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"जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय" शब्द से संबंधित परिणाम

माँ

माता

माँ-जाई

सगी बहन, बहन जो माँ के पेट से हो, एक ही माँ की जनी हुई दो बहनें

माँ-जाया

माँ से उत्पन्न, अर्थात् सगा भाई

माँ-जाए

born of the same mother

माँ-जना

بھائی جو حقیقی ماں کے پیٹ سے پو۔

माँ-बहन

۔ماں اور بہن

माँ मरे

सौगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है, अर्थात मेरी सलामती नहीं, मेरी बख़्शिश नहीं

माँ बहन करना

माँ बहन की गाली देना

माँ बहन पुनना

किसी की माँ और बहन को बुरा भला कहना, किसी की माँ बहन में ऐब निकालना, गालियां देना

माँ से ज़्यादा चाहे, सो फाफा कटनी कहलाए

माँ से ज़्यादा मुहब्बत जतलाना ग़रज़ से ख़ाली नहीं होता

माँ से ज़्यादा चाहे, सो फाफा कटनी कहलाए

माँ से ज़्यादा मुहब्बत जतलाना ग़रज़ से ख़ाली नहीं होता

माँ नारंगी बाप कोला बेटा रौशुद्दौला

कमीने का शेखी मारना , नालायक़ वालदैन के हाँ लायक़ औलाद होना, अदना वालदैन की औलाद बड़ाई का दावा करे तो कहते हैं

माँ नारंगी बाप कोएला बेटा रौशुद्दौला

कमीने का शेखी मारना , नालायक़ वालदैन के हाँ लायक़ औलाद होना, अदना वालदैन की औलाद बड़ाई का दावा करे तो कहते हैं

माँ चील

दोग़ला, कमअस्ल

माँ मारे और माँ ही पुकारे

अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा

माँ-बहन एक करना

abuse (someone) by casting aspersions on their mother and sister

माँ मारे और माँ ही माँ पुकारे

अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा

माँ न माँ का जाया, सभी लोग पराया

अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो

माँ न माँ का जाया, सभी लोक पराया

अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो

माँ-बाप को बुरा कहवाना

बड़ों को बुरा भला कहलवाना

माँ सदक़े जाए

(महिला) माताएं अपने बच्चों से कुछ प्राप्त होने पर उनकी प्रशंसा में प्रेमपूर्वक यह वाक्यांश कहती हैं

माँ से ज़्यादा चाहे सो डाइन

रुक : माँ से ज़्यादा चाहे फा फा कटनी कहिलाय

माँ को न बाप को जो बनेगी सो आप को

हर कोई अपने कार्यों का उत्तरदायी है, कोई किसी दूसरे के शब्दों के लिए उत्तरदायी नहीं है

माँ चाहे बेटी को, बेटी चाहे मूए ढींग को

माँ को जितनी मुहब्बत बेटी से होती है उतनी मुहब्बत बेटी को माँ से नहीं होती, शादी के बाद बेटी अपने ख़ावंद को ज़्यादा चाहती है

माँ का जना

سگا بھائی ، ایک ماں کی اولاد.

माँ बाप जीते, हराम का नहीं कहलाता

सबूत मौजूद हो तो दा'वा ग़लत नहीं ठहराया जाता

माँ बाप जीते, हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

माँ के पेट से ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

माँ बाप जीते कोई हराम का नहीं कहलाता

सबूत मौजूद हो तो दा'वा ग़लत नहीं ठहराया जाता

माँ टेनी बाप कुलंग बच्चे देखो रंग बिरंग

दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है

माँ का पेट कुम्हार का आवा, कोई गोरा कोई काला

जिस तरह कुम्हार के आवे से बर्तन लाल एवं काले निकलते हैं उसी तरह माँ के पेट से भी काले और गोरे बच्चे जन्म लेते हैं

माँ के पेट से सीख कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

माँ डाएन हो तो क्या बच्चों ही को खाएगी

बुरा इंसान भी अपनों का लिहाज़ करता है, अपनों को कोई नक्साक् नहीं पहुंचाता चाहे ग़ैरों से कैसा सुलूक करे

माँ के पेट से सीख ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

माँ मर जाना

be shocked

माँ का दूध

lawful, permissible

माँ की कोख

ماں کا پیٹ.

माँ डाएन हो गई तो क्या बच्चों ही को खाएगी

बुरा इंसान भी अपनों का लिहाज़ करता है, अपनों को कोई नक्साक् नहीं पहुंचाता चाहे ग़ैरों से कैसा सुलूक करे

माँ चील बाप कव्वा

cross-breed

माँ पिसनहारी भली, बाप हफ़्त हज़ारी बुरा

माँ का प्रेम बाप से अधिक होता है

माँ टेनी बाप कुलंग बच्चे होवें रंग बिरंग

दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है

माँ-बाप

माता-पिता, वालिदैन

माँ की जाई

(संकेतात्मक) लड़की

माँ के पेट से कोई सीख कर नहीं निकला है

हर व्यक्ति को सीखना पड़ता है, जन्मजात विद्वान कोई नहीं होता, काम करने से ही आता है, कोई माँ के पेट से सीख कर नहीं आता

माँ का जाया

رک : ماں جایا ، سگا بھائی.

माँ तेलन, बाप पठान, बेटा शाख़-ए-ज़ा'फ़रान

बेटा माँ-बाप से बढ़ कर निकला, जब कोई साधारण व्यक्ति असाधारण होने का दा'वा करे तो कहते हैं

माँ टेनी बाप कुलंग बच्चे निकले रंग बिरंग

दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है

माँ ज़ाग़ , बाप कलंग , बच्चे निकले रंग-ब-रंग

(रुक) माँ टीनी बाप कुलंग अलख

माँ कहे मेरा हुआ बडेरा , 'उम्र कहे में आई नबेड़ा

जब बच्चा जवान होता है माँ ख़ुश होती है हालाँकि उस की उम्र कम होजाती है जो ख़ुशी की बात नहीं है

माँ-बाप का होना

एक बाप से होना, हलाली होना (आत्म-सम्मान के अवसर पर)

माँ बाप जनम के साथी हैं, कर्म के नहीं

माँ बाप ज़िंदगी में साथ देते हैं आख़िरत में कोई काम नहीं आता

माँ के हेट में से

پیدائشی طور پر، ذاتی محنت کے بغیر.

माँ के हेट में ते

پیدائشی طور پر، ذاتی محنت کے بغیر.

माँ पिसनहारी बाप कंजर, बेटा मिर्ज़ा संजर

बेटा माँ-बाप से बढ़ कर निकला, जब कोई साधारण व्यक्ति असाधारण होने का दा'वा करे तो कहते हैं

माँ का मान भला

माँ संतान का गर्व करे तो बजा है, संतान को माँ का आदर करना चाहिए

माँ मरे मौसी जीवे

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

माँ बाप का लाडला

माता-पिता का प्रिय, वह लड़का जिसे माता-पिता ने लाड़-प्यार में पाला हो, दुलारा, बहुत स्नेह और प्रेम से पाला हुआ

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

माँ एली, बाप तेली, बेटा शाख़-ए-ज़ा'फ़रान

बेटा माँ-बाप से बढ़ कर निकला, जब कोई साधारण व्यक्ति असाधारण होने का दा'वा करे तो कहते हैं

माँ डायन बाप ओझा

नालायक़ों की नालायक़ संतान

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय के अर्थदेखिए

जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय

jo kosat bairii mare aur man chitve dhan hoy, jal maa.n ghii niksan laage to ruukhaa khaa.e na koyجو کوست بیری مرے اور من چتوے دھن ہوئے، جل ماں گھی نِکسن لاگے تو روکھا کھائے نہ کوئے

कहावत

जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय के हिंदी अर्थ

  • अगर कोसने से शत्रु मर जाए, इच्छा से धन प्राप्त हो और पानी से घी निकले तो कोई रूखी न खाए

جو کوست بیری مرے اور من چتوے دھن ہوئے، جل ماں گھی نِکسن لاگے تو روکھا کھائے نہ کوئے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اگر کوسنے سے دشمن مرجائے، خواہش سے دولت ملے اور پانی سے گھی نکلے تو کوئی روکھی نہ کھائے

Urdu meaning of jo kosat bairii mare aur man chitve dhan hoy, jal maa.n ghii niksan laage to ruukhaa khaa.e na koy

  • Roman
  • Urdu

  • agar kosne se dushman mar jaaye, Khaahish se daulat mile aur paanii se ghii nikle to ko.ii ruukhii na khaa.e

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माँ

माता

माँ-जाई

सगी बहन, बहन जो माँ के पेट से हो, एक ही माँ की जनी हुई दो बहनें

माँ-जाया

माँ से उत्पन्न, अर्थात् सगा भाई

माँ-जाए

born of the same mother

माँ-जना

بھائی جو حقیقی ماں کے پیٹ سے پو۔

माँ-बहन

۔ماں اور بہن

माँ मरे

सौगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है, अर्थात मेरी सलामती नहीं, मेरी बख़्शिश नहीं

माँ बहन करना

माँ बहन की गाली देना

माँ बहन पुनना

किसी की माँ और बहन को बुरा भला कहना, किसी की माँ बहन में ऐब निकालना, गालियां देना

माँ से ज़्यादा चाहे, सो फाफा कटनी कहलाए

माँ से ज़्यादा मुहब्बत जतलाना ग़रज़ से ख़ाली नहीं होता

माँ से ज़्यादा चाहे, सो फाफा कटनी कहलाए

माँ से ज़्यादा मुहब्बत जतलाना ग़रज़ से ख़ाली नहीं होता

माँ नारंगी बाप कोला बेटा रौशुद्दौला

कमीने का शेखी मारना , नालायक़ वालदैन के हाँ लायक़ औलाद होना, अदना वालदैन की औलाद बड़ाई का दावा करे तो कहते हैं

माँ नारंगी बाप कोएला बेटा रौशुद्दौला

कमीने का शेखी मारना , नालायक़ वालदैन के हाँ लायक़ औलाद होना, अदना वालदैन की औलाद बड़ाई का दावा करे तो कहते हैं

माँ चील

दोग़ला, कमअस्ल

माँ मारे और माँ ही पुकारे

अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा

माँ-बहन एक करना

abuse (someone) by casting aspersions on their mother and sister

माँ मारे और माँ ही माँ पुकारे

अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा

माँ न माँ का जाया, सभी लोग पराया

अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो

माँ न माँ का जाया, सभी लोक पराया

अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो

माँ-बाप को बुरा कहवाना

बड़ों को बुरा भला कहलवाना

माँ सदक़े जाए

(महिला) माताएं अपने बच्चों से कुछ प्राप्त होने पर उनकी प्रशंसा में प्रेमपूर्वक यह वाक्यांश कहती हैं

माँ से ज़्यादा चाहे सो डाइन

रुक : माँ से ज़्यादा चाहे फा फा कटनी कहिलाय

माँ को न बाप को जो बनेगी सो आप को

हर कोई अपने कार्यों का उत्तरदायी है, कोई किसी दूसरे के शब्दों के लिए उत्तरदायी नहीं है

माँ चाहे बेटी को, बेटी चाहे मूए ढींग को

माँ को जितनी मुहब्बत बेटी से होती है उतनी मुहब्बत बेटी को माँ से नहीं होती, शादी के बाद बेटी अपने ख़ावंद को ज़्यादा चाहती है

माँ का जना

سگا بھائی ، ایک ماں کی اولاد.

माँ बाप जीते, हराम का नहीं कहलाता

सबूत मौजूद हो तो दा'वा ग़लत नहीं ठहराया जाता

माँ बाप जीते, हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

माँ के पेट से ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

माँ बाप जीते कोई हराम का नहीं कहलाता

सबूत मौजूद हो तो दा'वा ग़लत नहीं ठहराया जाता

माँ टेनी बाप कुलंग बच्चे देखो रंग बिरंग

दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है

माँ का पेट कुम्हार का आवा, कोई गोरा कोई काला

जिस तरह कुम्हार के आवे से बर्तन लाल एवं काले निकलते हैं उसी तरह माँ के पेट से भी काले और गोरे बच्चे जन्म लेते हैं

माँ के पेट से सीख कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

माँ डाएन हो तो क्या बच्चों ही को खाएगी

बुरा इंसान भी अपनों का लिहाज़ करता है, अपनों को कोई नक्साक् नहीं पहुंचाता चाहे ग़ैरों से कैसा सुलूक करे

माँ के पेट से सीख ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

माँ मर जाना

be shocked

माँ का दूध

lawful, permissible

माँ की कोख

ماں کا پیٹ.

माँ डाएन हो गई तो क्या बच्चों ही को खाएगी

बुरा इंसान भी अपनों का लिहाज़ करता है, अपनों को कोई नक्साक् नहीं पहुंचाता चाहे ग़ैरों से कैसा सुलूक करे

माँ चील बाप कव्वा

cross-breed

माँ पिसनहारी भली, बाप हफ़्त हज़ारी बुरा

माँ का प्रेम बाप से अधिक होता है

माँ टेनी बाप कुलंग बच्चे होवें रंग बिरंग

दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है

माँ-बाप

माता-पिता, वालिदैन

माँ की जाई

(संकेतात्मक) लड़की

माँ के पेट से कोई सीख कर नहीं निकला है

हर व्यक्ति को सीखना पड़ता है, जन्मजात विद्वान कोई नहीं होता, काम करने से ही आता है, कोई माँ के पेट से सीख कर नहीं आता

माँ का जाया

رک : ماں جایا ، سگا بھائی.

माँ तेलन, बाप पठान, बेटा शाख़-ए-ज़ा'फ़रान

बेटा माँ-बाप से बढ़ कर निकला, जब कोई साधारण व्यक्ति असाधारण होने का दा'वा करे तो कहते हैं

माँ टेनी बाप कुलंग बच्चे निकले रंग बिरंग

दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है

माँ ज़ाग़ , बाप कलंग , बच्चे निकले रंग-ब-रंग

(रुक) माँ टीनी बाप कुलंग अलख

माँ कहे मेरा हुआ बडेरा , 'उम्र कहे में आई नबेड़ा

जब बच्चा जवान होता है माँ ख़ुश होती है हालाँकि उस की उम्र कम होजाती है जो ख़ुशी की बात नहीं है

माँ-बाप का होना

एक बाप से होना, हलाली होना (आत्म-सम्मान के अवसर पर)

माँ बाप जनम के साथी हैं, कर्म के नहीं

माँ बाप ज़िंदगी में साथ देते हैं आख़िरत में कोई काम नहीं आता

माँ के हेट में से

پیدائشی طور پر، ذاتی محنت کے بغیر.

माँ के हेट में ते

پیدائشی طور پر، ذاتی محنت کے بغیر.

माँ पिसनहारी बाप कंजर, बेटा मिर्ज़ा संजर

बेटा माँ-बाप से बढ़ कर निकला, जब कोई साधारण व्यक्ति असाधारण होने का दा'वा करे तो कहते हैं

माँ का मान भला

माँ संतान का गर्व करे तो बजा है, संतान को माँ का आदर करना चाहिए

माँ मरे मौसी जीवे

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

माँ बाप का लाडला

माता-पिता का प्रिय, वह लड़का जिसे माता-पिता ने लाड़-प्यार में पाला हो, दुलारा, बहुत स्नेह और प्रेम से पाला हुआ

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

माँ एली, बाप तेली, बेटा शाख़-ए-ज़ा'फ़रान

बेटा माँ-बाप से बढ़ कर निकला, जब कोई साधारण व्यक्ति असाधारण होने का दा'वा करे तो कहते हैं

माँ डायन बाप ओझा

नालायक़ों की नालायक़ संतान

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