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"बापुत पूत पिता पर घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा" शब्द से संबंधित परिणाम

थोड़ा

केवल उतना, जितने से किसी तरह काम चल जाय। जैसे-कहीं से थोड़ा नमक ले आओ। क्रि० वि० अल्प मात्रा या मान में। कुछ। जरा। जैसे-थोड़ा ठहरकर चले जाना।

थोड़ा ही

(ज़ोर के तौर पर) नहीं, हरगिज़ नहीं

थोड़ा-सा

ज़रा सा, बहुत कम, कुछ, अनधिक

थोड़ा-थोड़ा

कुछ कुछ, कम-कम

थोड़ा-बहुत

थोड़ा या थोड़े से कुछ अधिक, किसी क़दर, थोड़ा सा

थोड़ा-थोड़ा होना

लज्जित होना, शर्मिंदा होना, पानी-पानी होना

थोड़ा करना

कम करना, घटाना

थोड़ा जानना

कम समझना, बेवुक़त समझना, (नफ़ी के साथ), चालाक ख़्याल करना

थोड़ा समझना

कम समझना, बेवुक़त समझना, (नफ़ी के साथ), चालाक ख़्याल करना

थोड़ा खाना सुखी रहना

लालच करना अच्छा नहीं होता, संतुष्टि और परिपूर्णता ग्रहण करना चाहिए, थोड़ा खाने से आदमी स्वस्थ रहता है

थोड़ा खाना बनारस में रहना

घर की आधी बाहर की सारी से अच्छी है, मातृभूमि की थोड़ी प्रवासी की बहुत से अच्छी है, हिन्दूओं का मानना है कि बनारस में भुखे रहना अच्छा है इस लिए कि वहाँ मरने वाले की मुक्ति हो जाती है

थोड़ा खाना देहली का रहना

ख़र्च इतना होना चाहिए कि आदमी 'इज़्ज़त और सम्मान से रहे या उसे वतन से जाने की ज़रूरत न पड़े, अर्थात ख़र्च इतना रखना कि 'इज़्ज़त बनी रहे या वतन न छूटे

थोड़ा खाना जवानी की मौत

जवान आदमी के लिए कम खाना हानिकारक है

थोड़ा लिखा बहुत समझना

ये फ़िक़रा ख़त के आख़िर में इस वक़्त लिखते हैं जब मकतूब अलैह को किसी काम की ताकीद मंज़ूर हो (मशंकात भी मुस्तामल हैं)

थोड़ा लिखा बहुत जानना

ये फ़िक़रा ख़त के आख़िर में इस वक़्त लिखते हैं जब मकतूब अलैह को किसी काम की ताकीद मंज़ूर हो (मशंकात भी मुस्तामल हैं)

थोड़ा देना बहुत आरज़ू करना

मामूली काम पर बहुत बदले की उम्मीद रखना, छोटी-छोटी चीजों के लिए बहुत पैसे की उम्मीद करना

थोड़ा आप को बहुत ग़ैर को

उस के मुताल्लिक़ कहते हैं जो अपनों को कम दे और दूसरों को ज़्यादा

थोड़ा करें ग़ाज़ी मियाँ , बहुत करें दफ़ाली

तारीफ़ करने वाले बेबुनियाद शौहरत देते हैं, ख़ुशामदी बढ़ चढ़ कर बातें बनाते और झूटी तारीफ़ें करते हैं, पैरों से बढ़ कर मुरीद चालाक होते हैं

जी थोड़ा-थोड़ा होना

हिम्मत पस्त होना, ग़मगीन होना, दुखी होना, उदास होना

दिल थोड़ा करना

हिम्मत हारना, बुज़दिली दिखाना

दिल थोड़ा होना

हिम्मत टूट जाना, हौसला कम होना

जीना थोड़ा आसा बहुत

जीवन कम होता है परंतु इच्छाएँ अधिक होती हैं

देना थोड़ा, दिलासा बहुत

कथन कुछ और, कर्म कुछ और

बापत पूत परापत घोड़ा कुछ नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

जो हो वो थोड़ा है

जिस क़दर गति बने इस के काबिल हो

नाम बहुत दर्शन थोड़ा

रुक : नाम बड़े दर्शन थोड़े

हलाल थोड़ा हराम बहुत

थोड़ी हलाल की कमाई में ज़्यादा बरकत होती है, हराम की बहुत में कुछ नहीं बनता , हलाल थोड़ा मिलता है हराम बहुत

भूसी बहुत आटा थोड़ा

बेकार चीज़ें बहुत, अच्छी थोड़ी, दिवालिया है, ग़रीब है

बापुत पूत पिता पर घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

बाप को पूत पिता पत घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

आप अपनी नज़र में थोड़ा होना

خود شرمندہ ہونا، اپنے آپ کو حقیر سمجھنا

हगना थोड़ा और पट पट बहुत

काम थोड़ा करना और शोर बहुत मचाना

हगना थोड़ा और भड़ भड़ बहुत

काम थोड़ा करना और शोर बहुत मचाना

लाला का घोड़ा खाए बहुत चले थोड़ा

पेटू और काम न करने वाला, नर्म मिज़ाज व्यक्ति के नौकर बहुत खाते हैं और काम कम करते हैं

कुल्हिया में गुड़ थोड़ा ही फूटता है

बुरा काम छुप कर नहीं हो सकता, भेद छुप नहीं सकता

लाला का घोड़ा खाए बहुत , चले थोड़ा

पेटू और काम ना करने वाले की निसबत बोलते हैं, नरम मिज़ाज आदमी के नौकर खाते बहुत हैं और काम कम करते हैं

होते ही न मरा जो कफ़न थोड़ा लगना

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

होते ही न मुवा जो कफ़न थोड़ा लगता

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

अल्लाह लाठी ले के थोड़ा ही मारता है

रुक: अल्लाह की लाठी में आवाज़ नहीं

ज़ोर थोड़ा, ग़ुस्सा बहुत, मार खाने की निशानी

दुर्बल क्रोधित व्यक्ति सामान्यतया मार खाता है

काटने वाले को थोड़ा, बटोरने वाले को बहुत

जो काम करे उसे थोड़ा जो बातें बनाए उसे बहुत मिल जाता है

ग़ुस्सा बहुत, ज़ोर थोड़ा, मार खाने की निशानी

कमज़ोर का क्रोध उसके अपमान का कारण बनता है

शादी है कुछ गुड़ियों का ब्याह थोड़ा ही है

जब कोई ब्याह पर बहुत कम ख़र्च करना चाहे तो कहते हैं, ब्याह पर बहुत ख़र्च होता है

राँड का साँड साैदागर का घोड़ा, खावे बहुत चले थोड़ा

बेसूरा और लाड-प्यार में पला हुआ व्यक्ति किसी योग्य नहीं होता दोनों हराम-ख़ोर होते हैं इन से कोई काम नहीं किया जाता

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बापुत पूत पिता पर घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा के अर्थदेखिए

बापुत पूत पिता पर घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा

baaput puut pitaa par gho.Daa bahut nahii.n to tho.Daa tho.Daaباپُت پُوت پِتا پَر گھوڑا بَہُت نَہیں تو تھوڑا تھوڑا

बापुत पूत पिता पर घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा के हिंदी अर्थ

  • प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

    उदाहरण बाज़ जगह बच्चा माँ बाप दोनों की शक्ल से मिलता जुलता होता है, जैसा कि हिंदी कहावत मशहूर है, बापत पूत पिता पर घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा।

باپُت پُوت پِتا پَر گھوڑا بَہُت نَہیں تو تھوڑا تھوڑا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ہرآدمی اور جانور میں اپنے باپ کی مزاجی خصوصیات پائی جاتی ہیں، اپنی نسل کا اثر ضرورآتا ہے، تخم کی تاثیر فطری ہوتی ہے

    مثال بعض جگہ بچہ ماں باپ دونوں کی شکل سے ملتا جلتا ہوتا ہے، جیسا کہ ایک ہندی کہاوت مشہور ہے، باپت پوت پتا پر گھوڑا بہت نہیں تو تھوڑا تھوڑا۔

Urdu meaning of baaput puut pitaa par gho.Daa bahut nahii.n to tho.Daa tho.Daa

  • Roman
  • Urdu

  • har aadamii aur jaanvar me.n apne baap kii mizaajii Khusuusiiyaat paa.ii jaatii hain, apnii nasal ka asar zaruur aataa hai, tuKhm kii taasiir fitrii hotii hai

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थोड़ा

केवल उतना, जितने से किसी तरह काम चल जाय। जैसे-कहीं से थोड़ा नमक ले आओ। क्रि० वि० अल्प मात्रा या मान में। कुछ। जरा। जैसे-थोड़ा ठहरकर चले जाना।

थोड़ा ही

(ज़ोर के तौर पर) नहीं, हरगिज़ नहीं

थोड़ा-सा

ज़रा सा, बहुत कम, कुछ, अनधिक

थोड़ा-थोड़ा

कुछ कुछ, कम-कम

थोड़ा-बहुत

थोड़ा या थोड़े से कुछ अधिक, किसी क़दर, थोड़ा सा

थोड़ा-थोड़ा होना

लज्जित होना, शर्मिंदा होना, पानी-पानी होना

थोड़ा करना

कम करना, घटाना

थोड़ा जानना

कम समझना, बेवुक़त समझना, (नफ़ी के साथ), चालाक ख़्याल करना

थोड़ा समझना

कम समझना, बेवुक़त समझना, (नफ़ी के साथ), चालाक ख़्याल करना

थोड़ा खाना सुखी रहना

लालच करना अच्छा नहीं होता, संतुष्टि और परिपूर्णता ग्रहण करना चाहिए, थोड़ा खाने से आदमी स्वस्थ रहता है

थोड़ा खाना बनारस में रहना

घर की आधी बाहर की सारी से अच्छी है, मातृभूमि की थोड़ी प्रवासी की बहुत से अच्छी है, हिन्दूओं का मानना है कि बनारस में भुखे रहना अच्छा है इस लिए कि वहाँ मरने वाले की मुक्ति हो जाती है

थोड़ा खाना देहली का रहना

ख़र्च इतना होना चाहिए कि आदमी 'इज़्ज़त और सम्मान से रहे या उसे वतन से जाने की ज़रूरत न पड़े, अर्थात ख़र्च इतना रखना कि 'इज़्ज़त बनी रहे या वतन न छूटे

थोड़ा खाना जवानी की मौत

जवान आदमी के लिए कम खाना हानिकारक है

थोड़ा लिखा बहुत समझना

ये फ़िक़रा ख़त के आख़िर में इस वक़्त लिखते हैं जब मकतूब अलैह को किसी काम की ताकीद मंज़ूर हो (मशंकात भी मुस्तामल हैं)

थोड़ा लिखा बहुत जानना

ये फ़िक़रा ख़त के आख़िर में इस वक़्त लिखते हैं जब मकतूब अलैह को किसी काम की ताकीद मंज़ूर हो (मशंकात भी मुस्तामल हैं)

थोड़ा देना बहुत आरज़ू करना

मामूली काम पर बहुत बदले की उम्मीद रखना, छोटी-छोटी चीजों के लिए बहुत पैसे की उम्मीद करना

थोड़ा आप को बहुत ग़ैर को

उस के मुताल्लिक़ कहते हैं जो अपनों को कम दे और दूसरों को ज़्यादा

थोड़ा करें ग़ाज़ी मियाँ , बहुत करें दफ़ाली

तारीफ़ करने वाले बेबुनियाद शौहरत देते हैं, ख़ुशामदी बढ़ चढ़ कर बातें बनाते और झूटी तारीफ़ें करते हैं, पैरों से बढ़ कर मुरीद चालाक होते हैं

जी थोड़ा-थोड़ा होना

हिम्मत पस्त होना, ग़मगीन होना, दुखी होना, उदास होना

दिल थोड़ा करना

हिम्मत हारना, बुज़दिली दिखाना

दिल थोड़ा होना

हिम्मत टूट जाना, हौसला कम होना

जीना थोड़ा आसा बहुत

जीवन कम होता है परंतु इच्छाएँ अधिक होती हैं

देना थोड़ा, दिलासा बहुत

कथन कुछ और, कर्म कुछ और

बापत पूत परापत घोड़ा कुछ नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

जो हो वो थोड़ा है

जिस क़दर गति बने इस के काबिल हो

नाम बहुत दर्शन थोड़ा

रुक : नाम बड़े दर्शन थोड़े

हलाल थोड़ा हराम बहुत

थोड़ी हलाल की कमाई में ज़्यादा बरकत होती है, हराम की बहुत में कुछ नहीं बनता , हलाल थोड़ा मिलता है हराम बहुत

भूसी बहुत आटा थोड़ा

बेकार चीज़ें बहुत, अच्छी थोड़ी, दिवालिया है, ग़रीब है

बापुत पूत पिता पर घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

बाप को पूत पिता पत घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

आप अपनी नज़र में थोड़ा होना

خود شرمندہ ہونا، اپنے آپ کو حقیر سمجھنا

हगना थोड़ा और पट पट बहुत

काम थोड़ा करना और शोर बहुत मचाना

हगना थोड़ा और भड़ भड़ बहुत

काम थोड़ा करना और शोर बहुत मचाना

लाला का घोड़ा खाए बहुत चले थोड़ा

पेटू और काम न करने वाला, नर्म मिज़ाज व्यक्ति के नौकर बहुत खाते हैं और काम कम करते हैं

कुल्हिया में गुड़ थोड़ा ही फूटता है

बुरा काम छुप कर नहीं हो सकता, भेद छुप नहीं सकता

लाला का घोड़ा खाए बहुत , चले थोड़ा

पेटू और काम ना करने वाले की निसबत बोलते हैं, नरम मिज़ाज आदमी के नौकर खाते बहुत हैं और काम कम करते हैं

होते ही न मरा जो कफ़न थोड़ा लगना

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

होते ही न मुवा जो कफ़न थोड़ा लगता

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

अल्लाह लाठी ले के थोड़ा ही मारता है

रुक: अल्लाह की लाठी में आवाज़ नहीं

ज़ोर थोड़ा, ग़ुस्सा बहुत, मार खाने की निशानी

दुर्बल क्रोधित व्यक्ति सामान्यतया मार खाता है

काटने वाले को थोड़ा, बटोरने वाले को बहुत

जो काम करे उसे थोड़ा जो बातें बनाए उसे बहुत मिल जाता है

ग़ुस्सा बहुत, ज़ोर थोड़ा, मार खाने की निशानी

कमज़ोर का क्रोध उसके अपमान का कारण बनता है

शादी है कुछ गुड़ियों का ब्याह थोड़ा ही है

जब कोई ब्याह पर बहुत कम ख़र्च करना चाहे तो कहते हैं, ब्याह पर बहुत ख़र्च होता है

राँड का साँड साैदागर का घोड़ा, खावे बहुत चले थोड़ा

बेसूरा और लाड-प्यार में पला हुआ व्यक्ति किसी योग्य नहीं होता दोनों हराम-ख़ोर होते हैं इन से कोई काम नहीं किया जाता

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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