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होती

होता का स्त्रीलिंग

होती-सोती

रिश्तेदार (औरत) तथा चहेती औरत (प्रायः व्यंग के रूप में प्रचलित)

होती जाएगी

धीरे-धीरे होती रहेगी

होती आना

हमेशा से होना, ऐसा ही दस्तूर या तरीक़ा जारी होना, पुरानी रस्म होना

होती-हवाती

होने वाली

होती चली आना

रुक : होती आना , जारी होना, सिलसिला-वार होना

होतियों

ہوتیں ۔

होती चली आई है

रुक : होती आई है , हमेशा से ऐसा होता है, पुरानी रस्म है, पहले से ये रस्म चली आई है

होती आई है कि अच्छों के बुरे होते हैं

हमेशा से ऐसा होता है कि अच्छों की संतान बुरी निकलती है

होती आई है कि अच्छों को बुरा कहते हैं

हमेशा से अच्छों को बुरा कहा जाता है

होती आई है

हमेशा से ऐसा होता है, पुरानी रस्म है, पहले से यह रस्म चली आती है

होतियाँ

होती

होती आई है

۔ رسم قدیم ہے پہلے سے ایسا ہوتا رہا ہے۔یہ پرانا دستور ہے۔؎

होती हो जाना

होने वाली बात का हो जाना

ना होती

دولت نہ ہونا ؛ غربت کا زمانہ ، مفلسی کا وقت (ہوت کے مقابل؛جیسے: ہوت کی

सुब्ह होती है शाम होती है, उम्र यूँ ही तमाम होती है

जीवन क्षणभंगुर है यूँ ही बीत जाता है, सुब्ह-शाम ही में जीवन समाप्त हो जाता है

बिन होनी होती नहीं और होती होवन्हार

जो भाग्य में है अवश्य होगा

अन-होनी होती नहीं और होती होवनहार

असंभव बात कभी नहीं होती और भाग्य का लिखा कभी नहीं टलता, जो भाग्य में लिखा है अवश्य होता है

बिन होनी होती नहीं और होती होवत-हार

जो भाग्य में है अवश्य होगा

दौलत अंधी होती है

धन आदमी का चेहरा या अच्छाइयाँ देख कर नहीं आता, दौलत यह नहीं देखती कि वह किसके पास रहे और किसके पास न रहे

बड़ी बड़ाई होती

बहुत हुआ, बहुत प्रबंध किया, बहुत संकोच किया

लगी बुरी होती है

تب جانو گے ہاں لگی بُری ہوتی ہے۔

बुझना बुरी होती है

इश्क़ बुरी बला है, प्यार के जुनून में कुछ भी नज़र नहीं आता है, मुहब्बत में अच्छा बुरा कुछ नहीं सूझता

बाज़ारी चीज़ बोदी होती है

बाज़ार की वस्तु घटिया एवं जल्द ख़राब हो जाने वाली होती है

बाज़ारू चीज़ बोदी होती है

बाज़ार की वस्तु घटिया एवं जल्द ख़राब हो जाने वाली होती है

मौत अंधी होती है

मृत्यु प्रत्येक को अवश्य आनी है, मौत हर एक को ज़रूर आनी है, जो पैदा हुआ उसे मरना भी है

देर में देर होती है

प्रायः देर के कामों में अधिक देर होती चली जाती है

ग़रज़ बावली होती है

ज़रूरतमंद आदमी पागल होता है, वह अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए कुछ भी करने से नहीं हिचकिचाता, इच्छुक को बस अपना काम सूझता है, अर्थात आवश्यकता उसे अंधा बना देती है

गोर पर गोर नहीं होती

एक व्यक्ति के क़ाबिज़ होते हुए दूसरे का हस्तक्षेप नहीं होता

'उजलत अच्छी नहीं होती

जल्दबाज़ी के काम में नुक़सान होता है

चोरी बे-थाँग नहीं होती

बिना मिले-जुले चोरी नहीं होती है अर्थात भेद मिलने से ही चोरी होती है

रियासत बे-सियासत नहीं होती

बिना रौब (डर) ज़मींदारी नहीं चल सकती, रियासत या ज़मींदारी के प्रबंध पर कहा गया है

बे-थाँग चोरी नहीं होती

बिना मिले-जुले चोरी नहीं होती है अर्थात भेद मिलने से ही चोरी होती है

गेहूँ की हज़्म नहीं होती

दौलत या किसी प्रकार की तरक़्क़ी हो जाने पर स्वभाव का बदल जाना

कोढ़ी के जूँ नहीं होती

मरे हुए को कोई नहीं मारता, जो स्वयं दुखियारा है उस पर क्या आपदा या आफ़त आएगी

रियासत बग़ैर सियासत नहीं होती

बिना रौब (डर) ज़मींदारी नहीं चल सकती, रियासत या ज़मींदारी के प्रबंध पर कहा गया है

पद्मनी चमारों में होती है

कभी कभार चमारों में भी बहुत सुंदर स्त्रियाँ पाई जाती हैं

भूके को नाक नहीं होती

भूख में व्यक्ति निर्लज्ज हो जाता है

क़ब्र पर क़ब्र नहीं होती

क़ब्र पर क़ब्र कोई नहीं बनाता

दाना-दाना पर मोहर होती है

जिस के भाग्य का हो उसी को मिलता है, बिना भाग्य के एक दाना भी नहीं मिलता, जो भाग्य में होता है वो लाख व्यवधान के पश्चात भी मिल जाता है

'औरत मोम की होती है

औरत को जिस माहौल में चाहो ढाला जा सकता है, जिस तरह चाहो मोड़ लो

दुख में सुख की क़द्र होती है

आराम की आदमी महत्व नहीं देता जब तक उसे कष्ट न हो

देर में देर तो होती ही है

प्रायः देर के कामों में अधिक देर होती चली जाती है

मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती

थोड़ी चीज़ में हर शख़्स को अलग अलग हिस्सा नहीं दिया जा सकता

सच की संसी बुरी होती है

सच्ची बात बहुत बोझ लगती है

दिल की लगी बुरी होती है

प्यार की आग जब दिल में भड़कती है तो फिर बुझती नहीं, प्रिय की याद प्रेमी को हर समय बेचैन रखती है, प्यार बुरी चीज़ है, प्यार सब कुछ करा देता है

इतनी 'अक़्ल भी अजीरन होती है

बहुत अधिक देखभाल करना और बुद्धि का प्रयोग करना कभी-कभी नुक़सान पहुँचाता है

इतनी भी 'अक़्ल अजीरन होती है

बहुत अधिक देखभाल करना और बुद्धि का प्रयोग करना कभी-कभी नुक़सान पहुँचाता है

आत्मा की आँच बुरी होती है

माता पिता प्रेम से विवश होते हैं

हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती

किसी चीज़ की ज़ाहिरी हालत से धोका नहीं खाना चाहिए

आदमी की क़द्र मरे पर होती है

मृत्यु के बाद ही आदमी की मूल्य होती है, आदमी की अच्छाइयाँ उस की मृत्यु के बाद याद आती हैं

सलफ़ से होती आई है

पुरानी रस्म है

औलाद की आँच बुरी होती है

औलाद की मोहब्बत आदमी को बेचैन कर देती है, औलाद के लिए इंसान हर क़िस्म की तकलीफ़ बर्दाश्त करता है

हर एक बात की हद होती है

हर बात कहीं न कहीं समाप्त होती है

ख़िज़री ख़बर सच्ची होती हे

अफ़्वाह उमूमन दुरुस्त साबित होती है

ज़ालिम की 'उम्र कोताह होती है

अत्याचारी बहुत दिनों तक जीवित नहीं रहता

रंडी मोम की नाक होती है

औरत को जिस काम पर चाहो लगा दो

अन-होनी होती नहीं, होनी होवनहार

असंभव बात कभी नहीं होती और भाग्य का लिखा कभी नहीं टलता, जो भाग्य में लिखा है अवश्य होता है

हार जीत तक़्दीर से होती है

खेल योजना से नहीं भाग्य से जीता जाता है

ख़ैरात घर से शुरू' होती है

पहले अपने पीछे पराये, परोपकार अपने घर से ही प्रारंभ होता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में होती के अर्थदेखिए

होती

hotiiہوتی

वज़्न : 22

देखिए: होता

होती के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • होता का स्त्रीलिंग

शे'र

English meaning of hotii

Noun, Feminine

  • happen

ہوتی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • ہوتا کی تانیث

Urdu meaning of hotii

  • Roman
  • Urdu

  • hotaa kii taaniis

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होती

होता का स्त्रीलिंग

होती-सोती

रिश्तेदार (औरत) तथा चहेती औरत (प्रायः व्यंग के रूप में प्रचलित)

होती जाएगी

धीरे-धीरे होती रहेगी

होती आना

हमेशा से होना, ऐसा ही दस्तूर या तरीक़ा जारी होना, पुरानी रस्म होना

होती-हवाती

होने वाली

होती चली आना

रुक : होती आना , जारी होना, सिलसिला-वार होना

होतियों

ہوتیں ۔

होती चली आई है

रुक : होती आई है , हमेशा से ऐसा होता है, पुरानी रस्म है, पहले से ये रस्म चली आई है

होती आई है कि अच्छों के बुरे होते हैं

हमेशा से ऐसा होता है कि अच्छों की संतान बुरी निकलती है

होती आई है कि अच्छों को बुरा कहते हैं

हमेशा से अच्छों को बुरा कहा जाता है

होती आई है

हमेशा से ऐसा होता है, पुरानी रस्म है, पहले से यह रस्म चली आती है

होतियाँ

होती

होती आई है

۔ رسم قدیم ہے پہلے سے ایسا ہوتا رہا ہے۔یہ پرانا دستور ہے۔؎

होती हो जाना

होने वाली बात का हो जाना

ना होती

دولت نہ ہونا ؛ غربت کا زمانہ ، مفلسی کا وقت (ہوت کے مقابل؛جیسے: ہوت کی

सुब्ह होती है शाम होती है, उम्र यूँ ही तमाम होती है

जीवन क्षणभंगुर है यूँ ही बीत जाता है, सुब्ह-शाम ही में जीवन समाप्त हो जाता है

बिन होनी होती नहीं और होती होवन्हार

जो भाग्य में है अवश्य होगा

अन-होनी होती नहीं और होती होवनहार

असंभव बात कभी नहीं होती और भाग्य का लिखा कभी नहीं टलता, जो भाग्य में लिखा है अवश्य होता है

बिन होनी होती नहीं और होती होवत-हार

जो भाग्य में है अवश्य होगा

दौलत अंधी होती है

धन आदमी का चेहरा या अच्छाइयाँ देख कर नहीं आता, दौलत यह नहीं देखती कि वह किसके पास रहे और किसके पास न रहे

बड़ी बड़ाई होती

बहुत हुआ, बहुत प्रबंध किया, बहुत संकोच किया

लगी बुरी होती है

تب جانو گے ہاں لگی بُری ہوتی ہے۔

बुझना बुरी होती है

इश्क़ बुरी बला है, प्यार के जुनून में कुछ भी नज़र नहीं आता है, मुहब्बत में अच्छा बुरा कुछ नहीं सूझता

बाज़ारी चीज़ बोदी होती है

बाज़ार की वस्तु घटिया एवं जल्द ख़राब हो जाने वाली होती है

बाज़ारू चीज़ बोदी होती है

बाज़ार की वस्तु घटिया एवं जल्द ख़राब हो जाने वाली होती है

मौत अंधी होती है

मृत्यु प्रत्येक को अवश्य आनी है, मौत हर एक को ज़रूर आनी है, जो पैदा हुआ उसे मरना भी है

देर में देर होती है

प्रायः देर के कामों में अधिक देर होती चली जाती है

ग़रज़ बावली होती है

ज़रूरतमंद आदमी पागल होता है, वह अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए कुछ भी करने से नहीं हिचकिचाता, इच्छुक को बस अपना काम सूझता है, अर्थात आवश्यकता उसे अंधा बना देती है

गोर पर गोर नहीं होती

एक व्यक्ति के क़ाबिज़ होते हुए दूसरे का हस्तक्षेप नहीं होता

'उजलत अच्छी नहीं होती

जल्दबाज़ी के काम में नुक़सान होता है

चोरी बे-थाँग नहीं होती

बिना मिले-जुले चोरी नहीं होती है अर्थात भेद मिलने से ही चोरी होती है

रियासत बे-सियासत नहीं होती

बिना रौब (डर) ज़मींदारी नहीं चल सकती, रियासत या ज़मींदारी के प्रबंध पर कहा गया है

बे-थाँग चोरी नहीं होती

बिना मिले-जुले चोरी नहीं होती है अर्थात भेद मिलने से ही चोरी होती है

गेहूँ की हज़्म नहीं होती

दौलत या किसी प्रकार की तरक़्क़ी हो जाने पर स्वभाव का बदल जाना

कोढ़ी के जूँ नहीं होती

मरे हुए को कोई नहीं मारता, जो स्वयं दुखियारा है उस पर क्या आपदा या आफ़त आएगी

रियासत बग़ैर सियासत नहीं होती

बिना रौब (डर) ज़मींदारी नहीं चल सकती, रियासत या ज़मींदारी के प्रबंध पर कहा गया है

पद्मनी चमारों में होती है

कभी कभार चमारों में भी बहुत सुंदर स्त्रियाँ पाई जाती हैं

भूके को नाक नहीं होती

भूख में व्यक्ति निर्लज्ज हो जाता है

क़ब्र पर क़ब्र नहीं होती

क़ब्र पर क़ब्र कोई नहीं बनाता

दाना-दाना पर मोहर होती है

जिस के भाग्य का हो उसी को मिलता है, बिना भाग्य के एक दाना भी नहीं मिलता, जो भाग्य में होता है वो लाख व्यवधान के पश्चात भी मिल जाता है

'औरत मोम की होती है

औरत को जिस माहौल में चाहो ढाला जा सकता है, जिस तरह चाहो मोड़ लो

दुख में सुख की क़द्र होती है

आराम की आदमी महत्व नहीं देता जब तक उसे कष्ट न हो

देर में देर तो होती ही है

प्रायः देर के कामों में अधिक देर होती चली जाती है

मुर्ग़ी नौ जगह हलाल नहीं होती

थोड़ी चीज़ में हर शख़्स को अलग अलग हिस्सा नहीं दिया जा सकता

सच की संसी बुरी होती है

सच्ची बात बहुत बोझ लगती है

दिल की लगी बुरी होती है

प्यार की आग जब दिल में भड़कती है तो फिर बुझती नहीं, प्रिय की याद प्रेमी को हर समय बेचैन रखती है, प्यार बुरी चीज़ है, प्यार सब कुछ करा देता है

इतनी 'अक़्ल भी अजीरन होती है

बहुत अधिक देखभाल करना और बुद्धि का प्रयोग करना कभी-कभी नुक़सान पहुँचाता है

इतनी भी 'अक़्ल अजीरन होती है

बहुत अधिक देखभाल करना और बुद्धि का प्रयोग करना कभी-कभी नुक़सान पहुँचाता है

आत्मा की आँच बुरी होती है

माता पिता प्रेम से विवश होते हैं

हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती

किसी चीज़ की ज़ाहिरी हालत से धोका नहीं खाना चाहिए

आदमी की क़द्र मरे पर होती है

मृत्यु के बाद ही आदमी की मूल्य होती है, आदमी की अच्छाइयाँ उस की मृत्यु के बाद याद आती हैं

सलफ़ से होती आई है

पुरानी रस्म है

औलाद की आँच बुरी होती है

औलाद की मोहब्बत आदमी को बेचैन कर देती है, औलाद के लिए इंसान हर क़िस्म की तकलीफ़ बर्दाश्त करता है

हर एक बात की हद होती है

हर बात कहीं न कहीं समाप्त होती है

ख़िज़री ख़बर सच्ची होती हे

अफ़्वाह उमूमन दुरुस्त साबित होती है

ज़ालिम की 'उम्र कोताह होती है

अत्याचारी बहुत दिनों तक जीवित नहीं रहता

रंडी मोम की नाक होती है

औरत को जिस काम पर चाहो लगा दो

अन-होनी होती नहीं, होनी होवनहार

असंभव बात कभी नहीं होती और भाग्य का लिखा कभी नहीं टलता, जो भाग्य में लिखा है अवश्य होता है

हार जीत तक़्दीर से होती है

खेल योजना से नहीं भाग्य से जीता जाता है

ख़ैरात घर से शुरू' होती है

पहले अपने पीछे पराये, परोपकार अपने घर से ही प्रारंभ होता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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