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कपास

सन्त साहित्य में, मन की एक संज्ञा जिसे धुनना आवश्यक कहा गया है

कपासी

कपास या उसके पौधे या फूल से संबंधित, हल्का पीला रंग का

कपास जिस जगह जाएगी ओटी जाएगी

मज़दूर को जगह बोझ उड़ाना पड़ता है

कपाँसी

رک : کپاسی ، کپاس کا بنا ہوا .

रेश्मी-कपास

उम्दा क़िस्म की रुई, सेमल

नर्मा-कपास

رک : نرما معنی نمبر۲۔

रूई के भुलावें कपास मत निगलो

आसान के धो के में कहीं मुश्किल में ना पड़ जाना - हर काम सोच समझ कर करना चाहिए - ज़ाहिर से धोका नहीं खाना चाहिए

कड़ कपूर, कपास, एक मोल हैं

बिलकुल अन्न्धर है, भले बुरे की तमीज़ नहीं, अंधेर नगरी चौपट राजा, टिके सैर भाजी टिके सैर खाजा के मौक़ा पर मुस्तामल

दही के धोके में कपास चबाया हुआ

धोका खाया हुआ, छला हुआ मनुष्य

दही के धोके कपास चबा जाना

अच्छी चीज़ देख कर धोका खा जाना

दही के धोके कपास खा जाना

अच्छी चीज़ देख कर धोका खा जाना

मोरे बाप के अंचल कपास, मोरे लेखे पड़ल तुसार

मेरे बाप के घर बहुत दौलत है परंतु मेरे भाग्य में इसमें से कुछ नहीं, हिंदुओं में औरत को बाप की विरासत से कुछ नहीं मिलता है

रूई के धोके कहीं कपास न निगल जाना

आसान के धो के में कहीं मुश्किल में ना पड़ जाना - हर काम सोच समझ कर करना चाहिए - ज़ाहिर से धोका नहीं खाना चाहिए

मोरे बाप के आँचल कपास, मोरे लेखे पड़ल तुसार

मेरे बाप के घर बहुत दौलत है परंतु मेरे भाग्य में इसमें से कुछ नहीं, हिंदुओं में औरत को बाप की विरासत से कुछ नहीं मिलता है

मोरे बाप के उपजल कपास, मोरे लेखे पड़ल तुसार

मेरे बाप के घर बहुत दौलत है परंतु मेरे भाग्य में इसमें से कुछ नहीं, हिंदुओं में औरत को बाप की विरासत से कुछ नहीं मिलता है

रूई के धोके में कहीं कपास न निगल जाना

आसानी के धोखे में कहीं मुश्किल में न पड़ जाना, हर काम सोच-समझ कर करना चाहिए, प्रकट से धोखा नहीं खाना चाहिए

घर में सूत न कपास जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

उसके मुताल्लिक़ कहते हैं जो ख़्वाह मख़्वाह लोगों से झगड़ा करे

सूत न कपास, कोली से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का न अस्तित्व है न निशानी अथवा कारण

हथिया बरसे तीन जात हैं तिल्ली, कोदों, कपास

तेरहवीं नकशतरे के दौरान में बारिश हो तो क़िमाद, धान और माश बहुत होते हैं लेकिन तली, कूदों और कपास मर जाते हैं

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

fight over something which does not exist

सूत न कपास और कोली से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का न अस्तित्व है न निशानी अथवा कारण

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का ना वजूद है ना आसार या अस्बाब (इस मौक़ा पर मुस्तामल जब कि कोई बे वजूद बात को हक़ीक़त-ए-मफ़रूज़ा समझ कर उस की बुनियाद पर कोई काम या गुफ़्तगु करे)

आए थे हर भजने को और औटन लगे कपास

जो करना चाहिए था उसके ख़िलाफ़ करने लगे, धर्म के नाम पर पैसा कमाने लगे

पीत तो ऐसी कीजिये जैसे रूई कपास, जीते जी तो संग रहे मुए पे होवे साथ

प्रेम ऐसा होना चाहिये जैसे रुई जीते जी पहनी जाती है और मरने पर कफ़न बनाया जाता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हथिया बरसे तीन जात हैं तिल्ली, कोदों, कपास के अर्थदेखिए

हथिया बरसे तीन जात हैं तिल्ली, कोदों, कपास

hathiyaa barse tiin jaat hai.n tillii, kodo.n, kapaasہَتِھیا بَرْسے تِین جات ہیں تِلّی، کودوں، کَپاس

कहावत

हथिया बरसे तीन जात हैं तिल्ली, कोदों, कपास के हिंदी अर्थ

  • तेरहवीं नकशतरे के दौरान में बारिश हो तो क़िमाद, धान और माश बहुत होते हैं लेकिन तली, कूदों और कपास मर जाते हैं

ہَتِھیا بَرْسے تِین جات ہیں تِلّی، کودوں، کَپاس کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • تیرھویں نکشترے کے دوران میں بارش ہو تو کماد ، دھان اور ماش بہت ہوتے ہیں لیکن تلی ، کودوں اور کپاس مر جاتے ہیں

Urdu meaning of hathiyaa barse tiin jaat hai.n tillii, kodo.n, kapaas

  • Roman
  • Urdu

  • terahvii.n nakashatre ke dauraan me.n baarish ho to qimaad, dhaan aur maash bahut hote hai.n lekin talii, kuudo.n aur kapaas mar jaate hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

कपास

सन्त साहित्य में, मन की एक संज्ञा जिसे धुनना आवश्यक कहा गया है

कपासी

कपास या उसके पौधे या फूल से संबंधित, हल्का पीला रंग का

कपास जिस जगह जाएगी ओटी जाएगी

मज़दूर को जगह बोझ उड़ाना पड़ता है

कपाँसी

رک : کپاسی ، کپاس کا بنا ہوا .

रेश्मी-कपास

उम्दा क़िस्म की रुई, सेमल

नर्मा-कपास

رک : نرما معنی نمبر۲۔

रूई के भुलावें कपास मत निगलो

आसान के धो के में कहीं मुश्किल में ना पड़ जाना - हर काम सोच समझ कर करना चाहिए - ज़ाहिर से धोका नहीं खाना चाहिए

कड़ कपूर, कपास, एक मोल हैं

बिलकुल अन्न्धर है, भले बुरे की तमीज़ नहीं, अंधेर नगरी चौपट राजा, टिके सैर भाजी टिके सैर खाजा के मौक़ा पर मुस्तामल

दही के धोके में कपास चबाया हुआ

धोका खाया हुआ, छला हुआ मनुष्य

दही के धोके कपास चबा जाना

अच्छी चीज़ देख कर धोका खा जाना

दही के धोके कपास खा जाना

अच्छी चीज़ देख कर धोका खा जाना

मोरे बाप के अंचल कपास, मोरे लेखे पड़ल तुसार

मेरे बाप के घर बहुत दौलत है परंतु मेरे भाग्य में इसमें से कुछ नहीं, हिंदुओं में औरत को बाप की विरासत से कुछ नहीं मिलता है

रूई के धोके कहीं कपास न निगल जाना

आसान के धो के में कहीं मुश्किल में ना पड़ जाना - हर काम सोच समझ कर करना चाहिए - ज़ाहिर से धोका नहीं खाना चाहिए

मोरे बाप के आँचल कपास, मोरे लेखे पड़ल तुसार

मेरे बाप के घर बहुत दौलत है परंतु मेरे भाग्य में इसमें से कुछ नहीं, हिंदुओं में औरत को बाप की विरासत से कुछ नहीं मिलता है

मोरे बाप के उपजल कपास, मोरे लेखे पड़ल तुसार

मेरे बाप के घर बहुत दौलत है परंतु मेरे भाग्य में इसमें से कुछ नहीं, हिंदुओं में औरत को बाप की विरासत से कुछ नहीं मिलता है

रूई के धोके में कहीं कपास न निगल जाना

आसानी के धोखे में कहीं मुश्किल में न पड़ जाना, हर काम सोच-समझ कर करना चाहिए, प्रकट से धोखा नहीं खाना चाहिए

घर में सूत न कपास जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

उसके मुताल्लिक़ कहते हैं जो ख़्वाह मख़्वाह लोगों से झगड़ा करे

सूत न कपास, कोली से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का न अस्तित्व है न निशानी अथवा कारण

हथिया बरसे तीन जात हैं तिल्ली, कोदों, कपास

तेरहवीं नकशतरे के दौरान में बारिश हो तो क़िमाद, धान और माश बहुत होते हैं लेकिन तली, कूदों और कपास मर जाते हैं

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

fight over something which does not exist

सूत न कपास और कोली से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का न अस्तित्व है न निशानी अथवा कारण

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का ना वजूद है ना आसार या अस्बाब (इस मौक़ा पर मुस्तामल जब कि कोई बे वजूद बात को हक़ीक़त-ए-मफ़रूज़ा समझ कर उस की बुनियाद पर कोई काम या गुफ़्तगु करे)

आए थे हर भजने को और औटन लगे कपास

जो करना चाहिए था उसके ख़िलाफ़ करने लगे, धर्म के नाम पर पैसा कमाने लगे

पीत तो ऐसी कीजिये जैसे रूई कपास, जीते जी तो संग रहे मुए पे होवे साथ

प्रेम ऐसा होना चाहिये जैसे रुई जीते जी पहनी जाती है और मरने पर कफ़न बनाया जाता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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