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हर कोई

हर एक व्यक्ति, हर एक

हर का

हर एक का, हर शख़्स का

हर कि

ہر ایک ، ہر وہ ، ہر جو

हार के

رک : ہار (۱) مع تحتی الفاظ

हद्द का

بہت زیادہ ، انتہا درجے کا.

हर-आँकि

जो कोई, जो व्यक्ति, हर व्यक्ति, जो व्यक्ति, हर वो शख़्स जो

हर कि बरादर नदारद क़ुव्वत-ए-बाज़ू नदारद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस का भाई नहीं उस की क़ुव्वत-ए-बाज़ू नहीं

हर कि बा नूह नशीनद चे ग़म अज़ तूफ़ानश

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो नोहऑ के साथ बैठे उसे तूफ़ान नोहऑ की क्या फ़िक्र, जो हाकिम के साथ होता है उसे हाकिम से ख़तरा नहीं होता, जिस के हिमायती बड़े लोग हूँ उसे क्या ख़ौफ़ है

हर कि 'ऐब ख़ुद बीनद, अज़ दीगराँ गज़ीनद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो अपना ऐब देखता है वो दूसरों से डरता है

हर कि ज़न न-दारद आसाइश-ए-तन न-दारद

(उर्दू में प्रयुक्त फ़ारसी कहावत) जिसके पास बीवी नहीं उसे कोई आराम नहीं

हर कि अज़ दीदा दूर अज़ दिल दूर

(فارسی کہاوت اُردو میں مستعمل) جو سامنے نہیں ہوتا اس کا خیال بھی نہیں رہتا ، جو آنکھ سے دور وہ دل سے دور ہوتا ہے ، آنکھ اوجھل پہاڑ اوجھل

हर कि रा ज़र दर तराज़ूस्त ज़ोर दर बाज़ूस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस के पास ज़र है इस के पास ज़ोर भी है, जिस के पास पैसा है वो ताक़तवर है

हर कि हेच नदारद ज़हेच ग़म नदारद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस के पास कुछ नहीं होता उस को कोई ग़म नहीं होता

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

हर कि बाबदाँ नशीनद नेकी न बीनद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो बदों के साथ बैठता है वो नेकी नहीं देखता, बरी सोहबत का नतीजा बुरा होता है

हूर का टुकड़ा

अधिक सुंदर (इंसान)

हर कि शक आरद काफ़िर गर्दद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) (क़ौल की तसदीक़ के लिए कहते हैं) जो शक करे काफ़िर हो जाये

हर कि आमद बर आँ मज़ीद नुमूद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो आया इस ने इस में इज़ाफ़ा किया

हर कि पिदर नदारद साया-ए-सर नदारद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस का बाप नहीं इस के सर पर साया नहीं

हर कि दंदाँ दाद नान हम मी दहद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस ने दाँत दिए वही रोटी भी देगा, इंसान को रिज़्क की तलब में ज़्यादा परेशान ना होना चाहिए ख़ुदा पर भरोसा करना चाहिए

हर कि ख़ूद रा बीनद ख़ुदा रा न बीनद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) मग़रूर आदमी ख़ुदा को नहीं पाता, ख़ुद पसंद शख़्स ख़ुदा शनास नहीं होता

हर कि मेहनत नकशीद ब राहत नरसीद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) अगर मेहनत नहीं करोगे तो आराम और सुकून भी नहीं मिलेगा

हार की लड़ी टूट जाना

किसी चीज़ का तवातर से गिरना, यके बाद दीगरे आना, एक के बाद एक का मुसलसल आना (जैसे हार का धागा टूटने पर मोती यके बाद दीगर गिरते चले जाते हैं)

हर कि पिसर नदारद नूर-ए-नज़र नदारद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस का बेटा नहीं उस की आँखों नूर नहीं

हद के अंदर

۔احاطہ میں۔ سرحد میں۔

हूर का बच्चा

बहुत सुंदर (युवा) ख़ूबसूरत बच्चा

हार का न्याव क्या

नुक़्सान हो जाये तो फिर हाथ पांव मारने से कोई फ़ायदा नहीं होता, नुक़्सान के बाद कोशिश फ़ुज़ूल है

हर को भजे सो हर का हुए

जो व्यक्ति भगवान की आराधना एवं पूजा करेगा और भगवान का ध्यान रखेगा वो भगवान के निकट में प्रिय होगा

हद के अंदर रहना

हद में रहना, तजावुज़ से बचना, एतिदाल या किफ़ायत से काम लेना

हर कि दारद तानी अंदर कार, ब मुरादत-ए-दिल रसद नाचार

(فارسی کہاوت اُردو میں مستعمل) جو شخص استقلال سے کام کرتا ہے وہ اپنی دلی مراد تک آخرکار پہنچ ہی جاتا ہے

हर-किह आमद ब-जहाँ अहल-ए-फ़ना ख़्वाहद-बूद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) जो दुनिया में आया एक दिन ज़रूर मरेगा

हार के झक मार के

مجبور ہو کر ، ناچار ہو کر ، عاجز آکر ، مجبوراً ؛ جزبز ہو کے (رک : ہار جھک مار کر)

हर कि आमद 'इमारत-ए-नौ साख़्त, रफ़्त-ओ-मंज़िल ब दीगरे परदाख़्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो आया इस ने एक नई इमारत बनाई वो चला गया और मकान किसी और का हो गया, हर एक शख़्स अपने ही ख़्याल के मुताबिक़ काम करता है नीज़ नया हाकिम नया हुक्म जारी करता है , हर शख़्स अपनी फ़हम के मुताबिक़ काम करता है

सुख संपत का हर कोई साथी

आराम और धन-सम्पन्नता के समय में सब दोस्त बिन जाते हैं

'अहद का पूरा

वचन का पक्का, अपनी कही बात पर दृढ़ रहने वाला

होड़ का कार जी का भार

प्रतियोगिता या मुक़ाबले का काम बहुत कठिन होता है

हर कि महजूब अस्त महबूब अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) जिस में शर्म होती है उससे लोग मुहब्बत करते हैं

हर एक के कान में शैतान ने फूँक मार दी है कि तेरे बराबर कोई नहीं

हर एक अपने आप को लासानी समझता है

धर्म-हार धान कोई खाए

बेईमानी से हर कोई कमा खाता है

ज़ात-ज़मात न पूछे कोए हर को भजे सो हर का होए

जो शख़्स मेहनत और रियाज़त करता है मक़बूल होता है और इस की ज़ात को कोई नहीं पूछता है

ज़ात-पात न पूछे कोए हर को भजे सो हर का होए

जो शख़्स मेहनत और रियाज़त करता है मक़बूल होता है और इस की ज़ात को कोई नहीं पूछता है

सावन के अंधे को हर तरफ़ सब्ज़ा नज़र आता है

हर व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुसार सबको समझता है; जो स्थिति नज़र में बस जाती है वही स्थिति हमेशा सामने रहती है (क्योंकि सावन का महीना सीधे बारिश का होता है और वनस्पति-विकास अपने चरम पर होता है इसलिए जो व्यक्ति इस महीने में अंधा होता है वह यही समझता रह

क़द्र खो देता है हर वक़्त का आना जाना

बहुत मेल मिलाप और बेतकल्लुफ़ी हो तो वो इज़्ज़त नहीं रहती जो कभी कभी मिलने से होती है

अंधे के पाँव तले बटेर दब गई, कहा हर रोज़ शिकार खाएँगे

संयोग अथवा आकस्मिक बात पर भरोसा नहीं हो सकता, क्या जाने फिर संयोग हो या ना हो

रपट पड़े की हर गंगा

एक वाक्य जो हिंदू नहाते समय दो-दो बार या तीन-तीन बार ज़बान पर लाते हैं

शौक़ दर हर-दिल कि बाशद रहबरे दरकार नेस्त

फ़ारसी की कहावत उर्दू में प्रयुक्त, जिसको जिस चीज़ की रुचि होगी वो बिना किसी के बताए उसे सीखेगा रुचि वाले को मार्गदर्शक की आवश्यक्ता नहीं

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

हर कमाल के बा'द ज़वाल होता है

रुक : हर कमाले रा ज़वाल

साईं के दरबार में बड़े बड़े हैं ढेर, अपना दाना बीन ले जिस में हेर न फेर

अपनी क़िस्मत पर शुक्र करना चाहिए और जो मिले उस पर संतोष करना चाहिए

हुदहुद के लहू से ता'वीज़ लिखना

जिससे प्रेम हो उसे वश में करने का उपाय करना, प्रेम विजय का यंत्र लिखना

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

वहशत का 'अहद

(समाज शास्त्र) मानव इतिहास का प्रारंभिक काल जिसमें मनुष्य प्रारंभिक सभ्यता की रूप-रेखा तैयार कर रहा था

क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना

familiarity breeds contempt

हद से बढ़ के

beyond limitations

हर घड़ी का

हर वक़्त का, हमेशा का, लगातार

हलवाई दीवाना होगा तो हिर फिर कर लड्डू अपनों ही को देगा

हर सूरत में अपनों को फ़ायदा पहुंचाने वाले के संबंध में कहते हैं

गंगा जान हार , भागीरथ के सर पड़ी

जो काम होना होता है हो कर रहता है मगर नाम किसी और का होजाता है

ज़ख़्मों के हार पहनना

बहुत ज़ख़्म खाना

हर जा कि सुल्तान ख़ैमा ज़द ग़ौग़ा नमान्द 'आम रा

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जहां बादशाह ख़ेमा लगा दे वहां आम लोगों का शोर नहीं होता, बड़ों के सामने छोटों की तौक़ीर नहीं होती , बड़ों के सामने छोटों की नहीं चलती

दिवाली के दिन की हार बरस दिन तक हार रखती है

हर काम की इबतिदा बिगड़नी अच्छी नहीं होती उस दिन की हार से बरसन दिन तक हार रहती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जज़ीरा के अर्थदेखिए

जज़ीरा

jaziiraجَزِیرَہ

स्रोत: अरबी

वज़्न : 122

टैग्ज़: भूगोल

शब्द व्युत्पत्ति: ज-ज़-र

जज़ीरा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • टापू, द्वीप, जल से घिरा स्थल, वह ज़मीन जो समुद्र के बीच में हो

    उदाहरण जज़ीरा के घने जंगलात में चलते हुए हमें मुख़्तलिफ़ रंगों के परिंदे और ख़ूबसूरत फूल देखने को मिले, जिनकी तस्वीरें आज भी हमारी यादों में महफ़ूज़ हैं

  • (शाब्दिक) जज़ीरे का वास्तविक अर्थ वह स्थान जहाँ से पानी हट गया हो
  • (ख़गोल विज्ञान) (रूपकात्मक) तारों का झुरमुट

शे'र

English meaning of jaziira

Noun, Masculine

  • island, isle

    Example Jazira ke ghane jangalaat mein chalte huye hamein mukhtalif rangon ke parinde aur khubsoorat phul dekhne ko mile, jin ki tasvirein aaj bhi hamari yaadon mein mahfooz hain

  • peninsula
  • (Astronomy) (Metaphorically) galaxy

جَزِیرَہ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر

  • خشکی کا وہ بڑا قطعہ جو چاروں طرف سے دریا یا سمندر کے پانی سے گھرا ہو، ٹاپو

    مثال جزیزہ کے گھنے جنگلات میں چلتے ہوئے ہمیں مختلف رنگوں کے پرندے اور خوبصورت پھول دیکھنے کو ملے، جن کی تصویریں آج بھی ہماری یادوں میں محفوظ ہیں

  • لغت میں جزیرے کے حقیقی معنی وہ جگہ ہے جہاں سے پانی ہٹ گیا ہو
  • (فلکیات) (استعارتاً) ستاروں کا جھرمٹ یا الگ تھلگ وجود یا نظام

Urdu meaning of jaziira

  • Roman
  • Urdu

  • Khushkii ka vo ba.Daa qataa jo chaaro.n taraf se dariyaa ya samundr ke paanii se ghira ho, Taapuu
  • lagat me.n jaziire ke haqiiqii maanii vo jagah hai jahaa.n se paanii hiT gayaa ho
  • (falakiyaat) (ustaa ratan) sitaaro.n ka jhurmuT ya alag thalag vajuud ya nizaam

जज़ीरा के पर्यायवाची शब्द

जज़ीरा के यौगिक शब्द

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हर कोई

हर एक व्यक्ति, हर एक

हर का

हर एक का, हर शख़्स का

हर कि

ہر ایک ، ہر وہ ، ہر جو

हार के

رک : ہار (۱) مع تحتی الفاظ

हद्द का

بہت زیادہ ، انتہا درجے کا.

हर-आँकि

जो कोई, जो व्यक्ति, हर व्यक्ति, जो व्यक्ति, हर वो शख़्स जो

हर कि बरादर नदारद क़ुव्वत-ए-बाज़ू नदारद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस का भाई नहीं उस की क़ुव्वत-ए-बाज़ू नहीं

हर कि बा नूह नशीनद चे ग़म अज़ तूफ़ानश

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो नोहऑ के साथ बैठे उसे तूफ़ान नोहऑ की क्या फ़िक्र, जो हाकिम के साथ होता है उसे हाकिम से ख़तरा नहीं होता, जिस के हिमायती बड़े लोग हूँ उसे क्या ख़ौफ़ है

हर कि 'ऐब ख़ुद बीनद, अज़ दीगराँ गज़ीनद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो अपना ऐब देखता है वो दूसरों से डरता है

हर कि ज़न न-दारद आसाइश-ए-तन न-दारद

(उर्दू में प्रयुक्त फ़ारसी कहावत) जिसके पास बीवी नहीं उसे कोई आराम नहीं

हर कि अज़ दीदा दूर अज़ दिल दूर

(فارسی کہاوت اُردو میں مستعمل) جو سامنے نہیں ہوتا اس کا خیال بھی نہیں رہتا ، جو آنکھ سے دور وہ دل سے دور ہوتا ہے ، آنکھ اوجھل پہاڑ اوجھل

हर कि रा ज़र दर तराज़ूस्त ज़ोर दर बाज़ूस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस के पास ज़र है इस के पास ज़ोर भी है, जिस के पास पैसा है वो ताक़तवर है

हर कि हेच नदारद ज़हेच ग़म नदारद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस के पास कुछ नहीं होता उस को कोई ग़म नहीं होता

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

हर कि बाबदाँ नशीनद नेकी न बीनद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो बदों के साथ बैठता है वो नेकी नहीं देखता, बरी सोहबत का नतीजा बुरा होता है

हूर का टुकड़ा

अधिक सुंदर (इंसान)

हर कि शक आरद काफ़िर गर्दद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) (क़ौल की तसदीक़ के लिए कहते हैं) जो शक करे काफ़िर हो जाये

हर कि आमद बर आँ मज़ीद नुमूद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो आया इस ने इस में इज़ाफ़ा किया

हर कि पिदर नदारद साया-ए-सर नदारद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस का बाप नहीं इस के सर पर साया नहीं

हर कि दंदाँ दाद नान हम मी दहद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस ने दाँत दिए वही रोटी भी देगा, इंसान को रिज़्क की तलब में ज़्यादा परेशान ना होना चाहिए ख़ुदा पर भरोसा करना चाहिए

हर कि ख़ूद रा बीनद ख़ुदा रा न बीनद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) मग़रूर आदमी ख़ुदा को नहीं पाता, ख़ुद पसंद शख़्स ख़ुदा शनास नहीं होता

हर कि मेहनत नकशीद ब राहत नरसीद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) अगर मेहनत नहीं करोगे तो आराम और सुकून भी नहीं मिलेगा

हार की लड़ी टूट जाना

किसी चीज़ का तवातर से गिरना, यके बाद दीगरे आना, एक के बाद एक का मुसलसल आना (जैसे हार का धागा टूटने पर मोती यके बाद दीगर गिरते चले जाते हैं)

हर कि पिसर नदारद नूर-ए-नज़र नदारद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस का बेटा नहीं उस की आँखों नूर नहीं

हद के अंदर

۔احاطہ میں۔ سرحد میں۔

हूर का बच्चा

बहुत सुंदर (युवा) ख़ूबसूरत बच्चा

हार का न्याव क्या

नुक़्सान हो जाये तो फिर हाथ पांव मारने से कोई फ़ायदा नहीं होता, नुक़्सान के बाद कोशिश फ़ुज़ूल है

हर को भजे सो हर का हुए

जो व्यक्ति भगवान की आराधना एवं पूजा करेगा और भगवान का ध्यान रखेगा वो भगवान के निकट में प्रिय होगा

हद के अंदर रहना

हद में रहना, तजावुज़ से बचना, एतिदाल या किफ़ायत से काम लेना

हर कि दारद तानी अंदर कार, ब मुरादत-ए-दिल रसद नाचार

(فارسی کہاوت اُردو میں مستعمل) جو شخص استقلال سے کام کرتا ہے وہ اپنی دلی مراد تک آخرکار پہنچ ہی جاتا ہے

हर-किह आमद ब-जहाँ अहल-ए-फ़ना ख़्वाहद-बूद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) जो दुनिया में आया एक दिन ज़रूर मरेगा

हार के झक मार के

مجبور ہو کر ، ناچار ہو کر ، عاجز آکر ، مجبوراً ؛ جزبز ہو کے (رک : ہار جھک مار کر)

हर कि आमद 'इमारत-ए-नौ साख़्त, रफ़्त-ओ-मंज़िल ब दीगरे परदाख़्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो आया इस ने एक नई इमारत बनाई वो चला गया और मकान किसी और का हो गया, हर एक शख़्स अपने ही ख़्याल के मुताबिक़ काम करता है नीज़ नया हाकिम नया हुक्म जारी करता है , हर शख़्स अपनी फ़हम के मुताबिक़ काम करता है

सुख संपत का हर कोई साथी

आराम और धन-सम्पन्नता के समय में सब दोस्त बिन जाते हैं

'अहद का पूरा

वचन का पक्का, अपनी कही बात पर दृढ़ रहने वाला

होड़ का कार जी का भार

प्रतियोगिता या मुक़ाबले का काम बहुत कठिन होता है

हर कि महजूब अस्त महबूब अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) जिस में शर्म होती है उससे लोग मुहब्बत करते हैं

हर एक के कान में शैतान ने फूँक मार दी है कि तेरे बराबर कोई नहीं

हर एक अपने आप को लासानी समझता है

धर्म-हार धान कोई खाए

बेईमानी से हर कोई कमा खाता है

ज़ात-ज़मात न पूछे कोए हर को भजे सो हर का होए

जो शख़्स मेहनत और रियाज़त करता है मक़बूल होता है और इस की ज़ात को कोई नहीं पूछता है

ज़ात-पात न पूछे कोए हर को भजे सो हर का होए

जो शख़्स मेहनत और रियाज़त करता है मक़बूल होता है और इस की ज़ात को कोई नहीं पूछता है

सावन के अंधे को हर तरफ़ सब्ज़ा नज़र आता है

हर व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुसार सबको समझता है; जो स्थिति नज़र में बस जाती है वही स्थिति हमेशा सामने रहती है (क्योंकि सावन का महीना सीधे बारिश का होता है और वनस्पति-विकास अपने चरम पर होता है इसलिए जो व्यक्ति इस महीने में अंधा होता है वह यही समझता रह

क़द्र खो देता है हर वक़्त का आना जाना

बहुत मेल मिलाप और बेतकल्लुफ़ी हो तो वो इज़्ज़त नहीं रहती जो कभी कभी मिलने से होती है

अंधे के पाँव तले बटेर दब गई, कहा हर रोज़ शिकार खाएँगे

संयोग अथवा आकस्मिक बात पर भरोसा नहीं हो सकता, क्या जाने फिर संयोग हो या ना हो

रपट पड़े की हर गंगा

एक वाक्य जो हिंदू नहाते समय दो-दो बार या तीन-तीन बार ज़बान पर लाते हैं

शौक़ दर हर-दिल कि बाशद रहबरे दरकार नेस्त

फ़ारसी की कहावत उर्दू में प्रयुक्त, जिसको जिस चीज़ की रुचि होगी वो बिना किसी के बताए उसे सीखेगा रुचि वाले को मार्गदर्शक की आवश्यक्ता नहीं

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

हर कमाल के बा'द ज़वाल होता है

रुक : हर कमाले रा ज़वाल

साईं के दरबार में बड़े बड़े हैं ढेर, अपना दाना बीन ले जिस में हेर न फेर

अपनी क़िस्मत पर शुक्र करना चाहिए और जो मिले उस पर संतोष करना चाहिए

हुदहुद के लहू से ता'वीज़ लिखना

जिससे प्रेम हो उसे वश में करने का उपाय करना, प्रेम विजय का यंत्र लिखना

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

वहशत का 'अहद

(समाज शास्त्र) मानव इतिहास का प्रारंभिक काल जिसमें मनुष्य प्रारंभिक सभ्यता की रूप-रेखा तैयार कर रहा था

क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना

familiarity breeds contempt

हद से बढ़ के

beyond limitations

हर घड़ी का

हर वक़्त का, हमेशा का, लगातार

हलवाई दीवाना होगा तो हिर फिर कर लड्डू अपनों ही को देगा

हर सूरत में अपनों को फ़ायदा पहुंचाने वाले के संबंध में कहते हैं

गंगा जान हार , भागीरथ के सर पड़ी

जो काम होना होता है हो कर रहता है मगर नाम किसी और का होजाता है

ज़ख़्मों के हार पहनना

बहुत ज़ख़्म खाना

हर जा कि सुल्तान ख़ैमा ज़द ग़ौग़ा नमान्द 'आम रा

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जहां बादशाह ख़ेमा लगा दे वहां आम लोगों का शोर नहीं होता, बड़ों के सामने छोटों की तौक़ीर नहीं होती , बड़ों के सामने छोटों की नहीं चलती

दिवाली के दिन की हार बरस दिन तक हार रखती है

हर काम की इबतिदा बिगड़नी अच्छी नहीं होती उस दिन की हार से बरसन दिन तक हार रहती है

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