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shaver

डाढ़ी मुंडाने वाला; छीलने रिन्द ए करनेवाली कल या आला।

shiver

लरज़ना

शवारे'

बड़े मार्ग, खुले रास्ते, विस्तृत पथ, चौड़ी और बड़ी सड़कें

shivaree

अमरीका ख़ुसूसन:CHARIVARI का मुतबादिल।

शवारिक़

शारिकः’ का बहु., दीप्त वस्तुएँ, सूर्य की किरणे

सहावर

सहन करने का भाव, सहनशीलता, धीरज, संयम

शहवार

शाही, बादशाओ का या बादशाहों जैसा, बादशा के योग्य, बहुत अच्छी चीज़

शाहवार

बादशाहों और राजाओं के योग्य अर्थात बहुमूल्य, अतिउत्तम, मूल्यवान

sheaved

चर्ख़ी

shivery

नरम

shivering

चूरा

शवारिब

मूंछें

गौहर-ए-शाहवार

a fine royal pearl

शवंदर

(चिकित्सा और वनस्पति) चुक़ंदर का एक लाल प्रकार, छोटा पत्ते कटे हुए तथा जंगली शलजम जो तरकारी के रूप में प्रयोग होता है तथा औषधियों के काम भी आता है

शिवरात्रि

किसी चान्द्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी।

शिवरात्री

(ہندو) پھاگن کے مہینے کا ایک تہوار جس روز شیوجی کی پوجا کرتے اور برت رکھتے ہیں.

शिवरात्र

(ہندو) پھاگن کے مہینے کا ایک تہوار جس روز شیوجی کی پوجا کرتے اور برت رکھتے ہیں.

शिव-दज

(कृषिकार्य) बिना बीज (बार-बार उत्पन्न एवं प्रजाति विकसित होने की पद्धति) पानी के तत्वों से मिट्टी में उत्पन्न हो जाने वाले कीड़े

'इश्क़-ओ-मुश्क पिनहाँ नमी शवद

इश्क़ और कस्तूरी ज़रूर ज़ाहिर हो जाते हैं

चूँ क़ज़ा आयद तबीब अब्ला शवद

جب موت آتی ہے طبیب اندھا ہو جاتا ہے یعنی جب موت کا وقت آجاتا ہے تو طبیب کی بھی عقل ناکارہ ہو جاتی ہے، موت کا کوئی علاج نہیں اس وقت حکیم بھی بے وقوف بن جاتا ہے

मर्द बायद कि हरासाँ न शवद , मुश्किले नीस्त कि आसाँ न शवद

(फ़ारसी शेअर उर्दू में बतौर मक़ूला मुस्तामल) आदमी को चाहिए कि हिरासाँ ना हो, कोई मुश्किल ऐसी नहीं है कि जो आसां ना हो जाये

मुश्किले नीस्त कि आसाँ न शवद , मर्द बायद कि हरासाँ न शवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर मुश्किल आसान हो जाती है, इंसान को चाहिए कि हिरासाँ ना हो, नाउम्मीद ना होना चाहिए , मुसीबत से मुक़ाबला करने के वक़्त कहते हैं

शीरीं न शवद दहन ब-हल्वा गुफ़्तन

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) किसी चीज़ का नाम लेने से इस का मज़ा नहीं आजाता, अमल के बगै़र कुछ हासिल नहीं होता

'अदू शवद सबब-ए-ख़ैर गर ख़ुदा ख़्वाहद

जब ख़ुदा को बेहतरी करना मंज़ूर होती हैं तो वो दुश्मन के ही के हाथ में भलाई करा देता है

पाजी बा-तवाफ़-ए-का'बा हाजी नमे शवद

کمینہ آدمی کسی صورت میں شریف نہیں بن سکتا .

तीर चूँ तर शवद कमाँ गर्दद

बहादुर आदमी मुसीबत से नहीं घबराता

'इश्क़-ए-अव्वल दर दिल-ए-मा'शूक़ पैदा मी शवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) मुहब्बत पहले माशूक़ के दिल में पैदा होती है

हर्फ़-ए-हक़-बर-ज़ुबाँ-शवद-जारी

سچی بات زبان سے نکل ہی جاتی ہے.

ग़ल्ला चूँ अर्ज़ां शवद इम्साल सय्यद मी शवम

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मसतक़ामल) उस शख़्स की नसबक़त बोलते हैं जो मौक़ा बे मौक़ा बदलता रहे

ग़ल्ला गर अर्ज़ां शवद इम्साल सय्यद मी शवम

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मसतक़ामल) उस शख़्स की नसबक़त बोलते हैं जो मौक़ा बे मौक़ा बदलता रहे

क़हबा चूँ पीर शवद पेशा कार कुनद नक़ादी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फ़ाहिशा औरत जो बूढ़ी होजाती है तो कटना पा या दलाली करने लगती है , बदमाश जब ख़ुद बदमाशी नहीं करसकता तो दूसरे बदमाशों का मुशीर बिन जाता है

मर्द चौपैर शवद हिर्स जवाँ मी गर्द

बुढ़ापे में लालच ज़्यादा होती है

मक़ाम-ए-'ऐश मयस्सर नमी शवद बे रंज

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आराम की जगह बगै़र तकलीफ़ उठाए नहीं मिलती, तकलीफ़ के बगै़र नहीं मलतय

क़हबा चूँ पीर शवद पेशा कार कुनद दलाली

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फ़ाहिशा औरत जो बूढ़ी होजाती है तो कटना पा या दलाली करने लगती है , बदमाश जब ख़ुद बदमाशी नहीं करसकता तो दूसरे बदमाशों का मुशीर बिन जाता है

वा'दा-ए-वस्ल चूँ शवद नज़दीक आतिश-ए-शौक़ तेज़-तर गर्दद

(फ़ारसी का कथन कहावत के रूप में प्रयुक्त) मिलन का वादा जितना निकट आता जाता है लालसा की ज्वाला उतनी ही तेज़ होती जाती है

क़तरा-क़तरा मी-शवद दरिया

थोड़ा थोड़ करके बहुत ज़्यादा हो जाता है

मर्द चूँ पीर शवद , हिर्स जवाँ मी गर्दद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) बुढ़ापे में हिर्स ज़्यादा होती है

क्लीन-शेवड

وہ جس کی داڑھی اور مونچھیں منڈی ہوئی ہوں .

मह नौ मी शवद माह-ए-तमाम आहिस^ता आहिस^ता

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) नया चांद आहिस्ता आहिस्ता पूरा होजाता है, हर नाक़िस तरक़्क़ी करते करते कामिल हो जाता है, किसी को कमाल रफ़्ता रफ़्ता हासिल होता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

क़तरा-क़तरा जम' गर्दद आँ-कि दरिया मी-शवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित) बूंद-बूद जमा हो कर दरिया हो जाता है अर्थात थोड़ा-थोड़ा बहुत हो जाता है

आदि-ईश्वर

प्रथम सृष्टिकर्ता, मालिक, आक़ा

दुर-ए-शहवार

बादशाहों के योग्य मोती, बहुत बड़ा और बहुमूल्य मोती

राज-ईश्वर

राजाओं का राजा, महाराजा, सम्राट, इश्वर

गौहर-ए-शहवार

क़ीमती मोती जो बादशाहों के योग्य हो, बहुत बड़ा और बहुमूल्य मोती

shaver के लिए उर्दू शब्द

shaver

ˈʃeɪ.vər

shaver के उर्दू अर्थ

संज्ञा

  • डाढ़ी मुंडाने वाला; छीलने रिन्द ए करनेवाली कल या आला।
  • बर्क़ी उस्तरा।
  • बोल चाल: नव जवान लड़का।

shaver کے اردو معانی

اسم

  • ڈاڑھی منڈانے والا؛ چھیلنے رند ا کرنے والی کل یا آلہ۔.
  • برقی استرا۔.
  • بول چال: نو جوان لڑکا۔.

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shaver

डाढ़ी मुंडाने वाला; छीलने रिन्द ए करनेवाली कल या आला।

shiver

लरज़ना

शवारे'

बड़े मार्ग, खुले रास्ते, विस्तृत पथ, चौड़ी और बड़ी सड़कें

shivaree

अमरीका ख़ुसूसन:CHARIVARI का मुतबादिल।

शवारिक़

शारिकः’ का बहु., दीप्त वस्तुएँ, सूर्य की किरणे

सहावर

सहन करने का भाव, सहनशीलता, धीरज, संयम

शहवार

शाही, बादशाओ का या बादशाहों जैसा, बादशा के योग्य, बहुत अच्छी चीज़

शाहवार

बादशाहों और राजाओं के योग्य अर्थात बहुमूल्य, अतिउत्तम, मूल्यवान

sheaved

चर्ख़ी

shivery

नरम

shivering

चूरा

शवारिब

मूंछें

गौहर-ए-शाहवार

a fine royal pearl

शवंदर

(चिकित्सा और वनस्पति) चुक़ंदर का एक लाल प्रकार, छोटा पत्ते कटे हुए तथा जंगली शलजम जो तरकारी के रूप में प्रयोग होता है तथा औषधियों के काम भी आता है

शिवरात्रि

किसी चान्द्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी।

शिवरात्री

(ہندو) پھاگن کے مہینے کا ایک تہوار جس روز شیوجی کی پوجا کرتے اور برت رکھتے ہیں.

शिवरात्र

(ہندو) پھاگن کے مہینے کا ایک تہوار جس روز شیوجی کی پوجا کرتے اور برت رکھتے ہیں.

शिव-दज

(कृषिकार्य) बिना बीज (बार-बार उत्पन्न एवं प्रजाति विकसित होने की पद्धति) पानी के तत्वों से मिट्टी में उत्पन्न हो जाने वाले कीड़े

'इश्क़-ओ-मुश्क पिनहाँ नमी शवद

इश्क़ और कस्तूरी ज़रूर ज़ाहिर हो जाते हैं

चूँ क़ज़ा आयद तबीब अब्ला शवद

جب موت آتی ہے طبیب اندھا ہو جاتا ہے یعنی جب موت کا وقت آجاتا ہے تو طبیب کی بھی عقل ناکارہ ہو جاتی ہے، موت کا کوئی علاج نہیں اس وقت حکیم بھی بے وقوف بن جاتا ہے

मर्द बायद कि हरासाँ न शवद , मुश्किले नीस्त कि आसाँ न शवद

(फ़ारसी शेअर उर्दू में बतौर मक़ूला मुस्तामल) आदमी को चाहिए कि हिरासाँ ना हो, कोई मुश्किल ऐसी नहीं है कि जो आसां ना हो जाये

मुश्किले नीस्त कि आसाँ न शवद , मर्द बायद कि हरासाँ न शवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर मुश्किल आसान हो जाती है, इंसान को चाहिए कि हिरासाँ ना हो, नाउम्मीद ना होना चाहिए , मुसीबत से मुक़ाबला करने के वक़्त कहते हैं

शीरीं न शवद दहन ब-हल्वा गुफ़्तन

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) किसी चीज़ का नाम लेने से इस का मज़ा नहीं आजाता, अमल के बगै़र कुछ हासिल नहीं होता

'अदू शवद सबब-ए-ख़ैर गर ख़ुदा ख़्वाहद

जब ख़ुदा को बेहतरी करना मंज़ूर होती हैं तो वो दुश्मन के ही के हाथ में भलाई करा देता है

पाजी बा-तवाफ़-ए-का'बा हाजी नमे शवद

کمینہ آدمی کسی صورت میں شریف نہیں بن سکتا .

तीर चूँ तर शवद कमाँ गर्दद

बहादुर आदमी मुसीबत से नहीं घबराता

'इश्क़-ए-अव्वल दर दिल-ए-मा'शूक़ पैदा मी शवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) मुहब्बत पहले माशूक़ के दिल में पैदा होती है

हर्फ़-ए-हक़-बर-ज़ुबाँ-शवद-जारी

سچی بات زبان سے نکل ہی جاتی ہے.

ग़ल्ला चूँ अर्ज़ां शवद इम्साल सय्यद मी शवम

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मसतक़ामल) उस शख़्स की नसबक़त बोलते हैं जो मौक़ा बे मौक़ा बदलता रहे

ग़ल्ला गर अर्ज़ां शवद इम्साल सय्यद मी शवम

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मसतक़ामल) उस शख़्स की नसबक़त बोलते हैं जो मौक़ा बे मौक़ा बदलता रहे

क़हबा चूँ पीर शवद पेशा कार कुनद नक़ादी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फ़ाहिशा औरत जो बूढ़ी होजाती है तो कटना पा या दलाली करने लगती है , बदमाश जब ख़ुद बदमाशी नहीं करसकता तो दूसरे बदमाशों का मुशीर बिन जाता है

मर्द चौपैर शवद हिर्स जवाँ मी गर्द

बुढ़ापे में लालच ज़्यादा होती है

मक़ाम-ए-'ऐश मयस्सर नमी शवद बे रंज

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आराम की जगह बगै़र तकलीफ़ उठाए नहीं मिलती, तकलीफ़ के बगै़र नहीं मलतय

क़हबा चूँ पीर शवद पेशा कार कुनद दलाली

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) फ़ाहिशा औरत जो बूढ़ी होजाती है तो कटना पा या दलाली करने लगती है , बदमाश जब ख़ुद बदमाशी नहीं करसकता तो दूसरे बदमाशों का मुशीर बिन जाता है

वा'दा-ए-वस्ल चूँ शवद नज़दीक आतिश-ए-शौक़ तेज़-तर गर्दद

(फ़ारसी का कथन कहावत के रूप में प्रयुक्त) मिलन का वादा जितना निकट आता जाता है लालसा की ज्वाला उतनी ही तेज़ होती जाती है

क़तरा-क़तरा मी-शवद दरिया

थोड़ा थोड़ करके बहुत ज़्यादा हो जाता है

मर्द चूँ पीर शवद , हिर्स जवाँ मी गर्दद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) बुढ़ापे में हिर्स ज़्यादा होती है

क्लीन-शेवड

وہ جس کی داڑھی اور مونچھیں منڈی ہوئی ہوں .

मह नौ मी शवद माह-ए-तमाम आहिस^ता आहिस^ता

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) नया चांद आहिस्ता आहिस्ता पूरा होजाता है, हर नाक़िस तरक़्क़ी करते करते कामिल हो जाता है, किसी को कमाल रफ़्ता रफ़्ता हासिल होता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

क़तरा-क़तरा जम' गर्दद आँ-कि दरिया मी-शवद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित) बूंद-बूद जमा हो कर दरिया हो जाता है अर्थात थोड़ा-थोड़ा बहुत हो जाता है

आदि-ईश्वर

प्रथम सृष्टिकर्ता, मालिक, आक़ा

दुर-ए-शहवार

बादशाहों के योग्य मोती, बहुत बड़ा और बहुमूल्य मोती

राज-ईश्वर

राजाओं का राजा, महाराजा, सम्राट, इश्वर

गौहर-ए-शहवार

क़ीमती मोती जो बादशाहों के योग्य हो, बहुत बड़ा और बहुमूल्य मोती

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