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"घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा" शब्द से संबंधित परिणाम

गाँव

ग्राम, छोटी बस्ती या आबादी, मौज़ा, ग्राम, जनपद, शहर से दूर स्थित खेती बाड़ी पर अवलंबित किसानों-खेतिहरों का निवास, देहात, खेड़ा

गाँव गए की बात है

जब तक जा कर देख न लें यक़ीन नहीं आता है

गाँव-नुमा

गाँव तुम्हारा नाँव हमारा

ख़र्च किसी का शौहरत किसी की

गाँव मरा बला से , हाथी तो देखा

ज़रा से नफ़ा या शौक़ के लिए बड़े नुक़्सान की पर्वा नहीं है, ज़रा से नफ़ा के वास्ते बहुत सा नुक़्सान बर्दाश्त करना

गाँव-ख़र्च

(کاشت کاری) گان٘و کے عام اور مشترک اخراجات مثلاً مہمان نوازی ، خیرات ، چوکی داری وغیرہ کی مشترک رقم جو ایک آنہ فی روپیہ یا ایک سیر فی من کے حساب سے جمع کی جاتی ہے.

गाँव-ख़र्चा

وہ خرچہ جو نمبردار کو مال گزاری تحصیل کرنے یا کسی اور وجہ سے گاؤں کے متعلق کرنا پڑتا ہے

गाँव बसते भूतना शहर बसते देव

गांव में भुतने बस्ते हैं और शहर में देव, देहातियों की शरारतों और झगड़ों पर तंज़ है गन॒वार लड़ते झगड़ते रहते हैं मगर शहर वाले तहम्मुल से रहते हैं

गाँव-गँवार

اناڑی ، اُجڈ ، ناشائستہ.

गाँव-स्थान

गाँव की आबादी की जगह चाहे बसी हुई हो या निर्जन हो

गाँव डूबा जाए सवाने की लड़ाई

ज़मीन॒दार मामूली झगड़ों में बहुत सा रुपया लगा देते हैं, ज़मींदार फ़ुज़ूल झगड़ों में पड़े रहते हैं और गान॒ो बर्बाद होता है

गाँव-जन

गाँव के लोग

गाँव-बाट

(کاشت کاری) تعلقے کی تقسیم (الگ الگ گان٘و میں) ، نمبرداری کی بٹی ہوئی حدیں.

गाँव में घर न जंगल में खेती

कुछ पास नहीं है, बहुत निर्धनता है, निर्धन है

गाँव-गाँव

ہر گانو میں ، تمام قریوں میں ، ہر جگہ.

गाँव का उठाव

رک : گان٘و خرچ ، وہ خرچ جو نمبردار کو مال گزاری تحصیل کرنے یا کسی اور وجہ سے گان٘و کے متعلق کرنا پڑتا ہے.

गाँव वाला

गाँव-वासी, देहाती, गँवार

गाँव-वासी

गाँव में रहने वाला, किसान

गाँव का जोगी जोगना अन गाँव का सिध

वतन में इंसान की क़दर नहीं होती, वतन से बाहर होती है, अपनी चीज़ की क़दर नहीं होती, अपनों की निसबत ग़ैरों की क़दर-ओ-मंजिलत ज़्यादा होती है

गाँव-बासी

گاؤں میں رہنے والا، دیہاتی، گنْوار، دہقان، کسان

गाँव-बाँट

(کاشت کاری) تعلقے کی تقسیم (الگ الگ گان٘و میں) ، نمبرداری کی بٹی ہوئی حدیں.

गाऊँ न गाऊँ बिरहा गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

गाऊँ ना गाऊँ बिरहा गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

गाँव भागे पघिया लागे

फ़सल पक्की है और गान॒ो वाले ग़ैर हाज़िर हैं, ज़रूरत के वक़्त कोई मौजूद नहीं , ज़मींदारों की लापरवाई के लिए तंज़न कहते हैं

गाँव गया सोता जागे

जिस प्रकार सोए हुए का पता नहीं कब जागेगा उसी प्रकार यात्री के लौटने का कोई पता नहीं होता

गाऊँ न गाऊँ बिरह गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

गाँव-छोटा

Hamlet

गाँव में धोबी का लड़का छैल

गाँव में धोबी का लड़का ही उतसुक बना फिरता है, क्योंकि उस का बाप शहर वालों के जो कपड़े धोने लाता है, वह उन्हें पहनता है, जो गाँव वालों को देखने को नहीं मिलते, धोबी का बेटा गाँव में सब से अच्छे कपड़े पहनता है, क्योंकि उस के कपड़े उजले होते हैं

गाँव और का , नाँव और का

चीज़ किसी की और नाक किसी का, बेगानी चीज़ से अपनी शौहरत

गाँव के गँवेरे मुँह में ख़ाक पेट में ढेले रोड़े

देहात के लोग उमूमन ग़रीब होते हैं

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

गाँव की बोली

देहात की बोली, गंवारों की भाषा, वह बोली जो गाँव वाले बोलते हैं

गाँव बसंते भूतले, शहर बसंते देव

गाँव में भुतने बस्ते हैं और शहर में देवता, देहातियों की शरारतों और झगड़ों पर तंज़ है

गाँव की आबादी

गाँव के लोग

गाँव में धोबी का छैल

गाँव में धोबी का लड़का ही उतसुक बना फिरता है, क्योंकि उस का बाप शहर वालों के जो कपड़े धोने लाता है, वह उन्हें पहनता है, जो गाँव वालों को देखने को नहीं मिलते, धोबी का बेटा गाँव में सब से अच्छे कपड़े पहनता है, क्योंकि उस के कपड़े उजले होते हैं

आधे गाँव दिवाली आधे गाँव होली

किसी स्थिति विशेषण या राय में विरोध के अवसर पर बोलते हैं

आधे गाँव दिवाली आधे गाँव फाग

किसी स्थिति विशेषण या राय में विरोध के अवसर पर बोलते हैं

हाथी फिरे गाँव गाँव जिसका हाथी उसका नाँव

रुक : हाथी फिरे गांव गांव अलख

हाथी फिरे गाँव गाँव जिस का हाथी उस का नाँव

हाथी कहीं भी जाए लोग यही कहेंगे कि फ़लाँ का हाथी है। यानी जिसकी चीज़ हो उसीका नाम होता है, अस्ल चीज़ मालिक ही की हुआ करती है

भीक माँगे और पूछे गाँव की जम'

भिकारी होकर आदेश देने के भाव में बात करना, स्थिति तुच्छ और हौसला बड़ा, अपनी हैसियत भूल कर बात करना

पेट का जला गाँव जलाए

a destitute person may go berserk

दो गाँव में पाही कुत्ते मरे आहा जाई

मशक़्क़त ज़्यादा और हासिल कुछ नहीं

लटे की जोए सर गाँव की सरहज

ग़रीब का साथी भी सबसे नीचा और ज़बरदस्त का दोस्त सब पर ज़बरदस्त होता है

फल्सा टूटा, गाँव लूटा

असावधानी या असहमति में हानि होती है

निरहे गाँव ऊँट आया लोगों ने कहा परमेशर आए

बेवक़ूफ़ आदमी या कमइलम आदमी को हर चीज़ अजीब लगती है (असल कहावत यूं है : बाओले गांव में ऊंट आया)

चौकी गाँव वालों को लूट खाती है

पुलिस की चौकी आम तौर पर वहाँ स्थापित की जाती है जहाँ लोग बहुत शरारती हों, पुलिस वाले अपने खाने का ख़र्च आम तौर पर उन्हीं लोगों से पूरा करते हैं

लुटे गाँवों का क्या नाम

जो राज फ़ना हो कर तहस नहस हो गया इस का क्या नाम-ओ-निशान बताया जाये, जो मिट गया इस का ज़िक्र ही किया

साठ गाँव बकरी चर गई

a huge loss was suffered

बावले गाँव में ऊँट परमेशर

मूर्खों के गाँव में ऊँट आया तो वो उसे ईश्वर ही समझ बैठे, अर्थात मूर्खों के लिए सामान्य चीज़ें भी अनोखी और बहुत बड़ी मालूम होती हैं

बारह गाँव का चौधरी अस्सी गाँव का राव, अपने काम न आवे तो ऐसी तैसी में जाव

आदमी चाहे कितना ही धनवान हो परंतु यदि किसी के काम न आए तो किसी कीम का नहीं

अनोखे गाँव ऊँट आया तो लोगों ने कहा परमेसुर आया

अज्ञानी हर अनोखी वस्तु से बहुत प्रभावित होते हैं

पठानों ने गाँव मारा, जुलाहों की चढ़ बनी

विजयी के पास अधिकतर कमीने ही आते हैं

सास गई गाँव बहू कहे मैं क्या क्या खाऊँ

while the cat is away the mice will play

चूल्हे के आगे गाऊँ चक्की के आगे गाऊँ पंचों में बैठूँ तो नाक कटाऊँ

घर में शान-ओ-शौकत और बाहर ज़िल्लत

जानता चोर गाँव उजाड़े

जानने वाला चोर बहुत हानि करता है

घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा

मुसीबत एक दम में आती है जबकि ख़ुशी की घड़ी देर में आती है

नाम मेरा, गाँव तेरा

कोई कमाए कोई उड़ाए, ख़ुद माल मारना और दूसरे को धोके में रखना, दूसरे की संपत्ति से लाभ उठाना

जितनी मियाँ की लम्बी दाढ़ी, उतना गाँव गुलज़ार

भूमिपतियों का मानना है कि जितनी मालिक की दाढ़ी लंबी होगी उतना ही उत्पादन अधिक होता है, जितनी आर्थिक अवस्था होती है उतना ही ख़र्च होता है

घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध

मनुष्य को अपने मातृभूमि में महत्व नहीं दिया जाता है, इंसान की वतन में क़दर नहीं होती, अपने गाँव में फ़क़ीर होता है दूसरे गाँव में औलिया समझा जाता है

छोड़े गाँव का नाता क्या

जिस स्थान या काम को छोड़ दिया उस से क्या वास्ता, जिस से कोई संबंध नहीं रहा उस के बारे में बात करना व्यर्थ है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा के अर्थदेखिए

घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा

gha.Dii me.n gaa.nv jale nau gha.Dii kaa bhadraaگَھڑی میں گاؤں جَلے نَو گَھڑی کا بَھدْرا

अथवा : घड़ी में घर जले नौ घड़ी का भद्रा

कहावत

घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा के हिंदी अर्थ

  • मुसीबत एक दम में आती है जबकि ख़ुशी की घड़ी देर में आती है
  • ज्योतिषियों पर व्यंग है कि एक आफ़त ने तो काम कर दिया अब भविष्य की आफ़तों को कौन झेल सकेगा या किस तरह झेला जाएगा
  • गाँव में आग लग गई है, पर नौ घड़ी तक भग नक्षत्र है, जिसमें कोई काम नहीं किया जाता इसलिए अब आग कैसे बुझे

    विशेष पाठा.-घड़ी में घर...। आवश्यक कार्य के लिए टालमटोल करने पर कहावत है। ज्योतिषियों पर व्यंग्य भी कहावत में है। वे हर काम शुभ घड़ी में ही करने को कहते हैं।

گَھڑی میں گاؤں جَلے نَو گَھڑی کا بَھدْرا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • مصیبت ایک دم میں آتی ہے جبکہ خوشی کی گھڑی دیر میں آتی ہے
  • نجومیوں پر طنز ہے کہ ایک آفت نے تو کام کر دیا اب آئندہ کی آفتوں کو کون جھیل سکے گا یا کس طرح جھیلا جائے گا
  • گاؤں میں آگ لگ گئی ہے لیکن نو گھڑی تک 'بھَگ نَشَکۡتر' ہے، جس میں کوئی کام نہیں کیا جاتا اس لئے اب آگ کیسے بجھے

Urdu meaning of gha.Dii me.n gaa.nv jale nau gha.Dii kaa bhadraa

  • Roman
  • Urdu

  • musiibat ek dam me.n aatii hai jabki Khushii kii gha.Dii der me.n aatii hai
  • nujuumiyo.n par tanz hai ki ek aafat ne to kaam kar diyaa ab aa.indaa kii aafto.n ko kaun jhiil sakegaa ya kis tarah jhelaa jaa.egaa
  • gaanv me.n aag lag ga.ii hai lekin nau gha.Dii tak 'bhag nashakৡtar' hai, jis me.n ko.ii kaam nahii.n kiya jaataa is li.e ab aag kaise bujhe

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गाँव

ग्राम, छोटी बस्ती या आबादी, मौज़ा, ग्राम, जनपद, शहर से दूर स्थित खेती बाड़ी पर अवलंबित किसानों-खेतिहरों का निवास, देहात, खेड़ा

गाँव गए की बात है

जब तक जा कर देख न लें यक़ीन नहीं आता है

गाँव-नुमा

गाँव तुम्हारा नाँव हमारा

ख़र्च किसी का शौहरत किसी की

गाँव मरा बला से , हाथी तो देखा

ज़रा से नफ़ा या शौक़ के लिए बड़े नुक़्सान की पर्वा नहीं है, ज़रा से नफ़ा के वास्ते बहुत सा नुक़्सान बर्दाश्त करना

गाँव-ख़र्च

(کاشت کاری) گان٘و کے عام اور مشترک اخراجات مثلاً مہمان نوازی ، خیرات ، چوکی داری وغیرہ کی مشترک رقم جو ایک آنہ فی روپیہ یا ایک سیر فی من کے حساب سے جمع کی جاتی ہے.

गाँव-ख़र्चा

وہ خرچہ جو نمبردار کو مال گزاری تحصیل کرنے یا کسی اور وجہ سے گاؤں کے متعلق کرنا پڑتا ہے

गाँव बसते भूतना शहर बसते देव

गांव में भुतने बस्ते हैं और शहर में देव, देहातियों की शरारतों और झगड़ों पर तंज़ है गन॒वार लड़ते झगड़ते रहते हैं मगर शहर वाले तहम्मुल से रहते हैं

गाँव-गँवार

اناڑی ، اُجڈ ، ناشائستہ.

गाँव-स्थान

गाँव की आबादी की जगह चाहे बसी हुई हो या निर्जन हो

गाँव डूबा जाए सवाने की लड़ाई

ज़मीन॒दार मामूली झगड़ों में बहुत सा रुपया लगा देते हैं, ज़मींदार फ़ुज़ूल झगड़ों में पड़े रहते हैं और गान॒ो बर्बाद होता है

गाँव-जन

गाँव के लोग

गाँव-बाट

(کاشت کاری) تعلقے کی تقسیم (الگ الگ گان٘و میں) ، نمبرداری کی بٹی ہوئی حدیں.

गाँव में घर न जंगल में खेती

कुछ पास नहीं है, बहुत निर्धनता है, निर्धन है

गाँव-गाँव

ہر گانو میں ، تمام قریوں میں ، ہر جگہ.

गाँव का उठाव

رک : گان٘و خرچ ، وہ خرچ جو نمبردار کو مال گزاری تحصیل کرنے یا کسی اور وجہ سے گان٘و کے متعلق کرنا پڑتا ہے.

गाँव वाला

गाँव-वासी, देहाती, गँवार

गाँव-वासी

गाँव में रहने वाला, किसान

गाँव का जोगी जोगना अन गाँव का सिध

वतन में इंसान की क़दर नहीं होती, वतन से बाहर होती है, अपनी चीज़ की क़दर नहीं होती, अपनों की निसबत ग़ैरों की क़दर-ओ-मंजिलत ज़्यादा होती है

गाँव-बासी

گاؤں میں رہنے والا، دیہاتی، گنْوار، دہقان، کسان

गाँव-बाँट

(کاشت کاری) تعلقے کی تقسیم (الگ الگ گان٘و میں) ، نمبرداری کی بٹی ہوئی حدیں.

गाऊँ न गाऊँ बिरहा गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

गाऊँ ना गाऊँ बिरहा गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

गाँव भागे पघिया लागे

फ़सल पक्की है और गान॒ो वाले ग़ैर हाज़िर हैं, ज़रूरत के वक़्त कोई मौजूद नहीं , ज़मींदारों की लापरवाई के लिए तंज़न कहते हैं

गाँव गया सोता जागे

जिस प्रकार सोए हुए का पता नहीं कब जागेगा उसी प्रकार यात्री के लौटने का कोई पता नहीं होता

गाऊँ न गाऊँ बिरह गाऊँ

अव़्वल तो गांवगा नहीं अगर गांवगा तो हिजर का गीत, अव़्वल तो कोई काम नहीं करता और अगर करता है तो नुक़्सानदेह, इस से जब होगी बेवक़ूफ़ी होगी

गाँव-छोटा

Hamlet

गाँव में धोबी का लड़का छैल

गाँव में धोबी का लड़का ही उतसुक बना फिरता है, क्योंकि उस का बाप शहर वालों के जो कपड़े धोने लाता है, वह उन्हें पहनता है, जो गाँव वालों को देखने को नहीं मिलते, धोबी का बेटा गाँव में सब से अच्छे कपड़े पहनता है, क्योंकि उस के कपड़े उजले होते हैं

गाँव और का , नाँव और का

चीज़ किसी की और नाक किसी का, बेगानी चीज़ से अपनी शौहरत

गाँव के गँवेरे मुँह में ख़ाक पेट में ढेले रोड़े

देहात के लोग उमूमन ग़रीब होते हैं

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

गाँव की बोली

देहात की बोली, गंवारों की भाषा, वह बोली जो गाँव वाले बोलते हैं

गाँव बसंते भूतले, शहर बसंते देव

गाँव में भुतने बस्ते हैं और शहर में देवता, देहातियों की शरारतों और झगड़ों पर तंज़ है

गाँव की आबादी

गाँव के लोग

गाँव में धोबी का छैल

गाँव में धोबी का लड़का ही उतसुक बना फिरता है, क्योंकि उस का बाप शहर वालों के जो कपड़े धोने लाता है, वह उन्हें पहनता है, जो गाँव वालों को देखने को नहीं मिलते, धोबी का बेटा गाँव में सब से अच्छे कपड़े पहनता है, क्योंकि उस के कपड़े उजले होते हैं

आधे गाँव दिवाली आधे गाँव होली

किसी स्थिति विशेषण या राय में विरोध के अवसर पर बोलते हैं

आधे गाँव दिवाली आधे गाँव फाग

किसी स्थिति विशेषण या राय में विरोध के अवसर पर बोलते हैं

हाथी फिरे गाँव गाँव जिसका हाथी उसका नाँव

रुक : हाथी फिरे गांव गांव अलख

हाथी फिरे गाँव गाँव जिस का हाथी उस का नाँव

हाथी कहीं भी जाए लोग यही कहेंगे कि फ़लाँ का हाथी है। यानी जिसकी चीज़ हो उसीका नाम होता है, अस्ल चीज़ मालिक ही की हुआ करती है

भीक माँगे और पूछे गाँव की जम'

भिकारी होकर आदेश देने के भाव में बात करना, स्थिति तुच्छ और हौसला बड़ा, अपनी हैसियत भूल कर बात करना

पेट का जला गाँव जलाए

a destitute person may go berserk

दो गाँव में पाही कुत्ते मरे आहा जाई

मशक़्क़त ज़्यादा और हासिल कुछ नहीं

लटे की जोए सर गाँव की सरहज

ग़रीब का साथी भी सबसे नीचा और ज़बरदस्त का दोस्त सब पर ज़बरदस्त होता है

फल्सा टूटा, गाँव लूटा

असावधानी या असहमति में हानि होती है

निरहे गाँव ऊँट आया लोगों ने कहा परमेशर आए

बेवक़ूफ़ आदमी या कमइलम आदमी को हर चीज़ अजीब लगती है (असल कहावत यूं है : बाओले गांव में ऊंट आया)

चौकी गाँव वालों को लूट खाती है

पुलिस की चौकी आम तौर पर वहाँ स्थापित की जाती है जहाँ लोग बहुत शरारती हों, पुलिस वाले अपने खाने का ख़र्च आम तौर पर उन्हीं लोगों से पूरा करते हैं

लुटे गाँवों का क्या नाम

जो राज फ़ना हो कर तहस नहस हो गया इस का क्या नाम-ओ-निशान बताया जाये, जो मिट गया इस का ज़िक्र ही किया

साठ गाँव बकरी चर गई

a huge loss was suffered

बावले गाँव में ऊँट परमेशर

मूर्खों के गाँव में ऊँट आया तो वो उसे ईश्वर ही समझ बैठे, अर्थात मूर्खों के लिए सामान्य चीज़ें भी अनोखी और बहुत बड़ी मालूम होती हैं

बारह गाँव का चौधरी अस्सी गाँव का राव, अपने काम न आवे तो ऐसी तैसी में जाव

आदमी चाहे कितना ही धनवान हो परंतु यदि किसी के काम न आए तो किसी कीम का नहीं

अनोखे गाँव ऊँट आया तो लोगों ने कहा परमेसुर आया

अज्ञानी हर अनोखी वस्तु से बहुत प्रभावित होते हैं

पठानों ने गाँव मारा, जुलाहों की चढ़ बनी

विजयी के पास अधिकतर कमीने ही आते हैं

सास गई गाँव बहू कहे मैं क्या क्या खाऊँ

while the cat is away the mice will play

चूल्हे के आगे गाऊँ चक्की के आगे गाऊँ पंचों में बैठूँ तो नाक कटाऊँ

घर में शान-ओ-शौकत और बाहर ज़िल्लत

जानता चोर गाँव उजाड़े

जानने वाला चोर बहुत हानि करता है

घड़ी में गाँव जले नौ घड़ी का भद्रा

मुसीबत एक दम में आती है जबकि ख़ुशी की घड़ी देर में आती है

नाम मेरा, गाँव तेरा

कोई कमाए कोई उड़ाए, ख़ुद माल मारना और दूसरे को धोके में रखना, दूसरे की संपत्ति से लाभ उठाना

जितनी मियाँ की लम्बी दाढ़ी, उतना गाँव गुलज़ार

भूमिपतियों का मानना है कि जितनी मालिक की दाढ़ी लंबी होगी उतना ही उत्पादन अधिक होता है, जितनी आर्थिक अवस्था होती है उतना ही ख़र्च होता है

घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध

मनुष्य को अपने मातृभूमि में महत्व नहीं दिया जाता है, इंसान की वतन में क़दर नहीं होती, अपने गाँव में फ़क़ीर होता है दूसरे गाँव में औलिया समझा जाता है

छोड़े गाँव का नाता क्या

जिस स्थान या काम को छोड़ दिया उस से क्या वास्ता, जिस से कोई संबंध नहीं रहा उस के बारे में बात करना व्यर्थ है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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