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साँच

सच्चाई, सदाक़त, सच्चे

साँचे

वह उपकरण जिसमें कुछ ढाला जाता है

साँचा

वह उपकरण जिसके ऊपर कोई चीज रख या लगाकर उसे कोई नया आकार या रूप दिया जाता है। कलबूत। फरमा। जैसे जूता या पगड़ी बनाने का साँचा। विशेष-वस्तुतः साँचा वही होता है जिसका विवेचन ऊपर पहले अर्थ में किया गया है। दूसरे अर्थ में प्रायः लोग भूल से उसका उपयोग करते हैं। दूसरा रूप वस्तुतः ' कलबूत ' कहलाता है।

साँची

सच्ची, दुरुस्त, ठीक

साँचर

एक प्रकार का नमक

साँच को आँच

सत्य हानिरहित है, सच्च बोलने वाला नुक़्सान नहीं उठाता

साँच को आँच नहीं

सत्य बोलने वाले को हानि नहीं पहुँचता

साँचा-साज़ी

साँचा बनाने का काम, साँचा बनाना

साँच वो है जो आँच को सहे

सच्च बोल और किसी का ख़ौफ़ ना कर, सच्च को किसी आज़माईश का कूफ़ नहीं होता

साँच पीछे वाद नहीं, राँड पीछे काल नहीं

सच्च से बढ़ कर कोई गाली नहीं (वाद - बात), बेवा होने से बढ़ कर मुसीब नहीं

साँच पीछे वाद नहीं, राँड पीछे गाली नहीं

सच्च से बढ़ कर कोई गाली नहीं (वाद - बात), बेवा होने से बढ़ कर मुसीब नहीं

साँचे के ढले

बराबर, जिन में बाल बराबर अंतर न हो

साँचे का ढला

ठीक, मुनासिब, सुडौल, ख़ुशनुमा

साँचा दौड़ाना

(रोटी बेचने वाला) रोटी पाव के साँचे को भट्टी के अंदर पहुँचाना

साँचे में ढालना

to cast in a mould

साँचे में ढाल देना

क़ालिब में डाल कर बनाना, सुडौल और ख़ूबसूरत बनाना

साँची बात गो पाला भावे

ख़ुदा सच्च को पसंद करता है

साँच बराबर तप नहीं और झूट बराबर पाप, जाके मन में पाप है ताके मन में आप

सच से बढ़ कर कोई तपस्या नहीं और झूठ से बढ़ कर कोई गुनाह नहीं

साँच कहे सो मारा जाए, झूटा भड़ुवा लड्डू खाए

सत्य कहने वाले को लोग बुरा समझते हैं, झूठा मज़े में रहता है

साँच कहे सो मारा जाए, झूट कहे सो लड्डू खाए

सच्च कहने वाले को लोग बुरा समझते हैं, झूटा मज़े में रहता है

साँचे में डालना

किसी चीज़ को साँचे में ढाल कर बनाना, सुंदर बनाना, बढ़िया बनाना

साँचे में ढलना

बाल बराबर फ़र्क़ ना होना, यकसाँ होना

साँचे में ढला

(of human figure) perfect as if moulded

साँचे की सच्ची

مُرد کے نُطفے کو ضائع نہ ہونے دینے والی عورت ، وہ عورت جسے پہلے ہی جماع میں ہر دفعہ حمل رہ جائے.

साँची बात सा'दुल्लाह कहे, सब के मन से उतरा रहे

सच्ची बात कहने वाले से सब नाख़ुश होते हैं, जो शख़्स सच्च बोले इस से सब घबराते हैं

साँचा सब के मन से उतरता है

सच्चा आदमी सब को बुरा लगता है

साँचे में ढला होना

किसी चीज़ का क़िवाम बन कर या पिघल कर साँचे में पड़ कर किसी विशेष शक्ल में बन जाना

साँचे में ढल जाना

हर वज़ा के मुताबिक़ होजाना

साईं को साँच प्यारा, झूटे का मालिक न्यारा

ख़ुदा सचै आदमी को पसंद करता है झूओटे का मालिक कोई और है

झूट कहे सो लड्डू खाय, साँच कहे सो मारा जाय

उल्टा समय है झूटा मज़े में रहता है और सच्चे की हानि होती है

मंदिर माँ सभी साँच से राखो दीपक बाल, साँझ अँधेरे बैठना है इती भौंडी चाल

सर-ए-शाम घर में चिराग़ जलाना चाहिए, क्योंकि शाम ही से अंधेरे में बैठ रहना बहुत भिवंडी बात है

जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच

अच्छा काम वही है जिस का परिणाम अच्छा हो जिस का परिणाम बुरा हो वो काम भी बुरा है

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी जान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी बान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

बल सूँ नामी हो गए रुस्तम अर्जुन भीम, बल बिन कैसी हाकिमी कह गए साँच हकीम

प्रसिद्धि और सत्ता बल ही से प्राप्त होती है

साबुन दिए मैल कटे और गंगा नहाए पाप, झूट बराबर पाप नहीं और साँच बराबर ताप

हिंदूओं की आस्था में गंगा के नहाने से गुनाह माफ़ होते हैं, झूठ सब से बड़ा गुनाह है और सच्च के बराबर कोई 'इबादत एवं तपस्या नहीं

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न उपजे चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच के अर्थदेखिए

जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच

jo paaras se kanchan upje so paaras hai kaa.nch, jo paaras se paaras upje so paaras hai saa.nchجو پارَس سے کنْچَن اُپجے سو پارَس ہے کانْچ، جو پارَس سے پارَس اُپجے سو پارَس ہے سانْچ

कहावत

जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच के हिंदी अर्थ

  • अच्छा काम वही है जिस का परिणाम अच्छा हो जिस का परिणाम बुरा हो वो काम भी बुरा है
  • सच्चा महापुरुष वही है जो दूसरों को भी अपने जैसा बना ले

    विशेष पारस= वह प्रसिद्ध कल्पित पत्थर जिसके संबंध में कहा जाता है कि यदि लोहा उससे छुवाया जाए तो वह सोना हो जाता है, स्पर्शमणि।

جو پارَس سے کنْچَن اُپجے سو پارَس ہے کانْچ، جو پارَس سے پارَس اُپجے سو پارَس ہے سانْچ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اچھا کام وہی ہے جس کا نتیجہ اچھا ہو جس کا نتیجہ برا ہو وہ کام بھی برا ہے
  • سچا بزرگ یا ولی اللہ وہی ہے جو دوسروں کو بھی اپنے جیسا بنا لے

Urdu meaning of jo paaras se kanchan upje so paaras hai kaa.nch, jo paaras se paaras upje so paaras hai saa.nch

  • Roman
  • Urdu

  • achchhaa kaam vahii hai jis ka natiija achchhaa ho jis ka natiija buraa ho vo kaam bhii buraa hai
  • sachchaa buzurg ya valii allaah vahii hai jo duusro.n ko bhii apne jaisaa banaa le

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साँच

सच्चाई, सदाक़त, सच्चे

साँचे

वह उपकरण जिसमें कुछ ढाला जाता है

साँचा

वह उपकरण जिसके ऊपर कोई चीज रख या लगाकर उसे कोई नया आकार या रूप दिया जाता है। कलबूत। फरमा। जैसे जूता या पगड़ी बनाने का साँचा। विशेष-वस्तुतः साँचा वही होता है जिसका विवेचन ऊपर पहले अर्थ में किया गया है। दूसरे अर्थ में प्रायः लोग भूल से उसका उपयोग करते हैं। दूसरा रूप वस्तुतः ' कलबूत ' कहलाता है।

साँची

सच्ची, दुरुस्त, ठीक

साँचर

एक प्रकार का नमक

साँच को आँच

सत्य हानिरहित है, सच्च बोलने वाला नुक़्सान नहीं उठाता

साँच को आँच नहीं

सत्य बोलने वाले को हानि नहीं पहुँचता

साँचा-साज़ी

साँचा बनाने का काम, साँचा बनाना

साँच वो है जो आँच को सहे

सच्च बोल और किसी का ख़ौफ़ ना कर, सच्च को किसी आज़माईश का कूफ़ नहीं होता

साँच पीछे वाद नहीं, राँड पीछे काल नहीं

सच्च से बढ़ कर कोई गाली नहीं (वाद - बात), बेवा होने से बढ़ कर मुसीब नहीं

साँच पीछे वाद नहीं, राँड पीछे गाली नहीं

सच्च से बढ़ कर कोई गाली नहीं (वाद - बात), बेवा होने से बढ़ कर मुसीब नहीं

साँचे के ढले

बराबर, जिन में बाल बराबर अंतर न हो

साँचे का ढला

ठीक, मुनासिब, सुडौल, ख़ुशनुमा

साँचा दौड़ाना

(रोटी बेचने वाला) रोटी पाव के साँचे को भट्टी के अंदर पहुँचाना

साँचे में ढालना

to cast in a mould

साँचे में ढाल देना

क़ालिब में डाल कर बनाना, सुडौल और ख़ूबसूरत बनाना

साँची बात गो पाला भावे

ख़ुदा सच्च को पसंद करता है

साँच बराबर तप नहीं और झूट बराबर पाप, जाके मन में पाप है ताके मन में आप

सच से बढ़ कर कोई तपस्या नहीं और झूठ से बढ़ कर कोई गुनाह नहीं

साँच कहे सो मारा जाए, झूटा भड़ुवा लड्डू खाए

सत्य कहने वाले को लोग बुरा समझते हैं, झूठा मज़े में रहता है

साँच कहे सो मारा जाए, झूट कहे सो लड्डू खाए

सच्च कहने वाले को लोग बुरा समझते हैं, झूटा मज़े में रहता है

साँचे में डालना

किसी चीज़ को साँचे में ढाल कर बनाना, सुंदर बनाना, बढ़िया बनाना

साँचे में ढलना

बाल बराबर फ़र्क़ ना होना, यकसाँ होना

साँचे में ढला

(of human figure) perfect as if moulded

साँचे की सच्ची

مُرد کے نُطفے کو ضائع نہ ہونے دینے والی عورت ، وہ عورت جسے پہلے ہی جماع میں ہر دفعہ حمل رہ جائے.

साँची बात सा'दुल्लाह कहे, सब के मन से उतरा रहे

सच्ची बात कहने वाले से सब नाख़ुश होते हैं, जो शख़्स सच्च बोले इस से सब घबराते हैं

साँचा सब के मन से उतरता है

सच्चा आदमी सब को बुरा लगता है

साँचे में ढला होना

किसी चीज़ का क़िवाम बन कर या पिघल कर साँचे में पड़ कर किसी विशेष शक्ल में बन जाना

साँचे में ढल जाना

हर वज़ा के मुताबिक़ होजाना

साईं को साँच प्यारा, झूटे का मालिक न्यारा

ख़ुदा सचै आदमी को पसंद करता है झूओटे का मालिक कोई और है

झूट कहे सो लड्डू खाय, साँच कहे सो मारा जाय

उल्टा समय है झूटा मज़े में रहता है और सच्चे की हानि होती है

मंदिर माँ सभी साँच से राखो दीपक बाल, साँझ अँधेरे बैठना है इती भौंडी चाल

सर-ए-शाम घर में चिराग़ जलाना चाहिए, क्योंकि शाम ही से अंधेरे में बैठ रहना बहुत भिवंडी बात है

जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच

अच्छा काम वही है जिस का परिणाम अच्छा हो जिस का परिणाम बुरा हो वो काम भी बुरा है

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी जान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी बान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

बल सूँ नामी हो गए रुस्तम अर्जुन भीम, बल बिन कैसी हाकिमी कह गए साँच हकीम

प्रसिद्धि और सत्ता बल ही से प्राप्त होती है

साबुन दिए मैल कटे और गंगा नहाए पाप, झूट बराबर पाप नहीं और साँच बराबर ताप

हिंदूओं की आस्था में गंगा के नहाने से गुनाह माफ़ होते हैं, झूठ सब से बड़ा गुनाह है और सच्च के बराबर कोई 'इबादत एवं तपस्या नहीं

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न उपजे चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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