेवा

pomegranate

लक्ष्मी देवी का मेवा

उत्तर भारत में नारियल की गणना बहुत पवित्र फलों में होती है और वह श्रीफल अथवा लक्ष्मी देवी का मेवा कहलाता है, नारियल श्री फल

बिन सेवा मेवा नहीं

ख़िदमत से अज़मत है

सेवा से मेवा मिलता

सेवा में महानता है

गोद का मेवा

वह मेवा जो गोद भरने के वक़्त दुल्हन या गर्भवती की गोद में औरतें रखती हैं यह मेवा आपतौर पर सात प्रकार का होता है

सब्र की डाल में मेवा लगता है

सब्र या धैर्य का परिणाम अच्छा होता है

नहद शाख़ पुर मेवा सर बर ज़मीं

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फलों से लदी हुई टहनी ज़मीन पर सर रख देती है , अल्लाह ताला जिस को दौलत-ओ-इज़्ज़त दे उस को फ़िरोतनी इख़तियार करनी चाहिए

सेवा करे सो मेवा पाए

one who serves shall reap

जो सेवा करे सो मेवा पाए

जो सेवा करता है वो लाभ उठाता है

जैसी सेवा करे तैसा मेवा खाए

ख़िदमत से अज़मत है,ख़िदमत-ओ-मेहनत के मुताबिक़ माज़ा मिलता है

जो करे सेवा वही खाए मेवा

जो सेवा करता है वही लाभ उठाता है

काबुल में मेवा भए बृज भए करील

जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना

काबुल में मेवा भई, बृज में भई करील

जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना

कर सेवा, खा मेवा

परिश्रम का फल सुख या हर्ष है

काबुल में मेवा भए बृज में भए करील

जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना

जो करे सेवा वो खाए मेवा

۔مثل۔ (ہندو) جو خدمت کرتا ہے وہی فائدہ اٹھاتا ہے۔

जो सेवा करे सो मेवा पावे

जो सेवा करता है वो लाभ उठाता है

सेवा करे सो मेवा पावे

one who serves shall reap

कर सेवा तो खा मेवा

परिश्रम का फल सुख या हर्ष है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में काबुल में मेवा भए बृज भए करील के अर्थदेखिए

काबुल में मेवा भए बृज भए करील

kaabul me.n meva bha.e braj bha.e kariilکابُل میں میْوَہ بَھئے بَرَج بھئے کَرِیْل

अथवा : काबुल में मेवा भए बृज में भए करील, काबुल में मेवा भई, बृज में भई करील

कहावत

काबुल में मेवा भए बृज भए करील के हिंदी अर्थ

  • जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना
  • बुरे अच्छे और अच्छे बुरे हो गए या अयोग्य लोगों की सफलता के समय कहते हैं
  • बृज जिसे हिंदू पवित्र एवं प्रतिष्ठित समझते हैं वहाँ करबर के पेड़ होते हैं और काबुल जिसे हिंदू बुरा कहते हैं वहाँ भिन्न भिन्न प्रकार के मेवे अर्थात फल होते हैं

    विशेष प्रकृति का मनमौजोपन। यह पूरा दोहा इस प्रकार है- कहूं कहूं गोपाल की गई सिटल्ली भूल। काबुल में मेवा दई, वृज में दई करील।

کابُل میں میْوَہ بَھئے بَرَج بھئے کَرِیْل کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جہاں جو چیز ہونی چاہیے اس کا وہاں نہ ہونا
  • بُرے اچھے اور اچھے بُرے ہو گئے یا نالائقوں کی کامیابی کے وقت کہتے ہیں
  • برج جسے ہندو متبر ک سمجھتے ہیں، وہاں کربر کے درخت ہوتے ہیں اور کابل جسے ہندو برا کہتے ہیں وہاں طرح طرح کے میوے ہوتے ہیں

Urdu meaning of kaabul me.n meva bha.e braj bha.e kariil

  • Roman
  • Urdu

  • jahaa.n jo chiiz honii chaahi.e is ka vahaa.n na honaa
  • bure achchhe aur achchhe bure ho ge ya naalaayqo.n kii kaamyaabii ke vaqt kahte hai.n
  • buraj jise hinduu mutabarrik samajhte hain, vahaa.n karbar ke daraKht hote hai.n aur kaabul jise hinduu buraa kahte hai.n vahaa.n tarah tarah ke meve hote hai.n

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मेवा

رک : میوہ ۔

मेवा

आज-कल विशिष्ट रूप से किशमिश, बादाम, अखरोट आदि सुखाए हुए बढ़िया फल।

मेवा-लब

(संकेतात्मक) प्रिय के होंठ, माशूक़ के होंठ

मेवाती

मेवात का रहनेवाला

मेवा-ख़ोर

मेवा खानेवाला, फलाहारी।

मेवा-ख़ुश्क

सूखा मेवा, बादाम, चिलगोज़े, किशमिश, छुवारे, अखरोट इत्यादि

मेवा-फ़रोश

फल और मेवे बेचनेवाला दूकानदार, मेवा बेचनेवाला, फल विक्रेता

मेवाड़ी

मेवाड़ में रहने या होनेवाला। पुं० मेवाड़ का निवासी। स्त्री० मेवाड़ की बोली।

मेवा-जात

खाने का फल, किशमिश, बादाम, अख़रोट आदि सुखाए हुए बढ़िया फल

मेवा-चीं

میوہ چننے والا ۔

मेवा-दार

वह पेड़ जिसमें मेवा लगा हो, फलदार, फला हुआ, फलित

मेवाड़

आधुनिक राजस्थान का एक प्रसिद्ध भूभाग जो मध्य काल में एक स्वतंत्र राज्य था, महाराणा प्रताप यहीं का राजा था, राजपूताना की एक रियासत का नाम है, राजपूताना की एक मशहूर रियासत का नाम जिस की राजधानी उदयपुर है

मेवा-ख़ोरी

मेवा खाने का अमल, अर्थात: एक तरह का जेब ख़र्च, ऊपर का ख़र्च, पानदान का ख़र्च

मेवा-चीनी

मेवा चुनने की प्रक्रिया, मेवा तोड़ने का कार्य

मेवा-पुलाव

वह पुलाव जिसमें कई प्रकार के सूखे मेवे डाले जाएँ

मेवासा

= मवास (दुर्ग)

मेवा-नारस

वह फल जो अभी तैयार न हुआ हो, वह फल जो पका न हो

मेवात

राजपूताने और सिंध के बीच के प्रदेश का पुराना नाम, यहाँ मेव नाम की जाती का निवास था, जो हिंदू थे

मेवा-शीरीं

میٹھا پھل یا میوہ عام طور سے مراد میوہ خشک ، چھوارے ، کھوپرا ، چرونچی ، اخروٹ ، کاجو وغیرہ ۔

मेवा-फ़रोशी

फल बेचने का पेशा, फल बेचने का कार्य

मेवा-ए-जन्नत

स्वर्ग का मेवा, जन्नत का फल

मेवा छीलना

फल का छिलका उतारना

मेवा पुल जाना

मेवे का गर्मी पा कर मुलायम हो जाना, स्वादहीन होना, स्वाद खराब हो जाना

मेवा पलना

फल पक जाना, मेवा पकना, मेवा खाने के लायक़ हो जाना

मेवाड़-केसरी

महाराणा प्रताप

मे'वा-ए-ममनू'आ

वह फल जो हज़रत आदम को जन्नत में खाने से मना किया गया था

ख़ुश्क-मेवा

Dry fruit

पुर-मेवा

फा. वि. मेवों से लदी हुई डाली, मेवों से भरा हुआ पात्र।।

हफ़्त-मेवा

सात प्रकार के मेवे (१) किशमिश (२) इंजीर (३) शफ़्तालू (४) ख़ुरमा (५) आलू बुख़ारा (६) सेब या ख़ूबानी (७) अंगूर

फ़स्ली-मेवा

किसी ख़ास मौसम का फल, रुत का फल, फल जो किसी ख़ास मौसम में पैदा हो

ख़ुश्क-मेवा-जात

Dry fruits.

बिहिश्त का मेवा

pomegranate

लक्ष्मी देवी का मेवा

उत्तर भारत में नारियल की गणना बहुत पवित्र फलों में होती है और वह श्रीफल अथवा लक्ष्मी देवी का मेवा कहलाता है, नारियल श्री फल

बिन सेवा मेवा नहीं

ख़िदमत से अज़मत है

सेवा से मेवा मिलता

सेवा में महानता है

गोद का मेवा

वह मेवा जो गोद भरने के वक़्त दुल्हन या गर्भवती की गोद में औरतें रखती हैं यह मेवा आपतौर पर सात प्रकार का होता है

सब्र की डाल में मेवा लगता है

सब्र या धैर्य का परिणाम अच्छा होता है

नहद शाख़ पुर मेवा सर बर ज़मीं

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फलों से लदी हुई टहनी ज़मीन पर सर रख देती है , अल्लाह ताला जिस को दौलत-ओ-इज़्ज़त दे उस को फ़िरोतनी इख़तियार करनी चाहिए

सेवा करे सो मेवा पाए

one who serves shall reap

जो सेवा करे सो मेवा पाए

जो सेवा करता है वो लाभ उठाता है

जैसी सेवा करे तैसा मेवा खाए

ख़िदमत से अज़मत है,ख़िदमत-ओ-मेहनत के मुताबिक़ माज़ा मिलता है

जो करे सेवा वही खाए मेवा

जो सेवा करता है वही लाभ उठाता है

काबुल में मेवा भए बृज भए करील

जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना

काबुल में मेवा भई, बृज में भई करील

जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना

कर सेवा, खा मेवा

परिश्रम का फल सुख या हर्ष है

काबुल में मेवा भए बृज में भए करील

जहाँ जो वस्तु होनी चाहिए उसका वहाँ न होना

जो करे सेवा वो खाए मेवा

۔مثل۔ (ہندو) جو خدمت کرتا ہے وہی فائدہ اٹھاتا ہے۔

जो सेवा करे सो मेवा पावे

जो सेवा करता है वो लाभ उठाता है

सेवा करे सो मेवा पावे

one who serves shall reap

कर सेवा तो खा मेवा

परिश्रम का फल सुख या हर्ष है

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