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कै बार

कितनी बार, कुछ बार

कई-बार

कुछ बार, बार-बार, अनेक बार

घर के रहे न बार के

रुक : घर के रहे ना दर के

सौ बार मर के ज़िंदा होना

मदतोन कोशिशें करते रहना या बेशुमार मुश्किलात से गुज़र कर कामयाब होना, सैंकड़ों मुसीबतें झील कर सुरख़रो होना, हर इमकानी कोशिश से गुज़रना, सर तोड़ कोशिश करना

को'बुरा

(शाब्दिक) गिरह अर्थात् गुत्थी, गाँठ

का'बरिया

رک: کعبرہ (انگ: Radius).

को'बुरी

(تشریح) کعبرہ (رک) سے متعلق، کلائی کی ہڈی (انگ: Radial).

का'बा-रौ

काबे को जाने वाला, काबा का दर्शनार्थी या पर्यटक

मन करे पहिरन चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

मन करे पहिरे चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

कुत्ता पाले वो कुत्ता, सासुरे जवाई कुत्ता, बहन के घर भाई कुत्ता,सब कुत्तों का वो सरदार जो रहे बेटी के बार

कुत्ता पालने वाला, ससुराल में रहने वाला और बहन के घर रहने वाला भाई बहुत अपमानित हैं, सबसे तुच्छ एवं अपमानित वो है जो बेटी के घर रहे

का'बा-ए-दिल

the heart which is given the simile of Kaaba

बहन के घर भाई कुत्ता, सासुरे जमाई कुत्ता, कुत्ता पाले वह कुत्ता, सब कुत्तों का वह सरदार, जो बाप रहे बेटी के बार

बहन के घर भाई और ससुर के घर दामाद कुत्ते के बराबर है, जो व्यक्ति कुत्ता रक्खे वह भी कुत्ता है, परंतु सबसे बढ़कर कुत्ता वह व्यक्ति है जो अपनी बेटी के घर जा कर रहे

क़र्ज़ा काढ़ करै व्यवहार, मेहरी से जो रूठे भतार, बे-बुलावत बोलै दरबार, ये तीनों पशम के बार

जो क़र्ज़ अर्थात ऋण के रुपये से व्यापार करे, जो अपनी पत्नी से रूठे, जो दरबार में बुलाए बगै़र बोले सब मूर्ख हैं

काठ की हंडिया बार बार नहीं चढ़ती

fraudster does not prosper

काट की हँडिया एक दफ़'अ चढ़ती है बार बार नहीं चढ़ती

कमज़ोर चीज़ बार बार काम नहीं देती, दग़ा फ़रेब हर बार कारगर नहीं होता, मकर और धोका हमेशा कामयाब नहीं होता

काठ की हाँडी बार-बार नहीं चढ़ती

काठ की हाँडी एक बार ही आग पर रखने से जल जाती है, पुनः उसे रखने का कोई सवाल ही नहीं उठता, आश्य यह है कि कोई व्यक्ती किसी को एक ही बार धोका दे सकता है

काठ की हंडिया दो बार नहीं चढ़ती

रुक : काठ की हांडी बार बार अलख

काठ की हंडिया दूजे बार नहीं चढ़ती

रुक : काठ की हांडी बार बार अलख

काट की हाँडी चढ़े न दूजी बार

रुक : काट की हांडी अलख

काठ की हाँडी हर बार नहीं चढ़ती

जालसाज़ी और फ़रेब बार बार नहीं चलता, नापायदार शैय का बार बार एतबार नहीं होता

काट की हाँडी एक दफ़'अ चढ़ती है दो बार नहीं चढ़ती

कमज़ोर चीज़ बार बार काम नहीं देती, दग़ा फ़रेब हर बार कारगर नहीं होता, मकर और धोका हमेशा कामयाब नहीं होता

'उम्रत दराज़ बाद कि ईं हम ग़नीमत अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जब खी निकम्मे आदमी से कोई मामूली काम हो जाये तो कहते हैं कि तेरी उमरदराज़ हो, ये भी ग़नीमत है

सेहत-याबी के बा'द क़ुव्वत बहाल करना

convalesce

बार बरदारी का जानवर

beast of burden, draught horse or cattle

क़द्र खो देता है हर बार का आना जाना

बहुत मेल मिलाप और बेतकल्लुफ़ी हो तो वो इज़्ज़त नहीं रहती जो कभी कभी मिलने से होती है

उस पुरखा की बात पर नाह भरोसा राख, बार-बार जो बोले झूठ दिन भर माँ सौ लाख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

नोश के बा'द नेश दर मेश

हर ख़ुशी के बाद रंज है , हर ख़ुशी के बाद रंज लगा हुआ है

नोश के बा'द पेश दर पेश

۔مثل ۔ ہر خوشی کے بعد رنج لگا ہوا ہے۔

लारा लेरी का बार, कभी न उतरे पार

बहाना-बाज़ एवं बकवास करने वाला कभी सफल नहीं होता

यारों का बार

दोस्तों से दोस्ती निभाने वाला, दोस्तों का दोस्त, हर एक का साथी, मिलनसार, सब से बोलनेवाला, संगमप्रिय

घर-बार का धंदा

a property business

'ईद के बा'द या हुसैन

बे मौक़ा काम करने पर कहते हैं, मौक़ा गुज़र जाने के बाद किसी बात का ज़िक्र किया जाये

कोठी कुठले को हाथ न लगाओ, घर बार आप का है

ज़बानी बहुत हमदर्दी मगर कुछ देने को तैय्यार नहीं, क़ीमती चीज़ अपने क़बज़ा में, फ़ुज़ूल चीज़ों से दूसरों को ख़ुश करना होतो कहते हैं

तलवार की बाड़

رک : تلوار کی دھار

सर पर गुनाहों का बार ले जाना

मरने के वक़्त सर पर बहुत गुनाह होना

सर पर गुनाह का बार ले जाना

मरने के वक़्त सर पर बहुत गुनाह होना

आँवले का खाया बा'द में मज़ा देता है

पूर्वजों का कहना पीछे याद आता है

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

अँगूठे के बा'द छँगुलिया ही आती है

आमतौर पर छोटे ही बड़ों की अनुसरण करते हैं (जिस तरह नापने में जहाँ पहला अँगूठा रखते हैं बाद में वहीं छँगुलिया रखते हैं)

हर कमाल के बा'द ज़वाल होता है

रुक : हर कमाले रा ज़वाल

बद्र के बा'द हिलाल है

पूर्णता के बाद पतन है

बाड़ काटे नाम तलवार का

The soldier fights and the general gains.

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरे हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

हर दुख के बा'द राहत होती है

हर परेशानी के बाद आराम और सुकून भी होता है

कुत्ते की दुम बारा बरस के बा'द भी टेढ़ी ही निकली

तबीयत और फ़ित्रत की कजी कोशिश से दूर नहीं होती, बदतीनत को सोहबत का कुछ असर नहीं होता (लाख कोशिश के बावजूद भी जब कोई तबदील ना आए तो कहते हैं)

मरे के बा'द

मरने के बाद, मौत के बाद

यक-बार का

एक बार का, एक सीमा तक

काटे बाड़ नाम हो तलवर का

(तंज़न) मेहनत करे कोई फल पाए कोई

घर-बार की होना

۔ख़ावंद वाली होना। ब्याही जाना। घर का बोझ सर पर पड़ना।

घर-बार का होना

शादी होना, घर का मालिक होना, बाल बच्चों का बोझ सर पर आ पड़ना

नीची बाड़ की

کم اونچائی کی (ٹوپی) ۔

अब की बाार

इस दफ़ा, इस मर्तबा

एक बार का

رک : ایک بار گی.

बार का मुतहम्मिल होना

कोई कठिन बात अपने सर मोल लेना, कोई मुश्किल बात अपने ज़िम्मा लेना

दस कमाते थे बीस खाते थे बरसात के बा'द घर आते थे

बहुत फ़ुज़ूल ख़र्च करते थे

अपने को घालम घोला और की बार को टालम टोला

अपना मतलब पूरा होने के बाद दूसरे का काम पड़ने पर टाल-मटोल करना

खेती रखे बाड़ को, बाड़ रखे खेती को

एक दूसरे की हिफ़ाज़त करते हैं

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