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हिरन
मृग, हिरन, हिरण, कुछ कालापन लिए पीले रंग का एक प्रसिद्ध सींगवाला चौपाया जो चौकड़ियाँ भरता हुआ बहुत तेज दौड़ता है और जिसके छोटे-बड़े अनेक भेद और उपभेद हैं
हिरन धूप से काले हुए जाते हैं
ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है
हिरन धूप में काले हुए जाते हैं
ऐसी शिद्दत की धूप पड़ती है कि हिरन भी काले हुए जाते हैं, बहुत शदीद गर्मी पड़ रही है
हिरन काला होना
धूप की भीषणता से हिरन का काला होना, निहायत शिद्दत की धूप पड़ना, असामान्य तेज़ धूप पड़ना, प्रभाव से प्रभावित होना, असरात से मुतास्सिर होना
हिरन का काला हो जाना
آفتاب کی گرمی سے ہرن کی پیٹھ کا سیاہ ہو جانا، بعض ہرنوں کی پیٹھ جوانی میں آکر سیاہ ہو جاتی ہے، بعض لوگوں کا خیال ہے کہ یہ دھوپ کی گرمی کی وجہ سے ہے، حالانکہ یہ ایک قدرتی حالت ہوتی ہے، شاعروں نے گرمی کی شدت کو ظاہر کرنے کے لئے اس خیال کو شعروں میں باندھا ہے
हिरना-मूसा
चूहे के वंश एक छोटा जानवर जो आमतौर पर अफ्रीका और एशिया के रेतीले क्षेत्रों में पाया जाता है
हिरन का चौकड़ी भूलना
हिरन का घबरा कर भाग ना सकना, ख़ौफ़ या घबराहट से अपनी मामूल की तेज़ी भूल जाना, हिरन का हवासबाख़ता हो जाना
हिरन का चोकड़ी भूल जाना
हिरन का घबरा कर भाग ना सकना, ख़ौफ़ या घबराहट से अपनी मामूल की तेज़ी भूल जाना, हिरन का हवासबाख़ता हो जाना
हर निवाला बिस्मिल्लाह
इस शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो खाने की सलाह के साथ ही दस्तरख़्वान पर आ बैठे, खाने में बेशरमी करने वाला, हर नवाले पर मौजूद
मनहरन
पन्द्रह अक्षरों का एक वर्णिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में पाँच सगण होते हैं, इसे नलिनी और भ्रमरावली भी कहते हैं
नश्शा हरन करना
निशा (शराब, तकब्बुर वग़ैरा का) उतारना, नशा दूर करना, होश में लाना, ग़फ़लत-ओ-बे-होशी दूर करना
नश्शा हरन कर देना
निशा (शराब, तकब्बुर वग़ैरा का) उतारना, नशा दूर करना, होश में लाना, ग़फ़लत-ओ-बे-होशी दूर करना
बावला कुत्ता हिरन खदेड़े
जब आदमी को दीवाने की तरह किसी काम की धन होजईए तो वो अपनी ताक़त से ज़्यादा हौसला करता है
मुश्की-हिरन
हिमालय के सिसिलों से साइबेरिया तक पाया जाने वाला शब् ख़ीज़ वहशी हिरन जिसके सींग नहीं होते अलबत्ता दो नुकीले तेज़ दाँत बाहर को निकले होते हैं जिसकी नाभि से कस्तूरी निकलती है
चीर-हरण
श्रीकृष्ण की एक प्रसिद्ध लीला जो इस अनुश्रुति के आधार पर है कि एक बार यमुना में नहाती हुई गोपियों के चीर या वस्त्र लेकर वे वृक्ष के ऊपर जा बैठे थे
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