जीता रहे मेरा नाक कानने वाला मैं छींकने से छूटी
निर्लज्ज और दुष्ट स्त्री के बारे में कहते हैं
जूती
स्त्रियों के पहनने का जूता जो अपेक्षया कुछ छोटा और हलका होता है, विशेष-इससे संबद्ध अधिकतर मुहावरे मुख्यत स्त्रियों में ही चलते जूतियाँ चटकाना व्यर्थ इधर-उधर घूमते रहना या मारे मारे फिरना, (किसी की) जूतियाँ सीधी करना बहुत ही तुच्छ और हीन बनकर किसी की छोटी-छोटी सेवाएँ तक करना, (किसी को) जूती की नोक पर मारना बहुत ही उपेक्ष्य, तुच्छ या हेय समझना, जती के बराबर बहुत ही तुच्छ, नगण्य या महत्त्वहीन, (किसी को) जूती के बराबर न होना किसी की तुलना में बिलकुल तुच्छ या नगण्य होना, (किसी को) जूती पर रखकर रोटी देना किसी को बहुत ही तुच्छ और हीन ठहराते हुए अपने पास रखकर खिलाना-पिलाना, जूतीकारी लगातार जूतों की मार, (परि हास) जैसे-जब तक इसकी जूतीकारी न होगी तब तक यह सीधा न होगा