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सदा फूली फूली चुनी है

हमेशा से भाग्यशाली है

सदा न फूली केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन फिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

सदा न फूली केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन थिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

पहले ही

قبل از وقت ، معاملے یا واقعے وغیرہ سے قبل .

सूई छेदने से पहले ख़ोद छदती है

जैसी नी्यत होती है पहले वैसा ही पेश आता है

बाड़ पहले ही बाँधनी चाहिए

सुरक्षा की व्यवस्था पहले से ही कर लेना चाहिए

हज्जाम का लड़का पहले उस्ताद ही का सर मूँडता है

The barber's apprentice first practices on his master's head.

वो पानी में पहुँचने से पहले ही कपड़े उतार लेता है

(पश्तो कहावत उर्दू में प्रयुक्त)बुद्धिमान व्यक्ति, सतर्क व्यक्ति के बारे में कहा जाता है

नैना तोहे पटक दूँ दो टोक टोक हो जाए, पहले मुँह लगाए के पीछे अलग हो जाए

ए आँखों तुम्हें फेंक कर दो टुकड़े कुर्दों क्योंकि तुम पहले तो इशक़ पैदा करती हो फिर अलग हो जाती हो

पहली बिसमिल्लाह ही ग़लत

शुरू ही से किसी काम के बिगड़ने के बारे में बोलते हैं, काम शुरू होते ही ख़राब होगया

पहले अपनी ही दाढ़ी की आग बुझाई जाती है

पहले अपने लाभ की बात की जाती है फिर दूसरे का ख़याल आता है

पहली बिस्मिल्लाह ही ग़लत

starting off on the wrong foot

पहले ही गस्से में बाल आया

प्रारंभ ही में अपशगुन हो जाए तो परिणाम कैसे अच्छा हो

पहला वार है

ابتدا ہے، ابھی کیا ہے، آگے آگے دیکھئے ہوتا ہے کیا.

पहले ही लुक़्मे में बाल आया

प्रारंभ ही में अपशगुन हो जाए तो परिणाम कैसे अच्छा हो

जो पहले मारे वही मीर है

जो पहले लाभ उठा ले वही अच्छा रहता है, लड़ाई में जो पहले चोट करे वही जीतता है

ऊँट किस पहलू बैठता है

रुक : ऊंट देखिए किस कल बैठता है

ऊँट देखिए किस पहलू बैठता है

देखिए कि क्या प्रकट होता है, क्या परिणाम निकलता है

फूल फुला कर कुप्पा हो जाना

बहुत फूल जाना, बहुत मोटा होजाना, (मजाज़न) बहुत मग़रूर हो जाना

पहले ही से

from the very beginning, in advance, before time

पहलू पर है

वह उसकी पक्ष में है, वह उसके बल पर है, वह उसके समर्थन में है

क्या फूला है

कितना मोटा हो गया है

किस पर फूले हो

what misleads you to this confidence?

क्या फूला फिरता है

क्यों घमंडी हो रहा है, क्यों इतना अभिमानी है, इतना लापरवाह क्यों है

क्या गुल फूला है

क्या फ़ित्ना बरपा हुआ है, क्या तूफ़ान उठा है, क्या ख़राबी निकली है , कौन सी अजीब-ओ-ग़रीब बात ज़हूर में आई है

पच फुल्ला रानी बनी है

पाँच फूलों में तलने वाली यानी बेहद नाज़ुक है, नज़ाकत पर बहुत नाज़ है

सास री सास तुझे पेट का दुख, पहले चूल्हा ही याद आया

बड़ी बूढ़ी औरतें जब किसी नए मकान में जाएं तो पहले चूल्हे की जगह देखती हैं

पहले तो थी मैं औनी पौनी , अब हुई सौ से दूनी

जब किसी की नाक़द्री के बाद क़दर हो तो ये कहते हैं

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न कभी फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

मुल्ला जी क्या कहें, आख़ूंद जी पहले ही समझे हुए हैं

बे मेहनत-ओ-मशक़्क़त अपना काम कर लेना

आज निपूती कल निपूती टेसू फूला सदा निपूती

वह हमेशा निःसंतान रहेंगी, गहरी निराशा व्यक्त करने को कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में इंसानियत के अर्थदेखिए

इंसानियत

insaaniyatاِنْسانِیَت

अथवा : इंसानिय्यत

वज़्न : 2212

इंसानियत के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • मानवता, आदमियत, सभ्यता, शिष्टता, तमीज़दारी, मनुष्यता, भलमनसाहत

शे'र

English meaning of insaaniyat

Persian, Arabic - Noun, Feminine

  • humanity, human nature, human kindness, politeness

اِنْسانِیَت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فارسی، عربی - اسم، مؤنث

  • انسان ہونے کی فضیلت یا صفات ، آدمیت ، شرافت ، تہذیب
  • انسان ہونے کی فضیلت یا صفات، آدمیت، شرافت، تہذیب، تمیز داری

Urdu meaning of insaaniyat

  • Roman
  • Urdu

  • insaan hone kii faziilat ya sifaat, sharaafat, tahaziib
  • insaan hone kii faziilat ya sifaat, aadamiyat, sharaafat, tahaziib, tamiizdaarii

इंसानियत के यौगिक शब्द

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सदा फूली फूली चुनी है

हमेशा से भाग्यशाली है

सदा न फूली केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन फिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

सदा न फूली केतकी सदा न सावन हो, सदा न जोबन थिर रहे सदा न जीवे को

कोई चीज़ हमेशा नहीं रहती, हर शैय फ़ानी है

पहले ही

قبل از وقت ، معاملے یا واقعے وغیرہ سے قبل .

सूई छेदने से पहले ख़ोद छदती है

जैसी नी्यत होती है पहले वैसा ही पेश आता है

बाड़ पहले ही बाँधनी चाहिए

सुरक्षा की व्यवस्था पहले से ही कर लेना चाहिए

हज्जाम का लड़का पहले उस्ताद ही का सर मूँडता है

The barber's apprentice first practices on his master's head.

वो पानी में पहुँचने से पहले ही कपड़े उतार लेता है

(पश्तो कहावत उर्दू में प्रयुक्त)बुद्धिमान व्यक्ति, सतर्क व्यक्ति के बारे में कहा जाता है

नैना तोहे पटक दूँ दो टोक टोक हो जाए, पहले मुँह लगाए के पीछे अलग हो जाए

ए आँखों तुम्हें फेंक कर दो टुकड़े कुर्दों क्योंकि तुम पहले तो इशक़ पैदा करती हो फिर अलग हो जाती हो

पहली बिसमिल्लाह ही ग़लत

शुरू ही से किसी काम के बिगड़ने के बारे में बोलते हैं, काम शुरू होते ही ख़राब होगया

पहले अपनी ही दाढ़ी की आग बुझाई जाती है

पहले अपने लाभ की बात की जाती है फिर दूसरे का ख़याल आता है

पहली बिस्मिल्लाह ही ग़लत

starting off on the wrong foot

पहले ही गस्से में बाल आया

प्रारंभ ही में अपशगुन हो जाए तो परिणाम कैसे अच्छा हो

पहला वार है

ابتدا ہے، ابھی کیا ہے، آگے آگے دیکھئے ہوتا ہے کیا.

पहले ही लुक़्मे में बाल आया

प्रारंभ ही में अपशगुन हो जाए तो परिणाम कैसे अच्छा हो

जो पहले मारे वही मीर है

जो पहले लाभ उठा ले वही अच्छा रहता है, लड़ाई में जो पहले चोट करे वही जीतता है

ऊँट किस पहलू बैठता है

रुक : ऊंट देखिए किस कल बैठता है

ऊँट देखिए किस पहलू बैठता है

देखिए कि क्या प्रकट होता है, क्या परिणाम निकलता है

फूल फुला कर कुप्पा हो जाना

बहुत फूल जाना, बहुत मोटा होजाना, (मजाज़न) बहुत मग़रूर हो जाना

पहले ही से

from the very beginning, in advance, before time

पहलू पर है

वह उसकी पक्ष में है, वह उसके बल पर है, वह उसके समर्थन में है

क्या फूला है

कितना मोटा हो गया है

किस पर फूले हो

what misleads you to this confidence?

क्या फूला फिरता है

क्यों घमंडी हो रहा है, क्यों इतना अभिमानी है, इतना लापरवाह क्यों है

क्या गुल फूला है

क्या फ़ित्ना बरपा हुआ है, क्या तूफ़ान उठा है, क्या ख़राबी निकली है , कौन सी अजीब-ओ-ग़रीब बात ज़हूर में आई है

पच फुल्ला रानी बनी है

पाँच फूलों में तलने वाली यानी बेहद नाज़ुक है, नज़ाकत पर बहुत नाज़ है

सास री सास तुझे पेट का दुख, पहले चूल्हा ही याद आया

बड़ी बूढ़ी औरतें जब किसी नए मकान में जाएं तो पहले चूल्हे की जगह देखती हैं

पहले तो थी मैं औनी पौनी , अब हुई सौ से दूनी

जब किसी की नाक़द्री के बाद क़दर हो तो ये कहते हैं

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न कभी फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

मुल्ला जी क्या कहें, आख़ूंद जी पहले ही समझे हुए हैं

बे मेहनत-ओ-मशक़्क़त अपना काम कर लेना

आज निपूती कल निपूती टेसू फूला सदा निपूती

वह हमेशा निःसंतान रहेंगी, गहरी निराशा व्यक्त करने को कहते हैं

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