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'अलीम

सब कुछ जाननेवाला, सर्वज्ञ, महाज्ञानी

अलीम

कष्टजनक, दुःखद, पीड़ा देनेवाला, दर्दनाक, तकलीफ़ में डालने वाला (अक्सर पीड़ा के साथ प्रयोग किया जाता है)

'अलीमुल्लाह

अलीमा

अलीमानी

अलमानिया (जर्मनी) से संबंधित, जर्मन क़ौम या वंश का, जर्मन का (सामान आदि)

'अली-मद

eleemosynary

ख़ैरात से मुताल्लिक़, ख़ैराती या ख़ैरात पर मुनहसिर

'अली-मदद

कुश्ती के एक फ़न का नाम; बकैती या फकैती की एक क़िस्म; फ़क़ीरों का जवाब सलाम, दरवेशों का सलाम

'अली-मद-धज

तलवार बाज़ी के एक ठाट का नाम जिसमें विरोधी के सामने ऐसे पैंतरे से खड़े होते हैं कि तलवार बाज़ का शरीर शब्द अली का रूप बना मालूम होता है और यही इस धज के मामकरण का कारण है, इस ठाट पर मुक़ाबला करने वाले शब्दिक रूप अली मदीए (अलीमदे) कहलाते हैं, कुछ उस्ताद इस ठाट को ज़फ़र पैकर कहते हैं और इस के विभिन्न नाम और तरीक़े निश्चित किए हैं

अल-'अलीम

(शाब्दिक) जानने वाला, ((अर्थात) इस्लामिक धर्म के अनुसार उनके ईश्वर के निन्यानवे नामों में से एक नाम

ख़ुदा 'अलीम है

अल्लाह जानने वाला है (अपने क़ौल की सदाक़त ज़ाहिर करने के लिए बतौर क़िस्म मुस्तामल)

'अज़ाब-ए-अलीम

महाप्रकोप, दुख, दर्दनाक पीड़ा

रब्ब-उल-'अलीम

हर बात का ज्ञान रखने वाला ईश्वर, ख़ुदा का एक विशेष नाम

'आलम

विश्व, संसार, दुनिया, जगत्हा, लत, ढंग

आ'लम

न्यायशास्त्र के न्यायवादी जो ज्ञान, न्याय, तप और धर्मनिष्ठता में अपने समय के अन्य न्यायवादियों से श्रेष्ठ है, सबसे बड़े न्यायवादी

मा'लूम

ज्ञात, विदित, प्रकट, स्पष्ट، (बात, वस्तु या विषय) जिसका इल्म अर्थात् ज्ञान हो चुका हो, जाना हुआ

'इल्म

विद्या, शिक्षा, तालीम, ज्ञान, जानकारी

'अलम

झंडा, ध्वज, पताका, फरेरा

चाँद चढ़े, कुल 'आलम देखे

स्पष्ट बात किसी से छुपी नहीं रहती, सच्चाई किसी से गुप्त नहीं रहती, बात खुल जाने पर सब को ज्ञात हो ही जाता है

फ़क़ीद-उल-'इल्म

अतुलनीय ज्ञान, ऐसा जानकार जिसका कोई मुक़ाबला न कर सके

आवाज़-ए-दो-'आलम

ज़ुल्फ़-ए-दो-'आलम

ख़ल्लाक़-ए-दो-'आलम

दो दुनियाओं के निर्माता, दोनों दुनिया के निर्माता, दोनों दुनिया का मतलब है दुनिया और उसके बाद

'अलम चढ़ना

अलम चढ़ाना का अकर्मक, इमामबाड़े में झंडा भेंट के रूप में देना

'अलम बढ़ाना

झंडे का पताका उतार लेना और उसे तह करके रख देना (मुहर्रम या शोक-सभा ख़त्म होने पर)

'अलम चढ़ाना

मन्नत या मनोकामना पूरी होने बाद इमाम-ए-बारगाह में चाँदी या किसी वस्तु का बनाया हुआ झंडा भेंट के रूप में देना

'अलम गाड़ना

शोहरत हासिल करना, नाम पैदा करना, विजय प्राप्त करना, प्रशंसनीय कार्य करना

'इल्म बड़ा कि 'अमल

ज्ञान से कर्म अच्छा है

पए 'इल्म चूँ शमा' बायद गुदाख़्त कि बे 'इल्म नतवाँ ख़ुदा रा शनाख़्त

इलम हासिल करने के लिए बहुत कोशिश करनी चाहिए कीवनका जाहिल ख़ुदा की क़ुदरत को नहीं समझ सकता

लम-चिच्चड़

चिपक जाने वाला, चीचड़ी की तरह जान न छोड़ने वाला

लम-छड़

कबूतर उड़ाने की लग्गी, कबूतरबाज़ों का लग्गा या छड़ी, लंबा बाँस, लग्गा

क़द्र दानी 'आलम-ए-बाला मा'लूम शुद

लम-दढ़िया

फ़क़ीद-ए-'इल्म

आरज़ू-हा-ए-दो-'आलम

'अलम-दार का 'अलम टूटे

हज़रत 'अब्बास 'अलम-दार की मार पड़े (शी'आ 'औरतोंं का कोसना या श्रापना)

बातिन-ए-हर-ज़र्रा-ए-'आलम

फ़ह्म-ए-'आलम-ए-बाला-मा'लूम-शुद

सुख़न फ़हमी आलम-ए-बाला मालूम शुद '' की तहफ़ीफ़ (फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आलम-ए-बाला की सुख़न फ़हमी मालूम होगई, जब कोई शख़्स किसी के कलाम पर अपनी ग़लतफ़हमी की वजह से एतराज़ करता है तो कहते हैं

'इल्म-ए-तवाज़ुन-उल-क़ुवा

पैकर-ए-दोशीज़ा-ए-'आलम

बे-नियाज़-ए-हर-दो-'आलम

'इल्म-उल-फ़राइज़

धर्मशास्त्र की एक शाखा जिसमें सभी कर्तव्यों की चर्चा की जाती है, उत्तराधिकार का ज्ञान

'इल्म-उल-क़ुव्वत

राज़-ए-दो-'आलम

बज़्म-ए-दो-'आलम

पहनाई-ए-दो-'आलम

दुनिया का फैलाव

फ़ख़्र-ए-दो 'आलम

दीवान-ए-दो-'आलम

तख़्लीक़-ए-दो-'आलम

अज्ज़ा-ए-दो-'आलम

'इल्म-उल-फ़िक़ह

बराए-रौनक़-ए-'आलम

'इल्म-ए-फ़िक़ह

'इल्म-उल-'अक़ाइद

अक़ीदों या मज़हबी बातों की जानकारी, वह जानकारी जिसमें दीन इस्लाम की बुनियादी बातों (ख़ुदा पर यक़ीन, उसके फरिश्तों, किताबों, नबियों, क़यामत और तक़दीर ख़ुदा पर यक़ीन) से बहस की जाती है

'इल्म-ए-अज़्वाक़

ज़वात-उल-आ'लाम

'आलम 'आलम

पुरा विश्व, सब लोग, पुरी दुनिया

'अलम में चिल्ला बाँधना

मन्नत के लिए झंडे में धागा बाँधना, मन्नत मानना

'इल्म-ए-तक़्वीम-उल-आ'ज़ा

मीरास पिदर ख़्वाही 'इल्म पिदर आमोज़

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) बेटे को बाप का इलम हासिल करना चाहिए, बाप का क़ाइम मक़ाम होने के लिए बाप के से तौर तरीक़ सीखना लाज़िम हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज्ञान बढ़े सोच से, रोग बढ़े भोग से के अर्थदेखिए

ज्ञान बढ़े सोच से, रोग बढ़े भोग से

gyaan ba.Dhe soch se, rog ba.Dhe bhog seگِیان بَڑھے سوچ سے، روگ بَڑھے بھوگ سے

कहावत

ज्ञान बढ़े सोच से, रोग बढ़े भोग से के हिंदी अर्थ

  • बुद्धि सोचने से बढ़ती है और बीमारी संभोग करने से
  • चिंतन से ज्ञान बढ़ता है और आहार-विहार में असंयम से रोग बढ़ता है

Roman

گِیان بَڑھے سوچ سے، روگ بَڑھے بھوگ سے کے اردو معانی

  • عقل سوچنے سے بڑھتی ہے اور بیماری جماع کرنے سے
  • غور و فکر سے علم میں اضافہ ہوتا ہے اور کھانے پینے میں بے احتیاطی سے روگ بڑھتا ہے

Urdu meaning of gyaan ba.Dhe soch se, rog ba.Dhe bhog se

  • aqal sochne se ba.Dhtii hai aur biimaarii jamaa karne se
  • Gaur-o-fikr se ilam me.n izaafa hotaa hai aur khaane piine me.n be ehatiyaatii se rog ba.Dhtaa hai

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'अलीम

सब कुछ जाननेवाला, सर्वज्ञ, महाज्ञानी

अलीम

कष्टजनक, दुःखद, पीड़ा देनेवाला, दर्दनाक, तकलीफ़ में डालने वाला (अक्सर पीड़ा के साथ प्रयोग किया जाता है)

'अलीमुल्लाह

अलीमा

अलीमानी

अलमानिया (जर्मनी) से संबंधित, जर्मन क़ौम या वंश का, जर्मन का (सामान आदि)

'अली-मद

eleemosynary

ख़ैरात से मुताल्लिक़, ख़ैराती या ख़ैरात पर मुनहसिर

'अली-मदद

कुश्ती के एक फ़न का नाम; बकैती या फकैती की एक क़िस्म; फ़क़ीरों का जवाब सलाम, दरवेशों का सलाम

'अली-मद-धज

तलवार बाज़ी के एक ठाट का नाम जिसमें विरोधी के सामने ऐसे पैंतरे से खड़े होते हैं कि तलवार बाज़ का शरीर शब्द अली का रूप बना मालूम होता है और यही इस धज के मामकरण का कारण है, इस ठाट पर मुक़ाबला करने वाले शब्दिक रूप अली मदीए (अलीमदे) कहलाते हैं, कुछ उस्ताद इस ठाट को ज़फ़र पैकर कहते हैं और इस के विभिन्न नाम और तरीक़े निश्चित किए हैं

अल-'अलीम

(शाब्दिक) जानने वाला, ((अर्थात) इस्लामिक धर्म के अनुसार उनके ईश्वर के निन्यानवे नामों में से एक नाम

ख़ुदा 'अलीम है

अल्लाह जानने वाला है (अपने क़ौल की सदाक़त ज़ाहिर करने के लिए बतौर क़िस्म मुस्तामल)

'अज़ाब-ए-अलीम

महाप्रकोप, दुख, दर्दनाक पीड़ा

रब्ब-उल-'अलीम

हर बात का ज्ञान रखने वाला ईश्वर, ख़ुदा का एक विशेष नाम

'आलम

विश्व, संसार, दुनिया, जगत्हा, लत, ढंग

आ'लम

न्यायशास्त्र के न्यायवादी जो ज्ञान, न्याय, तप और धर्मनिष्ठता में अपने समय के अन्य न्यायवादियों से श्रेष्ठ है, सबसे बड़े न्यायवादी

मा'लूम

ज्ञात, विदित, प्रकट, स्पष्ट، (बात, वस्तु या विषय) जिसका इल्म अर्थात् ज्ञान हो चुका हो, जाना हुआ

'इल्म

विद्या, शिक्षा, तालीम, ज्ञान, जानकारी

'अलम

झंडा, ध्वज, पताका, फरेरा

चाँद चढ़े, कुल 'आलम देखे

स्पष्ट बात किसी से छुपी नहीं रहती, सच्चाई किसी से गुप्त नहीं रहती, बात खुल जाने पर सब को ज्ञात हो ही जाता है

फ़क़ीद-उल-'इल्म

अतुलनीय ज्ञान, ऐसा जानकार जिसका कोई मुक़ाबला न कर सके

आवाज़-ए-दो-'आलम

ज़ुल्फ़-ए-दो-'आलम

ख़ल्लाक़-ए-दो-'आलम

दो दुनियाओं के निर्माता, दोनों दुनिया के निर्माता, दोनों दुनिया का मतलब है दुनिया और उसके बाद

'अलम चढ़ना

अलम चढ़ाना का अकर्मक, इमामबाड़े में झंडा भेंट के रूप में देना

'अलम बढ़ाना

झंडे का पताका उतार लेना और उसे तह करके रख देना (मुहर्रम या शोक-सभा ख़त्म होने पर)

'अलम चढ़ाना

मन्नत या मनोकामना पूरी होने बाद इमाम-ए-बारगाह में चाँदी या किसी वस्तु का बनाया हुआ झंडा भेंट के रूप में देना

'अलम गाड़ना

शोहरत हासिल करना, नाम पैदा करना, विजय प्राप्त करना, प्रशंसनीय कार्य करना

'इल्म बड़ा कि 'अमल

ज्ञान से कर्म अच्छा है

पए 'इल्म चूँ शमा' बायद गुदाख़्त कि बे 'इल्म नतवाँ ख़ुदा रा शनाख़्त

इलम हासिल करने के लिए बहुत कोशिश करनी चाहिए कीवनका जाहिल ख़ुदा की क़ुदरत को नहीं समझ सकता

लम-चिच्चड़

चिपक जाने वाला, चीचड़ी की तरह जान न छोड़ने वाला

लम-छड़

कबूतर उड़ाने की लग्गी, कबूतरबाज़ों का लग्गा या छड़ी, लंबा बाँस, लग्गा

क़द्र दानी 'आलम-ए-बाला मा'लूम शुद

लम-दढ़िया

फ़क़ीद-ए-'इल्म

आरज़ू-हा-ए-दो-'आलम

'अलम-दार का 'अलम टूटे

हज़रत 'अब्बास 'अलम-दार की मार पड़े (शी'आ 'औरतोंं का कोसना या श्रापना)

बातिन-ए-हर-ज़र्रा-ए-'आलम

फ़ह्म-ए-'आलम-ए-बाला-मा'लूम-शुद

सुख़न फ़हमी आलम-ए-बाला मालूम शुद '' की तहफ़ीफ़ (फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आलम-ए-बाला की सुख़न फ़हमी मालूम होगई, जब कोई शख़्स किसी के कलाम पर अपनी ग़लतफ़हमी की वजह से एतराज़ करता है तो कहते हैं

'इल्म-ए-तवाज़ुन-उल-क़ुवा

पैकर-ए-दोशीज़ा-ए-'आलम

बे-नियाज़-ए-हर-दो-'आलम

'इल्म-उल-फ़राइज़

धर्मशास्त्र की एक शाखा जिसमें सभी कर्तव्यों की चर्चा की जाती है, उत्तराधिकार का ज्ञान

'इल्म-उल-क़ुव्वत

राज़-ए-दो-'आलम

बज़्म-ए-दो-'आलम

पहनाई-ए-दो-'आलम

दुनिया का फैलाव

फ़ख़्र-ए-दो 'आलम

दीवान-ए-दो-'आलम

तख़्लीक़-ए-दो-'आलम

अज्ज़ा-ए-दो-'आलम

'इल्म-उल-फ़िक़ह

बराए-रौनक़-ए-'आलम

'इल्म-ए-फ़िक़ह

'इल्म-उल-'अक़ाइद

अक़ीदों या मज़हबी बातों की जानकारी, वह जानकारी जिसमें दीन इस्लाम की बुनियादी बातों (ख़ुदा पर यक़ीन, उसके फरिश्तों, किताबों, नबियों, क़यामत और तक़दीर ख़ुदा पर यक़ीन) से बहस की जाती है

'इल्म-ए-अज़्वाक़

ज़वात-उल-आ'लाम

'आलम 'आलम

पुरा विश्व, सब लोग, पुरी दुनिया

'अलम में चिल्ला बाँधना

मन्नत के लिए झंडे में धागा बाँधना, मन्नत मानना

'इल्म-ए-तक़्वीम-उल-आ'ज़ा

मीरास पिदर ख़्वाही 'इल्म पिदर आमोज़

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) बेटे को बाप का इलम हासिल करना चाहिए, बाप का क़ाइम मक़ाम होने के लिए बाप के से तौर तरीक़ सीखना लाज़िम हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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