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बिल्ली की आँखों पे पंजा न रखा जाना

दाँत पर न रखा जाना

बहुत ज़्यादा खारा और नमकीन होना, खट्टापन की अधिकता के कारण दांतों को अच्छा न लगना

कहीं का न रखा

किसी काम का ना छोड़ा, तबाह कर दिया, बर्बाद कर दिया

आँखों देखा सो जाना कानों सुना न माना

इंसान जो कुछ आँखों से देखे उस पर यक़ीन लाऐ सुनी सुनाई बात का क्या भरोसा

सर आँखों पे

पाँव आँखों पे होना

कम अक़्ल होना, आँखों पे पर्दा पड़ा होना

पाँव आँखों पे रखना

इज़्ज़त करना

मुलाज़िम रखा जाना

नौकर किया जाना, मुलाज़मत पर लेना

बिल्ली की मियाऊँ

बिलोनी की बू मुँह से न जाना

बचपन की ख़ूओबूओ मौजूद होना, अल्हड़ पन बाक़ी होना, नासमझ होना

मुँह पे खील उड़ के न जाना

कुछ ना खाना, बिलकुल ना खाना, मुँह तक खाने की कोई चीज़ ना जाना

पुलाव की रकाबी कहीं न जाना

आराम-ओ-आसाइश, ऐश आराम की ज़िंदगी में ख़लल ना आना

मुँह से दूध की बू न जाना

ना तजुर्बा कारी बाक़ी रहना, दूध पीने का ज़माना बरक़रार होना, अभी बच्चा होना, नादान होना

दस्तरख़्वान की बिल्ली

वो बिल्ली जो खाना खाने के वक़्त हाज़िर होजाती हो, (लाक्षणिक) काम चोर, निवाला हाज़िर आदमी, बिन बुलाया मेहमान

गांड़ में लंगोटी, न सर पे टोपी

अत्यन्त ग़रीब है, कुछ पहनने तक को प्रयाप्त नहीं है

रात आँखों आँखों में कट जाना

रात भर जागते रहना, बेख़ाब रहना

चोटी बिल्ली जलेबियों की रखवाली

जले पाँव की बिल्ली

परेशान रहने वाला, जो एक स्थान पर टिक न सके

मीठी बातों पे जाना

प्यार की बातों पर धोका खाना, नरम नरम बातों की वजह से फंस जाना

मुँह पे जाना

लिहाज़ करना, मुरव्वत बरतना, ख़्याल करना

मुँह पे ख़ुशामद न करना

लगी-लिपटी ना कहना, रास्त बाज़ और साफ़ गो होना, पासदारी ना करना

जले पाँव की बिल्ली

मुँह पे ज़र्दी खंड जाना

ख़ून का दौरान बंद हो कर मुँह ज़र्द पड़ जाना, मुर्दनी छाना, आसार मर्ग ज़ाहिर होना

घर की बिल्ली और घर ही में शिकार

घरेलू विवादों के समय प्रयुक्त, जब घर का ही कोई आदमी या अपने आश्रित रहने वाला व्यक्ति धोखा दे तो इस कहावत का प्रयोग किया जाता है

मुँह पे सितारे छूट जाना

(ख़ौफ़ या श्रम से) चेहरे का रंग फीका पड़ जाना, मुँह फ़क़ होना, मुँह पर हवाई छुटना

मुँह पे न थूकना

बहुत नफ़रत करना, निहायत हक़ीर और नाक़ाबिल इअलतफ़ात समझना

मुँह पे न रखना

۱۔ सामने ना कहना, रूबरू ना कहना

बिल्ली से छीछ्ड़ों की रखवाली

बददियानत आदमी से अमानतदारी नहीं होती

आँखों पे

आँखों की ठंडक

दम होंटों पे आ जाना

नज़ा का आलम होना, दम लबों पर आना

आँखों की अंधी

नासमझ, मूर्ख

आँखों की सफ़ाई

आँखों में खाए जाना

नज़र बचा कर भेद लेने या एतराज़ की नज़र से देखना

नंग की बेटी डूबती चली लोगों ने जाना मतवाली है

इज़्ज़त जाना, इज़्ज़त ना रहना, साख ख़त्म होना

न आँखों देखा, न कानों सुना

ऐसी बात ना कभी देखी ना सुनी (नाक़ाबिल-ए-यक़ीन बात के मुताल्लिक़ कहते हैं

आँखों की फ़स्दें लो

लम्बे पे जाना

(अक़ल या ग़ौर-ओ-फ़िक्र की) दूर तक रसाई होना, गहिरी बात का मफ़हूम समझना, असल हक़ीक़त तक पहुंचना

वो शाख़ ही न रही जिस पे आशियाना था

वो चीज़ ही बाक़ी ना रही जिस के लिए सब वलवले थे, मायूसी की हालत का इज़हार

आँखों देखी न कानों सुनी

इस मुआमले को न कभी ख़ुद देखा न किसी से सुना, ये बहुत ही अजीब-ओ-ग़रीब बात है, अविश्वसनीय बात

मुँह पे नूर न होना

चेहरे की शादाबी और ताज़गी जाती रहना, चेहरा बेरौनक होना

मुँह पे नाक न होना

बेग़ैरत, बेशरम होना, नंग-ओ-नामूस का ख़्याल ना होना, बेइज़्ज़त होना

रात आँखों में जाना

रात जागते हुए गुज़रना, रात भर नींद ना आना

आँखों की फ़स्दें खुलवाओ

आँखों का उपचार करो (ताकि देखने में ग़लती न करो), देखने की योग्यता पैदा करो

बिल्ली भी लड़ती है तो मुँह पर पंजा रख लेती है

हैवान भी लड़ने से शर्माते हैं, झगड़ालू व्यक्ति को शर्म दिलाने के लिए कहते हैं

आँखों की सूइयाँ रहना

(लफ़ज़न) (क़दीम दास्तानों में) सह्र ज़दा के सारे जिस्म की सोईयां निकल चिकना सिर्फ़ आंखों की बाक़ी रहना (जिन के निकलने के बाद जादू का असर दूर हो जाने का तसव्वुर वाबस्ता है), (मुरादन) काम की तकमील में थोड़ी सी कसर बाक़ी रहना

आँखों की सूइयाँ निकालना

तकमील कार में ज़रा सी कमर रह गई है उसे पूरा करना

नक़्शा आँखों में खिंच जाना

मुँह पे कुछ न रखना

۱۔ कुछ ना खाना

मुँह पे दाना न रखना

बिलकुल ना खाना, ज़रा ना खाना, नाम को ना खाना

हैए की आँखों से

आँखों में ख़ाक भी न डालूँ

(ओ)कुछ भी ना दूं (कुछ देने से इनकार में मुबालग़ा ज़ाहिर करने के लिए मुस्तामल)

मुँह पे लगा ले जाना

किसी ख़तरनाक चीज़ के सामने कर देना

मुँह पे पानी फिर जाना

۲۔ चेहरा भर जाना, तंदरुस्ती और सेहत की अलामत का ज़ाहिर होना

नींद आँखों में न पड़ना

नींद ना आना

दुनिया की आँखों में

सब की नज़रों में, लोगों के ख़याल में, सब के नज़दीक

बिसांद न जाना

आँखों की सील

(शाब्दिक) आँखों की तरी, आँखों की लाज, (अर्थात) लाज और शर्म

रस्ते पे आ जाना

इख़तियार करना , (अमल के लिए) आमादा होना, क़ाबू में आना

रास्ते पे आ जाना

नेक बिन जाना , सलामत रवी इख़तियार कर लेना, सीधा रास्ता इख़तियार करना , तौबा कर लेना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बिल्ली की आँखों पे पंजा न रखा जाना के अर्थदेखिए

बिल्ली की आँखों पे पंजा न रखा जाना

billii kii aa.nkho.n pe panja na rakhaa jaanaaبِلّی کی آن٘کھوں پہ پَنْجَہ نَہ رَکھا جانا

بِلّی کی آن٘کھوں پہ پَنْجَہ نَہ رَکھا جانا کے اردو معانی

  • بے شرمی اور بے مروتی عمل میں لانا.

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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बिल्ली की आँखों पे पंजा न रखा जाना

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