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वहाँ

(इस के) यहां, (इस के)हाँ, (इस के) घर पर या शहर वग़ैरा में, उस अवसर, बिंदु या स्थिति या स्थान पर

वहाँ के

اُس جگہ کے ، اُس ملک یا مقام کے ۔

वहाँ का

of or belonging to that place, made or produced there

वहाँ की

उस जगह की, उस स्थान की; किसी शहर आदि की बनी हुई

वहाँ ही

(दिल्ली) उसी जगह, वहीं

वहाँ से

اُس جگہ سے ، اُدھر سے ۔

वहाँ पर

at that place

वहाँचा

وہاں سے ، وہاں ہی ، وہیں ، اسی جگہ ۔ (رک : وہانچھ) ۔

वहाँच

(दक्कन) वहाँ से, वहीं से, वहाँ ही

वहाँछ

رک : وہانچہ

वहाँ का वहाँ

at that very place or spot

वहाँ-वहाँ होना

उस उस जगह होना

वहाँ गए को

having gone there

वहाँ का वहीं

इसी जगह, जहाँ का तहाँ

वहाँ-वाहाँ से

उस उस स्थान से

वहाँ तक हँसे जो न रोइए

حد سے زیادہ نہ ہنسنا چاہئے

वहाँ के घर बसंत है, यहाँ मेरे घर बसंत

میں اس کے گھرجانا نہیں چاہتا

वहाँ मारिए जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

वहाँ मारिए जहाँ पानी न हो

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

वहाँ तक हँसिये जो रो न दे

हंसी ठट्ठा वहीं तक बेहतर है जहां तक फ़साद ना हो जाये

वहाँ फ़रिश्तों के भी पर जलते हैं

उस जगह कोई नहीं जा सकता, उनका इतना रौब है कि वहाँ जाने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता

वहाँ गर्दन मारिये जहाँ पानी न मिले

बहुत ही कठोर दंड देना चाहिए, किसी व्यक्ति के अपराध को सुनकर लोग सुझाव के रूप में कहते हैं

वहाँ गर्दन मारिए जगाँ पानी न हो

इस को निहायत सख़्त और संगीन सज़ा देनी चाहिए

वहाँ लटका के मारे जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

वहाँ तक गुदगुदाइये जहाँ तक दूसरा रो न दे

इतना मज़ाक़ होना चाहिए जिस से दूसरा तंग ना आ जाये, वहां तक हनसईए जो रो ना दे

वहाँ उस के घर बसंत है , यहाँ मेरे घर बसंत

में इस के घर जाना नहीं चाहता, अगर इस को यहां आने में उज़्र है तो मुझे भी उज़्र है

वहाँ तक हँसिये जो न रोए

हद से ज़्यादा नहीं हंसना चाहिए

वहाँ तक हँसाइए जो रो न दे

रुक : वहां तक गदगदईए अलख

यहाँ-वहाँ

उधर-उधर, कई जगह, हर जगह, आस-पास, इर्द-गिर्द, प्रतीकात्मक: इस दुनिया में और उसके बाद में

चले वहाँ से

किसी की हैसियत को कम करने पर बोलते हैं आए वहाँ से

यहाँ से वहाँ

एक जगह से दूसरी जगह, इधर से उधर

जहाँ गंगा वहाँ झाव , जहाँ बामन वहाँ नाव

बड़ों से छोटों को फ़ैज़ पहुंचता है

आए वहाँ से

बिना किसी अधिकार के हस्तक्षेप करना, अभिमान, डींग मारने या बड़कपन जताने के व्यंग्यात्मक उत्तर रूप में प्रयुक्त

यहाँ से वहाँ तक

एक जगह से दूसरी जगह तक या दूर दूर तक

कोई यहाँ कोई वहाँ

here and there, scattered

यहाँ-वहाँ का ज़िक्र

۔उधर उधर की बातें

जहाँ सूई वहाँ तागा

लाज़िम-ओ-मल्ज़ूम के लिए कहते हैं

जहाँ गंज वहाँ रंज

धनवान को परेशानी भी अधिक होती है

जहाँ कान वहाँ बिजली

रुक : जहां कांसा वहां बिजली का सांसा

जहाँ गंग वहाँ रंग

जहाँ गंगा बहती है वहाँ मेले भी ज़रूर होते हैं

जहाँ रानी वहाँ राजा

लाज़िम-ओ-मल्ज़ूम के लिए कहते हैं

जहाँ सेर वहाँ सवाई

अपव्ययी अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम या अधिक की परवाह नहीं करता, जहाँ बहुत सी हानि हुई थाड़ी और सही

जहाँ सूई वहाँ तागा

लाज़िम-ओ-मल्ज़ूम के लिए कहते हैं

जहाँ ढाक वहाँ डाकू

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जहां ख़तरे से मुफ़िर ना हो

जहाँ चाह वहाँ राह

जिसके लिए दिल में जगह हो उसके साथ गुज़ारा भी हो जाता है

जहाँ फूल वहाँ काँटा

there is no rose without a thorn, where there is happiness, there are woes

जहाँ गुल वहाँ ख़ार

There is no rose without thorn.

जहाँ फूल वहाँ ख़ार

there is no rose without a thorn, where there is happiness, there are woes

जहाँ काँसा वहाँ बिजली

۔مثل۔ جہاں مال ہوتا ہے وہاں چور آتے ہیں۔

जहाँ ढाक वहाँ डाका

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जहां ख़तरे से मुफ़िर ना हो

जहाँ गंगा वहाँ रंग

जहाँ गंगा बहती है वहाँ मेले भी अवश्य लगते हैं

जहाँ जिज्मान वहाँ परोहत

जहां सरदार वहां ख़िदमतगार

जहाँ दूल्हा वहाँ बरात

आदमी अपने सरदार के साथ रहता है

जहाँ बैठे वहाँ बैठे

रुक: जहां बैठ गए बैठ गए

जहाँ सौ वहाँ सवाए

बेकार में रुपया ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम और अधिक नहीं देखता, जहाँ बहुत हानि हुआ, थोड़ा और सही

जहाँ सौ वहाँ सवाए

बेकार में रुपया ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम और अधिक नहीं देखता, जहाँ बहुत हानि हुआ, थोड़ा और सही

जहाँ सेर वहाँ सवैया

अपव्ययी अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम या अधिक की परवाह नहीं करता, जहाँ बहुत सी हानि हुई थाड़ी और सही

जहाँ सेर वहाँ सवाया सेर

अपव्ययी अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम या अधिक की परवाह नहीं करता, जहाँ बहुत सी हानि हुई थाड़ी और सही

जहाँ सेर वहाँ सवा सेर

अपव्ययी अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम या अधिक की परवाह नहीं करता, जहाँ बहुत सी हानि हुई थाड़ी और सही

जहाँ डर, वहाँ हमारा घर

बहादुरों या मर्दों को अपनी जान का डर नहीं होता, डर और ख़तरे की चिंता नहीं करते

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जहाँ सूई न जाए वहाँ लट्ठा करना के अर्थदेखिए

जहाँ सूई न जाए वहाँ लट्ठा करना

jahaa.n suu.ii na jaa.e vahaa.n laTThaa karnaaجَہاں سُوئی نَہ جائے وَہاں لَٹَّھا کَرْنا

मुहावरा

जहाँ सूई न जाए वहाँ लट्ठा करना के हिंदी अर्थ

  • ऐसा काम करना जो मुम्किन ना हो , सरासर लगू बात करना

جَہاں سُوئی نَہ جائے وَہاں لَٹَّھا کَرْنا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ایسا کام کرنا جو ممکن نہ ہو ؛ سراسر لغو بات کرنا.

Urdu meaning of jahaa.n suu.ii na jaa.e vahaa.n laTThaa karnaa

  • Roman
  • Urdu

  • a.isaa kaam karnaa jo mumkin na ho ; saraasar laguu baat karnaa

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वहाँ

(इस के) यहां, (इस के)हाँ, (इस के) घर पर या शहर वग़ैरा में, उस अवसर, बिंदु या स्थिति या स्थान पर

वहाँ के

اُس جگہ کے ، اُس ملک یا مقام کے ۔

वहाँ का

of or belonging to that place, made or produced there

वहाँ की

उस जगह की, उस स्थान की; किसी शहर आदि की बनी हुई

वहाँ ही

(दिल्ली) उसी जगह, वहीं

वहाँ से

اُس جگہ سے ، اُدھر سے ۔

वहाँ पर

at that place

वहाँचा

وہاں سے ، وہاں ہی ، وہیں ، اسی جگہ ۔ (رک : وہانچھ) ۔

वहाँच

(दक्कन) वहाँ से, वहीं से, वहाँ ही

वहाँछ

رک : وہانچہ

वहाँ का वहाँ

at that very place or spot

वहाँ-वहाँ होना

उस उस जगह होना

वहाँ गए को

having gone there

वहाँ का वहीं

इसी जगह, जहाँ का तहाँ

वहाँ-वाहाँ से

उस उस स्थान से

वहाँ तक हँसे जो न रोइए

حد سے زیادہ نہ ہنسنا چاہئے

वहाँ के घर बसंत है, यहाँ मेरे घर बसंत

میں اس کے گھرجانا نہیں چاہتا

वहाँ मारिए जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

वहाँ मारिए जहाँ पानी न हो

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

वहाँ तक हँसिये जो रो न दे

हंसी ठट्ठा वहीं तक बेहतर है जहां तक फ़साद ना हो जाये

वहाँ फ़रिश्तों के भी पर जलते हैं

उस जगह कोई नहीं जा सकता, उनका इतना रौब है कि वहाँ जाने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता

वहाँ गर्दन मारिये जहाँ पानी न मिले

बहुत ही कठोर दंड देना चाहिए, किसी व्यक्ति के अपराध को सुनकर लोग सुझाव के रूप में कहते हैं

वहाँ गर्दन मारिए जगाँ पानी न हो

इस को निहायत सख़्त और संगीन सज़ा देनी चाहिए

वहाँ लटका के मारे जहाँ पानी न मिले

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

वहाँ तक गुदगुदाइये जहाँ तक दूसरा रो न दे

इतना मज़ाक़ होना चाहिए जिस से दूसरा तंग ना आ जाये, वहां तक हनसईए जो रो ना दे

वहाँ उस के घर बसंत है , यहाँ मेरे घर बसंत

में इस के घर जाना नहीं चाहता, अगर इस को यहां आने में उज़्र है तो मुझे भी उज़्र है

वहाँ तक हँसिये जो न रोए

हद से ज़्यादा नहीं हंसना चाहिए

वहाँ तक हँसाइए जो रो न दे

रुक : वहां तक गदगदईए अलख

यहाँ-वहाँ

उधर-उधर, कई जगह, हर जगह, आस-पास, इर्द-गिर्द, प्रतीकात्मक: इस दुनिया में और उसके बाद में

चले वहाँ से

किसी की हैसियत को कम करने पर बोलते हैं आए वहाँ से

यहाँ से वहाँ

एक जगह से दूसरी जगह, इधर से उधर

जहाँ गंगा वहाँ झाव , जहाँ बामन वहाँ नाव

बड़ों से छोटों को फ़ैज़ पहुंचता है

आए वहाँ से

बिना किसी अधिकार के हस्तक्षेप करना, अभिमान, डींग मारने या बड़कपन जताने के व्यंग्यात्मक उत्तर रूप में प्रयुक्त

यहाँ से वहाँ तक

एक जगह से दूसरी जगह तक या दूर दूर तक

कोई यहाँ कोई वहाँ

here and there, scattered

यहाँ-वहाँ का ज़िक्र

۔उधर उधर की बातें

जहाँ सूई वहाँ तागा

लाज़िम-ओ-मल्ज़ूम के लिए कहते हैं

जहाँ गंज वहाँ रंज

धनवान को परेशानी भी अधिक होती है

जहाँ कान वहाँ बिजली

रुक : जहां कांसा वहां बिजली का सांसा

जहाँ गंग वहाँ रंग

जहाँ गंगा बहती है वहाँ मेले भी ज़रूर होते हैं

जहाँ रानी वहाँ राजा

लाज़िम-ओ-मल्ज़ूम के लिए कहते हैं

जहाँ सेर वहाँ सवाई

अपव्ययी अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम या अधिक की परवाह नहीं करता, जहाँ बहुत सी हानि हुई थाड़ी और सही

जहाँ सूई वहाँ तागा

लाज़िम-ओ-मल्ज़ूम के लिए कहते हैं

जहाँ ढाक वहाँ डाकू

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जहां ख़तरे से मुफ़िर ना हो

जहाँ चाह वहाँ राह

जिसके लिए दिल में जगह हो उसके साथ गुज़ारा भी हो जाता है

जहाँ फूल वहाँ काँटा

there is no rose without a thorn, where there is happiness, there are woes

जहाँ गुल वहाँ ख़ार

There is no rose without thorn.

जहाँ फूल वहाँ ख़ार

there is no rose without a thorn, where there is happiness, there are woes

जहाँ काँसा वहाँ बिजली

۔مثل۔ جہاں مال ہوتا ہے وہاں چور آتے ہیں۔

जहाँ ढाक वहाँ डाका

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जहां ख़तरे से मुफ़िर ना हो

जहाँ गंगा वहाँ रंग

जहाँ गंगा बहती है वहाँ मेले भी अवश्य लगते हैं

जहाँ जिज्मान वहाँ परोहत

जहां सरदार वहां ख़िदमतगार

जहाँ दूल्हा वहाँ बरात

आदमी अपने सरदार के साथ रहता है

जहाँ बैठे वहाँ बैठे

रुक: जहां बैठ गए बैठ गए

जहाँ सौ वहाँ सवाए

बेकार में रुपया ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम और अधिक नहीं देखता, जहाँ बहुत हानि हुआ, थोड़ा और सही

जहाँ सौ वहाँ सवाए

बेकार में रुपया ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम और अधिक नहीं देखता, जहाँ बहुत हानि हुआ, थोड़ा और सही

जहाँ सेर वहाँ सवैया

अपव्ययी अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम या अधिक की परवाह नहीं करता, जहाँ बहुत सी हानि हुई थाड़ी और सही

जहाँ सेर वहाँ सवाया सेर

अपव्ययी अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम या अधिक की परवाह नहीं करता, जहाँ बहुत सी हानि हुई थाड़ी और सही

जहाँ सेर वहाँ सवा सेर

अपव्ययी अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने वाला व्यक्ति कम या अधिक की परवाह नहीं करता, जहाँ बहुत सी हानि हुई थाड़ी और सही

जहाँ डर, वहाँ हमारा घर

बहादुरों या मर्दों को अपनी जान का डर नहीं होता, डर और ख़तरे की चिंता नहीं करते

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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