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'आम इस से कि

इस से लेना-देना नहीं कि, इससे अतिरिक्त

इस से क्या हासिल कि शेरशाह की दाढ़ी बड़ी थी या सलीम शाह की

बेकार बहस अथवा तकरार के अवसर पर बोलते हैं

इस से क्या हासिल कि शाह जहाँ की दाढ़ी बड़ी थी या 'आलम-गीर की

अत्यधिक वाद विवाद व्यर्थ होता है, अनावश्यक चर्चा से क्या लाभ

इस की रू से

according to

इस की जूती से

he (or she, etc.) doesn't care two hoots

यूँ मत मान गुमान कर कि मैं हूँ बड़ा जवान, तुझ से इस संसार में लाखों हैं बलवान

अपने आप को बहुत आला नहीं समझना चाहिये ऐसे बलवान लाखों इस संसार में हैं

यूँ मत मान गुमान कर कि मैं हूँ बड़ा जवान, तुझ से इस संसार में लाखों हैं बल वान

यूँ मत मान गुमान कर कि मैं हूँ बड़ा जवान, तुझ से इस संसार में लाखों हैं बल वान

यूँ मत मान गुमान कर कि मैं हूँ शेर जवान, तुझ से इस संसार में लाखों हैं बलवान

अपने आप को बहुत आला नहीं समझना चाहिये ऐसे बलवान लाखों इस संसार में हैं

सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

सब जीते जी के झगड़े हैं ये तेरा ये मेरा है जब चल बसे इस दुनिया से ना तेरा है ना मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती, यह सब ज़िंदगी के ही झगड़े हैं

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल के बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

बुरे कर्म का परिणाम बुरा होता है, बुरे काम का नतीजा बुरा

काँटे बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

बुरा काम करके भलाई की आशा रखना, फ़ुज़ूल और मुर्खतापूर्ण क्रिया है, जैसा बोओगे वैसा काटोगे, जौ बोओ गे तो गेहूं कैसे काटोगे, जौ बोओगे तो जौ ही काटोगे

करनी करे तो क्यूँ डरे, कर के क्यूँ पछताय, बोवे पेड़ बबूल के, आम कहाँ से खाय

जो बात करनी चाहो करो डरो नहीं और कर के फिर पछताना नहीं चाहिए

करनी करे तो क्यूँ करे और करके पछताए, पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

जो बात करनी चाहो करो डरो नहीं और कर के फिर पछताना नहीं चाहिए

मेरी तरफ़ से उस के दिल में चोर है

उसे मुझ से ख़ौफ़ है, उसे मुझ से डर है

मैं उस की सूरत से भी वाक़िफ़ नहीं

मैं ने उसे कभी देखा भी नहीं

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

आधी के बबर भी कोई उस के हाथ से न खावे

किसी से अत्यधिक अरुचि एवं घृणा के अवसर पर उसे तिरस्कृत करने के लिए प्रयुक्त

जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए

जिस को एक बार अच्छा कहा जाए उसे बुरा नहीं कहना चाहिए

आँसूओं से मुँह धोना

अत्यधिक रोना

मुँह आँसूओं से धोना

weep bitterly

उस नर को न सीख सुहावे, नेह फंद में जो फँस जावे

प्रेमी पर सीख का असर नहीं होता

उस पुरखा की बात पर नाह भरोसा राख, बार-बार जो बोले झूठ दिन भर माँ सौ लाख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

झुके जो कोई उस से झुक जाइए, रुके आप से उस से रुक जाइए

जो व्यक्ति अच्छी तरह मिले उस से अच्छी तरह मिलिए और जो न मिलना चाहे उस से दूर रहिए अर्थात जो अकड़े उस से अकड़ जाना चाहिए

आप का इस में क्या बिगड़ता है

आपका क्या नुक़्सान है

जिस का मुँह नहीं देखा उस के तलवे देखे

जिस से हमेशा घृणा थी उसी से मन्नत करनी पड़ी

बासन से वही टपकता है जो उस में भरा है

घ‌ड़े में जो होगा वही टपकेगा, जिस्की बुद्धी जैसी होगी वैसी ही वाणी उसकी ज़बान पर आएगी

यार की यारी से मतलब न कि उस के फ़'लों से

मित्र की मित्रता से उद्देश्य है उसके कार्यों से क्या मतलब, यह कहावत दोस्त के दोषों पर ध्यान न देने के अवसर पर बोलते हैं

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

इस कोठे के धान उस कोठे में करना

carry out a useless work

यार की यारी से काम उस के फे़'लों से क्या काम

मित्र की मित्रता से उद्देश्य है उसके कार्यों से क्या मतलब, यह कहावत दोस्त के दोषों पर ध्यान न देने के अवसर पर बोलते हैं

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

गधे की आँख में नोन दिया, उस ने कहा, मेरी आँखें फोड़ दीं

तुच्छ आदमी एहसान नहीं मानता

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे होवे बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

ख़ुदा इस का मुँह काला करे

( शाप) अल्लाह उसे अपमानित करे

उस की लाठी में आवाज़ नहीं

ज़ालिम पर अचानक मुसीबत आती है

जिस को हराम के टुकरों का मज़ा लगा, उस से मेहनत कब हो सके

जिस को बैठे बिठाए खंए को मिले इस से मेहनत नहीं हो सकती

का'बा हो तो उस की तरफ़ मुँह न करूँ

किसी जगह से इस क़दर बेज़ार और तंग होना कि अगर वो जगह मुक़ाम मुक़द्दस और ख़ुदा का घर भी बिन जाये तो उधर का रुख़ ना करना ग़रज़ निहायत बेज़ार तंग और आजिज़ हो जाने के मौक़ा पर ये फ़िक़रा बोला जाता है

इस कोठी के धान उस कोठी में करना

व्यर्थ काम करना, बेसूद काम करना, समय व्यतीत करना

उस नर के भी एक दिन, पड़े गले में फाँद, जिसने चोरी लूट पर लई कमरिया बाँध

चोर एक न एक दिन पकड़ा जाएगा, चोरी और लूट करने वाला आदमी बहुत दिनों तक स्वतंत्र नहीं घूम सकता

इस की न सही

ये निश्चित न था, उसकी बुराई न थी, यह अनियमित और सिद्धांत के विरुद्ध है

ठेका ले उस काम का जो तुझ से होवे ठीक

जिस काम को आदमी अच्छी तरह कर सकता है उस का ठेका या ज़िम्मा लेना चाहिए

जीव किसी का मत सता जब लग पार बसाए,काँटे हैं उस राह में उस बटया मत जाए

लोगों को सताना अच्छी बात नहीं

बाप मरा बेटा भया, इस का टोटा उस में गया

निर्धन के यहाँ बूढ़ा व्यक्ति मर जाए तो एक मुफ़्त खाने वाला कम हो जाता है परंतु एक बच्चा जन्मे तो कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता खाने वाले उतने ही रहते हैं

जिस गाँव जाना नहीं उस के कोसों से क्या मतलब

रुक : जिस पाट नहीं चलना अलख

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में धरे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

उस नर के भी एक दिन, पड़े गले में फाँद, जिस ने चोरी लूट पर ली कमर बाँध

चोर एक न एक दिन पकड़ा जाएगा, चोरी और लूट करने वाला आदमी बहुत दिनों तक स्वतंत्र नहीं घूम सकता

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

मैं ने क्या उसकी खीर खाई है

मैं आभारी नहीं हूँ

टुकड़ा सा तोड़ के हाथ में दे देना

लगी लिपटी ना रखना, साफ़ जवाब देना, दो टोक जवाब देना, इनकार करदेना

दिल में आई को रक्खे सो भड़वा

जो बात दिल में आए वह कह देनी चाहिए, जो व्यक्ति अप्रिय बात कहना चाहे तो वह भूमिका के रूप में कहता है

आप का इस में क्या इजारा

आपका ठेका नहीं, आप क्यों हस्तक्षेप करते है

मौत के मुँह से छुड़ाना

बड़ी मुसीबत से छुटकारा दिलाना, बड़े ख़तरे से बचाना

अपने बछड़े के दाँत दूर से मा'लूम होते हैं

अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं

माँ रोवे तलवार के घाव से, बाप रोवे तीर के घाव से

अयोग्य एवं बदचलन संतान अपने माँ-बाप को सताती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में 'आम इस से कि के अर्थदेखिए

'आम इस से कि

'aam is se kiعام اِس سے کہ

'आम इस से कि के हिंदी अर्थ

अरबी, हिंदी - क्रिया-विशेषण

  • इस से लेना-देना नहीं कि, इससे अतिरिक्त

English meaning of 'aam is se ki

Arabic, Hindi - Adverb

  • including the case in which

عام اِس سے کہ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

عربی، ہندی - فعل متعلق

  • عام ازیں کہ، اس سے غرض نہیں کہ، اس سے قطع نظر

Urdu meaning of 'aam is se ki

  • Roman
  • Urdu

  • aam azii.n ki, is se Garaz nahii.n ki, is se qataa nazar

'आम इस से कि के पर्यायवाची शब्द

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'आम इस से कि

इस से लेना-देना नहीं कि, इससे अतिरिक्त

इस से क्या हासिल कि शेरशाह की दाढ़ी बड़ी थी या सलीम शाह की

बेकार बहस अथवा तकरार के अवसर पर बोलते हैं

इस से क्या हासिल कि शाह जहाँ की दाढ़ी बड़ी थी या 'आलम-गीर की

अत्यधिक वाद विवाद व्यर्थ होता है, अनावश्यक चर्चा से क्या लाभ

इस की रू से

according to

इस की जूती से

he (or she, etc.) doesn't care two hoots

यूँ मत मान गुमान कर कि मैं हूँ बड़ा जवान, तुझ से इस संसार में लाखों हैं बलवान

अपने आप को बहुत आला नहीं समझना चाहिये ऐसे बलवान लाखों इस संसार में हैं

यूँ मत मान गुमान कर कि मैं हूँ बड़ा जवान, तुझ से इस संसार में लाखों हैं बल वान

यूँ मत मान गुमान कर कि मैं हूँ बड़ा जवान, तुझ से इस संसार में लाखों हैं बल वान

यूँ मत मान गुमान कर कि मैं हूँ शेर जवान, तुझ से इस संसार में लाखों हैं बलवान

अपने आप को बहुत आला नहीं समझना चाहिये ऐसे बलवान लाखों इस संसार में हैं

सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

सब जीते जी के झगड़े हैं ये तेरा ये मेरा है जब चल बसे इस दुनिया से ना तेरा है ना मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती, यह सब ज़िंदगी के ही झगड़े हैं

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल के बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

बुरे कर्म का परिणाम बुरा होता है, बुरे काम का नतीजा बुरा

काँटे बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

बुरा काम करके भलाई की आशा रखना, फ़ुज़ूल और मुर्खतापूर्ण क्रिया है, जैसा बोओगे वैसा काटोगे, जौ बोओ गे तो गेहूं कैसे काटोगे, जौ बोओगे तो जौ ही काटोगे

करनी करे तो क्यूँ डरे, कर के क्यूँ पछताय, बोवे पेड़ बबूल के, आम कहाँ से खाय

जो बात करनी चाहो करो डरो नहीं और कर के फिर पछताना नहीं चाहिए

करनी करे तो क्यूँ करे और करके पछताए, पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

जो बात करनी चाहो करो डरो नहीं और कर के फिर पछताना नहीं चाहिए

मेरी तरफ़ से उस के दिल में चोर है

उसे मुझ से ख़ौफ़ है, उसे मुझ से डर है

मैं उस की सूरत से भी वाक़िफ़ नहीं

मैं ने उसे कभी देखा भी नहीं

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

आधी के बबर भी कोई उस के हाथ से न खावे

किसी से अत्यधिक अरुचि एवं घृणा के अवसर पर उसे तिरस्कृत करने के लिए प्रयुक्त

जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए

जिस को एक बार अच्छा कहा जाए उसे बुरा नहीं कहना चाहिए

आँसूओं से मुँह धोना

अत्यधिक रोना

मुँह आँसूओं से धोना

weep bitterly

उस नर को न सीख सुहावे, नेह फंद में जो फँस जावे

प्रेमी पर सीख का असर नहीं होता

उस पुरखा की बात पर नाह भरोसा राख, बार-बार जो बोले झूठ दिन भर माँ सौ लाख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

झुके जो कोई उस से झुक जाइए, रुके आप से उस से रुक जाइए

जो व्यक्ति अच्छी तरह मिले उस से अच्छी तरह मिलिए और जो न मिलना चाहे उस से दूर रहिए अर्थात जो अकड़े उस से अकड़ जाना चाहिए

आप का इस में क्या बिगड़ता है

आपका क्या नुक़्सान है

जिस का मुँह नहीं देखा उस के तलवे देखे

जिस से हमेशा घृणा थी उसी से मन्नत करनी पड़ी

बासन से वही टपकता है जो उस में भरा है

घ‌ड़े में जो होगा वही टपकेगा, जिस्की बुद्धी जैसी होगी वैसी ही वाणी उसकी ज़बान पर आएगी

यार की यारी से मतलब न कि उस के फ़'लों से

मित्र की मित्रता से उद्देश्य है उसके कार्यों से क्या मतलब, यह कहावत दोस्त के दोषों पर ध्यान न देने के अवसर पर बोलते हैं

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

इस कोठे के धान उस कोठे में करना

carry out a useless work

यार की यारी से काम उस के फे़'लों से क्या काम

मित्र की मित्रता से उद्देश्य है उसके कार्यों से क्या मतलब, यह कहावत दोस्त के दोषों पर ध्यान न देने के अवसर पर बोलते हैं

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

गधे की आँख में नोन दिया, उस ने कहा, मेरी आँखें फोड़ दीं

तुच्छ आदमी एहसान नहीं मानता

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे होवे बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

ख़ुदा इस का मुँह काला करे

( शाप) अल्लाह उसे अपमानित करे

उस की लाठी में आवाज़ नहीं

ज़ालिम पर अचानक मुसीबत आती है

जिस को हराम के टुकरों का मज़ा लगा, उस से मेहनत कब हो सके

जिस को बैठे बिठाए खंए को मिले इस से मेहनत नहीं हो सकती

का'बा हो तो उस की तरफ़ मुँह न करूँ

किसी जगह से इस क़दर बेज़ार और तंग होना कि अगर वो जगह मुक़ाम मुक़द्दस और ख़ुदा का घर भी बिन जाये तो उधर का रुख़ ना करना ग़रज़ निहायत बेज़ार तंग और आजिज़ हो जाने के मौक़ा पर ये फ़िक़रा बोला जाता है

इस कोठी के धान उस कोठी में करना

व्यर्थ काम करना, बेसूद काम करना, समय व्यतीत करना

उस नर के भी एक दिन, पड़े गले में फाँद, जिसने चोरी लूट पर लई कमरिया बाँध

चोर एक न एक दिन पकड़ा जाएगा, चोरी और लूट करने वाला आदमी बहुत दिनों तक स्वतंत्र नहीं घूम सकता

इस की न सही

ये निश्चित न था, उसकी बुराई न थी, यह अनियमित और सिद्धांत के विरुद्ध है

ठेका ले उस काम का जो तुझ से होवे ठीक

जिस काम को आदमी अच्छी तरह कर सकता है उस का ठेका या ज़िम्मा लेना चाहिए

जीव किसी का मत सता जब लग पार बसाए,काँटे हैं उस राह में उस बटया मत जाए

लोगों को सताना अच्छी बात नहीं

बाप मरा बेटा भया, इस का टोटा उस में गया

निर्धन के यहाँ बूढ़ा व्यक्ति मर जाए तो एक मुफ़्त खाने वाला कम हो जाता है परंतु एक बच्चा जन्मे तो कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता खाने वाले उतने ही रहते हैं

जिस गाँव जाना नहीं उस के कोसों से क्या मतलब

रुक : जिस पाट नहीं चलना अलख

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में धरे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

उस नर के भी एक दिन, पड़े गले में फाँद, जिस ने चोरी लूट पर ली कमर बाँध

चोर एक न एक दिन पकड़ा जाएगा, चोरी और लूट करने वाला आदमी बहुत दिनों तक स्वतंत्र नहीं घूम सकता

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

मैं ने क्या उसकी खीर खाई है

मैं आभारी नहीं हूँ

टुकड़ा सा तोड़ के हाथ में दे देना

लगी लिपटी ना रखना, साफ़ जवाब देना, दो टोक जवाब देना, इनकार करदेना

दिल में आई को रक्खे सो भड़वा

जो बात दिल में आए वह कह देनी चाहिए, जो व्यक्ति अप्रिय बात कहना चाहे तो वह भूमिका के रूप में कहता है

आप का इस में क्या इजारा

आपका ठेका नहीं, आप क्यों हस्तक्षेप करते है

मौत के मुँह से छुड़ाना

बड़ी मुसीबत से छुटकारा दिलाना, बड़े ख़तरे से बचाना

अपने बछड़े के दाँत दूर से मा'लूम होते हैं

अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं

माँ रोवे तलवार के घाव से, बाप रोवे तीर के घाव से

अयोग्य एवं बदचलन संतान अपने माँ-बाप को सताती है

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