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प्रीत

प्यार, मुहब्बत, इशक़, दोस्ती, याराना, सुभगता, अनुराग, मोह, आसक्ति

प्रेत

जो यह संसार छोड़कर चला गया हो, मरा हआ, मृत

परयुत

दस लाख

पिरीती

= प्रोति

प्रीत-पत्र

love-letter

प्रीत न जाने जात कुजात

मुहब्बत करते वक़्त कोई ये नहीं सोचता कि इस का महबूब किस ज़ात या क़ौम का है

प्रियतमा

सबसे अधिक प्यारी, अत्यंत प्रिय

प्रीत लगाना

fall in love

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो हो, नेह नगर की रीत है तन मन दीनो खो

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

प्रीत की रीत

محبت کی رسم.

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो होय, नेह नगर की रीत है तन मन दोनों खोय

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

प्रीत की रीत निराली

Love's ways are different.

प्रीत न टूटे अन-मिले उत्तम मन की लाग, सौ जुग पानी में रहे चकमक तजे न आग

सच्चा प्रेम अनुपस्थिति में नहीं जाती जिस तरह चक़माक़ पानी में रहने से आग नहीं खोता

प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट

प्रेम करते समय कोई ये नहीं सोचता कि उस का प्रेमी किस जाति या वर्ण का है, जिस तरह नींद हर जगह और हर हालत में आ जाती है और भूख में मनुष्य को बासी रोटी भी अच्छी मालूम होती है और प्यास लगी हो तो मनुष्य ये नहीं देखता कि पानी शुद्ध है या अशुद्ध

प्रीत-नदी

नरक की वह नदी जिसे मृत आत्माओं को पार करना पड़ता है।

परेथ

کن٘ویں کے اطراف کی زمین جہاں تک اس کے پانی سے سین٘چائی ہو سکے.

परीता

معمول سے بڑی قوس یا دائرے کا نشان ڈالنے کی چفتی ، اس سے بڑی پرکار کا کام لیتے ہیں ، پھرکا ؛ لمبی چرخی ، بیڑا بیلن.

प्रीतम हर से नेह कर जैसे खेत किसान, घाटे दे और डंड भरे फेर खेत से ध्यान

ईश्वर से प्रेम इस तरह होनी चाहिये जिस तरह किसान को अपने खेत से होती है गरचे हानि उठाता है परंतु उसे छोड़ता नहीं

पिरीता

پریت

प्रयत्न

वह शारीरिक या मानसिक चेष्टा जो किसी उद्देश्य या कार्य को पूरा करने के लिए की जाती है

पुरेथा

हल की मूठ

प्रेतनी

स्त्री प्रेत, पिशाचनी, भूतनी

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिले सदा आनंद फिर होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिलें सदा अनंदी होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

परीतना

प्रसन्न होना। उदा०-समउ फिर रिपु होहिं पिरीते।-तुलसी।

प्रीतम

जिस से बहुत ज़्यादा मुहब्बत हो, चहेता, महबूब, शौहर, प्रेमी, आशिक़, माशूक़, प्रियतम, पति, जो सबसे अधिक प्रिय हो, परम प्रिय

परीथाल

رک : پتیرا (تیتر کی آواز کا شگون).

परी-तिमसाल

परियों-जैसी सुरत वाला, अप्सरामुखी, अत्यधिक सुंदर, खूबसूरत, प्रतीकात्मक: प्रिय, प्रेमिका

जगत-प्रीत

दुनिया की ख़ुशी

बिश्न-प्रीत

land granted rent-free to Brāhmans in honour of Vishnu, or to maintain his worship

मुँह देखे की प्रीत

دکھاوے کی محبت ، اوپری محبت ، جھوٹی محبت

बिशन-प्रीत-दार

the holder of a bishn-prīt, or grant of land for religious purposes

बिन बहू प्रीत नहीं

ससुर अपने जमाई को तभी तक प्यार करता है जब तक उसकी लड़की जीवित रहती है

रक्खे तो प्रीत, नहीं तो पलीत

यदि प्रेम को सदैव निश्चित रक्खे तो बहुत अच्छी बात है वर्ना बहुत बुरी

भूत-प्रेत

भूत, पिशाच, प्रेत आदि की योनियाँ; इन योनियों से प्राप्त होने वाले सूक्ष्म शरीरों का वर्ग

कपटी की प्रीत मरन की रीत

कीनावर अर्थात कपटी की दोस्ती में मौत का ख़तरा है, कपटी से प्रेम करना मौत को बुलाना है

बिन भाए प्रीत नहीं, न बिन परिचय प्रतीत

जब तक मन आकर्षित न हो प्रेम नहीं होता और जब तक किसी को परख न लिया जाए उसका भरोसा नहीं होता

बिन भाए प्रीत नहीं, बिन परिचय प्रतीत नहीं

जब तक मन आकर्षित न हो प्रेम नहीं होता और जब तक किसी को परख न लिया जाए उसका भरोसा नहीं होता

ओछे की प्रीत और बालू की भीत

the friendship of the base is a wall of sand, unstable, unreliable

आपन भल हो तो जगत प्रत कारी

आप स्वयं ही भले हो तो सब लोग आप से मोहब्बत रखेंगे

बे भई के प्रीत नहीं

जब तक किसी से भय या शंका नहीं होती उससे मोहब्बत नहीं होती

जैसा देखे गाँव की रीत तैसन करे लोग से प्रीत

रुक: जैसा देस वैसा भेस , जैसे लोग हूँ वैसा उन से बरताओ करे

कभी की प्रीत मर्रन की रीत

कीनावर की दोस्ती में मरने का ताज्जुब नहीं बल्कि रस्म है दोस्ती में जान भी देनी पड़ती है

बंगाली जो आदमी तो प्रेत कहो किस को

बंगाली यदि मनुष्य है तो भूत कौन है

बालू की भीत ओछे का संग, परतुरिया की प्रीत तितली का रंग

ओछे या तुच्छ की मित्रता कभी यथावत अर्थात निश्चित नहीं रह सकती जिस तरह कि रंडी या किसी की मुहब्बत जो तितली के रंग की तरह मनमोहक होने के अतिरिक्त समाप्त हो जाती है

ओछे की प्रीत , कटारी का मरना , बालू की भीत अटारी का चढ़ना

कमज़र्फ़ की दोस्ती में सरासर नुक़्सान

गोरी तेरे संग में गई 'उमरिया बीत, अब चाली संग छोड़ के ये न रीत प्रीत

मरते समय आदमी आत्मा से कहता है कि हे प्रेमिका तेरे साथ आयु बीत गई, अब तू साथ छोड़ रही है तो ये प्रेम के विरुद्ध है

राई भर सगाई पेठा भर प्रीत

ज़रा सा रिश्ता बहुत सी मुहब्बत से बेहतर है

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत के अर्थदेखिए

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

chaatur to bairii bhalaa muurakh bhalaa na miit, saadh kahe.n hai.n mat karo ko muurakh se priitچاتر تو بیری بھلا مورکھ بھلا نہ میت، سادھ کہیں ہیں مت کرو کو مورکھ سے پریت

अथवा : चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त, चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत, चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

कहावत

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत के हिंदी अर्थ

  • बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

English meaning of chaatur to bairii bhalaa muurakh bhalaa na miit, saadh kahe.n hai.n mat karo ko muurakh se priit

  • a wise enemy is better than a foolish friend

چاتر تو بیری بھلا مورکھ بھلا نہ میت، سادھ کہیں ہیں مت کرو کو مورکھ سے پریت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • عقل مند دشمن بیوقوف دوست سے اچھا ہوتا ہے اس لیے بیوقوف سے دوستی نہیں کرنی چاہیے

Urdu meaning of chaatur to bairii bhalaa muurakh bhalaa na miit, saadh kahe.n hai.n mat karo ko muurakh se priit

  • Roman
  • Urdu

  • aqalmand dushman bevaquuf dost se achchhaa hotaa hai is li.e bevaquuf se dostii nahii.n karnii chaahi.e

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प्रीत

प्यार, मुहब्बत, इशक़, दोस्ती, याराना, सुभगता, अनुराग, मोह, आसक्ति

प्रेत

जो यह संसार छोड़कर चला गया हो, मरा हआ, मृत

परयुत

दस लाख

पिरीती

= प्रोति

प्रीत-पत्र

love-letter

प्रीत न जाने जात कुजात

मुहब्बत करते वक़्त कोई ये नहीं सोचता कि इस का महबूब किस ज़ात या क़ौम का है

प्रियतमा

सबसे अधिक प्यारी, अत्यंत प्रिय

प्रीत लगाना

fall in love

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो हो, नेह नगर की रीत है तन मन दीनो खो

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

प्रीत की रीत

محبت کی رسم.

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो होय, नेह नगर की रीत है तन मन दोनों खोय

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

प्रीत की रीत निराली

Love's ways are different.

प्रीत न टूटे अन-मिले उत्तम मन की लाग, सौ जुग पानी में रहे चकमक तजे न आग

सच्चा प्रेम अनुपस्थिति में नहीं जाती जिस तरह चक़माक़ पानी में रहने से आग नहीं खोता

प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट

प्रेम करते समय कोई ये नहीं सोचता कि उस का प्रेमी किस जाति या वर्ण का है, जिस तरह नींद हर जगह और हर हालत में आ जाती है और भूख में मनुष्य को बासी रोटी भी अच्छी मालूम होती है और प्यास लगी हो तो मनुष्य ये नहीं देखता कि पानी शुद्ध है या अशुद्ध

प्रीत-नदी

नरक की वह नदी जिसे मृत आत्माओं को पार करना पड़ता है।

परेथ

کن٘ویں کے اطراف کی زمین جہاں تک اس کے پانی سے سین٘چائی ہو سکے.

परीता

معمول سے بڑی قوس یا دائرے کا نشان ڈالنے کی چفتی ، اس سے بڑی پرکار کا کام لیتے ہیں ، پھرکا ؛ لمبی چرخی ، بیڑا بیلن.

प्रीतम हर से नेह कर जैसे खेत किसान, घाटे दे और डंड भरे फेर खेत से ध्यान

ईश्वर से प्रेम इस तरह होनी चाहिये जिस तरह किसान को अपने खेत से होती है गरचे हानि उठाता है परंतु उसे छोड़ता नहीं

पिरीता

پریت

प्रयत्न

वह शारीरिक या मानसिक चेष्टा जो किसी उद्देश्य या कार्य को पूरा करने के लिए की जाती है

पुरेथा

हल की मूठ

प्रेतनी

स्त्री प्रेत, पिशाचनी, भूतनी

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिले सदा आनंद फिर होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिलें सदा अनंदी होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

परीतना

प्रसन्न होना। उदा०-समउ फिर रिपु होहिं पिरीते।-तुलसी।

प्रीतम

जिस से बहुत ज़्यादा मुहब्बत हो, चहेता, महबूब, शौहर, प्रेमी, आशिक़, माशूक़, प्रियतम, पति, जो सबसे अधिक प्रिय हो, परम प्रिय

परीथाल

رک : پتیرا (تیتر کی آواز کا شگون).

परी-तिमसाल

परियों-जैसी सुरत वाला, अप्सरामुखी, अत्यधिक सुंदर, खूबसूरत, प्रतीकात्मक: प्रिय, प्रेमिका

जगत-प्रीत

दुनिया की ख़ुशी

बिश्न-प्रीत

land granted rent-free to Brāhmans in honour of Vishnu, or to maintain his worship

मुँह देखे की प्रीत

دکھاوے کی محبت ، اوپری محبت ، جھوٹی محبت

बिशन-प्रीत-दार

the holder of a bishn-prīt, or grant of land for religious purposes

बिन बहू प्रीत नहीं

ससुर अपने जमाई को तभी तक प्यार करता है जब तक उसकी लड़की जीवित रहती है

रक्खे तो प्रीत, नहीं तो पलीत

यदि प्रेम को सदैव निश्चित रक्खे तो बहुत अच्छी बात है वर्ना बहुत बुरी

भूत-प्रेत

भूत, पिशाच, प्रेत आदि की योनियाँ; इन योनियों से प्राप्त होने वाले सूक्ष्म शरीरों का वर्ग

कपटी की प्रीत मरन की रीत

कीनावर अर्थात कपटी की दोस्ती में मौत का ख़तरा है, कपटी से प्रेम करना मौत को बुलाना है

बिन भाए प्रीत नहीं, न बिन परिचय प्रतीत

जब तक मन आकर्षित न हो प्रेम नहीं होता और जब तक किसी को परख न लिया जाए उसका भरोसा नहीं होता

बिन भाए प्रीत नहीं, बिन परिचय प्रतीत नहीं

जब तक मन आकर्षित न हो प्रेम नहीं होता और जब तक किसी को परख न लिया जाए उसका भरोसा नहीं होता

ओछे की प्रीत और बालू की भीत

the friendship of the base is a wall of sand, unstable, unreliable

आपन भल हो तो जगत प्रत कारी

आप स्वयं ही भले हो तो सब लोग आप से मोहब्बत रखेंगे

बे भई के प्रीत नहीं

जब तक किसी से भय या शंका नहीं होती उससे मोहब्बत नहीं होती

जैसा देखे गाँव की रीत तैसन करे लोग से प्रीत

रुक: जैसा देस वैसा भेस , जैसे लोग हूँ वैसा उन से बरताओ करे

कभी की प्रीत मर्रन की रीत

कीनावर की दोस्ती में मरने का ताज्जुब नहीं बल्कि रस्म है दोस्ती में जान भी देनी पड़ती है

बंगाली जो आदमी तो प्रेत कहो किस को

बंगाली यदि मनुष्य है तो भूत कौन है

बालू की भीत ओछे का संग, परतुरिया की प्रीत तितली का रंग

ओछे या तुच्छ की मित्रता कभी यथावत अर्थात निश्चित नहीं रह सकती जिस तरह कि रंडी या किसी की मुहब्बत जो तितली के रंग की तरह मनमोहक होने के अतिरिक्त समाप्त हो जाती है

ओछे की प्रीत , कटारी का मरना , बालू की भीत अटारी का चढ़ना

कमज़र्फ़ की दोस्ती में सरासर नुक़्सान

गोरी तेरे संग में गई 'उमरिया बीत, अब चाली संग छोड़ के ये न रीत प्रीत

मरते समय आदमी आत्मा से कहता है कि हे प्रेमिका तेरे साथ आयु बीत गई, अब तू साथ छोड़ रही है तो ये प्रेम के विरुद्ध है

राई भर सगाई पेठा भर प्रीत

ज़रा सा रिश्ता बहुत सी मुहब्बत से बेहतर है

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

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