आकर्षित, राग्निब, उत्तम, बेहतर, प्रधान, तर्जीहवाला। राजे हयात (०.4= , ) फा. अ. पुं.-ज़िदगी का भेद, जीवन- मर्म । राजोनियाज़ (5!49 515) फा. पुं.-प्रेम की गुप्त बातें । रातिब (}}) अ. पुं.-रोज़ की खुराक , तनख्वाह, कुत्ते या घोड़े की खुराक ।। रातिबखोर (J)) अ. फा. वि.-रातिब खानेवाला, रोज़ की खुराक पानेवाला।। रा'द (42) अ. पुं.-बिजली की कड़क। राद [६] (3/, ) अ. वि.-रद करनेवाला, लौटानेवाला।। रा'दआसा (.jsy) अ. फा. वि.-बिजली की कड़क- जैसा।। रादिआत (e.t=3/) अ. स्त्री.-‘रादे’ का बहु., वे दवाएँ जो खराब माद्दे को हटा दें। रादे’ (2/3) अ. वि.-हटानेवाला, रोकनेवाला, वह दवा जो विकृत माई को अंग विशेष से हटा दे। रान (15) फा. स्त्री.-जंघा, जाँघ ।। राना (५) फा. वि.-सुन्दर, रूपवान्, हसीन, डील- डौल का बहुत सुन्दर। रा'नाइए खयाल (J**\L=}) फा. अ. स्त्री.-विचारों का सौन्दर्य, खयालों की विचित्रता। रा'नाई (45) फा. स्त्री.-सुन्दरता, छटा, हुस्न । राफ़त (,) अ. स्त्री-कृपा, दया, अनुकंपा, मेहबानी। राफ़िज़ः (८६.5}, ) अ. पुं.-वे लोग जो अपने स्वामी को विपत्ति पड़ने पर छोड़ भागे । राफ़िज़ (LA) अ. वि.—वह व्यक्ति जो अपने स्वामी को कष्ट पीड़ित देखकर भाग जाय।। राफ़िजी (45], ) अ. वि.-'राफ़िज़ः’ से सम्बन्धित व्यक्ति। राफ़िद (15) अ. वि.-दाता, प्रदाता, देनेवाला, सहायक, मदद करनेवाला। राफ़' (,) अ. वि.-ऊपर उठानेवाला, उन्नायक, ऊँचा करनेवाला, ‘उ’ की मात्रा (पेश) देनेवाला। राफेह (43) अ. वि.–सुख का जीवन व्यतीत करनेवाला। राबिअः (2|5) अ. स्त्री.-चौथी, एक बहुत ही तपस्विनी और साध्वी स्त्री। राबितः (4aJ) अ. पुं.-सम्बन्ध, लगाव, संपर्क, वासिता, मेल-जोल, प्रेम-व्यवहार।। राबित (225) अ. वि.-मिलानेवाला, संयोजक । राबियः (८el, ) अ. स्त्री.-ऊँची भूमि । राबे’ (J)) अ. वि.-चौथा, चतुर्थ । राबेह (, ) अ. वि.-व्याज खानेवाला, कुसीदजीवी, व्याजखोर ।