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नीस्त

नष्ट, बरबाद, जो न हो, नहीं है, नास्ति, ध्वस्त,

नीस्ताँ

ऊंख का खेत

नीस्त-नाबूद

जड़मूल से नष्ट, समूल नष्ट, नष्ट-भ्रष्ट, बरबाद, विनाश, विनष्ट, विध्वस्त

नीस्त-नुमाई

معدومیت ظاہر کرنا ؛ (تصوف) ایجاد ، تکوین ۔

नीस्त-ओ-नाबूद

विनाश, विनष्ट, विध्वस्त

नीस्त हस्त-नुमा

(تصوف) ممکنات اور مخلوقات کو کہتے ہیں کہ فی نفسہٖ نیست و نابود ہیں ہستی حق کی ہے مخلوقات قوالب موہومہ ہیں

नीस्त-ओ-नाबूद हो जाना

برباد ہونا، فنا ہو جانا، ناپید ہو جانا، نام و نشان نہ رہنا

नीस्त-ओ-नाबूद करना

तबाह कर देना, पूरी तरह से बर्बाद करना

नीस्त-ओ-नाबूद होना

मिट्टी में मिलना, फ़ना होना या मिटना, बर्बाद होना या विनाश होना, नाम और नीशान न रहना अर्थात नष्ट भ्रष्ट हो जाना

नीस्ती-ख़ोर

ग़रीब, मुफ़्लिस, कंगाल

नीस्त-ओ-नाबूद कर देना

जड़ से खोदना , बीख़-ओ-बुनियाद से खोदना, ख़त्म कर देना, नाम बाक़ी ना रखना, तबाह-ओ-बर्बाद करना

नीस्ती-ख़ोरी

बहुत आलस्य एवं सुस्ती फैलाने वाली, दिन को भी सोने वाली (औरत)

नीस्ती-ख़ोरा

फ़िक़रा । ग़रीब कंगाल है

नीस्त को हस्त करना

अस्तित्वहीनता को अस्तित्व में लाना, पैदा करना

नीस्त से हस्त करना

नामुमकिन को मुम्किन बनाना

नीस्ती-भरा

ग़रीबी, मनहूस, अभागा, बुरा नसीब, बुरी क़िस्मत, मुसीबत का मारा, अभागी

नीस्ती-पीटा

نیستی بھرا ، نیستی مارا ۔

नीस्ती में बर-ख़ुरदारी

मुफ़लिसी में औलाद, तंगदस्ती में ख़र्च का मौक़ा, मुफ़लिसी में आटा गीला

नीस्ती और बर-ख़ुरदारी

रुक : नीस्ती में बरखु़र्दारी, ग़रीबी और औलाद की कसरत, मुफ़लिसी में कसरत-ए-अयालदारी

नीस्ती छाना

नहूसत छाना, दलिद्दर आना, साड़-सती आना, दुर्भाग्य का होना

नीस्त होना

मिटना, मादूम होना, फ़ना होना, मर जाना

नीस्त करना

बर्बाद करना, उजाड़ना, नष्ट करना, मिटाना

नीस्त जानना

(अपने को) कुछ ना समझना, ग़ैर अहम जानना, मादूम गर्दानना

नीस्त हो जाना

रुक : नीस्त होना

नीस्त कर देना

संहार करना, मिटा देना

नीस्ती करना

(कुश्ती) ऐसा दांव लगाना जो कुश्ती के नियमों के विरुद्ध हो और प्रतिद्वंद्वी को झटका लगे, इंद्री चढ़ाना

नीस्ती फैलाना

नहूसत फैलाना, प्रतीकात्मक: (दिन को) बहुत सोना

नीस्ती का मारा

दुर्दशाग्रस्त, अभागा, दुर्भाग्य वाला, बुरे भाग्य वाला, अशुभ, दरिद्रता

निस्तार-निहार

मुक्तिदाता, उद्धारकर्ता

निस्तारा

(संकेतात्मक) कृपा की बढ़ोतरी

निस्तारना

उद्धार करना। छुड़ाना।

निस्तारण

निकालने की क्रिया या भाव

निस्तारा करना

रिहाई दिलाना, रिहा करना , (हिंदू) आवागवन के सिलसिले से आज़ादी दिलाना, क़र्ज़ अदा करना , बदला देना

निस्तार डालना

रहमत-ओ-बरकत से सरफ़राज़ करना

हर किरा सब्र नीस्त हिकमत नीस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)जिस शख़्स में सब्र नहीं इस में अक़ल नहीं होती, बेसबर आदमी सोच समझ के काम नहीं कर सकता

हस्त-नीस्त

शाब्दिक: हाँ नहीं, अर्थात: हाँ न, इनकार और इक़रार, इनकार और स्वीकारोक्ति

ख़ल्क़ ख़ुदा तंग नीस्त , पाए मरा लंग नीस्त

دُنیا تنگ نہیں اور میرا پان٘و لنگڑا نہیں ، مُراد : انسان ہمَت کرے تو جہاں چاہے جا سکتا ہے اور قسمت آزمائی کر سکتا ہے (اصلاً فارسی کہاوت اس طرح ہے : مُلْکِ خُدا تَنْگ نِیسْت بائے گَدا لَنگ نِیسْت) .

मुल्क-ए-ख़ुदा तंग नीस्त, पा-ए-मुरा लंग नीस्त

दुनिया बहुत विस्तरित है और फ़क़ीर चलने फिरने से विवश एवं अक्षम नहीं

पंज अंगुश्त बराबर नीस्त

پان٘چوں ان٘گلیاں برابر نہیں ، (مراد) سب انسان مختلف طبائع کے ہوتے ہیں ، سب آدمی یکساں نہیں ہوتے

हस्त-ओ-नीस्त

हाँ नहीं, हाँ या ना

शिग़ाले रा मुयस्सर नीस्त अंगूर

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) गीदड़ को अंगूर मयस्सर नहीं, जब कोई किसी चीज़ का अहल ना हो तो बोलते हैं

ज़र नीस्त 'इश्क़ टें टें

कंगाली में मुहब्बत नहीं होती, माली सामर्थ्य के बिना प्रेम का दावा बेकार एवं अयोग्य भरोसा होता है

हर चीज़ दरख़शंदा तिला नीस्त

हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती, किसी चीज़ की ज़ाहिरी हालत से धोका नहीं खाना चाहिए

दोबारा नीस्त कस रा ज़िंदगानी

کسی کو دنیا میں دوبارہ زندگی نہیں ملتی

ख़ुद कर्दा रा 'इलाज नीस्त

अपने किए का क्या इलाज और क्या दवा-दारू

ख़ुद कर्दा रा 'इलाजे नीस्त

there is no remedy for one's own wrongdoing

हस्त से नीस्त होना

वजूद का फ़ना होना, मादूम हो जाना, ख़त्म हो जाना

सलाम-ए-रोस्ताई बे ग़रज़ नीस्त

दहक़ाँ का सलाम बुला ग़रज़ नहीं होता, ग़रज़ के लिए ख़ुशामद करनी पड़ती है, ख़ुशामद के मौक़ा पर मुस्तामल, ग़रज़मंदाना सलाम

कार-ए-सग नीस्त ब मस्जिद ज़नहर

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) कुत्ते को मस्जिद से हरगिज़ कोई काम नहीं होता, मस्जिद में कुत्ते का क्या काम

हुस्न-ए-ख़ुदादाद रा हाजत-ए-मश्शाता नीस्त

ख़ूओबसोरत को बनाओ सिंगार की ज़रूरत नहीं होती

हाजत-ए-मश्शाता नीस्त रू-ए-दिल आराम रा

beauty needs no ornaments

दर कार-ए-ख़ैर हाजत-ए-हेच-इस्तिख़ारा नीस्त

अच्छे काम में सोच बिचार कैसा, भलाई करते समय परिणाम पर ध्यान होना चाहिए

हर रोज़ 'ईद नीस्त कि हल्वा ख़ूरद कसे

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर रोज़ ईद नहीं है कि कोई हलवा खाए , रोज़ रोज़ उम्दा मौक़ा हाथ नहीं आता , हर रोज़ ख़ुशी हासिल नहीं होती, ज़माना एक सा नहीं रहता, (बिलउमूम ऐसे मौके़ पर मुस्तामल जब कोई एक बार कुछ पाने के बाद फिर फ़ायदे की उम्मीद रखे)

हर किरा नीस्त अदब लाइक़-ए-सोहबत नबुवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)जिस शख़्स में अदब नहीं वो सोहबत के लायक़ नहीं यानी बेअदब आदमी की सोहबत से गुरेज़ करो

ख़ुद कर्दा रा चे 'इलाज, ख़ुद कर्दा रा 'इलाजे नीस्त

अपने किए का क्या इलाज और क्या दवा-दारू, अपने किए का कोई 'इलाज नहीं इस लिए संतोष करना चाहिए

हेच कमाल नीस्त

कुछ कमाल की बात नहीं, आम सी बात है, मामूली बात है

मर्द बायद कि हरासाँ न शवद , मुश्किले नीस्त कि आसाँ न शवद

(फ़ारसी शेअर उर्दू में बतौर मक़ूला मुस्तामल) आदमी को चाहिए कि हिरासाँ ना हो, कोई मुश्किल ऐसी नहीं है कि जो आसां ना हो जाये

मुश्किले नीस्त कि आसाँ न शवद , मर्द बायद कि हरासाँ न शवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर मुश्किल आसान हो जाती है, इंसान को चाहिए कि हिरासाँ ना हो, नाउम्मीद ना होना चाहिए , मुसीबत से मुक़ाबला करने के वक़्त कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में अंधे की जोरू का ख़ुदा रखवाला के अर्थदेखिए

अंधे की जोरू का ख़ुदा रखवाला

andhe kii joruu kaa KHudaa rakhvaalaaاَنْدھے کی جورُو کا خُدا رَکْھوالا

अथवा : अंधे की जोरू का अल्लाह बेली

कहावत

अंधे की जोरू का ख़ुदा रखवाला के हिंदी अर्थ

  • मूर्ख का माल जिसका जी चाहता है खाता है

اَنْدھے کی جورُو کا خُدا رَکْھوالا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بے وقوف کا مال جس کا جی چاہتا ہے کھاتا ہے

Urdu meaning of andhe kii joruu kaa KHudaa rakhvaalaa

  • Roman
  • Urdu

  • bevaquuf ka maal jis ka jii chaahtaa hai khaataa hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

नीस्त

नष्ट, बरबाद, जो न हो, नहीं है, नास्ति, ध्वस्त,

नीस्ताँ

ऊंख का खेत

नीस्त-नाबूद

जड़मूल से नष्ट, समूल नष्ट, नष्ट-भ्रष्ट, बरबाद, विनाश, विनष्ट, विध्वस्त

नीस्त-नुमाई

معدومیت ظاہر کرنا ؛ (تصوف) ایجاد ، تکوین ۔

नीस्त-ओ-नाबूद

विनाश, विनष्ट, विध्वस्त

नीस्त हस्त-नुमा

(تصوف) ممکنات اور مخلوقات کو کہتے ہیں کہ فی نفسہٖ نیست و نابود ہیں ہستی حق کی ہے مخلوقات قوالب موہومہ ہیں

नीस्त-ओ-नाबूद हो जाना

برباد ہونا، فنا ہو جانا، ناپید ہو جانا، نام و نشان نہ رہنا

नीस्त-ओ-नाबूद करना

तबाह कर देना, पूरी तरह से बर्बाद करना

नीस्त-ओ-नाबूद होना

मिट्टी में मिलना, फ़ना होना या मिटना, बर्बाद होना या विनाश होना, नाम और नीशान न रहना अर्थात नष्ट भ्रष्ट हो जाना

नीस्ती-ख़ोर

ग़रीब, मुफ़्लिस, कंगाल

नीस्त-ओ-नाबूद कर देना

जड़ से खोदना , बीख़-ओ-बुनियाद से खोदना, ख़त्म कर देना, नाम बाक़ी ना रखना, तबाह-ओ-बर्बाद करना

नीस्ती-ख़ोरी

बहुत आलस्य एवं सुस्ती फैलाने वाली, दिन को भी सोने वाली (औरत)

नीस्ती-ख़ोरा

फ़िक़रा । ग़रीब कंगाल है

नीस्त को हस्त करना

अस्तित्वहीनता को अस्तित्व में लाना, पैदा करना

नीस्त से हस्त करना

नामुमकिन को मुम्किन बनाना

नीस्ती-भरा

ग़रीबी, मनहूस, अभागा, बुरा नसीब, बुरी क़िस्मत, मुसीबत का मारा, अभागी

नीस्ती-पीटा

نیستی بھرا ، نیستی مارا ۔

नीस्ती में बर-ख़ुरदारी

मुफ़लिसी में औलाद, तंगदस्ती में ख़र्च का मौक़ा, मुफ़लिसी में आटा गीला

नीस्ती और बर-ख़ुरदारी

रुक : नीस्ती में बरखु़र्दारी, ग़रीबी और औलाद की कसरत, मुफ़लिसी में कसरत-ए-अयालदारी

नीस्ती छाना

नहूसत छाना, दलिद्दर आना, साड़-सती आना, दुर्भाग्य का होना

नीस्त होना

मिटना, मादूम होना, फ़ना होना, मर जाना

नीस्त करना

बर्बाद करना, उजाड़ना, नष्ट करना, मिटाना

नीस्त जानना

(अपने को) कुछ ना समझना, ग़ैर अहम जानना, मादूम गर्दानना

नीस्त हो जाना

रुक : नीस्त होना

नीस्त कर देना

संहार करना, मिटा देना

नीस्ती करना

(कुश्ती) ऐसा दांव लगाना जो कुश्ती के नियमों के विरुद्ध हो और प्रतिद्वंद्वी को झटका लगे, इंद्री चढ़ाना

नीस्ती फैलाना

नहूसत फैलाना, प्रतीकात्मक: (दिन को) बहुत सोना

नीस्ती का मारा

दुर्दशाग्रस्त, अभागा, दुर्भाग्य वाला, बुरे भाग्य वाला, अशुभ, दरिद्रता

निस्तार-निहार

मुक्तिदाता, उद्धारकर्ता

निस्तारा

(संकेतात्मक) कृपा की बढ़ोतरी

निस्तारना

उद्धार करना। छुड़ाना।

निस्तारण

निकालने की क्रिया या भाव

निस्तारा करना

रिहाई दिलाना, रिहा करना , (हिंदू) आवागवन के सिलसिले से आज़ादी दिलाना, क़र्ज़ अदा करना , बदला देना

निस्तार डालना

रहमत-ओ-बरकत से सरफ़राज़ करना

हर किरा सब्र नीस्त हिकमत नीस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)जिस शख़्स में सब्र नहीं इस में अक़ल नहीं होती, बेसबर आदमी सोच समझ के काम नहीं कर सकता

हस्त-नीस्त

शाब्दिक: हाँ नहीं, अर्थात: हाँ न, इनकार और इक़रार, इनकार और स्वीकारोक्ति

ख़ल्क़ ख़ुदा तंग नीस्त , पाए मरा लंग नीस्त

دُنیا تنگ نہیں اور میرا پان٘و لنگڑا نہیں ، مُراد : انسان ہمَت کرے تو جہاں چاہے جا سکتا ہے اور قسمت آزمائی کر سکتا ہے (اصلاً فارسی کہاوت اس طرح ہے : مُلْکِ خُدا تَنْگ نِیسْت بائے گَدا لَنگ نِیسْت) .

मुल्क-ए-ख़ुदा तंग नीस्त, पा-ए-मुरा लंग नीस्त

दुनिया बहुत विस्तरित है और फ़क़ीर चलने फिरने से विवश एवं अक्षम नहीं

पंज अंगुश्त बराबर नीस्त

پان٘چوں ان٘گلیاں برابر نہیں ، (مراد) سب انسان مختلف طبائع کے ہوتے ہیں ، سب آدمی یکساں نہیں ہوتے

हस्त-ओ-नीस्त

हाँ नहीं, हाँ या ना

शिग़ाले रा मुयस्सर नीस्त अंगूर

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) गीदड़ को अंगूर मयस्सर नहीं, जब कोई किसी चीज़ का अहल ना हो तो बोलते हैं

ज़र नीस्त 'इश्क़ टें टें

कंगाली में मुहब्बत नहीं होती, माली सामर्थ्य के बिना प्रेम का दावा बेकार एवं अयोग्य भरोसा होता है

हर चीज़ दरख़शंदा तिला नीस्त

हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती, किसी चीज़ की ज़ाहिरी हालत से धोका नहीं खाना चाहिए

दोबारा नीस्त कस रा ज़िंदगानी

کسی کو دنیا میں دوبارہ زندگی نہیں ملتی

ख़ुद कर्दा रा 'इलाज नीस्त

अपने किए का क्या इलाज और क्या दवा-दारू

ख़ुद कर्दा रा 'इलाजे नीस्त

there is no remedy for one's own wrongdoing

हस्त से नीस्त होना

वजूद का फ़ना होना, मादूम हो जाना, ख़त्म हो जाना

सलाम-ए-रोस्ताई बे ग़रज़ नीस्त

दहक़ाँ का सलाम बुला ग़रज़ नहीं होता, ग़रज़ के लिए ख़ुशामद करनी पड़ती है, ख़ुशामद के मौक़ा पर मुस्तामल, ग़रज़मंदाना सलाम

कार-ए-सग नीस्त ब मस्जिद ज़नहर

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) कुत्ते को मस्जिद से हरगिज़ कोई काम नहीं होता, मस्जिद में कुत्ते का क्या काम

हुस्न-ए-ख़ुदादाद रा हाजत-ए-मश्शाता नीस्त

ख़ूओबसोरत को बनाओ सिंगार की ज़रूरत नहीं होती

हाजत-ए-मश्शाता नीस्त रू-ए-दिल आराम रा

beauty needs no ornaments

दर कार-ए-ख़ैर हाजत-ए-हेच-इस्तिख़ारा नीस्त

अच्छे काम में सोच बिचार कैसा, भलाई करते समय परिणाम पर ध्यान होना चाहिए

हर रोज़ 'ईद नीस्त कि हल्वा ख़ूरद कसे

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर रोज़ ईद नहीं है कि कोई हलवा खाए , रोज़ रोज़ उम्दा मौक़ा हाथ नहीं आता , हर रोज़ ख़ुशी हासिल नहीं होती, ज़माना एक सा नहीं रहता, (बिलउमूम ऐसे मौके़ पर मुस्तामल जब कोई एक बार कुछ पाने के बाद फिर फ़ायदे की उम्मीद रखे)

हर किरा नीस्त अदब लाइक़-ए-सोहबत नबुवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)जिस शख़्स में अदब नहीं वो सोहबत के लायक़ नहीं यानी बेअदब आदमी की सोहबत से गुरेज़ करो

ख़ुद कर्दा रा चे 'इलाज, ख़ुद कर्दा रा 'इलाजे नीस्त

अपने किए का क्या इलाज और क्या दवा-दारू, अपने किए का कोई 'इलाज नहीं इस लिए संतोष करना चाहिए

हेच कमाल नीस्त

कुछ कमाल की बात नहीं, आम सी बात है, मामूली बात है

मर्द बायद कि हरासाँ न शवद , मुश्किले नीस्त कि आसाँ न शवद

(फ़ारसी शेअर उर्दू में बतौर मक़ूला मुस्तामल) आदमी को चाहिए कि हिरासाँ ना हो, कोई मुश्किल ऐसी नहीं है कि जो आसां ना हो जाये

मुश्किले नीस्त कि आसाँ न शवद , मर्द बायद कि हरासाँ न शवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर मुश्किल आसान हो जाती है, इंसान को चाहिए कि हिरासाँ ना हो, नाउम्मीद ना होना चाहिए , मुसीबत से मुक़ाबला करने के वक़्त कहते हैं

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