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पहुँचा

हाथ का वह भाग जो हथेली से जुड़ा रहता है، कलाई, गट्टा, मणिबंध

पहूँचा

reached

पहुँचा पकड़ना

(पहलवानी) एक प्रकार का शक्ति परिक्षण जिसमें एक आदमी दूसरे की कलाई दोनों हाथों से बलपुर्क पकड़ता है और दूसरा छुड़ाता है यदि वह छुड़ाले तो जीत जाता है वर्ना हार जाता है, कलाई को पकड़ में लेना

पहुँचा हुआ

संत, धर्मात्मा, चुना हुआ, तजरबाकार, कामिल, परिपूर्ण

पहुँचा देते ही हाथ पकड़ना

किसी के रियायती व्यवहार का अनुचित लाभ उठाना

पहुँचा लचकना

कोमलता के कारण हाथ का भार न सहना, कलाई के जोड़ का हिलना

पहुँचाना

किसी चीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना। जैसे-(क) उनके यहाँ मिठाई (या पत्र) पहुँचा दो। (ख) यह ताँगा हमें स्टेशन तक पहुँचायेगा।

पहुँचाना

किसी चीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना। जैसे-(क) उनके यहाँ मिठाई (या पत्र) पहुँचा दो। (ख) यह ताँगा हमें स्टेशन तक पहुँचायेगा।

पहुँची

देखो पहुंची

पहुँची

देखो पहुंची

पहुँचानहार

پہن٘چانے والا .

पहुँचाने को जाना

भेजने की रस्म अदा करना, किसी के प्रस्थान होने के समय नैतिक रूप से कुछ दूर उस के साथ जाना

पहूँचा देते ही हाथ पकड़ लेना

रुक : पहुंचा देते अलख

फुनची

सिरा, नोक, किनारा, पेड़ की चोटी, फुनगी

फेंचा

सामान की गठड़ी

पहूँचा हुआ

۔ دیکھو پہنچا ہوا۔

पहूँचा उतरना

पहुँचे हुए का जोड़ से अलग हो जाना

फूँचा

رک : پہون٘چا.

खिचड़ी खाते पहुँचा उतरा

झूठी नख़रे दिखाना, थोड़े नाज़ से ज़्यादा सदमा पहुँचना

हाथ पकड़ते पहुँचा पकड़ना

थोड़ी सी रियाइत से बे-तकल्लुफ़ हो जाना , थोड़ा सा सहारा पा कर ज़्यादा का तालिब होना

आसमान पर पहुँचा देना

عزت دینا

घर तक पहुँचा देना

किसी को घर तक जाकर छोड़ आना

हाथ पकड़ के पहुँचना पकड़ना

थोड़ी सी रियाइत से बे-तकल्लुफ़ हो जाना , थोड़ा सा सहारा पा कर ज़्यादा का तालिब होना

गर्द को न पहुँचा

۔ برابر نہ ہوسکنا۔ ہمسری نہ کرسنا۔؎

औलती का पानी बड़ैड़ी पहुँचा

बात कहाँ से कहाँ जा पहुंची , सुफ़्ला साहिब मर्तबा होगया

गोर के किनारे पहुँचा देना

मृत्यु के निकट करना, क़रीब उल-मरग करना, मौत तक पहुँचा देना

पैठ अभी लगी नहीं , गठ कतरे आ पहूँचे

मुआमला अभी तै नहीं हुआ और ख़ुद मतलबीए आ मौजूद हुए

फेंचा मारना

सामान की गठरी लादना

गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

गीदड़ उछला उछला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अंगूर खट्टे होते हैं

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

हाथ देते ही पहूँचा पकड़ना

ज़रा सा मौक़ा पाते ही पूरा क़बज़ा कर लेना, हद से तजावुज़ करना, ज़रा सी रियाइत मिलने पर बहुत ज़्यादा का तालिब होना

दिमाग़ आसमान पर पहूँचा देना

मग़रूर कर देना, ख़ुद पसंद बना देना, दिमाग़ आसमान पर पहुंच जाना (रुक) का तादिया

हाथ छूते ही पहूँचा पकड़ना

ज़रा सी तवज्जा मिलने पर पीछा ले लेना, ज़्यादा मुराआत के लिए दिक़ करना, पीछा ना छोड़ना

उँगली पकड़ते पहुँचा पकड़ना

ज़रा सा सहारा पाकर पूरा अधिकार जमाना, पाँव फैलाना

मुखड़ा तलवों को न पहुँचे

एक शख़्स इस क़दर ख़ूबसूरत है कि दूसरे शख़्स के चेहरे का रंग इस के तलवों के रंग का मुक़ाबला नहीं कर सकता (इंसान की रंगत की तारीफ़ में कहते हैं), मुक़ाबलतन एक इंसान का दूसरे इंसान से कमतर होना , मुक़ाबले में बहुत हक़ीर है

खड़का हुआ, चार उभरा, खिचड़ी खाते पुहँचा उतरा

किसी इशारे से मतलब का ताड़ जाना, ज़रा सी आहट से चूर भाग जाता है

खिचड़ी खाते पुहँचा उतरना

झूटी नज़ाकत ज़ाहिर करना, मामूली चोट या मार को ज़्यादा महसूस करना, बहुत ज़्यादा नाज़ुक होना, नाहक़ की नज़ाकत जताना

नौबत यहाँ-तक पहुँची

ये हालत हो गई, इस हालत को पहुंचे (नौबत बह ईं जा रसीद)

ये नौबत पहुँची

यह स्थिति हो गई, यह आलम हो गया, अब हम को इतना तुच्छ समझ लिया गया है

होंटों निकली कोठों पहोंची

रुक : होंटों निकली (और) कोठों चढ़ी

होंटों निकली कोठों पहुँची

रुक : होंटों निकली (और) कोठों चढ़ी

गेंठी संभार मधुरी चाल, आज न पहुँचो पहुँचो काल

धीरे धीरे काम हो जाएगा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू के अर्थदेखिए

गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू

giida.D uchhlaa uchhlaa jab anguur ke KHoshe tak na pahu.nchaa to kahaa aKH thuuگِیدَڑ اُچْھلا اُچْھلا جَب اَنْگُور کے خوشے تَک نَہ پَہُنْچا تو کَہا اَخ تُھو

कहावत

गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू के हिंदी अर्थ

  • बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

گِیدَڑ اُچْھلا اُچْھلا جَب اَنْگُور کے خوشے تَک نَہ پَہُنْچا تو کَہا اَخ تُھو کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بہتیری تدبیر کی جب ایک نہ چلی تو دوسروں ہی کا قصور بتایا جب کوئی تدبیر بن نہیں پڑتی تو اپنی شرمندگی مٹانے کو دوسروں کا قصور بتاتے ہیں .

Urdu meaning of giida.D uchhlaa uchhlaa jab anguur ke KHoshe tak na pahu.nchaa to kahaa aKH thuu

  • Roman
  • Urdu

  • bahuterii tadbiir kii jab ek na chalii to duusro.n hii ka qasuur bataayaa jab ko.ii tadbiir bin nahii.n pa.Dtii to apnii sharmindgii miTaane ko duusro.n ka qasuur bataate hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

पहुँचा

हाथ का वह भाग जो हथेली से जुड़ा रहता है، कलाई, गट्टा, मणिबंध

पहूँचा

reached

पहुँचा पकड़ना

(पहलवानी) एक प्रकार का शक्ति परिक्षण जिसमें एक आदमी दूसरे की कलाई दोनों हाथों से बलपुर्क पकड़ता है और दूसरा छुड़ाता है यदि वह छुड़ाले तो जीत जाता है वर्ना हार जाता है, कलाई को पकड़ में लेना

पहुँचा हुआ

संत, धर्मात्मा, चुना हुआ, तजरबाकार, कामिल, परिपूर्ण

पहुँचा देते ही हाथ पकड़ना

किसी के रियायती व्यवहार का अनुचित लाभ उठाना

पहुँचा लचकना

कोमलता के कारण हाथ का भार न सहना, कलाई के जोड़ का हिलना

पहुँचाना

किसी चीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना। जैसे-(क) उनके यहाँ मिठाई (या पत्र) पहुँचा दो। (ख) यह ताँगा हमें स्टेशन तक पहुँचायेगा।

पहुँचाना

किसी चीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना। जैसे-(क) उनके यहाँ मिठाई (या पत्र) पहुँचा दो। (ख) यह ताँगा हमें स्टेशन तक पहुँचायेगा।

पहुँची

देखो पहुंची

पहुँची

देखो पहुंची

पहुँचानहार

پہن٘چانے والا .

पहुँचाने को जाना

भेजने की रस्म अदा करना, किसी के प्रस्थान होने के समय नैतिक रूप से कुछ दूर उस के साथ जाना

पहूँचा देते ही हाथ पकड़ लेना

रुक : पहुंचा देते अलख

फुनची

सिरा, नोक, किनारा, पेड़ की चोटी, फुनगी

फेंचा

सामान की गठड़ी

पहूँचा हुआ

۔ دیکھو پہنچا ہوا۔

पहूँचा उतरना

पहुँचे हुए का जोड़ से अलग हो जाना

फूँचा

رک : پہون٘چا.

खिचड़ी खाते पहुँचा उतरा

झूठी नख़रे दिखाना, थोड़े नाज़ से ज़्यादा सदमा पहुँचना

हाथ पकड़ते पहुँचा पकड़ना

थोड़ी सी रियाइत से बे-तकल्लुफ़ हो जाना , थोड़ा सा सहारा पा कर ज़्यादा का तालिब होना

आसमान पर पहुँचा देना

عزت دینا

घर तक पहुँचा देना

किसी को घर तक जाकर छोड़ आना

हाथ पकड़ के पहुँचना पकड़ना

थोड़ी सी रियाइत से बे-तकल्लुफ़ हो जाना , थोड़ा सा सहारा पा कर ज़्यादा का तालिब होना

गर्द को न पहुँचा

۔ برابر نہ ہوسکنا۔ ہمسری نہ کرسنا۔؎

औलती का पानी बड़ैड़ी पहुँचा

बात कहाँ से कहाँ जा पहुंची , सुफ़्ला साहिब मर्तबा होगया

गोर के किनारे पहुँचा देना

मृत्यु के निकट करना, क़रीब उल-मरग करना, मौत तक पहुँचा देना

पैठ अभी लगी नहीं , गठ कतरे आ पहूँचे

मुआमला अभी तै नहीं हुआ और ख़ुद मतलबीए आ मौजूद हुए

फेंचा मारना

सामान की गठरी लादना

गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

गीदड़ उछला उछला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अंगूर खट्टे होते हैं

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

हाथ देते ही पहूँचा पकड़ना

ज़रा सा मौक़ा पाते ही पूरा क़बज़ा कर लेना, हद से तजावुज़ करना, ज़रा सी रियाइत मिलने पर बहुत ज़्यादा का तालिब होना

दिमाग़ आसमान पर पहूँचा देना

मग़रूर कर देना, ख़ुद पसंद बना देना, दिमाग़ आसमान पर पहुंच जाना (रुक) का तादिया

हाथ छूते ही पहूँचा पकड़ना

ज़रा सी तवज्जा मिलने पर पीछा ले लेना, ज़्यादा मुराआत के लिए दिक़ करना, पीछा ना छोड़ना

उँगली पकड़ते पहुँचा पकड़ना

ज़रा सा सहारा पाकर पूरा अधिकार जमाना, पाँव फैलाना

मुखड़ा तलवों को न पहुँचे

एक शख़्स इस क़दर ख़ूबसूरत है कि दूसरे शख़्स के चेहरे का रंग इस के तलवों के रंग का मुक़ाबला नहीं कर सकता (इंसान की रंगत की तारीफ़ में कहते हैं), मुक़ाबलतन एक इंसान का दूसरे इंसान से कमतर होना , मुक़ाबले में बहुत हक़ीर है

खड़का हुआ, चार उभरा, खिचड़ी खाते पुहँचा उतरा

किसी इशारे से मतलब का ताड़ जाना, ज़रा सी आहट से चूर भाग जाता है

खिचड़ी खाते पुहँचा उतरना

झूटी नज़ाकत ज़ाहिर करना, मामूली चोट या मार को ज़्यादा महसूस करना, बहुत ज़्यादा नाज़ुक होना, नाहक़ की नज़ाकत जताना

नौबत यहाँ-तक पहुँची

ये हालत हो गई, इस हालत को पहुंचे (नौबत बह ईं जा रसीद)

ये नौबत पहुँची

यह स्थिति हो गई, यह आलम हो गया, अब हम को इतना तुच्छ समझ लिया गया है

होंटों निकली कोठों पहोंची

रुक : होंटों निकली (और) कोठों चढ़ी

होंटों निकली कोठों पहुँची

रुक : होंटों निकली (और) कोठों चढ़ी

गेंठी संभार मधुरी चाल, आज न पहुँचो पहुँचो काल

धीरे धीरे काम हो जाएगा

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