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बोले सो कुंडी खोले

जो उपाय बताए वही काम भी करे

बोले की न चाले की, मैं तो सोते की भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

बोले सो घी को जाए

सलाह देने वाले पर ही ज़िम्मेदारी थोप देना

बोले सो मारा जाए

जो बोलता है और दूसरे की बात के बीच में आता है वह मार खाता है इसलिए चुप रहना अच्छा है

बोले की न चाले की, मैं तो सूते के भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

बम-बोले

بم (بم) بھولے (رک) کا نیرہ لگانے والے ، وہ ہنود جو موسم سرما میں ایک بہن٘گی سے کان٘دھے پر رکھ کر (شیو جی کی مورتی پر چڑھانے کے لیے) گن٘گا کا پانی لینے جاتے ار بم (بم) بھولے کا نعرہ لگاتے لگاتے ہیں

कोई अब बोले , कोई जब बोले , मेरी नकटी शपाशप बोले

निहायत बेग़ैरत और बेहया की निसबत कहते हैं, जो बोलता ही चला जाये

छाज बोले सो बोले छलनी भी बोले जिस में सौ सौ छेद

the pot calling the kettle black

देखे राही बोले सिपाही

यदि कोई मामला हो अर्थात कहीं लूटमार हो तो राहगीर तो खड़ा होकर तमाशा देखता है किंतु सिपाही उसमें अवश्य बोलता है अर्थात सामने तो हिम्मत वाला ही आता है

सूप बोले सो बोले, चलनी भी बोले जिस में बहत्तर छेद

निर्दोष और दोषी या बुरे और नेक का मुक़ाबला निरार्थक होता है

सूप बोले तो बोले छलनी भी क्या बोले जिस में बहत्तर छेद

निर्दोष और दोषी या बुरे और नेक का मुक़ाबला निरार्थक होता है

सूप बोले सो बोले, छलनी भी बोले जिस में बहत्तर सौ छेद

निर्दोष और दोषी या बुरे और नेक का मुक़ाबला निरार्थक होता है

मुँह से बोले सर से खेले

۔ بات ہی نہیں کرنا۔ بالکل چُپ ہے مبہوت ہوگیا ہے بالکل بی ہوش ہے۔ ؎

गाली दिए से गूँगा बोले

بری بات کی کسی کو سہار نہیں ہوتی

गाली देने से गूँगा बोले

बुरी बात की किसी को सहार नहीं होती इस लिए जवाब देने पर मजबूर हो जाता है

जो बोले सो कुंडा खोले

रुक : जो बोले सौ घी को जाये , जो कोई तजवीज़ करे वो ख़ुद ही उसे अमल में लाए

कोइल बोले सेह बंदी डोले

बरसात के आने पर सहि बंदी के मुलाज़िम मौक़ूफ़ होते हैं

मुँह से बोले ना सर से खेले

फ़ौरन हलाक होजाता है

छाज बोले तो बोले छलनी भी बोली जिस में सत्तर छेद

जब कोई ऐबदार हो कर साफ़ लोगों में बोलता और दख़ल देता है तो इस की निसबत कहते हैं, बेऐब एतराज़ करे तो करे लेकिन ऐबदार को एतराज़ करने का कोई हक़ नहीं

जो बोले सो घी को जावे

जो मजलिस मजमा या घर में मुंसिफ़ाना बात करेगा सज़ा पाएगा (दरयाए लताफ़त) जो शख़्स किसी काम की तदबीर बताता है वो काम इसी के ज़िम्मा पड़ता है

तोला भर की आरसी, नानी बोले फ़ारसी

थोड़ा व्यवहार कर के अधिक एहसान जताने के अवसर पर कहते हैं

जैसा पीवे पानी , वैसी बोले बानी

जिस मुलक में रहे वहीं की ज़बान में गुफ़्तगु करे या इस के मुताबिक़ काम करे

जो बोले सो घी को जाए

जो उपाय बताए वही काम भी करे

जो पहले बोले वही बादशाह

अगुवाई करने वाले की जीत होती है, पहल करने वाले की जीत होती है

जो बोले वही पानी भरने जावे

रुक : जो बोले सोघी को जावे

न मुँह से बोले न सर से खेले

۔ اس شخص کی نسبت بولتے ہیں جو بالکل خاموش ہو۔؎

न मुँह से बोले, न सर से खेले

वो शख़्स जो बिलकुल ख़ामोश रहता हो उस की बाबत कहते हैं

कागा बोले पड़ गए रोले

जब कव्वा बोलता है तो लोग जाग उठते हैं

तोला भर की आरसी नानी बोले फ़ारसी

थोड़ा सा सुलूक करके बहुत एहसान जताना

बोली बोलें तो ये बोलें मेरी जूती बोले

अभद्र भाषा का प्रयोग करना या अशिष्टता उन्हीं को मुबारक, हम ऐसा नहीं करेंगे

बोली बोली तो ये बोली मेरी जूती बोले

अभद्र भाषा का प्रयोग करना या अशिष्टता उन्हीं को मुबारक, हम ऐसा नहीं करेंगे

जहाँ का पीवे पानी , वहाँ की बोले बानी

मुहसिन की तरफदारी ज़रूर होती है

काटा मुँह से बोले न सर से खेले

ऐसे शख़्स के बारे में बोलते हैं जिस के मकर-ओ-फ़रेब से नजात मुम्किन ना हो, मर्ज़ का लाइलाज होना

ख़ून वो जो सर चढ़ के बोले

हत्या छिपी नहीं रहती, बुरी बात प्रकट हो ही जाती है

जादू वो जो सर चढ़ के बोले

सही तदबीर वो है जिस से मुजरिम ख़ुद अपने जुर्म का इक़रार करे

जादू वो जो सर चढ़ के बोले

उपाय वही अच्छा जो प्रभावी हो और प्रतिद्वंदी भी माने, अपमानित वह जो सामने आ जाए

जादू वो जो सर चढ़ कर बोले

उपाय वही अच्छा जो प्रभावी हो और प्रतिद्वंदी भी माने, अपमानित वह जो सामने आ जाए

झूट न बोले तो पेट फट जाए

झूठ बोले बिना नहीं रह सकता

झूट न बोले तो पेट अफर जाए

झूठ बोले बिना नहीं रह सकता

छलनी क्या बोले जिस में बहत्तर साै छेद

जिसमें स्वयं खोट हो वह दूसरों में क्या खोट निकाले, अपनी बड़ी त्रुटि को न देख कर दूसरों की साधारण सी त्रुटि को देखना

ख़ून वो जो सर पर चढ़ कर बोले

हत्या छिपी नहीं रहती, बुरी बात प्रकट हो ही जाती है

जादू वो जो सर पे चढ़ के बोले

أمثل۔ تدبیر وہی جو کارگر ہو اور جس کا اقرار حریف کو مُنھ سے کرنا پڑے۔

जिन्न वह जो सर चढ़ कर बोले

बात वह जो मुँह पर कही जाए

जिन्न वही जो सर पर चढ़ कर बोले

बात वह जो मुँह पर कही जाए

भूका भले मानस और पेट भरे गँवार से न बोले

ये दोनों उन हालतों में बेबाक और मग़लूब-उल-ग़ज़ब होते हैं

बड़ा निवाला खाए बड़ा बोल न बोले

घमंड करना और बड़ा निवाला तकलीफ़ पहुँचाने में दोनों समान हैं

बड़ा बोल न बोले, बड़ा लुक़्मा न खाए

घमंड करना और बड़ा निवाला तकलीफ़ पहुँचाने में दोनों समान हैं

उस पुरखा की बात पर न भरोसा रख, बर-बर झूट बोले जो दिन भर माँ सो लख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

उस पुरखा की बात पर नाह भरोसा राख, बार-बार जो बोले झूठ दिन भर माँ सौ लाख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

क़र्ज़ काढ़ करे ब्योपार, मेहरी से जो रूठे भटार , बे बुलाए बोले दरबार ये तीनों पश्म के यार

जो क़र्ज़ अर्थात ऋण के रुपये से व्यापार करे, जो अपनी पत्नी से रूठे, जो दरबार में बुलाए बगै़र बोले सब मूर्ख हैं

सुख दुख में जो रहे सहाई सजन वावा बोलें भाई

दोस्त वही है जो दुख दर्द में काम आए, दोस्त वही है जो हर हालत में काम आए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बोले के अर्थदेखिए

बोले

boleبولے

वज़्न : 22

English meaning of bole

  • say, talk, speak, utter

Urdu meaning of bole

  • Roman
  • Urdu

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बोले सो कुंडी खोले

जो उपाय बताए वही काम भी करे

बोले की न चाले की, मैं तो सोते की भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

बोले सो घी को जाए

सलाह देने वाले पर ही ज़िम्मेदारी थोप देना

बोले सो मारा जाए

जो बोलता है और दूसरे की बात के बीच में आता है वह मार खाता है इसलिए चुप रहना अच्छा है

बोले की न चाले की, मैं तो सूते के भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

बम-बोले

بم (بم) بھولے (رک) کا نیرہ لگانے والے ، وہ ہنود جو موسم سرما میں ایک بہن٘گی سے کان٘دھے پر رکھ کر (شیو جی کی مورتی پر چڑھانے کے لیے) گن٘گا کا پانی لینے جاتے ار بم (بم) بھولے کا نعرہ لگاتے لگاتے ہیں

कोई अब बोले , कोई जब बोले , मेरी नकटी शपाशप बोले

निहायत बेग़ैरत और बेहया की निसबत कहते हैं, जो बोलता ही चला जाये

छाज बोले सो बोले छलनी भी बोले जिस में सौ सौ छेद

the pot calling the kettle black

देखे राही बोले सिपाही

यदि कोई मामला हो अर्थात कहीं लूटमार हो तो राहगीर तो खड़ा होकर तमाशा देखता है किंतु सिपाही उसमें अवश्य बोलता है अर्थात सामने तो हिम्मत वाला ही आता है

सूप बोले सो बोले, चलनी भी बोले जिस में बहत्तर छेद

निर्दोष और दोषी या बुरे और नेक का मुक़ाबला निरार्थक होता है

सूप बोले तो बोले छलनी भी क्या बोले जिस में बहत्तर छेद

निर्दोष और दोषी या बुरे और नेक का मुक़ाबला निरार्थक होता है

सूप बोले सो बोले, छलनी भी बोले जिस में बहत्तर सौ छेद

निर्दोष और दोषी या बुरे और नेक का मुक़ाबला निरार्थक होता है

मुँह से बोले सर से खेले

۔ بات ہی نہیں کرنا۔ بالکل چُپ ہے مبہوت ہوگیا ہے بالکل بی ہوش ہے۔ ؎

गाली दिए से गूँगा बोले

بری بات کی کسی کو سہار نہیں ہوتی

गाली देने से गूँगा बोले

बुरी बात की किसी को सहार नहीं होती इस लिए जवाब देने पर मजबूर हो जाता है

जो बोले सो कुंडा खोले

रुक : जो बोले सौ घी को जाये , जो कोई तजवीज़ करे वो ख़ुद ही उसे अमल में लाए

कोइल बोले सेह बंदी डोले

बरसात के आने पर सहि बंदी के मुलाज़िम मौक़ूफ़ होते हैं

मुँह से बोले ना सर से खेले

फ़ौरन हलाक होजाता है

छाज बोले तो बोले छलनी भी बोली जिस में सत्तर छेद

जब कोई ऐबदार हो कर साफ़ लोगों में बोलता और दख़ल देता है तो इस की निसबत कहते हैं, बेऐब एतराज़ करे तो करे लेकिन ऐबदार को एतराज़ करने का कोई हक़ नहीं

जो बोले सो घी को जावे

जो मजलिस मजमा या घर में मुंसिफ़ाना बात करेगा सज़ा पाएगा (दरयाए लताफ़त) जो शख़्स किसी काम की तदबीर बताता है वो काम इसी के ज़िम्मा पड़ता है

तोला भर की आरसी, नानी बोले फ़ारसी

थोड़ा व्यवहार कर के अधिक एहसान जताने के अवसर पर कहते हैं

जैसा पीवे पानी , वैसी बोले बानी

जिस मुलक में रहे वहीं की ज़बान में गुफ़्तगु करे या इस के मुताबिक़ काम करे

जो बोले सो घी को जाए

जो उपाय बताए वही काम भी करे

जो पहले बोले वही बादशाह

अगुवाई करने वाले की जीत होती है, पहल करने वाले की जीत होती है

जो बोले वही पानी भरने जावे

रुक : जो बोले सोघी को जावे

न मुँह से बोले न सर से खेले

۔ اس شخص کی نسبت بولتے ہیں جو بالکل خاموش ہو۔؎

न मुँह से बोले, न सर से खेले

वो शख़्स जो बिलकुल ख़ामोश रहता हो उस की बाबत कहते हैं

कागा बोले पड़ गए रोले

जब कव्वा बोलता है तो लोग जाग उठते हैं

तोला भर की आरसी नानी बोले फ़ारसी

थोड़ा सा सुलूक करके बहुत एहसान जताना

बोली बोलें तो ये बोलें मेरी जूती बोले

अभद्र भाषा का प्रयोग करना या अशिष्टता उन्हीं को मुबारक, हम ऐसा नहीं करेंगे

बोली बोली तो ये बोली मेरी जूती बोले

अभद्र भाषा का प्रयोग करना या अशिष्टता उन्हीं को मुबारक, हम ऐसा नहीं करेंगे

जहाँ का पीवे पानी , वहाँ की बोले बानी

मुहसिन की तरफदारी ज़रूर होती है

काटा मुँह से बोले न सर से खेले

ऐसे शख़्स के बारे में बोलते हैं जिस के मकर-ओ-फ़रेब से नजात मुम्किन ना हो, मर्ज़ का लाइलाज होना

ख़ून वो जो सर चढ़ के बोले

हत्या छिपी नहीं रहती, बुरी बात प्रकट हो ही जाती है

जादू वो जो सर चढ़ के बोले

सही तदबीर वो है जिस से मुजरिम ख़ुद अपने जुर्म का इक़रार करे

जादू वो जो सर चढ़ के बोले

उपाय वही अच्छा जो प्रभावी हो और प्रतिद्वंदी भी माने, अपमानित वह जो सामने आ जाए

जादू वो जो सर चढ़ कर बोले

उपाय वही अच्छा जो प्रभावी हो और प्रतिद्वंदी भी माने, अपमानित वह जो सामने आ जाए

झूट न बोले तो पेट फट जाए

झूठ बोले बिना नहीं रह सकता

झूट न बोले तो पेट अफर जाए

झूठ बोले बिना नहीं रह सकता

छलनी क्या बोले जिस में बहत्तर साै छेद

जिसमें स्वयं खोट हो वह दूसरों में क्या खोट निकाले, अपनी बड़ी त्रुटि को न देख कर दूसरों की साधारण सी त्रुटि को देखना

ख़ून वो जो सर पर चढ़ कर बोले

हत्या छिपी नहीं रहती, बुरी बात प्रकट हो ही जाती है

जादू वो जो सर पे चढ़ के बोले

أمثل۔ تدبیر وہی جو کارگر ہو اور جس کا اقرار حریف کو مُنھ سے کرنا پڑے۔

जिन्न वह जो सर चढ़ कर बोले

बात वह जो मुँह पर कही जाए

जिन्न वही जो सर पर चढ़ कर बोले

बात वह जो मुँह पर कही जाए

भूका भले मानस और पेट भरे गँवार से न बोले

ये दोनों उन हालतों में बेबाक और मग़लूब-उल-ग़ज़ब होते हैं

बड़ा निवाला खाए बड़ा बोल न बोले

घमंड करना और बड़ा निवाला तकलीफ़ पहुँचाने में दोनों समान हैं

बड़ा बोल न बोले, बड़ा लुक़्मा न खाए

घमंड करना और बड़ा निवाला तकलीफ़ पहुँचाने में दोनों समान हैं

उस पुरखा की बात पर न भरोसा रख, बर-बर झूट बोले जो दिन भर माँ सो लख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

उस पुरखा की बात पर नाह भरोसा राख, बार-बार जो बोले झूठ दिन भर माँ सौ लाख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

क़र्ज़ काढ़ करे ब्योपार, मेहरी से जो रूठे भटार , बे बुलाए बोले दरबार ये तीनों पश्म के यार

जो क़र्ज़ अर्थात ऋण के रुपये से व्यापार करे, जो अपनी पत्नी से रूठे, जो दरबार में बुलाए बगै़र बोले सब मूर्ख हैं

सुख दुख में जो रहे सहाई सजन वावा बोलें भाई

दोस्त वही है जो दुख दर्द में काम आए, दोस्त वही है जो हर हालत में काम आए

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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